Currentaffairs 21 December 2017 - Hindi / English / Marathi
Hindi
नीति आयोग ने मेथनॉल इकोनॉमी फंड स्थापित करने की घोषणा की:
स्वच्छ ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग ने 4,000-5,000 करोड़ रुपए के मेथनॉल इकोनॉमी फंड की स्थापना करने की योजना बनाई है।
सरकार के थिंक टैंक ने उच्च राख वाले कोयले को मेथनॉल में परिवर्तित करके ईंधन बनाने का लक्ष्य रखा है और इस प्रकार के एक संयंत्र को कोल इंडिया द्वारा स्थापित किये जाने की उम्मीद है।
नीति आयोग जल्द ही मेथनॉल इकोनॉमी पर एक कैबिनेट नोट की घोषणा करेगा और साथ ही यह उत्पादन संयंत्रों की भी शीघ्र स्थापना करेगा।
नीति आयोग दिसंबर महीने के अंत तक पेट्रोलियम और डीजल के वैकल्पिक ईंधन के रूप में मेथनॉल को प्रयोग करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक रोडमैप प्रस्तावित करने की भी योजना बना रहा है।
विशेषताएं:
मेथनॉल इकोनॉमी फंड का उपयोग मेथनॉल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा, जो कि सुरक्षित, सस्ता और प्रदूषण मुक्त है।
इस फंड के सहायता से कोयला और अन्य गैस संपत्तियों का उपयोग करके मेथनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। भारत में मेथनॉल का उत्पादन 16-21 रुपये प्रति लीटर किया जा सकता है।
नीति आयोग, कुछ डीजल संचालित रेल इंजनों को मेथनॉल संचालित बनाने के लिए भी काम कर रहा है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि अंतर्देशीय जलमार्गों में इस्तेमाल होने वाले जहाजों और नावों को मेथनॉल पर भी चलाया जाए।
नीति आयोग मेथनॉल संचालित बसों का निर्माण करने के लिए टाटा और वोल्वो जैसी कुछ ऑटो कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रहा है।
मेथनॉल क्या है?
मेथनॉल एक हल्का, वाष्पशील, रंगहीन, ज्वलनशील द्रव है। यह सबसे सरल अल्कोहल है। यह जैवईंधन के उत्पादन में भी उपयोगी है। यह कार्बनिक यौगिक है। इसे काष्ठ अल्कोहल भी कहते हैं। यह प्राकृतिक गैस, कोयला एवं विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनता है।
English
Niti Aayog to set up Methanol Economy Fund
Niti Aayog plans to set up a Methanol Economy Fund worth Rs 4,000-5,000 crore to promote production and use of the clean fuel.
Aim:
- It is aiming at generation of the fuel by converting high ash content coal into methanol and such a plant is expected to be set up by Coal India.
- The Fund will be used for developing Methanol as a fuel in India, which will be cheaper, safer and pollution free.
Niti Aayog Plans:
The NITI Aayog is planning to set up 3 to 4 methanol processing plants, out of which they expect at least one plant running in the next 3 years. It is going to propose a road map to achieve its target of increasing the penetration of Methanol as an alternative fuel to petrol and diesel by December end.
Under the roadmap, the Aayog proposes ramping up facilities to convert Coal, Stranded Gas and Biomass to Methanol.
Niti Aayog is working on multiple projects for converting conventional fuel run vehicles and equipment to be powered by Methanol.
Methanol:
- Methanol can be used as an energy producing fuel, transportation fuel and cooking fuel, cutting down India’s oil import bill by an estimated 20 per cent over the next few years.
- Unlike CNG, using methanol as a transportation fuel would require minimal alteration in the vehicles. It is simplest alcohol and does not have carbon-carbon bond and therefore does not emit particulate matter (PM) which causes pollution.
- China is the world’s largest producer of methanol. The Aayog is also working on converting certain diesel-powered rail engines to work on methanol.v
Marathi
NITI आयोग ‘मिथेनॉल इकॉनमी कोष’ उभारणार
बदलत्या भारताची राष्ट्रीय संस्था (NITI) आयोग स्वच्छ इंधनाच्या उत्पादनास आणि वापरास प्रोत्साहन देण्यासाठी 4000-5000 कोटी रुपये किमतीचे ‘मिथेनॉल इकॉनमी कोष’ उभारण्याची योजना तयार करीत आहे.
योजनेंतर्गत उच्च-राख प्रमाण असणार्या कोळश्याला मिथेनॉलमध्ये रुपांतरित करुन इंधन तयार करण्याची योजना आहे आणि त्यासाठी निर्मिती प्रकल्प कोल इंडियामार्फत उभारले जाण्याचे अपेक्षित आहे.
मिथेनॉल इंधन आणि त्याचे महत्त्व
मिथेनॉल इंधन स्वस्त, सुरक्षित आणि प्रदूषण मुक्त असते. मिथेनॉलचा वापर केल्यास CNG च्या तुलनेत वाहनांमध्ये कमीतकमी बदल करण्याची आवश्यकता भासणार.
मिथेनॉलचा वापर ऊर्जा निर्मिती इंधन, वाहतूक इंधन आणि स्वयंपाकाच्या इंधनासाठी केला जाऊ शकतो, ज्यामुळे पुढील काही वर्षांमध्ये भारताचे तेलाच्या आयातीवरील बिल अंदाजे 20% नी कमी केले जाऊ शकते.
भारतामध्ये मिथेनॉल एका लिटरमागे 16-21 रुपयांच्या खर्चाने उत्पादीत करता येते. पुढील दोन-चार वर्षांत दोन योजना सुरू करण्याची अपेक्षा आहे. चीन हा मिथेनॉलचा जगातील सर्वात मोठा उत्पादक देश आहे.
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