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    Saturday, August 4, 2018

    Scientists develop Faster, coloured 3D printing method | तेज, रंगीन 3डी प्रिंटिंग विधि विकसित | शास्त्रज्ञांनी अधिक जलद गतीची रंगीत 3D-प्रिंटिंग पद्धत विकसित केली

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    Current Affairs 4 August 2018
    करेंट अफेयर्स 4 ऑगस्ट 2018 हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

    Scientists develop Faster, coloured 3D printing method


    तेज, रंगीन 3डी प्रिंटिंग विधि विकसित


    शास्त्रज्ञांनी अधिक जलद गतीची रंगीत 3D-प्रिंटिंग पद्धत विकसित केली

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    तेज, रंगीन 3डी प्रिंटिंग विधि विकसित

    3डी प्रिंटर है क्या

    • 3D प्रिंटिंग एक बेहद मॉर्डन तकनीक है जिसे थ्री डाइमेंशनल प्रिंटिंग या एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग भी कहते हैं।
    • इस तकनीक के जरिए किसी भी आकार की ठोस चीज (सुई, खिलौने, हथियार, जूते, हेल्मेट, साइकिल फ्रेम, कुछ भी) को प्रिंट किया जा सकता है। इस प्रिटिंग के जरिए तैयार किए जाने वाली चीज की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई, मोटाई, गहराई सब कुछ तय किया जा सकता है।
    • 3D प्रिंटिंग को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें प्रिंट किए जाने वाली चीज को तैयार करने के लिए प्रिंटिग मटीरियल की एक के ऊपर एक लेयर के तौर पर रखा जाता है। यह सब कुछ कम्प्यूटर के जरिए ऑपरेट होता है।
    • इस तकनीक के जरिए कोई चीज तैयार करने से पहले उसका डिजिटल या वर्चुअल मॉडल तैयार किया जाता है। डिजिटल मॉडल या वर्चुअल मॉडल कम्प्यूर ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार होता है।
    • एक बार वर्चुअल मॉडल तैयार हो जाने के बाद 3D प्रिंटर के जरिए छपाई शुरू की जाती है। प्रिंटर के इंकजेट हेड्स के जरिए प्रिंटिंग मटीरियल को एक पाउडर बेड पर स्प्रे किया जाता है। कई बार अलग-अलग हिस्सों में प्रिंट करके उसे असेंबल भी किया जाता है।
    चर्चा में क्यों है
    • वैज्ञानिकों ने एक तेज़ और लागत प्रभावी 3डी प्रिंटिंग विधि विकसित की है, जिसका उपयोग सभी रंगों में वस्तुओं को मुद्रित करने के लिए किया जा सकता है। नैनो पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक लोग विनिर्माण, चिकित्सा उपकरणों, फैशन और यहां तक कि भोजन सहित व्यापक अनुप्रयोगों के लिए 3डी प्रिंटिंग के उपयोग की खोज कर रहे थे।
    • हालांकि, 3डी प्रिंटिंग के सबसे कुशल रूपों में एक बड़ी कमी थी: यह केवल उन वस्तुओं को मुद्रित कर सकता है जो भूरे या काले रंग में हैं।
    • अब, स्पेन में इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोनिक साइंसेज (आईसीएफओ) के शोधकर्ताओं ने इस विधि को बदल दिया है, ताकि यह इंद्रधनुष के सभी रंगों में प्रिंट कर सके।
    नई विधि की विशेषता
    • प्रक्रिया की ऊर्जा आवश्यकताओं को कम करने के लिए, शोधकर्ताओं ने पॉलिमर पाउडर को प्रकाश संवेदनशीलता नामक यौगिकों को जोड़ा है।
    • IFCO में गैरेसीमोस कॉन्स्टेंटैटोस, रोमेन क्विडेंट और सहयोगी एक फोटोसेनिटर ढूंढना चाहते थे, जो एसएलएस यानी Selective laser sintering विधि द्वारा रंग मुद्रण को सक्षम करेगा।
    • शोधकर्ताओं ने दृश्यमान प्रकाश के लगभग पारदर्शी होने के दौरान स्पेक्ट्रम के निकट अवरक्त क्षेत्र में दृढ़ता से अवशोषित करने के लिए सोने के नैनोडोर तैयार किए। उन्होंने उन्हें सिलिका के साथ लेपित (coated) किया और फिर उन्हें 3डी ऑब्जेक्ट्स प्रिंट करने के लिए पॉलीमाइड पाउडर के साथ मिश्रित किया।
    • इस दौरान उन्होंने पाया कि सोने के नैनोडोर कार्बन ब्लैक, उद्योग मानक की तुलना में लेजर से प्रकाश में गर्मी में परिवर्तित करने के लिए बहुत बेहतर थे।
    • अंततः शोधकर्ताओं ने कहा कि बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए सामग्री लागत प्रभावी है।
    क्या होगा असर
    • थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक ने डिजाइन डेवेलपर्स की कल्पना को जैसे पंख लगा दिए हैं। ऐसा लगता है कि इंसान जिन चीजों की कल्पना कर सकता है, उसे थ्री डी प्रिंटर से छाप कर निकाल भी सकता है।
    • बहुत से डिजायनर अब 3डी प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं। प्रिंटर से छोटी सी कुर्सी बनाना भी कोई समस्या नहीं है। गहने भी कंप्यूटर पर डिजायन किए जा सकते हैं और उसके बाद प्रिंट किए जा सकते हैं। मानने में वक्त लगता है लेकिन जूते बनाने का विचार भी काम कर सकता है। इस तरह स्टार्ट अप और बड़ी कंपनियां अपने आयडिया को जल्द और किफायती तरीके से मूर्त रूप दे सकते हैं।



    English | इंग्लिश

    Scientists develop Faster, coloured 3D printing method

    Scientists have developed a faster and cost-effective 3D printing method that can be used to print objects in all the colours. People are exploring the use of 3D printing for wide-ranging applications, including manufacturing, medical devices, fashion and even food, according to the study published in the journal Nano Letters. 
    However, one of the most efficient forms of 3D printing suffers from a major drawback: It can only print objects that are grey or black in colour. Now researchers at The Institute of Photonic Sciences (IFCO) in Spain have tweaked the method so it can print in all the colours of the rainbow.
    How they did it?
    • Selective laser sintering (SLS) printers use a laser to heat specific regions of a powdered material, typically nylon or polyamide, so that the powder melts or sinters to form a solid mass.
    • The printer then selectively sinters new powdered material layer by layer until the desired 3D structure is obtained.
    • To reduce the energy requirements of the process, researchers have added compounds called photosensitisers to the polymer powders.
    What is 3D Printing?
    • 3D Printing is an additive manufacturing process that creates a physical object from a digital design.
    • There are different 3D printing technologies and materials you can print with, but all are based on the same principle: a digital model is turned into a solid three-dimensional physical object by adding material layer by layer.








    Marathi | मराठी

    शास्त्रज्ञांनी अधिक जलद गतीची रंगीत 3D-प्रिंटिंग पद्धत विकसित केली

    शास्त्रज्ञांनी एक अधिक जलद आणि खर्च कमी करणारी 3D-प्रिंटिंग पद्धत विकसित करून या क्षेत्रात आणखी एक पाऊल टाकले आहे. ही पद्धत सर्व रंगांमध्ये वस्तू मुद्रित करण्यासाठी वापरली जाऊ शकते. या पद्धतीला ‘सिलेक्टिव्ह लेजर सिंटरिंग (SLS) प्रिंटर’ हे नाव देण्यात आले आहे.
    नॅनो लेटर्स नियतकालिकेत प्रकाशित झालेल्या अभ्यासानुसार निर्मिती, वैद्यकीय उपकरणे, फॅशन आणि अन्नपदार्थ यासह विविध प्रकारच्या अनुप्रयोगांसाठी 3D-प्रिंटिंगचा वापर करण्यात येत आहे.
    आतापर्यंत यात एक मोठा दोष होता, की ते केवळ राखाडी रंग किंवा काळ्या रंगाच्या वस्तूचं मुद्रित करू शकत होते. मात्र आता, स्पेनमधील इन्स्टिट्यूट ऑफ फोटोनिक सायन्सेस (IFCO) येथील शास्त्रज्ञांनी अश्या पद्धतीचा शोध लावला आहे ज्यामुळे सर्व रंगांमध्ये छपाई करणे शक्य झाले आहे.
    कार्बन-आधारित ‘फोटोसेंसीटायझर’ केवळ राखाडी किंवा काळ्या रंगात मुद्रित ऑब्जेक्ट तयार करू शकतात. हा दोष ओळखून ग्रेसिमोस कॉन्स्टेंटॅटोस, रोमेन क्विंडंट आणि त्यांच्या सहकाऱ्यांनी ही नवी पद्धत विकसित केली आहे.
    सिलेक्टिव्ह लेझर सिंटरिंग (SLS) प्रिंटर बाबत
    हे प्रिंटर भुकटीच्या स्वरुपात असलेल्या पदार्थाच्या, विशेषतः नायलॉन किंवा पॉलियामाईड, विशिष्ट भागांना तापविण्यासाठी लेझरचा वापर करते, ज्यामुळे ती भुकटी वितळते आणि वितळलेल्या भुकटीचे अनेक थर चढवत ठोस वस्तूचा आकार घेते.
    प्रक्रियेची ऊर्जेची गरज कमी करण्यासाठी संशोधकांनी ‘फोटोसेंसीटायझर’ वर्गातले संयुग पॉलीमर भुकटीमध्ये मिसळण्यात आले आहे. ‘फोटोसेंसीटायझर’ वर्गात मोडणारे कार्बन नॅनोट्यूब, कार्बन ब्लॅक आणि ग्रेफीन असे पदार्थ पॉलिमरच्या तुलनेत अधिक प्रकाश शोषून घेतात आणि उष्णता पुरवते. यामुळे आणखीन स्वस्त, कमी क्षमतेचे लेझर वापरण्यास मुभा मिळते.
    संशोधनात असे आढळून आले की नवीन फोटोसेंसीटायझर डायसोबत मिश्रित झाल्यावर अधिक शुभ्रता आणू शकतात, त्यामुळे अधिक तेजस्वी रंगीत 3D वस्तू तयार केल्या जाऊ शकतात.





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