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    Wednesday, April 18, 2018

    भारत में नक्सलवाद की घटनाओं में कमी आ रही है: गृह मंत्रालय रिपोर्ट। Naxalism is declining in India: MHA Report।

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    करेंट अफेयर्स १८ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
    Naxalism is declining in India: MHA Report

    देशात नक्षली कार्यवायांमध्ये घट होत आहे: गृह मंत्रालय


    हिंदी

    भारत में नक्सलवाद की घटनाओं में कमी आ रही है: गृह मंत्रालय रिपोर्ट
    गृह मंत्रालय ने नक्सली समस्या को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। मंत्रालय ने कहा है कि देश में नक्सली समस्या से निपटने में सेना ने सफलता प्राप्त की है। मंत्रालय ने कहा है कि देश के 44 नक्सल प्रभावित जिले नक्सली समस्या से मुक्त हो गए हैं वहां पर नक्सल पूर्णता खत्म हो गया है।
    मंत्रालय द्वारा जारी आकड़ों में कहा गया है कि उसकी नीतियों और सेना की कुशलता के कारण 11 राज्यों के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की संख्या 126 से घटकर 90 रह गई है। इसके अलावा अत्याधिक प्रभावित जिलों की संख्या भी 36 से कम होकर 30 हो गई है।
    प्रमुख तथ्य:
    सरकार का कहना है कि उसने देश में नक्सल समस्या से निपटने के लिए वर्ष 2015 में ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ शुरू की थी। इस बहुस्तरीय रणनीति में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी उपायों के साथ-साथ विकास परियोजनाओं पर पूरा जोर दिया गया है।
    सरकार के अनुसार भौगोलिक दृष्टि से भी नक्सली हिंसा के क्षेत्र में कमी आयी है और जहां 2013 में यह 76 जिलों में फैला था वहीं 2017 में यह केवल 58 जिलों तक सिमट कर रह गया है।
    इनमें से भी केवल 30 जिले ऐसे हैं जहां देश में नक्सली हिंसा सबसे अधिक है। इसी दौरान कुछ नये जिलों का भी पता चला है जिनमें नक्सली अपने पैर जमा रहे हैं। सबसे ज्याद अंतर पश्चिम बंगाल में सामने आया है जहां केवल एक जिले झाडग़्राम में ही नक्सलियों का प्रभाव ज्यादा है जबकि पहले राज्य के चार जिले इस समस्या से प्रभावित थे।
    गृह मंत्रालय ने पहले नक्सल समस्या से प्रभावित राज्यों के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय राशि देने की योजना बनायी थी। इसके आधार पर 44 जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से निकाल दिया गया जबकि 8 नये जिलों को इसमें जोड़ दिया गया।
    निकाले गये जिलों में तेलंगाना के 19, ओडिशा और बिहार के 6-6, पश्चिम बंगाल के 4, आन्ध्र और छत्तीसगढ के 3-3, झारखंड के 2 और महाराष्ट्र का एक जिला शामिल है।  केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के ट्राईजंक्शन क्षेत्र में माओवादियों के बढते प्रभाव से निपटने के लिए केरल के तीन जिलों को इस सूची में शामिल किया गया है।
    नक्सलवाद क्या है?
    नक्सलवाद कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों के उस आंदोलन का अनौपचारिक नाम है जो भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के फलस्वरूप उत्पन्न हुआ। नक्सल शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के छोटे से गाँव नक्सलबाड़ी से हुई है जहाँ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 मे सत्ता के खिलाफ़ एक सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत की।
    मजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बहुत बड़े प्रशंसकों में से थे और उनका मानना था कि भारतीय मज़दूरों और किसानों की दुर्दशा के लिये सरकारी नीतियाँ जिम्मेदार हैं जिसकी वजह से उच्च वर्गों का शासन तंत्र और फलस्वरुप कृषितंत्र पर वर्चस्व स्थापित हो गया है। इस न्यायहीन दमनकारी वर्चस्व को केवल सशस्त्र क्रांति से ही समाप्त किया जा सकता है।
    1967 में "नक्सलवादियों" ने कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों की एक अखिल भारतीय समन्वय समिति बनाई। इन विद्रोहियों ने औपचारिक तौर पर स्वयं को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से अलग कर लिया और सरकार के खिलाफ़ भूमिगत होकर सशस्त्र लड़ाई छेड़ दी।
    1971 के आंतरिक विद्रोह (जिसके अगुआ सत्यनारायण सिंह थे) और मजूमदार की मृत्यु के बाद यह आंदोलन एकाधिक शाखाओं में विभक्त होकर कदाचित अपने लक्ष्य और विचारधारा से विचलित हो गया।



    इंग्लिश


    Naxalism is declining in India: MHA Report
    Naxalism has been one of the biggest internal security threats for India. However, the new report released by Ministry of Home Affairs (MHA) says the Maoist influence has been shrinking.
    Highlights of the Report:
    • The number of districts affected with Naxal violence have dropped from 106 to 90.
    • The number of worst affected districts have also declined from last year’s 36 to 30.
    • Indian government has launched National Policy and Action Plan in 2015 which is aimed at addressing Left Wing Extremism (LWE) in the country.
    States affected with Left Wing Extremism (LWE)
    • The report considers Chhattisgarh, Jharkhand, Odisha and Bihar as states that are severely affected by LWE.
    • West Bengal, Maharashtra and Andhra Pradesh (earlier a part of the severely affected category) are considered partially affected. 
    • Uttar Pradesh and Madhya Pradesh are classified as states that are slightly affected.
    New States under LWE
    • According to the report, Maoists are making a foray into Kerala, Karnataka and Tamil Nadu, and planning to link the Western and Eastern Ghats through these states.
    • The report also notes that the Maoists are attempting to make inroads into Assam and Arunachal Pradesh, and their success in doing so can have long-term strategic implications.
    Government’s prolonged approach to tackle LWE
    • The multi-pronged strategy primarily includes development and security aspects of affected districts. Projects related to development include infrastructure, roads, cellphone connectivity, bridges and schools.
    • As per MHA data, 2,329 mobile towers were installed in Maoist-affected areas in the first phase of the project aimed at improving cellphone connectivity, with the maximum number of towers being installed in Jharkhand (816), followed by Chhattisgarh (519). In the second phase, the government plans to install another 4,072 mobile towers.
    • 4,544 kilometers of road have also been built in the affected areas.





    मराठी

    देशात नक्षली कार्यवायांमध्ये घट होत आहे: गृह मंत्रालय

    अहवालानुसार, देशातल्या 44 नक्षलग्रस्त जिल्ह्यांमधील नक्षली कारवाया बंद पडल्या आहेत आणि ते पूर्णता त्या प्रभावातून मुक्त झाले आहेत.
    नक्षल-विरोधी कारवाईमुळे 11 राज्यांच्या नक्षलग्रस्त क्षेत्रांची संख्या 126 वरून कमी होत 90 झाली आहे. शिवाय, अत्याधिक प्रभावित जिल्ह्यांची संख्या देखील 36 हून घटत 30 झाली आहे.
    अहवालातील अन्य ठळक बाबी
    नक्षलवाद्यांशी लढण्याकरिता 2015 सालापासून केंद्रीय गृह मंत्रालय “राष्ट्रीय धोरण आणि कृती धोरण” राबवत आहे.
    • गेल्या चार वर्षात परिस्थितीत लक्षणीय सुधारणा झाली असून 2013 सालच्या तुलनेत 2017 साली नक्षली हिंसाचाराच्या घटनांमध्ये 20% ची आणि मृत्यूच्या प्रमाणात 34% ची घट झाली आहे.
    • भौगोलिक दृष्टीने नक्षली हिंसाचाराच्या क्षेत्रात घट झाली आहे. नक्षली हिंसाचार 2013 साली 76 जिल्ह्यात होता तो कमी होऊन 2017 साली हा आकडा 58 जिल्ह्यांवर स्थिरावला आहे.
    • मात्र अतिरेकी विचारसरणीने काही नव्या जिल्ह्यांमध्ये हातपाय पसरण्यावर लक्ष केंद्रित‍ केले आहे. या पार्श्वभूमीवर केरळ, कर्नाटक आणि तामिळनाडू या तिन्ही राज्यांमधल्या एकमेकांना लागून असलेल्या आदिवासी भागांचा आणि केरळमधल्या तीन जिल्ह्यांचा सुरक्षा संबंधित खर्च (SRE) योजनेत समावेश करण्यात आला आहे आणि या यादीत 8 नवीन जिल्ह्यांचा समावेश केला आहे.
    या भागात हिंसाचाराच्या कोणत्याही घटना घडलेल्या नाहीत. मात्र खबरदारी म्हणून हे पाऊल उचलण्यात आले आहे.



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