करेंट अफेयर्स २१ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
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गूगल ने कैंसर का पता लगाने वाले एआर-पॉवर्ड माइक्रोस्कोप को विकसित किया:
गूगल ने नयी प्रौद्योगिकी के इस दौर में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कम समय में पता लगाने के लिए एक ऐसे माइक्रोस्कोप को विकसित किया है जोकि मानव ऊतक की जांच करते समय की यह पता लगा लेगा कि कैंसर कहां से शुरू हुआ है व इससे शरीर का कितना भाग प्रभावित है।
इस तकनीक के माध्यम से कैंसर से ग्रस्त ऊतक को आऊटलाइन किया जा सकेगा, जिससे बहुत ही कम समय में कैंसर की जड़ को समझने व उसका इलाज करने में चिकित्सक को आसानी होगी।
प्रमुख तथ्य:
शिकागो, इलिनोइस में अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च (एएसीआर) की वार्षिक बैठक में, गूगल ने एक प्रोटोटाइप ऑगमेंटेड रियलिटी माइक्रोस्कोप (एआरएम) प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन किया था। माना जा रहा है कि इस तकनीक से छोटी लैब्स व क्लीनिक्स में भी कैंसर से ग्रसित ऊतक का पता लगाने में मदद मिलेगी।
इस माइक्रोस्कोप के जरिए मानव ऊतक में कैंसर का पता लगाते समय मरीज के अभिभावक स्क्रीन पर इसे रियल टाइम में देख सकेंगे जिससे उन्हें भी इस बीमारी से जुड़े शरीर के हिस्सों को समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा डॉक्टर को भी इसके जरिए मरीज की मौजूदा हालत समझने में मदद मिलेगी।
अब तक कैंसर का पता लगाने के लिए पहले बाइलोजिकल्स ट्श्यिू की जांच की जाती है।
गूगल ने बताया है कि इसे डीप लर्निंग टूल्स, आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस व आर्गुमैंट रिएलिटी की मदद से बनाया है। यह तकनीक ह्यूमन ट्श्यिू में न्यूरल नैटवर्क के जरिए कैंसर सैल्स का पता लगा कर उन्हें आऊट-लाइन कर देती है जिससे सीधे ही इसके बढऩे से पहले प्रभावित क्षेत्र का इलाज कर पाना संभव है।
गूगल की टीम ने वर्तमान में इसके जरिए ब्रैस्ट व प्रोस्टेट कैंसर के होने की गुंजाइश का पता लगाया है। असाइनमैंट के दौरान इस सिस्टम ने बिल्कुल ठीक कैंसर का पता लगाया है व सटीक जानकारी को डिलीवर किया है।
गूगल ने बताया है कि आने वाले समय में इससे इन्फैक्शन से जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे मलेरिया और ट्यूबरक्लोसिस के लक्षणों का भी पहले ही पता लगाने में मदद मिलेगी।
गूगल ने नयी प्रौद्योगिकी के इस दौर में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कम समय में पता लगाने के लिए एक ऐसे माइक्रोस्कोप को विकसित किया है जोकि मानव ऊतक की जांच करते समय की यह पता लगा लेगा कि कैंसर कहां से शुरू हुआ है व इससे शरीर का कितना भाग प्रभावित है।
इस तकनीक के माध्यम से कैंसर से ग्रस्त ऊतक को आऊटलाइन किया जा सकेगा, जिससे बहुत ही कम समय में कैंसर की जड़ को समझने व उसका इलाज करने में चिकित्सक को आसानी होगी।
प्रमुख तथ्य:
शिकागो, इलिनोइस में अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च (एएसीआर) की वार्षिक बैठक में, गूगल ने एक प्रोटोटाइप ऑगमेंटेड रियलिटी माइक्रोस्कोप (एआरएम) प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन किया था। माना जा रहा है कि इस तकनीक से छोटी लैब्स व क्लीनिक्स में भी कैंसर से ग्रसित ऊतक का पता लगाने में मदद मिलेगी।
इस माइक्रोस्कोप के जरिए मानव ऊतक में कैंसर का पता लगाते समय मरीज के अभिभावक स्क्रीन पर इसे रियल टाइम में देख सकेंगे जिससे उन्हें भी इस बीमारी से जुड़े शरीर के हिस्सों को समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा डॉक्टर को भी इसके जरिए मरीज की मौजूदा हालत समझने में मदद मिलेगी।
अब तक कैंसर का पता लगाने के लिए पहले बाइलोजिकल्स ट्श्यिू की जांच की जाती है।
गूगल ने बताया है कि इसे डीप लर्निंग टूल्स, आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस व आर्गुमैंट रिएलिटी की मदद से बनाया है। यह तकनीक ह्यूमन ट्श्यिू में न्यूरल नैटवर्क के जरिए कैंसर सैल्स का पता लगा कर उन्हें आऊट-लाइन कर देती है जिससे सीधे ही इसके बढऩे से पहले प्रभावित क्षेत्र का इलाज कर पाना संभव है।
गूगल की टीम ने वर्तमान में इसके जरिए ब्रैस्ट व प्रोस्टेट कैंसर के होने की गुंजाइश का पता लगाया है। असाइनमैंट के दौरान इस सिस्टम ने बिल्कुल ठीक कैंसर का पता लगाया है व सटीक जानकारी को डिलीवर किया है।
गूगल ने बताया है कि आने वाले समय में इससे इन्फैक्शन से जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे मलेरिया और ट्यूबरक्लोसिस के लक्षणों का भी पहले ही पता लगाने में मदद मिलेगी।
इंग्लिश
Google creates cancer detecting AR-powered microscope
Machine learning has the potential to fuel major technological developments in countless fields, with Alphabet’s X division already investigating agriculture and food production usage. A team inside Google is now using it for cancer research and detection with a prototype microscope.
A team at Google Brain — the company’s AI research division — on April 19 presented an in review paper about detecting cancer using machine learning and a modified microscope that features an augmented reality display.
At the moment, cancer diagnosis is primarily achieved with compound light microscopes. Newer deep learning techniques, however, require a digital representation of microscopic tissue.
Google’s augmented reality microscope (ARM) combines both methods, it blends the expertise of automated machine learning systems with human expertise.
मराठी
कर्करोगाच्या निदानासाठी गूगल कंपनीचे AR आधारित सूक्ष्मदर्शकयंत्र
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