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    Thursday, May 24, 2018

    Civil Aviation Ministry releases draft passenger charter नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्री चार्टर का मसौदा जारी किया: नागरी उड्डयन मंत्रालय प्रवासी संहिता तयार करीत आहे

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    करेंट अफेयर्स 24 मे 2018 हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
    / currentaffairs
    Civil Aviation Ministry releases draft passenger charter
    नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्री चार्टर का मसौदा जारी किया:

    नागरी उड्डयन मंत्रालय प्रवासी संहिता तयार करीत आहे

    Hindi | हिंदी

    नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्री चार्टर का मसौदा जारी किया:
    एयरलाइनों की मनमानी पर लगाम लगाने हेतु केंद्र सरकार ने 22 मई 2018 को विमान यात्रियों के लिए चार्टर का ड्राफ्ट जारी किया। इसके अनुसार, घरेलू उड़ानों की बुकिंग के 24 घंटे के अंदर टिकट रद्द करने पर कैंसिलेशन चार्ज न वसूला जाए।
    हालांकि, उड़ान के तय समय में 96 घंटे यानी चार दिन से कम रहने पर यह सुविधा नहीं मिलेगी। नागरिक उड्‌डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि 24 घंटे के लॉक इन पीरियड में यात्री बिना कोई चार्ज दिए टिकट पर नाम सुधार सकेंगे या यात्रा की तारीख बदल सकेंगे।
    प्रमुख तथ्य:
    चार्टर के अनुसार, यदि उड़ान में चार से 12 घंटे तक का विलंब होता है तो एयरलाइन यात्री को 10 हजार रुपये का हर्जाना देगी। परंतु यदि 12 घंटे से अधिक विलंब होता है और इस कारण यात्री की कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाती है तो हर्जाने की रकम बढ़कर दूनी अर्थात 20 हजार रुपये हो जाएगी। हर्जाने पर विवाद की स्थिति में उड्डयन महानिदेशालय डीजीसीए का फैसला सर्वमान्य होगा।
    मौजूदा नियमों के अनुसार विभिन्न एयरलाइनें अलग-अलग कैंसिलेशन चार्ज वसूल करती हैं। ऐसे मामलों की कमी नहीं है जिनमें यात्रियों ने मंत्रालय से भारी शुल्क वसूले जाने की शिकायत की है।
    यदि यात्री को दो सप्ताह से एक दिन पहले तक फ्लाइट कैंसिल होने की सूचना दी जाती है तो ऐसी स्थिति में एयरलाइन को ऐसी वैकल्पिक फ्लाइट का प्रस्ताव देना होगा जो बुक की गई फ्लाइट से दो घंटे के भीतर उड़ने वाली हो। ऐसा संभव न होने पर यात्री को टिकट का पूरा पैसा वापस करना होगा।
    यदि उड़ान में विलंब की सूचना उड़ान के मूल समय से 24 घंटे से ज्यादा समय पहले दी जाती है और उड़ान में विलंब चार घंटे से ज्यादा होता है तो ऐसी दशा में पूरा रिफंड देना होगा।
    हालांकि यदि उड़ान में विलंब मौसम की खराबी के कारण होता है तो एयरलाइनों को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकेगा। यदि किसी यात्री को बोर्डिग से मना किया जाता है तो उस दशा में एयरलाइन उसे कम से कम 5000 रुपये का हर्जाना प्रदान करेगी।
    एयरलाइनें दिव्यांगों के बैठने के लिए उपयुक्त और निर्धारित सीटों पर सामान्य यात्रियों की बुकिंग नहीं करेंगी। इन्हें तब तक खाली रखा जाएगा जब तक कि विमान के दरवाजे उड़ान के लिए बंद नहीं हो जाते।
    दिव्यांग यात्रियों से उनकी विशेष सीटों के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जाएगा।-सभी एयरलाइनों को ऑनबोर्ड इंटरनेट व मोबाइल सेवा देने की इजाजत।
    जयंत सिन्हा ने कहा कि भारत में ऑपरेट करने वाली सभी घरेलू तथा इंटरनेशनल एयरलाइनों को उड़ान के दौरान विमान के भीतर (ऑनबोर्ड) इंटरनेट व मोबाइल सेवा देने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि इसके लिए उन्हें विमानन मंत्रालय से लाइसेंस लेना होगा।
    मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत विमानन मंत्रालय ने यात्रियों की सुविधा के लिए डिजियात्रा तथा एयर सेवा नामक मोबाइल ऐप शुरू कर दिए हैं। डिजियात्रा के तहत फिंगरप्रिंट के मार्फत अपनी यात्रा के अनुभव को शुरू से आखिर तक आसान व बेहतर किया जा सकता है। जबकि एयरसेवा के जरिए अपनी फ्लाइट की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। मंत्रालय एयर सेवा ऐप को और उन्नत बनाने का प्रयास कर रहा है।





    English | इंग्लिश

    Civil Aviation Ministry releases draft passenger charter
    Minister of state for civil aviation Jayant Sinha, who briefed reporters on the new passenger charter, said the idea is to offer a safe, seamless, convenient and delightful experience to consumers
    Air travellers who cancel or re-schedule their tickets within 24 hours of booking will not have to pay penal charges if the government enforces a new charter.
    The rights available to passengers under the proposed charter include compulsory refund of the full fare if flight cancellation is intimated to the traveller less than 24 hours prior to departure. If cancellation is informed before 24 hours but within a fortnight, the passenger should be offered either a refund or an alternative flight. The charter also says airports have to offer half an hour of free Wi-Fi to passengers.
    The move is for government’s overall efforts to make air travel more affordable and accessible and to achieve the scale of one billion passengers a year, nearly four times the 265 million recorded in 2016-17.
    The free cancellation or re-scheduling facility, however, is available only on domestic trips and will not be available in the last 96 hours of departure as airlines will find it difficult to fill the vacant seats and could suffer revenue loss.
    The Federation of Indian Airlines (FIA) is the apex industry body for the aviation sector.
    Schemes related to for government’s overall efforts to make air travel more affordable and accessible:
    U.D.A.N-Ude Dsh ka Aam Nagrik
    Five airlines will operate on 128 routes connecting over 30 unserved airports under the regional connectivity scheme wherein fares are capped at Rs 2,500 for one-hour flights. As many as 70 airports, including 31 unserved and 12 under-served ones, would be connected with the UDAN flights.
    The operators are Air India’s subsidiary Airline Allied Services, SpiceJet, Air Deccan, Air Odisha and Turbo Megha. They would be operating 19-78 seater aircraft. These flights would connect airports spread across over 20 states and union territories including Punjab, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Maharashtra, Andhra Pradesh, Gujarat, Himachal Pradesh, Karnataka, Tamil Nadu and Puducherry.







    Marathi | मराठी

    नागरी उड्डयन मंत्रालय प्रवासी संहिता तयार करीत आहे

    भारत सरकारचे केंद्रीय नागरी उड्डयन मंत्रालय एक प्रवासी संहिता तयार करीत आहे आणि त्याचा मसुदा नुकताच प्रसिद्ध केला गेला आहे. या दस्तऐवजानुसार, हवाई प्रवास करणार्‍या प्रवाश्यांना अनेक सवलती दिल्या जाणार आहेत.
    ठळक वैशिष्ट्ये
    • विमान सेवेकडून उड्डाणामध्ये विलंब झाल्यास किंवा उड्डाण रद्द झाल्यास प्रवाश्यांना तिकिटाच्या पूर्ण रकमेसह अतिरिक्त भरपाई दिली जाईल. ओळखपत्र म्हणून ‘आधार’ अनिवार्य नाही आणि प्रवासादरम्यान वाय-फाय कनेक्टिव्हिटी उपलब्ध असेल.
    • स्थानिक मार्गांवर तिकिट आरक्षित केल्यानंतर 24 तासांच्या आत तिकिट रद्द केल्यास किंवा तारीख-वेळ यामध्ये बदल केल्यास कोणतेही अतिरिक्त शुल्क आकारले जाणार नाहीत.
    • उड्डाणाला 4-12 तासांचा विलंब झाल्यास, विमान सेवा कंपनीला प्रवाश्याला भरपाई म्हणून 10000 रुपये द्यावे लागणार. 12 तासांहून अधिक विलंब झाल्यास आणि या कारणामुळे प्रवाश्याचे लागून असलेले उड्डाण पकडू न शकल्यास, भरपाई म्हणून ही रक्कम दुप्पट होऊन ती 20000 रुपये असेल. भरपाईवरुन उद्भवलेल्या विवादीत स्थितीत उड्डयन महासचिवालय (DGCA) यांचा निर्णय सर्वमान्य असेल.
    • जर प्रवाश्याला दोन आठवड्यांच्या एक दिवसाआधी उड्डाण रद्द झाल्याची माहिती दिली गेली, तर अश्या परिस्थितीत विमान सेवा कंपनीला अश्या पर्यायी उड्डाणाबद्दल प्रस्ताव मांडावा लागणार, जी आरक्षित केल्या गेलेल्या उड्डाणाच्या दोन तासांच्या आत उडणारी असेल. असे शक्य न झाल्यास प्रवाश्याला तिकीटाची पूर्ण रक्कम परत दिली जाणार.
    • उड्डाणाला विलंब झाल्याची माहिती उड्डाणाच्या 24 तासांआधी दिली गेली असल्यास आणि उड्डाणाला 4 तासाहून अधिक काळ विलंब झाल्यास पूर्ण रक्कम परत केली जाणार.
    • उड्डाणाला विलंब होण्याचे कारण हवामान परिस्थिती असल्यास कंपन्यांना जबाबदार ठरवल्या जाणार नाही. जर एखाद्या व्यक्तीला बोर्डिगसाठी नाकारल्यास, अश्या परिस्थितीत कंपनी त्याला कमीतकमी 5000 रुपये भरपाई देईल.
    • कंपनी विशेषताः दिव्यांगांना बसण्यासाठी उपयुक्त आणि आरक्षित आसनांवर सामान्य प्रवाश्यांची बुकिंग करू शकत नाही. या आसनांना तोपर्यंत खाली ठेवले जाणार, जोपर्यंत विमानाचे दरवाजे उड्डाणासाठी बंद केले जात नाहीत.
    • दिव्यांग प्रवाश्यांकडून अश्या विशेष आसनांसाठी कोणतेही अतिरिक्त शुल्क आकारले जाणार नाही.
    भारतात संचालित सर्व स्थानिक आणि आंतरराष्ट्रीय सेवा कंपन्यांना उड्डाणादरम्यान विमानात इंटरनेट व मोबाइल सेवा देण्यास परवानगी दिली गेली आहे. त्यासाठी कंपन्यांना नागरी उड्डयन मंत्रालयाकडून परवाना घ्यावा लागणार.






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