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    Friday, March 2, 2018

    केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने सेवाओं में चैम्पियन क्षेत्रों के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी: करेंट अफेयर्स २ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

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    करेंट अफेयर्स २ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी


    केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने सेवाओं में चैम्पियन क्षेत्रों के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी:
    प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने चैम्पियन क्षेत्रों के संवर्धन और उनकी सामर्थ्‍य को समझने के उद्देश्‍य से 12 निर्धारित चैम्पियन सेवा श्रेत्रों पर विशेष रूप से ध्‍यान देने के लिए वाणिज्‍य विभाग के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है।
    इनमें सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटी और आईटीईएस), पर्यटन और आतिथ्‍य सेवाएं, चिकित्‍सा मूल्‍यांकन भ्रमण, परिवहन और लॉजिस्टिक सेवाएं, लेखा और वित्‍त सेवाएं, दृश्‍य श्रव्‍य सेवाएं, कानूनी सेवाएं, संचार सेवाएं, निर्माण और उससे संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएं, पर्यावरण सेवाएं, वित्‍तीय सेवाएं और शिक्षा सेवाएं शामिल हैं।
    संबद्ध मंत्रालयों/विभागों को कार्य योजना को अंतिम रूप देना होगा और मंत्रिमंडल सचिव के अंतर्गत सचिवों की समिति की सम्‍पूर्ण देखरेख में कार्यान्‍वयन की निगरानी के लिए एक निगरानी तंत्र के साथ कार्यान्‍वयन क्रम विकास होगा। चैम्पियन क्षेत्रों की क्षेत्रीय कार्य योजनाओं की पहलों को सहायता देने के लिए 5000 करोड़ रुपये का एक समर्पित कोष स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है।
    प्रभाव:
    इस पहल से केन्द्रित और निगरानी की गई कार्य योजनाओं के कार्यान्‍वयन के जरिए भारत के सेवा क्षेत्रों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ेगी, जिससे जीडीपी दर बढ़ेगी, अधिक नौकरियां सृजित होगी और वैश्विक बाजारों के लिए निर्यात बढ़ेगा।
    रोजगार सृजन की संभावना:
    भारत के सेवा क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावना है। इस प्रस्‍ताव से केन्द्रित और निगरानी की गई कार्य योजनाओं के कार्यान्‍वयन के जरिए भारत के सेवा क्षेत्रों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ेगी, जिससे जीडीपी दर बढ़ेगी, अधिक नौकरियां सृजित होगी और वैश्विक बाजारों के लिए निर्यात बढ़ेगा।
    वित्‍तीय सम्‍बन्‍ध:
    आवश्‍यक बुनियादी ढांचे के सृजन, वित्‍तीय प्रोत्‍साहनों आदि जैसे तत्‍वों से जुड़े विभिन्‍न क्षेत्रीय कार्य योजनाओं के कुछ भाग, जिन्‍हें तैयार किया जाना है, उनका वित्‍तीय सम्‍बन्‍ध हो सकता है। इन विवरणों को संबद्ध विभागों द्वारा तैयार कार्य योजनाओं के अंतर्गत विस्‍तार से तैयार किया जाएगा और उचित मंजूरी के साथ अंतिम रूप दिया जाएगा।
    चैम्पियन क्षेत्रों की क्षेत्रीय कार्य योजनाओं की पहलों को सहायता देने के लिए 5000 करोड़ रुपये का एक समर्पित कोष स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव है।
    लाभ:
    चूंकि सेवा क्षेत्र भारत के जीडीपी, निर्यात और रोजगार सृजन, बड़ी हुई उत्‍पादकता में महत्‍वपूर्ण योगदान देते हैं। चैम्पियन सेवा क्षेत्रों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता से भारत से विभिन्‍न सेवाओं का निर्यात बढ़ेगा। सन्निहित सेवाएं वस्‍तुओं का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा हैं। अत: प्रतिस्‍पर्धात्‍मक सेवा क्षेत्र निर्माण क्षेत्र की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता से जुड़ जाएगा।
    भारत के सेवा क्षेत्र की हिस्‍सेदारी वैश्विक सेवाओं के निर्यात में 2015 में 3.3 प्रतिशत थी, जबकि 2014 में यह 3.1 प्रतिशत थी। इस पहल के आधार पर 2022 के लिए 4.2 प्रतिशत का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।
    सकल योगित मूल्‍य (जीवीए) में सेवाओं की हिस्‍सेदारी 2015-16 (निर्माण सेवाओं सहित 61 प्रतिशत) में भारत के लिए करीब 53 प्रतिशत थी। जीवीए में सेवाओं की हिस्‍सेदारी 60 प्रतिशत (निर्माण सेवाओं सहित 67 प्रतिशत) हासिल करने का लक्ष्‍य वर्ष 2022 के लिए रखा गया है।
    पृष्‍ठभूमि:
    सचिवों के समूह ने प्रधानमंत्री को भेजी गई अपनी सिफारिशों में 10 चैम्पियन क्षेत्र निर्धारित किए। इनमें सात निर्माण संबंधी क्षेत्र और तीन सेवा क्षेत्र हैं।
    चैम्पियन क्षेत्रों के संवर्धन और उनकी सामर्थ्‍य को हासिल करने के लिए यह फैसला किया गया कि ‘मेक इन इंडिया’ का प्रमुख विभाग –औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) निर्माण में चैम्यिन क्षेत्रों की पहल में प्रमुख भूमिका निभाएगा और वाणिज्‍य विभाग सेवाओं में चैम्पियन क्षेत्रों के लिए प्रस्‍तावित पहल के साथ समन्‍वय कायम करेगा।
    इसके बाद वाणिज्‍य विभाग साझेदारों के साथ विस्‍तृत विचार-विमर्श के साथ अनेक सेवा क्षेत्रों के लिए आरंभिक क्षेत्रीय सुधार योजनाओं का मसौदा तैयार करने और इसके बाद कार्य योजना तैयार करने के लिए सहयोग करेगा।

    जय मल्हार स्कूल बाले ,सोलापूर की ओर से आप सभी को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं।

    इंग्लिश



    Action Plan for Champion Sectors in Services
    The Union Cabinet has approved the proposal of the Department of Commerce to give focused attention to 12 identified Champion Services Sectors. A dedicated fund of Rs. 5000 Cr has been proposed to be established to support initiatives for sectorial Action Plans of the Champion Sectors.
    12 Champion Service Sectors are:
    1. Information Technology
    2. Tourism and Hospitality Services
    3. Medical Value Travel
    4. Transport and Logistics Services
    5. Accounting and Finance Services
    6. Audio Visual Services
    7. Legal Services
    8. Communication Services
    9. Construction and Related Engineering Services
    10. Environmental Services
    11. Financial Services
    12. Education Services

    Benefits:
    • This initiative will enhance the competitiveness of India's service sectors through the implementation of focused and monitored Action Plans, thereby promoting GDP growth, creating more jobs and promoting exports to global markets.
    • Increase in employment opportunities.
    • The year 2022 marks 75th anniversary of India's independence. The Action Plans to be prepared and implemented by the Ministries/Departments concerned shall develop a vision for each of these identified Champion Sectors in the year 2022 and enumerate steps that need to be taken to achieve that vision.
    • The share of India's services sector in global services exports was 3.3% in 2015 compared to 3.1% in 2014. Based on this initiative, a goal of 4.2 % has been envisaged for 2022.
    Note:
    Jay malhar school bale solapur team wishes you a Happy Holi.


    मराठी

    महत्त्वपूर्ण सेवा क्षेत्रांच्या विकासासाठी कृती योजनेला केंद्रीय मंत्रिमंडळाची मंजुरी

    पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या अध्यक्षतेखाली केंद्रीय मंत्रिमंडळाने वाणिज्य व उद्योग मंत्रालयाने ओळखलेल्या 12 निर्धारित महत्त्वपूर्ण सेवा क्षेत्रांच्या विकासावर भर देत त्यांची क्षमता सिद्ध करण्यासाठी तयार करण्यात आलेल्या कृती योजनेच्या प्रस्तावाला मंजुरी दिली आहे.
    12 निर्धारित महत्त्वपूर्ण सेवा क्षेत्रांमध्ये माहिती तंत्रज्ञान आणि माहिती तंत्रज्ञान सक्षम सेवा, पर्यटन आणि आदरातिथ्य सेवा, वैद्यकीय मूल्यांकन भ्रमंती, परिवहन आणि मालवाहतूक सेवा, लेखा आणि वित्त सेवा, दृकश्राव्य सेवा, कायदेशीर सेवा, दळणवळण सेवा, बांधकाम आणि संबंधित अभियांत्रिकी सेवा, पर्यावरण सेवा, वित्तीय सेवा आणि शिक्षण सेवा यांचा समावेश आहे.
    योजनेच्या मुख्य बाबी
    • कृती योजनांच्या उपक्रमांना साहाय्य करण्यासाठी 5,000 कोटी रुपयांचा एक समर्पित निधी स्थापन करण्याचा प्रस्ताव आहे.
    • संबंधित मंत्रालये योजनेच्या अंमलबजावणीसाठी जबाबदार असणार आहेत. सोबतच मंत्रिमंडळ सचिवाच्या नेतृत्वात स्थापित सचिवांच्या समितीच्या मार्गदर्शनाखाली एक देखरेख यंत्रणा तयार केली जाणार.
    योजनेची उद्दिष्टे
    • भारताच्या सेवा क्षेत्राचा वाटा जागतिक सेवांच्या निर्यातीत 2015 साली 3.3% होता, जो 2014 साली 3.1% इतका होता. या नवीन उपक्रमानुसार, सन 2022 साठी हे उद्दिष्ट 4.2% ठेवण्यात आले आहे.
    • भारताचा सकल मूल्य वर्धित (GVA) मध्ये सेवा क्षेत्राचा वाटा वर्ष 2015-16 मध्ये सुमारे 53% होता. सन 2022 साठी हे उद्दिष्ट 60% ठेवण्यात आले आहे.
    या उपक्रमामुळे केंद्रित आणि देखरेख ठेवलेल्या कृती योजनांच्या अंमलबजावणीच्या माध्यमातून भारताच्या सेवा क्षेत्रांची स्पर्धात्मकता वाढणार, ज्यामुळे सकल देशांतर्गत उत्पन्न (GDP) दर वाढणार, रोजगार निर्मितीत वाढ होणार आणि जागतिक बाजारात निर्यात वाढणार.
    संबंधित मंत्रालये/विभाग यांनी तयार केलेल्या कार्यान्वित कृती योजनांमधून 2022 साली या निर्धारित महत्त्वपूर्ण क्षेत्रांपैकी प्रत्येकासाठी एक संकल्पना विकसित होऊ शकणार.

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