गोंडी भाषा को अपना पहला शब्दकोष मिलेगा:
गोंडी भाषा, गोंड लोगों द्वारा कई राज्यों में बसे लगभग दो लाख लोगों द्वारा बोली जाती है। यह भारत में प्रमुखतः छह राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में बोली जाती है।
गोंडी भाषा:
इसमें छह अलग-अलग प्रकार की बोलियां होती हैं। यह एक समृद्ध लोक परंपरा है लेकिन यह केवल 100 लोगों द्वारा लिखी जा सकती है। गोंडी यूनेस्को के एटलस ऑफ़ वॉल्ड लैंग्वेज में 'वल्नरेबल' श्रेणी में आती है। यही कारण है कि, कुछ उद्यमियों ने देश की पहली गोंडी डिक्शनरी को संकलित करने का लक्ष्य रखा है। गोंडी भाषा में समृद्ध लोकसाहित्य, जैसे विवाह-गीत एवं कहावतें हैं।
गोंडी प्रायः देवनागरी तथा तेलुगु लिपियों में लिखी जाती है किन्तु इसके लिए गोंडी लिपि भी मौजूद है। गोंडी लिपि की डिजाइन सन् 1928 में एक गोण्ड ने ही की थी। सप्ताह के दिनों के नाम, महीनों के नाम, गोण्ड त्यौहारों के नाम गोण्ड लिपि में प्राप्त हुए थे। अधिकांश गोण्ड लोग अशिक्षित हैं अतः कोई लिपि प्रयोग नहीं करते।
सीजी नेट:
यह परियोजना सीजीएनईटी स्वर के संस्थापक शुभ्रांशु चौधरी की अध्यक्षता में विस्तारित की जा रही है। सीजीएनईटी स्वर एक आवाज आधारित पोर्टल है जोकि सेंट्रल गोंडवाना क्षेत्र में लोगों को एक फोन कॉल के माध्यम से स्थानीय समाचारों को रिपोर्ट करने की अनुमति देता है।
शब्दकोष:
फिलहाल सभी राज्यों में बोली जानी वाली गोंडी से 3000 कॉमन शब्द लिए गए हैं। मानक शब्द के चयन पर बात करते हुए मध्यप्रदेश के इंदौर से आई सुशीला धुर्वे बताती हैं कि जिस शब्द का इस्तेमाल सबसे ज्यादा राज्यों में होता है उसे मानक शब्द के रूप में लिया जा रहा है, लेकिन अन्य राज्यों में बोले जाने वाले शब्दों को रिफरेंस के लिए डिक्शनरी में शामिल किया जा रहा है।
Gondi Language to get its first dictionary
Gondi language is spoken by two million people across multiple states by Gond people. It is spoken in the six states of Madhya Pradesh, Gujarat, Telangana, Maharashtra, Chhattisgarh and Andhra Pradesh.
Gondi language:
It has six different dialects, a rich folk tradition but can be written only by 100 people.
Gondi is in the vulnerable category on UNESCO’s Atlas of the Wold Languages in Danger. That’s why, some entrepreneurs are coming forward to put together the country’s first Gondi dictionary.
CG Net
The project is spread headed by Shubhranshu Choudhury, founder of CGNET Swara, a voice based portal that allows people in the Central Gondwana region to report local news by making a phone call.
The dictionary has currently 3000 words and it is too small to be called a dictionary.
गोंडी भाषेला पहिला शब्दकोश लवकरच मिळणार
जवळपास दोन दशलक्ष गोंड लोकांद्वारा बहुसंख्य राज्यांमध्ये गोंडी भाषा बोलली जाते. ही भाषा मध्यप्रदेश, गुजरात, तेलंगाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगड आणि आंध्रप्रदेश या सहा राज्यांत मुख्यत: बोलली जाते.
CGNET प्रकल्प
‘CGNET स्वरा’ संस्थेचे संस्थापक शुभ्रंशू चौधरी या प्रकल्पाचे नेतृत्व करीत आहेत. CGNET प्रकल्पामधून तयार करण्यात आलेला शब्दकोष सध्या 3000 शब्दांचा आहे आणि त्यावर काम चालू आहे.
प्रकल्पामार्फत आवाजावर आधारित एक ऑनलाइन व्यासपीठ तयार केले जात आहे. हा प्रकल्प केंद्रीय गोंडवाना परिसरातील नागरिकांना फोन कॉल करून स्थानिक बातम्या नोंदविण्याची परवानगी देतो.
गोंडी भाषेसंबंधी
गोंडी भाषा एक श्रीमंत लोक परंपरा आहे. गोंडी भाषेमध्ये सहा वेगवेगळ्या बोलीभाषा आहेत, परंतु केवळ 100 लोकांनाच लिहिता येते.
UNESCO कडून तयार करण्यात आलेल्या जगात बोलल्या जाणार्या भाषांच्या यादीत धोक्यात असलेल्या वर्गामध्ये गोंडी भाषेचा समावेश करण्यात आला आहे. म्हणूनच, काही उद्योजक देशाचा पहिला गोंडी भाषेचा शब्दकोष तयार करण्यासाठी पुढे येत आहेत.
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