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    Friday, June 8, 2018

    Pradhan Mantri Bhartiya Jan Asaudhi Yojana प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि योजना: प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी योजना

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    Current affairs 8 June 2018 Hindi/English/marathi
    करेंट अफेयर्स 8 जून 2018 हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
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    Pradhan Mantri Bhartiya Jan Asaudhi Yojana
    प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि योजना:

    प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी योजना




    Hindi | हिंदी


    प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि योजना:
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 07 जून 2018 को वीडियो ब्रिज के माध्यम से देश में चल रही विभिन्न स्वास्थ्य सेवा योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। प्रधानमंत्री ने पांचवी बार वीडियो ब्रिज के माध्यम से सरकारी योजनाओं के विभिन्न लाभार्थियों के साथ संवाद स्थापित किया।
    प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सभी तरह की सफलता और समृद्धि का आधार है।
    मोदी ने लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि बिमारी न केवल परिवारों, विशेषकर गरीब और मध्यवर्ग के परिवारों, पर भारी आर्थिक बोझ डालती है बल्कि हमारे सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रो को भी प्रभावित करती है।
    इसलिए सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक नागरिक को रियायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना इसी इरादे से लांच की गई थी ताकि गरीब, निम्न मध्य वर्ग और मध्य वर्ग की रियायती औषधियों तक पहुंच हो और उनका वित्तीय बोझ कम हो।
    सरकार ने पूरे देश में 3600 से अधिक जन औषधि केंद्रों को स्थापित किया है जहां रियायती मूल्य पर 700 से अधिक जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हैं। जन औषधि केंद्रों में दवाइयों की कीमत बाजार मूल्य की तुलना में 50-90 प्रतिशत कम हैं। निकट भविष्य में जन औषधि केंद्रों की संख्या 5000 से ऊपर हो जाएगी।
    प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि योजना:
    प्रधानमंत्री ‪नरेंद्र मोदी द्वारा ‪प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की घोषणा 1 जुलाई 2015 को की गई। इस योजना में सरकार द्वारा उच्च गुणमवत्ता वाली जैनरिक दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से कम किए जा रहें है। यह अभियान फार्मास्यूटिकल डिपार्टमेंट ने सेंट्रल फार्मा सेक्टर अंडरटेकिंग के साथ मिलकर शुरू किया है।
    सरकार द्वारा जन औषधि स्टोर बनाए गए है, जहां जेनरिक दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही है। जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड या फार्मा की दवाईयों के मुकाबले सस्ती होती है, जबकि प्रभावशाली बराबर ही होती है।
    प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान मूलत: जनता को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया है ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक मेडिसिन कम मूल्य पर उपलब्ध हैं साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं हैं | साथ ही यह जेनेरिक दवायें मार्केट में मौजूद हैं जिन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सकता हैं।
    भारत के फार्मा पीएसयू ब्यूरो की भूमिका:
    ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है। इसका कार्य कुछ इस प्रकार हैं:
    • सस्ती कीमत पर सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध करवाना
    • प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों द्वारा जेनेरिक दवाइयों की मार्केटिंग करवाना।
    • सेंट्रल फार्मा पीएसयू और निजी क्षेत्रों की कंपनियों से दवाइयों की खरीददारी करना
    • औषधि केन्द्रों के काम की उचित निगरानी करना।




    English | इंग्लिश



    Pradhan Mantri Bhartiya Jan Asaudhi Yojana

    What is Pradhan Mantri Bhartiya Jan Asaudhi Yojana (P.M.B.J.A.Y) ?
    Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana (PMBJP) is a campaign launched by the Department of Pharmaceuticals to provide quality medicines at affordable prices to the masses. PMBJP stores have been set up to provide generic drugs, which are available at lesser prices but are equivalent in quality and efficacy as expensive branded drugs.
    It was launched by the Department of Pharmaceuticals in November 2008 under the name Jan Aushadi Campaign. Bureau of Pharma PSUs of India (BPPI) is the implementation agency for PMBJP.
    The vision of the Scheme - To bring down the healthcare budget of every citizen of India through providing Quality generic Medicines at Affordable Prices.
    Mission:-
    1. Create awareness among the public regarding generic medicines.
    2. Create demand for generic medicines through medical practitioners.
    3. Create awareness through education and awareness program that high price need not be synonymous with high quality.
    4. Provide all the commonly used generic medicines covering all the therapeutic groups.
    5. Provide all the related health care products too under the scheme.
    Objective:-
    Making quality medicines available at affordable prices for all, particularly the poor and disadvantaged, through exclusive outlets "Jan Aushadhi Medical Store", so as to reduce out of pocket expenses in healthcare.
    What is Jan Aushadhi  Store :
    -          JAS has been opened across the country. To view the list of State-wise / District-wise JAS along with their locations.
    -          The normal working hours of JAS are 8 Am to 8 PM.
    -          All therapeutic medicines are made available from Jan Aushadhi Stores. To get the list of medicines with their MRP which is presently available.
    -          In addition to medicines and surgical items supplied by BPPI, Jan Aushadhi stores also sell allied medical products commonly sold in chemist shops so as to improve the viability of running the Jan Aushadhi store.

    Who can open a Jan Aushadhi store?
    State Governments or any organization / reputed NGOs / Trusts / Private hospitals / Charitable institutions / Doctors / Unemployed pharmacist/ individual entrepreneurs are eligible to apply for new Jan Aushadhi stores. The applicants shall have to employ one B Pharma / D Pharma degree holder as Pharmacist in their proposed store.

    What is Generic Medicine?
    Generic medicines are unbranded medicines which are equally safe and having the same efficacy as that of branded medicines in terms of their therapeutic value. The prices of generic medicines are much cheaper than their branded equivalent.

    Ouestion:
    1. What is the need of Pradhman Mantri Jan Ayoshadhi Yojana in India’s current Scenario ? Evaluate in terms of other South Asian Neighbors. 





    Marathi | मराठी

    प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी योजना

    आजारांमुळे कुटुंबांवर, विशेषत: गरीब आणि मध्यम वर्गातील कुटुंबांवर मोठे आर्थिक ओझे लादले जाते, त्याचबरोबर सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रावरही त्याचा परिणाम दिसून येतो. त्यामुळे देशातील प्रत्येक नागरिकाला परवडण्याजोग्या आरोग्यसेवा मिळाव्यात यासाठी भारत सरकारने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी योजना आणि केंद्र सरकारच्या अन्य आरोग्य सेवा देशात चालवत आहे.
    गरीब, निम्न मध्यम वर्ग आणि मध्यम वर्गाला परवडण्याजोग्या दरात औषधे उपलब्ध व्हावी आणि त्यांच्यावरचे आर्थिक ओझे कमी व्हावे, या उद्देशाने 1 जुलै 2015 रोजी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी (जनौषधी) योजना सुरु करण्यात आली आहे.
    केंद्र सरकारने देशभरात 3600 जनौषधी केंद्रे सुरु केलेली असून, तेथे 700 पेक्षा जास्त औषधे परवडण्याजोग्या दरात उपलब्ध आहेत. जनौषधी केंद्रांमध्ये उपलब्ध असणाऱ्या औषधांच्या किंमती बाजारात उपलब्ध असणाऱ्या इतर औषधांच्या तुलनेत 50-90% कमी आहेत. नजिकच्या काळात देशातील जनौषधी केंद्रांची संख्या 5000 पर्यंत वाढवणार असल्याचे जाहीर केले गेले.
    यापूर्वी नागरिकांना रक्तवाहिन्यांमधील रक्त पुरवठा सुरळीत व्हावा यासाठी वापरल्या जाणार्‍या स्टेंटची खरेदी करणे दरिद्री आणि मध्यम वर्गीय रुग्णांना परवडत नव्हती. आता त्यांच्या सोयीसाठी स्टेंटच्या दरात मोठी घट केली गेली आहे. आज स्टेंटची किंमत 2 लक्ष रुपयांवरुन 29,000 रुपयांपर्यंत कमी करण्यात आली आहे.
    अन्य आरोग्य सेवा-सुविधा
    • गुडघे प्रत्यारोपणासाठी होणारा खर्चही 60-70% कमी केला गेला आहे. या शस्‍त्रक्रियेसाठी आधी 2.5 लक्ष रुपये खर्च येत असेल. आता मात्र हा खर्च 70,000 ते 80,000 रुपयांपर्यंत कमी करण्यात आला आहे. देशात दरवर्षी गुडघे प्रत्यारोपणाच्या सुमारे 1-1.5 लक्ष शस्त्रक्रिया होतात. हे प्रमाण लक्षात घेऊन गुडघे प्रत्यारोपणासाठी होणारा नागरिकांचा 1500 कोटी रुपयांचा खर्च कमी झाला आहे.
    • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रमांतर्गत केंद्र सरकारने देशातील 500 पेक्षा जास्त जिल्ह्यांमध्ये 2.25 लक्ष रुग्णांसाठी 22 लक्ष पेक्षा जास्त डायलिसिस सत्रे घेतली.
    • मिशन इंद्रधनुषच्या माध्यमातून 528 जिल्ह्यांमधील 3.15 कोटी बालके आणि 80 लक्ष गर्भवती महिलांचे लसीकरण करण्यात आले.
    • रुग्णांसाठी अधिक खाटा, अधिक रुग्णालये आणि अधिक डॉक्टर उपलब्ध व्हावेत, यासाठी सरकारने 92 वैद्यकीय महाविद्यालये सुरु केली गेली असून, MBBS अभ्यासक्रमासाठीच्या विद्यार्थी संख्येत 15,000 नी वाढ केली आहे.
    • आयुषमान भारत योजनेअंतर्गत 10 कोटी कुटुंबांना 5 लक्ष रुपयांच्या आरोग्य विम्याचे कवच दिले जाणार आहे.
    • स्वच्छ भारत अभियानामुळे देशातील 3.5 लक्ष गावे हागनदारीमुक्त झाली आहेत आणि स्वच्छतेची व्याप्ती 38% वाढली आहे.





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