करेंट अफेयर्स १३ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
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11 देशों ने अमेरिका के बिना संशोधित टीपीपी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये:
चिली की राजधानी सैंटियागो में 11 पैसिफिक रिम देशों ने औपचारिक रूप से कॉम्प्रिहेन्सिव एंड प्रोग्रेसिव ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप या सीपी टीपीपी या टीपीपी-11 समझौते में प्रवेश किया है।
यह अमेरिका द्वारा प्रस्तावित ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) का संशोधित संस्करण है, जिसको अमेरिका द्वारा अपना नाम वापस लिए जाने के बाद इन देशों ने आपसी सहयोग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया है।
कॉम्प्रिहेन्सिव एंड प्रोग्रेसिव ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप:
टीपीपी 11 में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, सिंगापुर और वियतनाम शामिल हैं। इन देशों की संयुक्त आबादी 500 मिलियन से अधिक है और इनकी अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 13% है। यदि अमेरिका इसमें सम्मिलित होता तो यह यह हिस्सा 40% हो जाता।
यूरोपीय संघ (ईयू) और उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (एनएएफटीए) के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक समूह (ट्रेड-ब्लॉक) होगा। समझौते को 11 सदस्य देशों में से छह के द्वारा घरेलू स्तर पर पारित कर दिए जाने के 60 दिन बाद यह प्रभाव में आ जाएगा।
यह समझौता अमेरिका द्वारा प्रस्तावित मूल टीपीपी की कुछ आवश्यकताओं को समाप्त करता है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में बौद्धिक संपदा संरक्षण को और अधिक बढ़ाने के लिए नियम शामिल थे।
पृष्ठभूमि:
टीपीपी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र के चारों ओर अवस्थित 12 राष्ट्रों का एक व्यापार समझौता था, जिससे जनवरी 2017 में राष्ट्रपति ट्रम्प के निर्णय के बाद अमेरिका बाहर हो गया। इसका उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों के मध्य आयत-निर्यात पर लगने वाले शुल्क में कमी लाना था। टीटीपी समझौते को मूल रूप से चीन के क्षेत्र में बढ़ते आर्थिक प्रभाव के प्रति संतुलन के रूप में माना जा रहा था।
चिली की राजधानी सैंटियागो में 11 पैसिफिक रिम देशों ने औपचारिक रूप से कॉम्प्रिहेन्सिव एंड प्रोग्रेसिव ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप या सीपी टीपीपी या टीपीपी-11 समझौते में प्रवेश किया है।
यह अमेरिका द्वारा प्रस्तावित ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) का संशोधित संस्करण है, जिसको अमेरिका द्वारा अपना नाम वापस लिए जाने के बाद इन देशों ने आपसी सहयोग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया है।
कॉम्प्रिहेन्सिव एंड प्रोग्रेसिव ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप:
टीपीपी 11 में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, सिंगापुर और वियतनाम शामिल हैं। इन देशों की संयुक्त आबादी 500 मिलियन से अधिक है और इनकी अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 13% है। यदि अमेरिका इसमें सम्मिलित होता तो यह यह हिस्सा 40% हो जाता।
यूरोपीय संघ (ईयू) और उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (एनएएफटीए) के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक समूह (ट्रेड-ब्लॉक) होगा। समझौते को 11 सदस्य देशों में से छह के द्वारा घरेलू स्तर पर पारित कर दिए जाने के 60 दिन बाद यह प्रभाव में आ जाएगा।
यह समझौता अमेरिका द्वारा प्रस्तावित मूल टीपीपी की कुछ आवश्यकताओं को समाप्त करता है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में बौद्धिक संपदा संरक्षण को और अधिक बढ़ाने के लिए नियम शामिल थे।
पृष्ठभूमि:
टीपीपी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र के चारों ओर अवस्थित 12 राष्ट्रों का एक व्यापार समझौता था, जिससे जनवरी 2017 में राष्ट्रपति ट्रम्प के निर्णय के बाद अमेरिका बाहर हो गया। इसका उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों के मध्य आयत-निर्यात पर लगने वाले शुल्क में कमी लाना था। टीटीपी समझौते को मूल रूप से चीन के क्षेत्र में बढ़ते आर्थिक प्रभाव के प्रति संतुलन के रूप में माना जा रहा था।
इंग्लिश
11 countries sign revised TPP trade pact without US
Since the Trump government left the Trans Pacific Partnership agreement, Japan and Canada have taken the lead to save the agreement. On 8th March, 11 countries without the US have signed the TPP trade pact.
The TPP includes 11 countries:
There can be various explanations for it. However, most important factors can be summarized as:
Since the Trump government left the Trans Pacific Partnership agreement, Japan and Canada have taken the lead to save the agreement. On 8th March, 11 countries without the US have signed the TPP trade pact.
The TPP includes 11 countries:
- Australia
- Brunei
- Chile
- New Zealand
- Peru
- Singapore
- Vietnam
- Japan
- Malaysia
- Mexico
- Canada
There can be various explanations for it. However, most important factors can be summarized as:
- Brack Obama started this agreement but US Congress never ratified this treaty. It is same as Woodrow Wilson started the League of Nations but never joined it.
- Current US President Trump is favouring more to protectionist economic policies than liberal economic policies. It also undermines the US allies in Asia as it was seen as a strong alternative to China’s One Belt One Road initiative.
- The combined economies of 11 countries produce 14% of the global economy.
- It will span a market of nearly 500 million people.
- The agreement will come into effect when at least six countries will ratify it.
- Some of the previous clauses have been removed such as Intellectual Property Rights given to pharmaceuticals.
मराठी
अमेरिकेशिवाय 11 प्रशांत देशांनी सुधारित TPP व्यापार करार केला
11 प्रशांत देशांनी बहुचर्चित ट्रान्स-पॅसिफिक पार्टनरशिप (TPP) वर अखेर स्वाक्षर्या केल्या. मात्र पुढाकार घेतलेल्या अमेरिकेने यामधून आपली माघार घेतली.
TPP करारावर ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, चिली, न्यूझीलंड, पेरू, सिंगापूर, व्हिएतनाम, जपान, मलेशिया, कॅनडा आणि मेक्सिको यांनी स्वाक्षर्या केल्या आहेत.
ट्रान्स-पॅसिफिक पार्टनरशिप (TPP) बाबत
जागतिक व्यापार धोरणात क्षेत्रीय व्यापाराला चालना देण्याच्या हेतूने 5 वर्षांच्या दीर्घ चर्चेनंतर संयुक्त राज्य अमेरिका व जपान यांसहित प्रशांत महासागर खंडातल्या 12 देशांच्यामध्ये एका महत्त्वाकांक्षी मुक्त व्यापार कराराची रचना केली गेली. या कराराला ‘ट्रान्स-पॅसिफिक पार्टनरशिप (TPP)’ हे नाव दिले गेले.
TPP युरोपीय संघाच्या रचनेवर एकल बाजारपेठ बनविण्यासाठी एक महत्त्वाकांक्षी करार आहे. TPP प्रशांत क्षेत्रातल्या 12 देशांमध्ये झालेला एक मुक्त व्यापार करार आहे. हा 5 ऑक्टोबर 2015 रोजी अमेरिकेच्या अटलांटा शहरात तयार केला गेला. मात्र अमेरिकेने जानेवारी 2017 रोजी TPP वाटाघाटीतून माघार घेतली.
TPP मध्ये आराखडीत समाविष्ट प्रदेश - जपान, सिंगापुर, व्हिएतनाम, ब्रुनेई (आशिया) तसेच मलेशिया, उत्तर अमेरिका पासून ते संयुक्त राज्य अमेरिका, कॅनडा आणि मॅक्सिको, दक्षिण अमेरिका पासून ते चिली तसेच पेरू आणि ऑस्ट्रेलिया पासून ते ऑस्ट्रेलिया आणि न्यूझीलँड.
विवाद निराकरणासाठी तटस्थ न्यायाधिकरणाची तरतूद यामध्ये आहे. करारामुळे जवळपास 1800 कर रद्द होणार. सदस्य देश 800 दशलक्ष लोकसंख्या व एकूण जागतिक अर्थव्यवस्थेच्या 40% चे प्रतिनिधित्व करते.
या करारामुळे देशांमध्ये एकसमान व्यापारी मानक लागू होतील, समान श्रमिक अधिकार असतील आणि पशूंच्या अवैध व्यापाराला आळा बसणार.
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