करेंट अफेयर्स १९ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
हिंदी
वैज्ञानिकों ने एक नया एल्गोरिथ्म विकसित किया है जो रियल टाइम में जीपीएस-सक्षम उपकरणों पर साइबर हमलों का पता लगाने में और इन्हें रोकने में मदद कर सकता है।
यह किस प्रकार उपयोगी होगा?
अमेरिका में सैन एंटोनियो (यूटीएसए) में टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह एल्गोरिथ्म विद्युत ग्रिड और जीपीएस पर निर्भर अन्य प्रौद्योगिकियों पर छिपे हुए जीपीएस हमलों के प्रभाव को कम करता है। उदाहरण के लिए, यूएस बिजली पावर ग्रिड जीपीएस पर निर्भर करता है ताकि पूरे देश के स्टेशनों पर इसकी माप के लिए टाइम स्टैम्प्स दे सके।
पूरे विश्व की प्रयोगशालाओं में शोधकर्ताओं ने यह दिखाया है कि साइबर आक्रमणों को रोकने की कोशिश में यह प्रणाली कमजोर हो सकती है और यह दुर्घटना प्रणाली के समय और स्थान डेटा को बाधित कर सकता है। यह अध्ययन आईईई ट्रांजैक्शंस ऑन इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रकाशित हुआ है।
यह किस प्रकार कार्य करता है?
एक दुर्भावनापूर्ण साइबर आक्रमणकर्ता (malicious cyber attacker) जीपीएस सिग्नल को क्लोन कर सकता है और गलत समय या गलत स्थान प्रदर्शित कर सकता है। यह लोगों को गलत स्थान पर भेज सकता है और गलत जानकारियां प्रदान कर सकता है।
इस एल्गोरिथ्म को सेल फोन या कंप्यूटर पर आसानी से एक नए ऐप के रूप में लागू किया जा सकता है। इसमें अवास्तविक जीपीएस संकेतों को पहचानने की क्षमता है और इनके खिलाफ काउंटर अटैक कर सकता है।
हालाँकि, शोधकर्ताओं का मुख्य ध्यान अमेरिकी विद्युत इलेक्ट्रिक ग्रिड पर हमले को रोकने के लिए है, परन्तु एल्गोरिथ्म कई विभिन्न उपकरणों पर भी स्थापित किया जा सकता है।
इंग्लिश
New algorithm developed to prevent cyber-attacks on GPS devices
Researchers at University of Texas at San Antonio in the US, have developed a novel algorithm that may help and detect and prevent cyber-attacks on GPS –enabled devices in real time.
How it will be helpful?
It basically helps in mitigating effects of GPS attacks on electrical grids and other GPS reliant technologies.
For example, the US electrical power grid depends on GPS to give time stamps for its measurements at stations across the country. Researchers in laboratories across the world have shown that the system can be vulnerable to spoofing cyber-attacks that can disrupt the system’s time and location data.
How it works?
A malicious cyber attacker can clone the GPS signal and display the wrong time or the wrong location. It can send people to the wrong location or render hours of data useless. This algorithm, which can be applied to cell phones or computer as easily as anew app, has the ability to recognize false GPS signals and counter attack while it occurs.
Researchers at University of Texas at San Antonio in the US, have developed a novel algorithm that may help and detect and prevent cyber-attacks on GPS –enabled devices in real time.
How it will be helpful?
It basically helps in mitigating effects of GPS attacks on electrical grids and other GPS reliant technologies.
For example, the US electrical power grid depends on GPS to give time stamps for its measurements at stations across the country. Researchers in laboratories across the world have shown that the system can be vulnerable to spoofing cyber-attacks that can disrupt the system’s time and location data.
How it works?
A malicious cyber attacker can clone the GPS signal and display the wrong time or the wrong location. It can send people to the wrong location or render hours of data useless. This algorithm, which can be applied to cell phones or computer as easily as anew app, has the ability to recognize false GPS signals and counter attack while it occurs.
मराठी
GPS उपकरणांवर होणारा सायबर हल्ला रोखण्यासाठी नवीन अल्गोरिदम विकसित
शास्त्रज्ञांनी एक काल्पनिक अल्गोरिदम विकसित केले आहे, जे ग्लोबल पोझिशनिंग सिस्टम (GPS)-सक्षम उपकरणांवर वास्तविक वेळेत सायबर हल्ले शोधण्यास आणि ते टाळण्यास मदत करू शकणार.अमेरिकेतील टेक्सास विद्यापीठातील शास्त्रज्ञांनी विकसित केलेले अल्गोरिदम इलेक्ट्रिकल ग्रिड आणि अन्य GPS वर निर्भर असलेल्या तंत्रज्ञानावरील फसव्या GPS हल्ल्यांचा प्रभाव कमी करते.
व्यापक स्वरूपात, दुर्भावनायुक्त सायबर-आक्रमणकर्ते GPS संकेताचे प्रतिबिंब तयार करतात आणि ते काही काळासाठी प्रदर्शित करतात, जे चुकीची वेळ किंवा चुकीचे स्थान दर्शवतात. यामुळे लोक चुकीच्या ठिकाणी किंवा बेकायदेशीर माहितीचा त्रास सहन करू शकतात.
नवा अल्गोरिदम सेलफोन किंवा संगणकावर एका अॅपद्वारे सहजपणे लागू होऊ शकतो. हा अल्गोरिदम खोटे GPS संकेत ओळखण्यास आणि हल्ला रोखण्यास सक्षम आहे.
संशोधनाचे महत्त्व
अमेरिकेसारख्या देशात इलेक्ट्रिकल पॉवर ग्रिड GPS समर्थित प्रणालीवर आधारित आहे. त्यावर हल्ले रोखण्यासाठी हे अल्गोरिदम तयार करण्यात आले आहे.
शिवाय विचारार्थ असलेल्या वाहनचालकाविना GSP आधारित वाहनचालनाच्या संकल्पनेकडे वाटचाल करीत असताना, GPS अश्या हल्ल्यांपासून सुरक्षित करणे ही एक गरज ठरत आहे.
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