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    Thursday, April 26, 2018

    Vaccines are protecting more children than ever, but millions still miss out on routine immunizations – UN टीकाकरण से अब अधिक बच्चों की रक्षा की जा रही है, लेकिन लाखों अब भी इससे दूर: यूएन लसीकरण अधिकाधीक मुलांना सुरक्षित ठेवत आहे, परंतु लक्षावधींचे अजूनही लसीकरण नाही: UNICEF

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    करेंट अफेयर्स २६ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
    Vaccines are protecting more children than ever, but millions still miss out on routine immunizations – UN

    टीकाकरण से अब अधिक बच्चों की रक्षा की जा रही है, लेकिन लाखों अब भी इससे दूर: यूएन

    लसीकरण अधिकाधीक मुलांना सुरक्षित ठेवत आहे, परंतु लक्षावधींचे अजूनही लसीकरण नाही: UNICEF


    हिंदी

    टीकाकरण से अब अधिक बच्चों की रक्षा की जा रही है, लेकिन लाखों अब भी इससे दूर: यूएन
    यूनिसेफ के अनुसार, टीकाकरण की मदद से अब पहले की तुलना में अधिक बच्चों की रक्षा की जा रही है लेकिन अभी इस दिशा में अत्यधिक कार्य किया जाना बाकी है। समय की मांग के अनुसार, देशों को सक्रिय हो जाना चाहिए क्यूंकि हर साल टीकाकरण से रोकथाम योग्य बीमारी से 1 मिलियन से भी ज्यादा लोग मर जाते हैं।
    विशेषताएँ:
    • वर्ष 2016 में, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में से लगभग एक-चौथाई की मौत निमोनिया, दस्त और खसरा से हो गयी, जबकि इनमें से ज्यादातर को टीकों के माध्यम से रोका जा सकता था।
    • यहाँ यह तथ्य भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि दुनिया भर में 19 मिलियन से अधिक बच्चे नियमित टीकाकरण को बीच में छोड़ देते हैं।
    • दो-तिहाई बिना टीकाकृत बच्चे नाजुक या संघर्ष-प्रभावित देशों में रहते हैं।
    • शीर्ष 10 देश जहां टीकाकरण कवरेज 2010 और 2016 के बीच बढ़ गया है पलाऊ, माल्टा, डीआरसी, कोमोरोस, अज़रबैजान, इथोपिया, तिमोर-लेस्ते, बारबाडोस, कोस्टा रिका और भारत हैं।
    • सूडान, फिलीपींस, मेक्सिको और वियतनाम इस दशक में अबसे अधिक टीकाकरण कवरेज लाभों को प्राप्त करने वाले देशों में से थे।
    • इसके अलावा, भारत में बिना टीकाकृत बच्चों की संख्या 2010 में 5.3 मिलियन से घटकर 2016 में 2.9 मिलियन हो गई।
    विश्व टीकाकरण सप्ताह (24-30 अप्रैल 2018):
    विश्व टीकाकरण सप्ताह अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करना है ताकि हर व्यक्ति को टीका-निवारणीय रोगों से बचाया जाना सुनिश्चित किया जा सकें।
    टीकाकरण लाखों लोगों के जीवन को सुरक्षित करता है तथा बड़े पैमाने पर विश्व के सबसे सफल और कम लागत वाले प्रभावी स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में से एक के रूप जाना जाता है। सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए टीकाकरण तक पहुंच का विस्तार करना महत्वपूर्ण है।
    वर्ष 2018 के लिए टीकाकरण सप्ताह की थीम "प्रोटेक्टेड टुगेदर, वैक्सीन्स वर्क" है।
    मुख्य तथ्य:
    टीकाकरण रोग, विकलांगता और टीका-निवारणीय रोगों जैसे कि ग्रीवा संबंधी कैंसर, डिप्थीरिया, हेपेटाइटिस बी, खसरा, मम्प्स, पर्टुसिस (खांसी खांसी), निमोनिया, पोलियो, रोटावायरस अतिसार (डायरिया), रूबेला और टेटनस इत्यादि से होने वाली मृत्यु से सुरक्षित करता है।
    विश्व में 19 मिलियन से ज़्यादा बच्चे टीकाकरण के बिना या टीकाकरण के मध्य हैं, जो कि उन्हें संभावित घातक रोगों के गंभीर ज़ोखिम में डालता हैं।
    ख़सरे के टीकाकरण के कारण विश्वभर में वर्ष 2000 से वर्ष 2016 के बीच खसरे से होने वाले मृत्यु में 84% की कमी आयी है। वर्ष 1988 से पोलियो मामलों में 99% से ज्यादा की कमी आयी है। वर्तमान में तीन देशों (अफगानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान) में पोलियो-स्थानिक हैं। पोलियो वर्ष 1988 में 125 देशों में था।
    विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था। भारत में 12-23 महीने की आयु वर्ग के 62% बच्चों में पूरी तरह से टीकाकरण ((एनएफएचएस-4 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-2016) के दौरान ((बीसीजी, ख़सरा, एवं पोलियो और डीपीटी की तीन खुराकें)) पाया गया था।



    इंग्लिश


    Vaccines are protecting more children than ever, but millions still miss out on routine immunizations – UN
    According to UNICEF, vaccines are protecting more children but there is more need to be done. Countries have to be proactive as more than 1 million still die every year from vaccine preventable disease.
    Highlights:
    • In 2016, approximately one-fourth of deaths among children under five were from pneumonia, diarrhoea and measles, and could have been mostly prevented by vaccines.
    • Also troubling is that more than19 million children round the world miss routine vaccinations, including 13 million who have never been inoculated.
    • Two-thirds of unvaccinated children live in fragile or conflict-affected countries.
    • According to UNICEF, in 2016 vaccine-preventable diseases were responsible for about a quarter of an estimated 1.4 million deaths among those under age five – with Nigeria, India, Pakistan, Indonesia, Ethiopia and the Democratic Republic of the Congo (DRC) accounting for half of the world’s unimmunized children. 
    • Sudan, Philippines, Mexico and Vietnam were among those driving most of this decade’s immunization coverage gains. Moreover, the number of unvaccinated children in India dropped from 5.3 million in 2010 to 2.9 million in 2016.
    • The top 10 countries where vaccination coverage has increased between 2010 and 2016 are Palau, Malta, DRC, Comoros, Azerbaijan, Ethiopia, Timor-Leste, Barbados, Costa Rica and India.
    • Additionally, thanks to vaccines, maternal and neonatal tetanus have been eliminated in all but 15 countries – with Ethiopia, Haiti and Philippines having eradicated the disease just last year. 
    World Immunization Week (24 -30 April)
    It was first started in 2012 with participation of more than 180 countries.
    World Immunization Week is observed every year to encourage donors, doctors and individuals for greater action on immunization around the world. This week also highlights the importance of investing in immunization efforts and why one must urge vaccination progress.
    2018 theme — ‘Protected Together, Vaccines Work’.
    What is Immunization?
    Immunization is the process by which a person is made immune or resistant to an infectious disease through the use of a vaccine. It stimulates the body’s own immune system to protect the person against subsequent infection or any kind of disease.





    मराठी


    लसीकरण अधिकाधीक मुलांना सुरक्षित ठेवत आहे, परंतु लक्षावधींचे अजूनही लसीकरण नाही: UNICEF

    गेल्या वर्षात 3 दशलक्षापर्यंत लहान मुलांचे जीवन लसीमुळे वाचविण्यात आले आहेत, असा संयुक्त राष्ट्रसंघ मुलांचा कोष (UNICEF)चा अंदाज आहे.
    UNICEF च्या ताज्या अहवालानुसार, ही प्रगती असूनही 2016 साली पाच वर्षाखालील मुलांमध्ये सुमारे एक चतुर्थांश मृत्यू हिवताप, अतिसार आणि गोवर या आजारांमुळे झालेत, जेव्हा की त्यांचे जीव लसीद्वारे वाचवले जाऊ शकले असते.
    कमकुवत लसीकरणामुळे सर्वाधिक गरज असलेल्या माता, मुलं आणि दरिद्री अश्या समुदायांमधील सर्व घटकांचे आरोग्य धोकादायक समस्यांना सामोरे जावे लागते.
    अहवालातील ठळक बाबी
    • असा अंदाज आहे, जगभरातील 19 दशलक्षाहून अधिक लहानांना अजूनही लसीकरणाचा लाभ मिळालेला नाही. त्यात अश्या 13 दशलक्षांचा समावेश आहे ज्यांना कधीही लस दिली गेली नाही.
    • सीरियासह नाजूक किंवा संघर्षग्रस्त देशांमध्ये दोन-तृतीयांश मुलं लसीकरणाविना  आहेत. या क्षेत्रांमध्ये सन 2010 ते सन 2016 या काळात संरक्षित मुलांमध्ये सर्वाधिक घट आढळून आली.
    • सन 2016 मध्ये लसीकरणाने रोखता येण्याजोगे आजार पाच वर्षाखालील मुलांमध्ये अंदाजे 1.4 दशलक्ष मृत्यूस कारणीभूत ठरले.
    • नायजेरिया, भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, इथिओपिया आणि काँगो प्रजासत्ताक या देशांमध्ये अर्धेअधिक लसीकरणाविना मुलं आहेत.



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