करेंट अफेयर्स २४ जनवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
Inclusive Development Index 2018 released
WEF Ranking:
Excessive reliance by economists and policy-makers on GDP as the primary metric of national economic performance is part of the problem. The GDP measures current production of goods and services rather than the extent to which it contributes to broad socio-economic progress as manifested in median household income, employment opportunity, economic security and quality of life.
The WEF also said that rich and poor countries alike are struggling to protect future generations, as it cautioned political and business leaders against expecting higher growth to be a panacea for the social frustrations, including those of younger generations who have shaken the politics of many countries in recent years.
Last year ranking:
निर्देशांकाचे घटक
निर्देशांकामध्ये राहणीमान, पर्यावरणाच्या दृष्टीने शाश्वत आणि भविष्यात येणार्या पिढीला आणि कर्जाच्या भारापासून संरक्षण आदी घटकांना समाविष्ट केले गेलेले आहे. यामध्ये 103 अर्थव्यवस्थांच्या प्रगतीचे आकलन वृद्धी व विकास, समावेशकता आणि इंटर-जनरेशनल इक्विटी या तीन खाजगी स्तंभांच्या आधारावर केले गेले आहे.
यादीला दोन गटात विभाजित केले गेले आहे – (i) 29 विकसित अर्थव्यवस्था (ii) 74 उदयोन्मुख अर्थव्यवस्था. शिवाय माहितीत पाच वर्षाच्या सर्वसमावेशक विकास व वृद्धीच्या आधारावर विविध देशांना - घट, हळूहळू घट, स्थिर, मंद वृद्धी आणि वृद्धी – या पाच उप-श्रेणींमध्ये वर्गीकृत केले गेले आहे.
ठळक बाबी
जागतिक –
हिंदी
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने समावेशी विकास सूचकांक-2018 जारी किया:
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी वार्षिक शिखर बैठक शुरू होने से पहले समावेशी विकास सूचकांक (इंक्लूसिव डेवलपमेंट इंडेक्स)-2018 रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट की सूची में नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है।
समावेशी विकास सूचकांक में भारत को 62वें स्थान पर रखा गया है। जबकि, चीन को 26वें और पाकिस्तान को 47वें पायदान पर रखा गया है।
समावेशी विकास सूचकांक-2018 से जुड़े प्रमुख तथ्य:
इस सूचकांक में रहन-सहन का स्तर, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊपन और भविष्य की पीढ़ियों को और क़र्ज़ के बोझ से संरक्षण आदि पहलुओं को शामिल किया जाता है।
भारत पिछले साल 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 60वें स्थान पर था, जबकि चीन 15वें और पाकिस्तान 52वें स्थान पर थे।
वर्ष 2018 के इंडेक्स में 103 अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति का आकलन तीन निजी स्तंभों- वृद्धि एवं विकास, समावेशन और अंतर पीढ़ी इक्विटी के आधार पर किया गया है।
इसे दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में 29 विकसित अर्थव्यवस्थाओं तथा दूसरे में 74 उभरती अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है। इस इंडेक्स में पांच साल के समावेशी विकास एवं वृद्धि के रुख़ पर विभिन्न देशों को पांच उप श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। यह है घटना, धीरे-धीरे घटना, स्थिर, धीमी वृद्धि या वृद्धि।
भारत का कुल अंक निचले स्तर पर हैं, लेकिन इसके बावजूद वह उन 10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में हैं जो बढ़ रही हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में नॉर्वे के बाद आयरलैंड, लग्ज़मबर्ग, स्विट्ज़रलैंड और डेनमार्क शीर्ष पांच में शामिल हैं।
सूचकांक में शीर्ष पर छोटे यूरोपीय देश हैं। शीर्ष दस में नौवें स्थान पर आॅस्ट्रेलिया एकमात्र गैर यूरोपीय देश है। जी-7 अर्थव्यवस्थाओं में जर्मनी 12वें, कनाडा 17 वें, फ्रांस 18वें, ब्रिटेन 21वें, अमेरिका 23वें, जापान 24वें और इटली 27वें स्थान पर है।
शीर्ष पांच समावेशी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में लुथिआनिया, हंगरी, अज़रबैजान, लातविया और पोलैंड है। ब्रिक्स देशों में रूस 19वें, चीन 26वें, ब्राज़ील 37वें, भारत 62वें और दक्षिण अफ्रीका 69वें स्थान पर है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी वार्षिक शिखर बैठक शुरू होने से पहले समावेशी विकास सूचकांक (इंक्लूसिव डेवलपमेंट इंडेक्स)-2018 रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट की सूची में नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है।
समावेशी विकास सूचकांक में भारत को 62वें स्थान पर रखा गया है। जबकि, चीन को 26वें और पाकिस्तान को 47वें पायदान पर रखा गया है।
समावेशी विकास सूचकांक-2018 से जुड़े प्रमुख तथ्य:
इस सूचकांक में रहन-सहन का स्तर, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊपन और भविष्य की पीढ़ियों को और क़र्ज़ के बोझ से संरक्षण आदि पहलुओं को शामिल किया जाता है।
भारत पिछले साल 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 60वें स्थान पर था, जबकि चीन 15वें और पाकिस्तान 52वें स्थान पर थे।
वर्ष 2018 के इंडेक्स में 103 अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति का आकलन तीन निजी स्तंभों- वृद्धि एवं विकास, समावेशन और अंतर पीढ़ी इक्विटी के आधार पर किया गया है।
इसे दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में 29 विकसित अर्थव्यवस्थाओं तथा दूसरे में 74 उभरती अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है। इस इंडेक्स में पांच साल के समावेशी विकास एवं वृद्धि के रुख़ पर विभिन्न देशों को पांच उप श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। यह है घटना, धीरे-धीरे घटना, स्थिर, धीमी वृद्धि या वृद्धि।
भारत का कुल अंक निचले स्तर पर हैं, लेकिन इसके बावजूद वह उन 10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में हैं जो बढ़ रही हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में नॉर्वे के बाद आयरलैंड, लग्ज़मबर्ग, स्विट्ज़रलैंड और डेनमार्क शीर्ष पांच में शामिल हैं।
सूचकांक में शीर्ष पर छोटे यूरोपीय देश हैं। शीर्ष दस में नौवें स्थान पर आॅस्ट्रेलिया एकमात्र गैर यूरोपीय देश है। जी-7 अर्थव्यवस्थाओं में जर्मनी 12वें, कनाडा 17 वें, फ्रांस 18वें, ब्रिटेन 21वें, अमेरिका 23वें, जापान 24वें और इटली 27वें स्थान पर है।
शीर्ष पांच समावेशी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में लुथिआनिया, हंगरी, अज़रबैजान, लातविया और पोलैंड है। ब्रिक्स देशों में रूस 19वें, चीन 26वें, ब्राज़ील 37वें, भारत 62वें और दक्षिण अफ्रीका 69वें स्थान पर है।
इंग्लिश
Inclusive Development Index 2018 released
WEF Ranking:
- World Economic forum reported that, India was ranked at the 62nd place among emerging economies on an Inclusive Development Index, much below China’s 26th position and Pakistan’s 47th. Norway remains the world’s most inclusive advanced economy. Despite its low overall score, India is among the ten emerging economies with ‘advancing’ trend.
- The countries ranked better than India also include Mali, Uganda, Rwanda, Burundi, Ghana, Ukraine, Serbia, Philippines, Indonesia, Iran, Macedonia, Mexico, Thailand and Malaysia.
Excessive reliance by economists and policy-makers on GDP as the primary metric of national economic performance is part of the problem. The GDP measures current production of goods and services rather than the extent to which it contributes to broad socio-economic progress as manifested in median household income, employment opportunity, economic security and quality of life.
The WEF also said that rich and poor countries alike are struggling to protect future generations, as it cautioned political and business leaders against expecting higher growth to be a panacea for the social frustrations, including those of younger generations who have shaken the politics of many countries in recent years.
Last year ranking:
- India was ranked 60th among 79 developing economies last year, as against China’s 15th and Pakistan’s 52nd position.
- The Inclusive Development Index (IDI) is an annual assessment of 103 countries’ economic performance that measures how countries perform on eleven dimensions of economic progress in addition to GDP. It has 3 pillars; growth and development; inclusion and; intergenerational equity – sustainable stewardship of natural and financial resources.
- The IDI is a project of the World Economic Forum’s System Initiative on the Future of Economic Progress, which aims to inform and enable sustained and inclusive economic progress through deepened public-private cooperation through thought leadership and analysis, strategic dialogue and concrete cooperation, including by accelerating social impact through corporate action.
मराठी
WEF चा ‘सर्वसमावेशक विकास निर्देशांक 2018’ जाहीर
दावोस (स्वित्झर्लंड) येथे आयोजित जागतिक आर्थिक मंच (WEF) च्या वार्षिक बैठकीत ‘सर्वसमावेशक विकास निर्देशांक 2018’ जाहीर करण्यात आला.निर्देशांकाचे घटक
निर्देशांकामध्ये राहणीमान, पर्यावरणाच्या दृष्टीने शाश्वत आणि भविष्यात येणार्या पिढीला आणि कर्जाच्या भारापासून संरक्षण आदी घटकांना समाविष्ट केले गेलेले आहे. यामध्ये 103 अर्थव्यवस्थांच्या प्रगतीचे आकलन वृद्धी व विकास, समावेशकता आणि इंटर-जनरेशनल इक्विटी या तीन खाजगी स्तंभांच्या आधारावर केले गेले आहे.
यादीला दोन गटात विभाजित केले गेले आहे – (i) 29 विकसित अर्थव्यवस्था (ii) 74 उदयोन्मुख अर्थव्यवस्था. शिवाय माहितीत पाच वर्षाच्या सर्वसमावेशक विकास व वृद्धीच्या आधारावर विविध देशांना - घट, हळूहळू घट, स्थिर, मंद वृद्धी आणि वृद्धी – या पाच उप-श्रेणींमध्ये वर्गीकृत केले गेले आहे.
ठळक बाबी
जागतिक –
- नॉर्वे ही जगातली सर्वात सर्वसमावेशक आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था ठरली आहे. तर लिथुआनिया उदयोन्मुख अर्थव्यवस्था गटात शीर्ष स्थानी आहे.
- विकसित अर्थव्यवस्थांमध्ये प्रथम पाच देशांमध्ये नॉर्वे, आयरलॅंड, लक्झेंबर्ग, स्वित्झर्लंड आणि डेन्मार्क यांचा समावेश आहे.
- शीर्ष पाच सर्वसमावेशक अर्थव्यवस्थांमध्ये लुटियानिया, हंगेरी, अझरबैजान, लाटविया आणि पोलंड यांचा क्रम आहे. BRICS देशांमध्ये रशिया 19 वा, चीन 26 वा, ब्राझील 37 वा, भारत 62 वा आणि दक्षिण आफ्रिका 69 वा आहे.
- भारत उदयोन्मुख अर्थव्यवस्थेत 62 व्या क्रमांकावर आहे. भारताच्या शेजारी देशांमध्ये यादीत श्रीलंका 40 वा, बांग्लादेश 34 वा, चीन 26 वा, पाकिस्तान 47 वा आणि नेपाळ 22 वा आहे.
- दरडोई GDP (6.8%) आणि कामगार उत्पादकता वाढ (6.7%) यामध्ये चीन उदयोन्मुख अर्थव्यवस्थांमध्ये प्रथम क्रमांकावर असला तरी, वर्ष 2012 पासून त्याची एकंदर समावेशकता घटकात कामगिरी कमी दिसून आलेली आहे.
- छोट्या युरोपीय अर्थव्यवस्था निर्देशांकामध्ये शीर्ष स्थानी आहेत. मात्र ऑस्ट्रेलिया (9) हा एकमेव गैर-युरोपीय अर्थव्यवस्था आहे, ज्याने शीर्ष 10 मध्ये जागा मिळवली.
- भारत उदयोन्मुख अर्थव्यवस्थेत 62 व्या क्रमांकावर आहे, जेव्हा की भारत मागच्या वर्षी 79 विकसनशील अर्थव्यवस्थांमध्ये 60 व्या क्रमांकावर होता.
- भारताचे एकूण गुण खालच्या पातळीवरचे आहेत, मात्र तरीही त्याचा वेगाने वाढणार्या 10 उदयोन्मुख अर्थव्यवस्थांमध्ये समावेश आहे.
- समावेशकता घटकात भारताचा 72 वा क्रमांक आहे, तर वृद्धी व विकासासाठी 66 वा आणि इंटर-जनरेशनल इक्विटीसाठी 44 व्या क्रमांकावर आहे.
- गेल्या दशकात सामाजिक समानतेच्या बदली आर्थिक वाढीला प्राधान्य दिल्यामुळे संपत्ती व उत्पन्न यामध्ये ऐतिहासिक अशी उच्च पातळीची असमानता निर्माण झाली आहे.
- 29 विकसित अर्थव्यवस्थांपैकी 20 मध्ये उत्पन्नातील असमानता वाढली आहे आणि तशीच आहे. या देशांमध्ये दारिद्र्यामध्ये 17% ची वाढ झाली आहे. त्या तुलनेत 84% उदयोन्मुख देशांमध्ये दारिद्र्याच्या प्रमाणात घट झाल्याचे दिसून आलेले आहे, परंतु तरीही त्यांच्यात असमानतांचे प्रमाण खूपच अधिक आहे.
- प्रगत आणि उदयोन्मुख अश्या दोन्ही अर्थव्यवस्थांमध्ये, संपत्ती उत्पन्नापेक्षा अधिकच असमानपणे वितरीत आहे.
- इंटर-जनरेशनल इक्विटी आणि स्थिरता या बाबतीत प्रवृत्ती कमकुवत आहे, मात्र 74 पैकी 74 उदयोन्मुख अर्थव्यवस्थांमध्ये घट आहे.
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