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    Wednesday, March 7, 2018

    म्यांमार ने भारत के साथ मुक्त आवाजाही प्रशासन को सरल बनाने के लिए किये जाने वाले समझौते को अनिश्चितकाल के स्थगित कियाMyanmar deferred Free Movement Regime with India

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    करेंट अफेयर्स ७ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी




    हिंदी

    म्यांमार ने भारत के साथ मुक्त आवाजाही प्रशासन को सरल बनाने के लिए किये जाने वाले समझौते को अनिश्चितकाल के स्थगित किया:
    म्यांमार ने भारत के साथ दोनों देशों के बीच की खुली सीमा के 16 किलोमीटर के भीतर लोगों की मुक्त आवाजाही को सरल बनाने के लिए किये जाने वाले समझौते को अनिश्चितकाल के स्थगित कर दिया है। म्यांमार ने घरेलू विवशताओं का हवाला दिया है और इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए और अधिक समय की मांग की है।
    पृष्ठभूमि:
    म्यांमार के साथ भारत के चार राज्य अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम 1643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और ये कई जगहों पर काफी जटिल है। दोनों देशों की सीमाओं से 16 किलोमीटर के अंदर लोगों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा दी गई है। दोनो तरफ अधिकृत संस्थाओं की अनुमति से वैधानिक परमिट के साथ लोग 72 घंटे तक रुक सकते हैं।
    इस तरह की व्यवस्था सीमा के दोनों तरफ सामाजिक रीति रिवाजों और संबंधों को देखते हुए की गई है। इसके जरिए सीमा के दोनों तरफ लोग एक दूसरे से मिलते जुलते हैं लेकिन ये देखा गया है कि आतंकी और अपराधी इसकी आड़ में हथियारों, ड्रग्स,प्रतिबंधित सामानों और जाली भारतीय करेंसी नोटों की तस्करी करते हैं।
    सरकार और सुरक्षा बलों की सक्रियता से बहुत सारे आतंकी सीमा को दोनों तरफ इधर-उधर छिपे हुए हैं। सामान्य नागरिकों के लिए दी गई सुविधा का वो बेजा इस्तेमाल करते हैं और भारतीय इलाकों में अपराध कर सुरक्षित ठिकानों पर चले जाते हैं।
    समझौते का प्रयास:
    जनवरी 2018 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और म्यांमार के बीच भूमि सीमा पार करने से संबंधित समझौते को मंजूरी दी थी ताकि दोनों देशों के लोगों के बीच आर्थिक वार्तालाप में वृद्धि हो सके।
    इसे आकार देने के लिए, केंद्र सरकार ने म्यांमार से सटे चार सीमावर्ती राज्यों को सीमा से 16 किलोमीटर के भीतर रहने वाले सभी निवासियों को "बॉर्डर पास" वितरित करने के लिए से कहा था। म्यंमार ने पिछले 7 महीनों में समझौता दो बार स्थगित कर दिया गया है।
    समझौते का महत्व:
    इस समझौते से वैध पासपोर्ट और वीजा के आधार पर लोगों की आवाजाही सुगम हो जाएगी जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक संपर्क बढ़ेगा। इससे सामान्यतः दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए पहले से ही विद्यमान मुक्त आवाजाही के अधिकारों के विनियमन और सुसंगतता की सुविधा होगी।



    इंग्लिश


    Myanmar deferred Free Movement Regime with India
    Myanmar had deferred signing an agreement with India to streamline the free movement of people within 16 km along the border. India is keen to sign the agreement but Myanmar — citing “domestic compulsions”.
    The four neighboring states Arunachal Pradesh, Nagaland, Manipur and Mizoram have been asked to distribute “border pass” to all the residents living within 16 km from the border.
    In last seven months The Memorandum of Understanding (MoU) has been deferred. It was to be signed in September last year when Prime Minister Narendra Modi visited Naypyidaw for a bilateral visit. India tried to again push the agreement in January when Myanmar’s State Counsellor Aung San Suu Kyi was in New Delhi with nine ASEAN leaders as chief guest for the Republic Day parade.
    As per the proposal, there would have been no restrictions on the movement of people across the borders. The domiciles were to be allotted border passes and those going across for agriculture, work or to meet relatives should carry the pass at all times. Both the countries intend to put a system in place after India raised the issue of movement of extremists and smugglers freely across the border.
    Significance:
    • This agreement will boost the economic and social relationship between the countries by allowing the movement of people on basis of valid passports and Visas.
    • The Agreement will further also enhance the economy of the north east and leverage the geographical connections with Myanmar to boost the trade and people to people ties.
    • This will also ease the regulation and harmonization of the current free movement rights for people ordinarily residing in the border areas of both the countries.
    Free movement Regime
    Free Movement regime is an agreement between India and Myanmar which allows free movement of citizen of both the countries within the 16 km of the border without visa restrictions for 72 hours. The aim of this agreement is to reduce the insecurity of the tribals living along India and Myanmar border.




    मराठी


    म्यानमारने भारतासोबत मुक्त संचार व्यवस्था तयार करण्याच्या प्रस्तावाला स्थगिती दिली

    सीमेलगत 16 किलोमीटरच्या आत लोकांना मुक्त संचार करता यावा यासाठी एक मुक्त संचार व्यवस्था कायम करण्यासाठी भारतासह केला जाणारा करार म्यानमारने अनिश्चित कालावधीसाठी रोखला आहे.
    "स्थानिक बाध्यता" दर्शवत म्यानमारने हा निर्णय घेतलेला आहे आणि हा करार करण्यापूर्वी काही काळ मागितला आहे.
    3 जानेवारी 2018 रोजी भारताच्या केंद्रीय मंत्रिमंडळाने भारताचे म्यानमारसोबत आर्थिक संबंध वाढविण्यासाठी या करारास मंजूरी दिली होती. म्यानमारने गेल्या सात महिन्यांमध्ये हा सामंजस्य करार दोनदा (सप्टेंबर 2017, जानेवारी 2018) स्थगित केलेला आहे.
    प्रस्तावामधील ठळक बाबी
    • सीमा ओलांडणार्‍या लोकांच्या चळवळीवर कोणतेही निर्बंध नसतील.
    • त्या भागात निवासी सर्व नागरिकांना एक बॉर्डर पास दिले जाणार आणि शेतकी, कामासाठी किंवा नातेवाईकांना भेटायला जाणार्‍यांना नेहमी हा पास जवळ बाळगावा लागणार.
    • लोकांच्या चळवळीसाठी सुरक्षेच्या दृष्टीने एक कायदेशीर व्यवस्था तयार करण्यात येणार आहे.
    • सीमेलगत 16 किलोमीटरच्या आत लोकांना मुक्त संचार करता येणार.
    भारत आणि म्यानमार एकूण 1,643 किलोमीटरची कुंपण विरहित सीमा सामायिक करतात, त्यापैकी अरुणाचल प्रदेश 520 किलोमीटर, नागालँड 215 किलोमीटर, मणिपुर 398 किलोमीटर आणि मिझोराम 510 किलोमीटरची सीमा लागलेली आहे.
    कराराला आकार देण्याच्या हेतूने केंद्र शासनाने म्यानमारलगत असलेल्या अरुणाचल प्रदेश, नागालँड, मणिपूर आणि मिझोराम या राज्यांना आपली सीमा लोकांसाठी सामायिक करण्यास सांगितले होते.

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