करेंट अफेयर्स १ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
एनबीआरसी में इंडियन ब्रेन टेम्पलेट विकसित किया जा रहा है:
NBRC मध्ये ‘इंडियन ब्रेन टेम्पलेट (IBT)’ तयार केले जात आहे
हिंदी
एनबीआरसी में इंडियन ब्रेन टेम्पलेट विकसित किया जा रहा है:
हरियाणा स्थित राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (एनबीआरसी) में, वैज्ञानिकों का एक समूह मस्तिष्क छवियों का अपनी तरह का एक अनोखा एक डाटाबेस तैयार कर रहा है। इसका संकलन पूर्ण हो जाने पर यह एक भारतीय मस्तिष्क खाका या इंडियन ब्रेन टेम्पलेट (आईबीटी) के रूप में जाना जा सकता है।
इसका मूलरूप (archetype), 150 वयस्क भारतीयों के मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन्स के संमिश्र से विकसित किया जायेगा। इसमें संभावित रूप से प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र से कम से कम एक व्यक्ति शामिल किया जायेगा।
यह उन तंत्रिका विज्ञानियों (न्यूरोसाइंटिस्ट) और सर्जनों के लिए एक गाइड के रूप में सेवा करेगा जिनके ज्ञान का आधार अभी तक काकेशियान मॉडल पर आधारित जटिल ब्रेन एनोटॉमी है।
उल्लेखनीय विविधताऐं:
पिछले कुछ सालों से, दुनिया भर के वैज्ञानिक इस बात का उल्लेख कर रहे हैं कि प्रमुख मस्तिष्क क्षेत्रों के स्थान में महत्वपूर्ण भिन्नताएं हैं और विभिन्न नस्लीय प्रकारों के बीच विभिन्न मस्तिष्क क्षेत्रों में न्यूरॉन्स के घनत्व में भी भिन्नताएं हैं।
इस बात से आकर्षित होकर, चीन, दक्षिण कोरिया और कनाडा सहित कई देशों ने, अपनी जनसंख्या का ब्रेन टेम्पलेट विकसित करवाया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अब समय आ गया है कि भारत के पास भी अपना एक ब्रेन टेम्पलेट हो।
डॉ मंडल के अनुमानों के अनुसार, 150 स्वस्थ प्रतिभागियों में से लगभग 40% के अगले दो महीनों में एनबीआरसी में स्कैन होने की उम्मीद है। मंडल ने बताया कि एमआरआई स्कैनर के अंदर 10 मिनट बिताने के लिए प्रतिभागियों को भर्ती करना एक अत्यंत मुश्किल काम है, लेकिन विस्तृत स्कैन के लिए आवश्यक समय भी यही है।
तुलनात्मक रूप से, चीन का टेम्पलेट लगभग 1000 स्वयंसेवकों के एक बैंक पर आधारित है और कैनेडियन टेम्पलेट (जिसे मॉन्ट्रियल न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट टेम्पलेट और इस क्षेत्र में एक प्रमुख संदर्भ बिंदु कहा जाता है) लगभग 300 स्वस्थ स्वयंसेवकों की मदद से बनाया गया है।
हरियाणा स्थित राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (एनबीआरसी) में, वैज्ञानिकों का एक समूह मस्तिष्क छवियों का अपनी तरह का एक अनोखा एक डाटाबेस तैयार कर रहा है। इसका संकलन पूर्ण हो जाने पर यह एक भारतीय मस्तिष्क खाका या इंडियन ब्रेन टेम्पलेट (आईबीटी) के रूप में जाना जा सकता है।
इसका मूलरूप (archetype), 150 वयस्क भारतीयों के मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन्स के संमिश्र से विकसित किया जायेगा। इसमें संभावित रूप से प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र से कम से कम एक व्यक्ति शामिल किया जायेगा।
यह उन तंत्रिका विज्ञानियों (न्यूरोसाइंटिस्ट) और सर्जनों के लिए एक गाइड के रूप में सेवा करेगा जिनके ज्ञान का आधार अभी तक काकेशियान मॉडल पर आधारित जटिल ब्रेन एनोटॉमी है।
उल्लेखनीय विविधताऐं:
पिछले कुछ सालों से, दुनिया भर के वैज्ञानिक इस बात का उल्लेख कर रहे हैं कि प्रमुख मस्तिष्क क्षेत्रों के स्थान में महत्वपूर्ण भिन्नताएं हैं और विभिन्न नस्लीय प्रकारों के बीच विभिन्न मस्तिष्क क्षेत्रों में न्यूरॉन्स के घनत्व में भी भिन्नताएं हैं।
इस बात से आकर्षित होकर, चीन, दक्षिण कोरिया और कनाडा सहित कई देशों ने, अपनी जनसंख्या का ब्रेन टेम्पलेट विकसित करवाया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अब समय आ गया है कि भारत के पास भी अपना एक ब्रेन टेम्पलेट हो।
डॉ मंडल के अनुमानों के अनुसार, 150 स्वस्थ प्रतिभागियों में से लगभग 40% के अगले दो महीनों में एनबीआरसी में स्कैन होने की उम्मीद है। मंडल ने बताया कि एमआरआई स्कैनर के अंदर 10 मिनट बिताने के लिए प्रतिभागियों को भर्ती करना एक अत्यंत मुश्किल काम है, लेकिन विस्तृत स्कैन के लिए आवश्यक समय भी यही है।
तुलनात्मक रूप से, चीन का टेम्पलेट लगभग 1000 स्वयंसेवकों के एक बैंक पर आधारित है और कैनेडियन टेम्पलेट (जिसे मॉन्ट्रियल न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट टेम्पलेट और इस क्षेत्र में एक प्रमुख संदर्भ बिंदु कहा जाता है) लगभग 300 स्वस्थ स्वयंसेवकों की मदद से बनाया गया है।
इंग्लिश
Indian Brain Template being made at NBRC
A group of scientists is preparing a one-of-its-kind database of brain images that, when compiled together, could result in a so-called Indian Brain Template (IBT).
The research is being carried out at National Brain Research Centre (NBRC).
Key Points:
A group of scientists is preparing a one-of-its-kind database of brain images that, when compiled together, could result in a so-called Indian Brain Template (IBT).
The research is being carried out at National Brain Research Centre (NBRC).
Key Points:
- It will serve as a guide to neuroscientists and surgeons, who have so far based their knowledge of intricate brain anatomy on Caucasian models
- Scientists will be looking out for the quantity of a molecule called glutathione, an antioxidant known to help repair cell damage
- Reduced glutathione concentrations in the parietal cortical region — near the back of the brain near where the skull bulges — may help predict Alzheimer’s disease
- The National Brain Research Centre is a neuroscience research group, situated in Haryana, India.
- It is an Autonomous Government Institute accredited with the deemed university status and is a nodal centre under Department of Biotechnology of the Ministry of Science and Technology.
मराठी
NBRC मध्ये ‘इंडियन ब्रेन टेम्पलेट (IBT)’ तयार केले जात आहे
हरियाणातील राष्ट्रीय मेंदू संशोधन केंद्र (NBRC) मधील संशोधकांच्या चमूने मेंदूच्या छायाचित्रांचा एकमेव असा संग्रह तयार करीत आहे. असा संग्रह ‘इंडियन ब्रेन टेम्पलेट (IBT)’ म्हणून ओळखला जाईल. हे संशोधन विज्ञान व तंत्रज्ञान विभागाकडून पुरस्कृत आहे.
150 प्रौढ भारतीयांच्या मेंदूचे मॅग्नेटिक रेझोनेंस इमेजिंग (MRI) स्कॅनच्या माध्यमातून छायाचित्रे घेतले जात आहेत. यामध्ये संभावित रूपाने प्रत्येक राज्य आणि केंद्रशासित क्षेत्रापासून कमीतकमी एक व्यक्ती सामील केले जाणार आहे.
ही माहिती संशोधकांसाठी आणि शस्त्रक्रिया करणार्यांसाठी एक मार्गदर्शकाच्या रूपात मदत करणार, ज्याच्या आधार आतापर्यंत काकेशियान मॉडलवर आधारित किचकट मेंदूची संरचना आहे.
संशोधनामागील उद्देश्य
संशोधकांनी बर्याच काळापासून असा दावा केला आहे की, वेगवेगळ्या प्रदेशातील वांशिक प्रकारांमध्ये मानवी मेंदू लक्षणीय फरक दर्शवितो, परंतु त्या देशात त्याच्याच प्रदेशामध्ये असा फरक आढळून येतो का? याचा शोध घेतला जात आहे.
मागच्या वर्षापासून, जगभरातील संशोधकांमध्ये असे बोलले जात आहे की, विविध प्रदेशातील लोकांच्या मेंदूमध्ये ओळखण्याजोगी भिन्नता आढळून आलेली आहे. ही भिन्नता मेंदूच्या मुख्य प्रदेशांची स्थिती आणि विविध क्षेत्रातल्या मेंदूच्या मज्जातंतूंचे (neurons) घनत्व यामध्ये देखील भिन्नता आढळून येते.
याबाबत अभ्यास करण्यासाठी चीन, दक्षिण कोरिया आणि कॅनडा सहित कित्येक देशांनी आपल्या लोकांचा ‘ब्रेन टेम्पलेट’ विकसित केला आहे. चीनचा टेम्पलेट जवळपास 1000 लोकांचा संग्रह आणि कॅनडियन टेम्पलेट जवळपास 300 लोकांचा संग्रह आहे.
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