संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने डिमेंशिया के लिए पहली वैश्विक निगरानी प्रणाली की शुरुआत की:
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने 07 दिसंबर 2017 को डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के लिए पहली वैश्विक निगरानी प्रणाली की शुरुआत की है। इस बीमारी से वर्ष 2050 तक दुनिया भर में 152 मिलियन लोगों के प्रभावित होने की उम्मीद है जोकि वर्तमान पीड़ितों (50 मिलियन) की संख्या का तीन गुना है।
डिमेंशिया में अल्जाइमर रोग और अन्य प्रकार की स्मृति हानि और संज्ञानात्मक विकलांगता शामिल है। लगभग 10 मिलियन लोगों को प्रत्येक वर्ष डिमेंशिया विकसित होता है, उनमें से छह मिलियन लोग निम्न-और-मध्यम आय वाले देशों से आते हैं।
ग्लोबल डिमेंशिया ऑब्ज़र्वेटरी:
डब्ल्यूएचओ द्वारा लॉन्च किए गए एक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म ग्लोबल डिमेंशिया ऑब्ज़र्वेटरी के द्वारा देश के भीतर और विश्व स्तर पर डिमेंशिया वाले लोगों और उनकी देखभाल करने वाले लोगों के लिए सेवाओं के प्रावधान की प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं।
यह देखभाल और उपचार प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय नीति और योजनाओं, जोखिम कम करने के उपायों और अवसंरचना की उपस्थिति की निगरानी भी करेगा। डब्ल्यूएचओ के मेन्टल हेल्थ एंड सब्सटैंस एब्यूज विभाग के तरुण दुआ ने कहा है कि 'यह डिमेंशिया के लिए पहली वैश्विक निगरानी प्रणाली है जिसमें डेटा की एक विस्तृत श्रेणी शामिल है।'
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि डिमेंशिया की वार्षिक वैश्विक लागत का अनुमानित रूप से 818 अरब डॉलर है, जोकि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत से अधिक के बराबर है। कुल लागत में प्रत्यक्ष चिकित्सा लागत, सामाजिक देखभाल और देखभाल करने वालों की आय का नुकसान शामिल है। वर्ष 2030 तक, यह लागत वर्तमान की तुलना में दोगुनी से अधिक यानि 2 खरब डॉलर तक होने जाने की उम्मीद है।
अब तक डब्ल्यूएचओ ने 21 देशों से डेटा एकत्र किया है। 2018 के अंत तक, यह उम्मीद की जाती है कि कम से कम 50 देश अपना डेटा देने की कोशिश करेंगे।
डिमेंशिया (मनोभ्रंश रोग):
मनोभ्रंश (डिमेंशिया) से ग्रस्त व्यक्ति की याददाशत भी कमज़ोर हो जाती है। वे अपने दैनिक कार्य ठीक से नहीं कर पाते। कभी-कभी वे यह भी भूल जाते हैं कि वे किस शहर में हैं, या कौनसा साल या महीना चल रहा है। बोलते हुए उन्हें सही शब्द नहीं सूझता। उनका व्यवहार बदला बदला सा लगता है और व्यक्तित्व में भी फ़र्क आ सकता है।
मनोभ्रंश रोग (डिमेंशिया) दिमाग की क्षमता का निरंतर कम होना है। यह दिमाग की बनावट में शारीरिक बदलावों के परिणामस्वरूप होता है। ये बदलाव स्मृति, सोच, आचरण तथा मनोभाव को प्रभावित करते हैं। एलसायमर रोग मनोभ्रंश रोग (डिमेंशिया) की सबसे सामान्य किस्म है। मनोभ्रंश रोग (डिमेंशिया) की अन्य किस्में हैं- नाड़ी संबंधी डिमेंशिया, लुई बाड़िस वाला डिमेंशिया तथा फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया शामिल हैं।
UN health agency launches first global monitoring system for dementia
The United Nations health agency launched the first global monitoring system for dementia on 7th December 2017, which is expected to affect 152 million people worldwide by 2050 – triple the current 50 million – amid the aging of the global population.
Nearly 10 million people develop dementia each year, six million of them in low- and middle-income countries. The suffering that results is enormous. This is an alarm call: we must pay greater attention to this growing challenge and ensure that all people living with dementia, wherever they live, get the care that they need.
Global Dementia Observatory:
- The Global Dementia Observatory, a web-based platform, launched by WHO, can track progress on the provision of services for people with dementia and for those who care for them, both within countries and globally.
- It will also monitor the presence of national policy and plans, risk reduction measures and infrastructure for providing care and treatment.
- “This is the first global monitoring system for dementia that includes such a comprehensive range of data,” The system will not only enable us to track progress, but just as importantly, to identify areas where future efforts are most needed.
Dementia includes Alzheimer’s disease and other types of memory loss and cognitive disabilities.
Symptoms:
- Difficulty with everyday tasks
- Confusion in familiar environments
- Difficulty with words and numbers
- Memory Loss
- Changes in moods and behaviour
The annual global cost of dementia is estimated at $818 billion, equivalent to more than one per cent of global gross domestic product. By 2030, the cost is expected to more than double, to $2 trillion, a cost that could undermine social and economic development and overwhelm health and social services.
Of the countries reporting data so far, 81 per cent have carried out a dementia awareness or risk reduction campaign, 71 per cent have a plan for dementia, 71 per cent provide support and training for caregivers and 66 per cent have a dementia-friendly initiative. The Plan provides a comprehensive blueprint for action that can be taken by policy-makers, health- and social-care providers, civil society organizations and people with dementia and their caregivers.
मराठी
स्मृतिभ्रंश आजारासाठी WHO ची पहिली वैश्विक संनियंत्रण यंत्रणा कार्यरत
जागतिक आरोग्य संघटनाने (WHO) 7 डिसेंबर 2017 पासून प्रथमच स्मृतिभ्रंश आजारासाठी वैश्विक संनियंत्रण यंत्रणा कार्यरत केली आहे. यासंदर्भात जागतिक स्मृतिभ्रंशवेधशाळा हे ऑनलाइन व्यासपीठ सुरू करण्यात आले आहे.
स्मृतिभ्रंश आजाराने वर्ष 2050 पर्यंत जगभरात 152 दशलक्ष लोक प्रभावित झाल्याचा अंदाज आहे, जे की वर्तमान आजारी असलेल्यांच्या (50 दशलक्ष) लोकसंख्येच्या तिप्पट असेल.
स्मृतिभ्रंश आजारामध्ये अल्जायमर रोग आणि स्मृति भ्रष्ट होणार्या अन्य प्रकारच्या आजारात आणि संज्ञानात्मक अपंगत्व समाविष्ट आहे. प्रत्येक वर्षी जवळपास 10 दशलक्ष लोकांमध्ये स्मृतिभ्रंश आजार विकसित होतो, ज्यामध्ये 6 दशलक्ष लोकसंख्या कमी व मध्यम उत्पन्न असलेल्या देशांमध्ये वास्तव्यास राहतात.
जागतिक स्मृतिभ्रंश वेधशाळा बाबत
WHO कडून ‘जागतिक स्मृतिभ्रंश वेधशाळा (Global Dementia Observatory)’ नावाने एक संकेतस्थळ आधारित वैश्विक व्यासपीठ सुरू करण्यात आले आहे. याद्वारा राष्ट्रपातळीवर आणि जागतिक पातळीवर स्मृतिभ्रंश आजाराने ग्रस्त लोक आणि त्यांची निगा राखणार्या लोकांसाठी सेवांच्या उपलब्धतेसंबंधी प्रगतीला बघू शकतात.
संनियंत्रण आणि उपचार प्रदान करण्यासाठी राष्ट्रीय धोरण आणि योजना, जोखिम कमी करण्याचे उपाय आणि पायाभूत सुविधांची उपस्थितीचे संनियंत्रण देखील करणार.
पार्श्वभूमी
स्मृतिभ्रंश आजाराच्या नियंत्रणासाठी वार्षिक जागतिक खर्च अंदाजित रूपात $818 अब्ज एवढे आहे, जे की वैश्विक सकल स्थानिक उत्पादनाच्या फक्त 1% हून अधिकच्या बरोबरीत आहे. वर्ष 2030 पर्यंत हा खर्च दुप्पट म्हणजेच जवळपास $2 लाख कोटीपर्यंत होण्याचे अपेक्षित आहे.
आतापर्यंत WHO ने 21 देशांमधून माहिती संकलित केली आहे. 2018 च्या शेवटीपर्यंत, कमीतकमी 50 देशांची माहिती देण्याचे प्रयत्न केले जातील.
आतापर्यंत 81% देशांमध्ये स्मृतिभ्रंश आजारासंबंधी जागृती किंवा जोखीम कमी करण्याची मोहीमा राबवलेल्या आहेत, 71% देशांमध्ये स्मृतिभ्रंश आजारासाठी योजना आहेत, 71% देशांमध्ये निगा राखणार्यांना मदत आणि प्रशिक्षण दिले गेलेत आणि 66% देशांमध्ये आजारासंबंधी मैत्रीपूर्ण पुढाकार सुरू केले गेलेत.
WHO च्या या उपक्रमामुळे धोरण निर्मात्यांना, आरोग्य आणि सामाजिक निगा राखणार्यांना, नागरी संस्था आणि स्मृतिभ्रंश-ग्रस्त लोकांना तसेच त्यांची निगा राखणार्यांना आजाराची समस्या कमी व अवरोधीत करण्यासंबंधी व्यापक कृती करण्यास मार्गदर्शक ठरणार आहे.
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