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    Friday, February 9, 2018

    नीति आयोग ने ‘स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ रिपोर्ट जारी की:. करेंट अफेयर्स ९ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

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    करेंट अफेयर्स ९ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी


    नीति आयोग ने ‘स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ रिपोर्ट जारी की:
    नीति आयोग ने ‘स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट 9 फरवरी 2018 को देश की राजधानी में जारी की। यह अपनी तरह की पहली रिपोर्ट है जिसमें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की स्वास्थ्य व्यवस्था का विश्लेषण किया गया है।
    इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व बैंक के तकनीक सहयोग से तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में प्रामाणिक परिणामों और नीतिगत कदमों के प्रभाव की दृष्टि से स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई प्रगति पर व्यापक रोशनी डाली गई है।
    रिपोर्ट के बारे में:
    यह रिपोर्ट स्वास्थ्य क्षेत्र में राष्ट्र के प्रदर्शन की जटिलता को मापने और इसे समझने के लिए एक वार्षिक व्यवस्थित उपकरण स्थापित करने की दिशा में उठाया गया पहला कदम है।
    स्वास्थ्य सूचकांक एक समग्र भारित सूचकांक (वेइटेड कम्पोजिट इंडेक्स) है, जोकि बड़े राज्यों के लिए, तीन डोमेन में संकेतकों पर आधारित है: (ए) स्वास्थ्य परिणाम (70%); (बी) शासन और सूचना (12%); और की इनपुट्स एंड प्रोसेसेस (18%).
    मुख्य विशेषताएँ:
    राज्यों के हेल्थ इंडेक्स तैयार करने के दौरान कई मानकों को आधार माना गया है। शिशु मृत्यु दर, नवजात बच्चों का वजन, जन्म के वक्त लिंगानुपात, टीकाकरण, संस्थानिक प्रसव, टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन रेट, मरीजों के उपचार, स्वास्थ्य क्षेत्र में तैनात कर्मियों की स्थिति और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसे कई मानक है, जिनके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गयी है। छोटे राज्यों और बड़े राज्यों को अलग - अलग रैकिंग जारी की गयी है।
    हेल्थ इंडेक्स में ओवरऑल परफॉरमेंस के लिए केरल को सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया है। वहीं पंजाब दूसरे नंबर पर और तामिलनाडु तीसरे नंबर पर है।
    वहीं तीन छोटे राज्य मिजोरम, मणिपुर और मेघालय स्वास्थ्य सेवा के मामले में सबसे अव्वल हैं।
    वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन के मामले में झारखंड, जम्मू और कश्मीर, और उत्तर प्रदेश शीर्ष तीन रैंकिंग राज्य हैं। तरक्की करने वाले राज्यों में झारखंड 6.87 प्वाइंट की बढ़त के साथ सबसे ज्यादा सुधार किया है।
    हेल्थ इंडेक्स में सुधार करने वाले राज्यों में बिहार का स्थान चौथे नंबर पर है। मध्य प्रदेश, असम, तेलांगना, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा में मामूली सुधार दिखे हैं। जिन राज्यों में सुधार दर्ज नहीं किये गये हैं उनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और हरियाणा शामिल है।
    गौरतलब है कि नीति आयोग ने जारी रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने पिछले दो दशकों में काफी आर्थिक तरक्की की है लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया है। भारत में औसत आयु, बाल मृत्यु दर, जन्म दर में सुधार हुआ है, लेकिन इन तमाम सकरात्मक संकेतों के बावजूद भी संतोषजनक नहीं कहे जा सकते हैं। भारत वैश्विक औसत से काफी पीछे हैं।


    इंग्लिश

    NITI Aayog releases “Healthy States, Progressive India” report

    With an aim to assess health outcomes across India, the NITI Aayog launched the Healthy States Progressive Report.
    About the Report:
    The report is the first step to establish an annual systematic tool to measure and understand the complexity of nation’s performance in health.
    The report ranks states and Union territories innovatively on their year-on-year incremental change in health outcomes, as well as, their overall performance with respect to each other. The report was released jointly by the CEO, NITI Aayog; Amitabh Kant, Secretary, Minister.
    States and UTs have been ranked in three categories namely, Larger States, Smaller States, and Union Territories (UTs), to ensure comparison among similar entities. The Health Index is a weighted composite Index, which for the larger States, is based on indicators in three domains: (a) Health Outcomes (70%); (b) Governance and Information (12%); and (c) Key Inputs and Processes (18%), with each domain assigned a weight based on its importance.
    Highlights:
    • Among the Larger States, Kerala, Punjab, and Tamil Nadu ranked on top in terms of overall performance.
    • Jharkhand, Jammu & Kashmir, and Uttar Pradesh are the top three ranking States in terms of annual incremental performance.
    • Jammu & Kashmir and Uttar Pradesh showed the maximum gains in improvement of health.
    • Among Smaller States, Mizoram ranked first followed by Manipur on overall performance, while Manipur followed by Goa were the top ranked States in terms of annual incremental performance.
    • Manipur registered maximum incremental progress on indicators such as PLHIV on ART.
    • Among UTs, Lakshadweep showed both the best overall performance as well as the highest annual incremental performance.
    The Health Index report notes that while States and UTs that start at lower levels of development are generally at an advantage in notching up incremental progress over States with high Health Index scores, it is a challenge for States with high Index scores to even maintain their performance levels.
    Health Index:
    Health Index has been developed as a tool to leverage co-operative and competitive federalism to accelerate the pace of achieving health outcomes. It would also serve as an instrument for nudging" States & Union Territories (UTs) and the Central Ministries to a much greater focus on output and outcome based measurement of annual performance than is currently the practice. With the annual publication of the Index and its availability on public domain on a dynamic basis, it is expected to keep every stakeholder alert to the achievement of Sustainable Development Goals (SDGs) Goal number 3.





    मराठी



    NITI आयोगाचा "हेल्दी स्टेट्‍स, प्रोग्रेसीव इंडिया" अहवाल प्रसिद्ध

    NITI आयोगाने "हेल्दी स्टेट्‍स, प्रोग्रेसीव इंडिया" (म्हणजेच - स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत) असे शीर्षक असलेला एक अहवाल प्रसिद्ध केला आहे.
    या अहवालात सर्व राज्ये आणि केंद्रशासित प्रदेशांच्या आरोग्य व्यवस्थेचे विश्लेषण केले गेले आहे. अहवाल आरोग्य व कुटुंब कल्याण मंत्रालय आणि जागतिक बँकेच्या तांत्रिक सहकार्याने तयार केला गेला आहे. अहवालात प्रामाणिक परिणाम आणि धोरणात्मक पावलांच्या प्रभावावर दृष्टिक्षेप टाकण्यासाठी आरोग्यासंबंधी क्षेत्रामध्ये झालेल्या प्रगतीवर व्यापक प्रकाश टाकण्यात आला आहे.
    अहवालात राज्ये आणि केंद्रशासित प्रदेशांना आरोग्यासंबंधी श्रेणीनुसार गुण दिले गेले आहेत. राज्ये आणि केंद्रशासित प्रदेशांना तीन वर्गांमध्ये वर्गीकृत करण्यात आले आहे - मोठा राज्य, लहान राज्य आणि केंद्रशासित प्रदेश.
    अहवालामधील आरोग्य निर्देशांक हा मूल्यमापित संयुक्त निर्देशांक आहे आणि हा (i) आरोग्यासंबंधी परिणाम (ii) प्रशासन आणि माहिती आणि (iii) मुख्य प्रारंभीक गोष्टी आणि प्रक्रिया या तीन विभागांमध्ये निर्देशकांवर आधारित आहे. आरोग्य निर्देशांक आणि संमिश्र निर्देशांक गुणांची निर्मिती तसेच आधारभूत वर्ष (2014-15) आणि संदर्भांकीत वर्ष (2015-16) साठी एकूणच कामगिरी आधारित क्रमवारीता तयार करण्यासाठी आहे.
    ठळक बाबी
    • मोठे राज्य वर्गात, केरळ, पंजाब आणि तामिळनाडू एकूणच कामगिरीत अग्रस्थानी आहेत. छत्तीसगड (4) आणि झारखंड (5) या राज्यांनी याबाबतीत सर्वाधिक प्रगती केलेली आहे.
    • झारखंड, जम्मू-काश्मीर आणि उत्तरप्रदेश हे वार्षिक वाढीव कामगिरीनुसार शीर्ष तीन राज्ये आहेत. झारखंड, जम्मू-काश्मीर आणि उत्तरप्रदेश या राज्यांनी नवजात मृत्युदर (NMR), 5 वर्षाखालील बालकांचा मृत्युदर (U5MR), पूर्ण लसीकरणाची व्याप्ती, संस्थात्मक वितरण आणि अॅंटी-रिट्रोव्हायरल थेरपी (ART) घेणारे HIV रोगी अश्या निर्देशकांमध्ये चांगली कामगिरी दाखवलेली आहे.
    • लहान राज्यांमध्ये, एकूणच कामगिरीत मिझोरम प्रथम स्थानी आहे. त्यानंतर याबाबतीत मणिपूरचा क्रमांक लागतो. वार्षिक वाढीव कामगिरीनुसार गोवा अव्वल ठरले आहे. मणिपूरने सर्वाधिक प्रगती साधलेली आहे.
    • केंद्रशासित प्रदेशांमध्ये, एकूणच कामगिरी आणि उच्च वार्षिक वाढीव कामगिरी अश्या दोन्ही बाबतीत लक्षद्वीप पुढे आहे. त्यानंतर वार्षिक वाढीव कामगिरीमध्ये अंडमान-निकोबार बेटे आणि एकूणच कामगिरीत चंडिगड यांचा क्रमांक लागतो.
    • वर्ष 2015 च्या तुलनेत वर्ष 2016 मध्ये जवळजवळ एक तृतीयांश राज्यांनी त्यांच्या कामगिरीमध्ये घट नोंदवली आहे. जन्मदर सुधारण्यामध्ये, प्रजनन क्षमता कमी करण्यामध्ये, माता आणि बाल मृत्यू याबाबतीत चांगली प्रगती नोंदवली गेली आहे.
    निष्कर्ष
    बहुतांश राज्ये आणि केंद्रशासित प्रदेशांसमोर एकसमान आव्हाने आहेत. म्हणजेच रिक्त असलेली प्रमुख पदे, जिल्हा कार्डियक केयर युनिट (CCU) ची स्थापना, सार्वजनिक आरोग्य सुविधांच्या गुणवत्तेचे मूल्यमापन आणि मनुष्यबळ व्यवस्थापन माहिती प्रणाली (HRMIS) चे संस्थात्मककरण अश्याप्रकारची आव्हाने आहेत. याव्यतिरिक्त, जवळजवळ सर्व मोठ्या राज्यांना लिंगआधारित जन्मदर (SRB) सुधारण्यावर लक्ष केंद्रित करणे आवश्यक आहे.




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