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    Tuesday, March 6, 2018

    भारत में पिछले दशक में बाल विवाह में 20% की तीव्र गिरावट आई: यूनिसेफ। India witnessed sharp decline of 20% in child marriages during last decade: UNICEF

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    करेंट अफेयर्स ६ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी


    भारत में पिछले दशक में बाल विवाह में 20% की तीव्र गिरावट आई: यूनिसेफ
    भारत में पिछले एक दशक में बाल विवाह में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। एक दशक पहले 47 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी जाती थी। अब 27 फीसदी नाबालिग लड़कियों का बाल विवाह हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने 06 मार्च 2018 को अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया।
    यूनिसेफ ने बताया कि बाल विवाह के आंकड़ों में वैश्विक स्तर पर कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह के घटने की दर संतोषजनक है।
    रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य:
    रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बाल विवाह कम होने से दुनिया में बाल विवाह की दर में भारी गिरावट आई है। एक दशक पहले दुनिया में 20 से 25 फीसदी बच्चों का बाल विवाह हो जाता था। अब 15 फीसदी बच्चों का बाल विवाह हो रहा है।
    रिपोर्ट में बताया गया कि एक दशक पहले हर 4 में से एक लड़की की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही हो जाती थी। भारत में हुई इस कमी ने वैश्विक स्तर पर बाल विवाहों की संख्या में कमी लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बाल्यावस्था में शादी करने वाले लड़कियों के अनुपात में 15 प्रतिशत कमी आई है।
    यूनिसेफ के अनुसार, वर्ष 2006 से 16 के बीच दुनिया में ढाई करोड़ कम बाल विवाह रोके गए। दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई, जिसमें भारत अग्रणी रहा। दावा है, दक्षिण एशिया में बाल विवाह 50 फीसदी से घटकर 30 फीसदी के स्तर तक पहुंच गया है।
    रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कई राज्यों में अभी भी नाबालिगों के विवाह किए जा रहे हैं। बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में बाल विवाह की दर 40% से ऊपर है। वहीं, तमिलनाडु और केरल में ये दर 20% से भी कम है।
    रिपोर्ट के मुताबिक, बाल विवाह दर नीचे आने के बावजूद इसपर पूरी तरह से रोक लगना बाकी है। अभी दुनियाभर में हर साल 1.2 करोड़ बाल विवाह हो रहे हैं। यूनीसेफ का दावा है कि अभी पूरी दुनिया में 65 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी शादी 18 साल की उम्र से पहले ही गई थी।
    रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह के घटने की दर संतोषजनक है। 2050 तक दुनियाभर में ये दर गिरकर 10% तक ही रहने का अनुमान है।
    रिपोर्ट में बताया गया है कि बाल विवाह के मामले में सबसे खराब स्थिति अफ्रीकी देशों की है, जहां इसकी दर 40% से भी ऊपर है। दुनिया में होने वाला हर 3 में से 1 बाल विवाह अफ्रीकी देशों में ही हो रहा है।
    बाल विवाह में गिरावट का मुख्य कारण:
    संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के मुताबिक बाल विवाह में गिरावट की बड़ी भूमिका निभाने वाले कारकों में लड़कियों की शिक्षा दर बढ़ना, सरकारी योजनाओं से किशोर लड़कियों को प्रोत्साहन देना और बाल विवाह से होने वाले नुकसान को लेकर बढ़ती जागरूकता शामिल हैं।
    पृष्ठभूमि:
    संयुक्त राष्ट्र ने सतत विकास लक्ष्यों के तहत इस कुप्रथा को 2030 तक पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। बाल विवाह के चलते लड़कियों का स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन खतरे में पड़ जाता है।
    बाल विवाह से कई नुकसान हैं। लड़कियों की पढ़ाई पूरी नहीं होती। उनके उत्पीड़न और गर्भावस्था संबंधी समस्याओं में वृद्धि होती है। सामाजिक नुकसान भी हैं।


    इंग्लिश


    India witnessed sharp decline of 20% in child marriages during last decade: UNICEF
    UNICEF has reported that India has seen a sharp drop in child marriages during the last decade. Better access to education for women and increased public awareness has helped India to get down to 27% as against 47 per cent a decade ago.
    The proportion of girls getting married in India has nearly halved in a decade, this has contributed on a large scale to a global decline in child marriage.
    UNICEF said 25 million child marriages were prevented worldwide in the last decade, with the largest reduction seen in South Asia — where India was at the forefront.
    Child Marriage:
    • Child marriage adds to health, education and abuse risks, and increases the chance of intergenerational poverty. The legal age of marriage in India is 18 for women and 21 for men.
    • When a girl is forced to marry as a child, she faces immediate and lifelong consequences. Her odds of finishing school decrease while her odds of being abused by her husband and suffering complications during pregnancy increase. There are also huge societal consequences, and higher risk of intergenerational cycles of poverty.
    India's Prohibition of Child Marriage Act imposes a fine of Rs.1,00,000 and two years in prison for parents caught trying to marry off their underage children.
    Despite the law, child marriage remains deeply rooted and accepted in society, and is widespread in parts of the country.


    मराठी

    गेल्या दशकात भारतात बालविवाहांमध्ये 20% घट नोंदवली गेली: UNICEF

    संयुक्त राष्ट्रसंघ बाल कोष (UNICEF) च्या ताज्या अहवालानुसार, एक दशक आधी भारतामध्ये जवळजवळ 47% मुलींचा विवाह वयाच्या 18 वर्षाआधीच लावला जात होता, मात्र आता यात 20% नी घट आलेली असून हा आकडा 27% वर आलेला आहे.
    भारतात बालविवाहांच्या बाबतीत मोठी घट नोंदवली गेली आहे. मात्र अजूनही देशाच्या कित्येक राज्यांमध्ये अज्ञान मुलांचा विवाह लावला जातो. बिहार, पश्चिम बंगाल आणि राजस्थान येथे बालविवाहाचा दर 40% हून अधिक आहे. तर तामिळनाडू आणि केरळ या राज्यांमध्ये हा दर 20% हून कमी आहे.
    ठळक नोंदी
    • जगभरात मागच्या दशकात (सन 2005-06 ते सन 2015-16) जवळजवळ 2.5 कोटी बालविवाह रोखण्यात आले. याबाबतीत सर्वाधिक घट दक्षिण आशिया आणि मुख्यत्वे भारतात पाहायला मिळाली आहे.
    • एकूणच अज्ञान मुलींच्या बालविवाहाच्या प्रमाणात 15% घट दिसून आलेली आहे. म्हणजेच प्रत्येक 4 मध्ये 1 बालविवाह या प्रमाणावरून 5 मध्ये 1 बालविवाह असे प्रमाण आहे.
    • दक्षिण आशियात 18 वर्षाखालील मुलींच्या विवाहात जवळपास एक तृतीयांश घट दिसून आली आहे. वयाच्या 10 व्या वर्षी अज्ञान मुलांच्या विवाहाचे प्रमाण 50% वरून 30% वर आले आहे.
    • बालविवाहाच्या बाबतीत सर्वाधिक खराब परिस्थिती आफ्रिकेतील देशांची आहे. तेथे हे प्रमाण 40% हून अधिक आहे. जगभरात होणारा प्रत्येक 3 पैकी 1 बालविवाह आफ्रिका देशांमध्ये होत असतो.
    UNICEF च्या दाव्यानुसार, मुलींना दिले जाणारे शिक्षण आणि शासनाकडून चालवल्या जाणार्‍या उपक्रमांचा लोकांवर मोठा प्रभाव पडलेला आहे. कार्यक्रमांच्या माध्यमातून लोकांमध्ये बालविवाहासंबंधी जागृती वाढलेली आहे. आता लोकांना या प्रथेचे नुकसान आणि बेकायदेशीर असल्याचे माहिती झाले आहे.
    बालविवाहाच्या प्रमाणात घट झालेली असूनही, यावर पुर्णपणे अंकुश आणणे अजून बाकी आहे. वर्तमानात जगभरात दरवर्षी 1.2 कोटी बालविवाह होत आहेत. असा दावा केला जातो आहे की, आज जगभरात 65 कोटी महिला अश्या आहेत, ज्यांचा विवाह 18 वर्षे पूर्ण होण्याच्या आधीच झालेला आहे. सन 2050 पर्यंत जगभरात या दरात घट होऊन 10% पर्यंत होण्याचा अंदाज आहे.

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