करेंट अफेयर्स १२ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी-(ad)
हिंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए सौर प्रौद्योगिकी मिशन की घोषणा की:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुल ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में सौर बिजली का हिस्सा बढ़ाने पर जोर दिया है।
11 मार्च 2018 को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के संस्थापन सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए रियायती और कम जोखिम वाला कर्ज उपलब्ध कराने का आह्वान करते हुए देश में 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन को 175 गीगावॉट तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दस सूत्रीय र्कारवाई योजना पेश की। इस कार्रवाई योजना में सभी राष्ट्रों को सस्ती सौर प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना, ऊर्जा मिश्रण में फोटोवोल्टिक सेल से उत्पादित बिजली का हिस्सा बढ़ाना, नियमन और मानदंड बनाना, बैंक ऋण योग्य सौर परियोजनाओं के लिए सलाह देना और विशिष्टता केंद्रों का नेटवर्क बनाना शामिल है।
प्रमुख तथ्य:
आईएसए के 2030 तक 1,000 गीगावॉट के सौर बिजली उत्पादन तथा 1,000 अरब डॉलर का निवेश जुटाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को रियायती कर्ज उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इस तरह की परियोजनाओं को कम जोखिम वाला वित्त उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 175 गीगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा, जिसमें से 100 गीगावॉट सौर बिजली के रूप में होगा। उन्होंने कहा कि आईएसए सचिवालय को मजबूत तथा पेशेवर बनाया जाएगा।
सौर गठबंधन के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदस्य राष्ट्रों के लिए पांच सौ प्रशिक्षण शिविर बनाये जाएंगे और सौर प्रौद्योगिकी मिशन इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास का नेतृत्व करेगा।
भारत द्वारा दुनिया भर में सौर ऊर्जा के विकास के लिए 1.4 अरब डॉलर की सहायता देने का निर्णय:
भारत ने वैश्विक सौर ऊर्जा पहल में नेतृत्वकारी भूमिका लेते हुए विकासशील देशों को सौर ऊर्जा परियोजनाएं बनाने में मदद करने के लिए परियोजना निर्माण केन्द्र (पीपीएफ) के गठन और 15 देशों में 27 परियोजनाओं के लिए लगभग 1.4 अरब डॉलर की मदद देने की घोषणा की। पीपीएफ व्यवहार्य परियोजनाओं को डिजाइन करने के लिए सदस्य देशों को परामर्श सेवाएं देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कुल ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में सौर बिजली का हिस्सा बढ़ाने पर जोर दिया है।
11 मार्च 2018 को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के संस्थापन सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए रियायती और कम जोखिम वाला कर्ज उपलब्ध कराने का आह्वान करते हुए देश में 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन को 175 गीगावॉट तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दस सूत्रीय र्कारवाई योजना पेश की। इस कार्रवाई योजना में सभी राष्ट्रों को सस्ती सौर प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना, ऊर्जा मिश्रण में फोटोवोल्टिक सेल से उत्पादित बिजली का हिस्सा बढ़ाना, नियमन और मानदंड बनाना, बैंक ऋण योग्य सौर परियोजनाओं के लिए सलाह देना और विशिष्टता केंद्रों का नेटवर्क बनाना शामिल है।
प्रमुख तथ्य:
आईएसए के 2030 तक 1,000 गीगावॉट के सौर बिजली उत्पादन तथा 1,000 अरब डॉलर का निवेश जुटाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को रियायती कर्ज उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इस तरह की परियोजनाओं को कम जोखिम वाला वित्त उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 175 गीगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा, जिसमें से 100 गीगावॉट सौर बिजली के रूप में होगा। उन्होंने कहा कि आईएसए सचिवालय को मजबूत तथा पेशेवर बनाया जाएगा।
सौर गठबंधन के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदस्य राष्ट्रों के लिए पांच सौ प्रशिक्षण शिविर बनाये जाएंगे और सौर प्रौद्योगिकी मिशन इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास का नेतृत्व करेगा।
भारत द्वारा दुनिया भर में सौर ऊर्जा के विकास के लिए 1.4 अरब डॉलर की सहायता देने का निर्णय:
भारत ने वैश्विक सौर ऊर्जा पहल में नेतृत्वकारी भूमिका लेते हुए विकासशील देशों को सौर ऊर्जा परियोजनाएं बनाने में मदद करने के लिए परियोजना निर्माण केन्द्र (पीपीएफ) के गठन और 15 देशों में 27 परियोजनाओं के लिए लगभग 1.4 अरब डॉलर की मदद देने की घोषणा की। पीपीएफ व्यवहार्य परियोजनाओं को डिजाइन करने के लिए सदस्य देशों को परामर्श सेवाएं देगा।
इंग्लिश
PM Modi announces solar technology mission for R&D in the sector
Indian PM presented 10 action points for solar energy at the first founding conference of International Solar Alliance at Rashtrapati Bhavan in New Delhi. The conference was co-chaired by French President Macron and Indian PM Modi on 11 March.
Major Highlights of the Conference:
What is ISA?
It was unveiled jointly by Indian PM Modi and French President Francois Hollande at the UN Climate Change Conference 2015in Paris. The idea was to form a coalition of solar resource rich countries to collaborate on addressing the identified gaps in the energy requirements through a common approach.
Members
121 countries have been invited to become member of ISA. So far, 56 countries have signed the ISA Framework Agreement. Most of the countries are located between Tropic of Cancer and Tropic of Capricorn. As this part of the earth has surplus bright sunlight for most of the year.
India
Indian PM presented 10 action points for solar energy at the first founding conference of International Solar Alliance at Rashtrapati Bhavan in New Delhi. The conference was co-chaired by French President Macron and Indian PM Modi on 11 March.
Major Highlights of the Conference:
- Indian PM stressed on inclusiveness:
- Making affordable solar energy available to all nations.
- Raising the share of electricity generated from photovoltaic cells in the energy mix.
- Framing regulations and standards to support the initiative.
- It would contribute to UN Sustainable Development Goals.
- Concessional financing and less risky funds for solar projects to raise the share of solar power in the energy basket.
- A Solar Technology Mission for research and development of the sector.
- 1 trillion dollar would be required to achieve the one TeraWatt of solar power capacity by 2030, according to French President.
What is ISA?
It was unveiled jointly by Indian PM Modi and French President Francois Hollande at the UN Climate Change Conference 2015in Paris. The idea was to form a coalition of solar resource rich countries to collaborate on addressing the identified gaps in the energy requirements through a common approach.
Members
121 countries have been invited to become member of ISA. So far, 56 countries have signed the ISA Framework Agreement. Most of the countries are located between Tropic of Cancer and Tropic of Capricorn. As this part of the earth has surplus bright sunlight for most of the year.
India
- India has set an ambitious target of 175 GW electricity production from renewable energy resources and out of that, 100 GW will be from solar energy.
- ISA is the first international body whose secretariat in based in India.
- The Indian government distributed 28 Cr LED bulbs under the National Ujala Scheme.
मराठी
पंतप्रधानांनी सौर तंत्रज्ञान क्षेत्रात संशोधन व विकास अभियानाची घोषणा केली
फ्रांसचे राष्ट्रपती इमॅन्युएल मॅक्रोन यांच्या सहअध्यक्षतेत नवी दिल्लीत आंतरराष्ट्रीय सौर युती (ISA) याची प्रथम स्थापना परिषद पार पडली.परिषदेत पंतप्रधानांनी दस सूत्री कार्यायोजना प्रस्तुत केली. यामध्ये सर्व देशांसाठी स्वस्त सौर तंत्रज्ञान उपलब्ध करून देणे, वीज उत्पादनात फोटोव्होल्टाइक सेल निर्मित ऊर्जेची भागीदारी वाढवणे आणि नियम व मानक तयार करणे, बँक कर्ज पात्र सौर प्रकल्पांसाठी सल्ला देणे आणि विशिषज्ञ केंद्रांचे जाळे तयार करणे समाविष्ट आहे.
याप्रसंगी, पंतप्रधानांनी सौर तंत्रज्ञान अभियान (solar technology mission) याची घोषणा केली. भारत सौर तंत्रज्ञान क्षेत्रातली तफावत भरून काढण्यासाठी ‘सौर तंत्रज्ञान अभियान’ सुरू करणार आहे. सौर तंत्रज्ञान अभियान या क्षेत्रात संशोधन आणि विकासाचे नेतृत्व करणार. अभियान देशातल्या सर्व शासकीय तांत्रिक आणि शैक्षणिक संस्थांसह सौर क्षेत्रात संशोधन व विकास कार्य चालविण्यासाठीच्या प्रयत्नांमध्ये नेतृत्व करणार.
परिषदेत करण्यात आलेल्या अन्य घोषणा
- ISA च्या सदस्य देशांसाठी 500 प्रशिक्षण शिबीर तयार केली जाणार.
- सन 2030 पर्यंत 1 टेरावॉट (1,000 GW) सौर ऊर्जा क्षमता साध्य करण्यासाठी एक लक्ष कोटी डॉलरची आवश्यकता भासणार आहे.
- हे लक्ष्य साध्य करण्यासाठी वित्त आणि नियम कायद्यांशी संबंधित अडथळे दूर करण्यासाठी एकत्र काम करणे आवश्यक आहे.
- आतापर्यंत 121 देशांतील 61 जण युतीमध्ये सामील झाले आहेत आणि 32 देशांनी ISA च्या कार्यचौकटी कराराला मान्यता दिली आहे.
आंतरराष्ट्रीय सौर युती बाबत
पॅरिस हवामान कराराच्या पार्श्वभूमीवर चालवला जाणारा आंतरराष्ट्रीय सौर युती (International Solar Alliance -ISA) हा सर्वसामन्यांना स्वच्छ आणि स्वस्त ऊर्जा उपलब्ध करून देण्यासाठी भारत आणि फ्रांस यांच्याकडून सुरू करण्यात आलेला एक जागतिक पुढाकार आहे. गुडगावमधील राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE, गवलपहारी) येथे ISA चे मुख्यालय आणि अंतरिम सचिवालय आहे. ही भारतातली पहिली आंतरराष्ट्रीय व आंतर-शासकीय संस्था आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आणि फ्रांस राष्ट्राध्यक्ष फ्रँकोईस हॉलंड यांनी आंतरराष्ट्रीय सौर युती (ISA) ची स्थापना 30 नोव्हेंबर 2015 रोजी केली. ISA 121 सदस्य देशांमधील सौर ऊर्जा प्रकल्पांना उभारण्यासाठी समन्वय साधणारा उपक्रम आहे. आतापर्यंत 19 देशांनी याला स्वीकृती दिली आहे आणि 48 देशांनी ISA कार्यचौकट करारावर स्वाक्षर्या केल्या आहेत.
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