Currentaffairs 24December 2017 - Hindi / English / Marathi
Hindi
मिशन अंत्योदय कार्यक्रम के तहत राज्यों के सहयोग से 50000 ग्राम पंचायतों को रैंक प्रदान करने का काम पूरा किया गया:
राज्य सरकारों के साथ भागीदारी करते हुए ग्राम विकास विभाग ने भौतिक ढांचा, मानव विकास और आर्थिक गतिविधियों जैसे मानदंड के आधार पर 50000 ग्राम पंचायतों को रैंकिंग प्रदान करने का कार्य पूरा कर लिया है।
इन 50 हज़ार ग्राम पंचायतों का चुनाव करीब 5000 समूहों की बस्तियों में से किया गया है। इन क्लस्टरों की क्षमता का पूर्ण दोहन करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों, एमएसएमई कलस्टरों, अन्य कौशल विकास संस्थानों को शामिल किया जायेगा।
मंत्रालय ने कृषि विग्यान केद्रों, लघु, कुटीर एवं मध्यम कलस्टरों, कौशल विकास संस्थानों जैसे सार्वजनिक संस्थानों को शामिल करने के अलावा निजी क्षेत्र खासकर स्टार्ट अप और कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी पहलों को योजना से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है।
कैसे किया गया चयन?
इन पंचायतों का चयन राज्य सरकारों द्वारा सामाजिक पूंजी को ध्यान में रखकर किया गया है। इन पंचायतों में मजबूत महिला स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं और वहां पंचयात नेतृत्व भी अत्यन्त सुदृढ़ है।
सभी सरकारी कार्यक्रमों में मंत्रालयों और विभागों के बीच समाभिरूपता के जरिए आजीविका में विविधता लाने और परिवारों की गरीबी दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सामाजिक आर्थिक गणना ने परिवारों एवं ग्राम पंचायतों के बारे में बेसलाइन प्रदान की और 100 अंकों के आधार पर 1 से 15 अक्टूबर 2017 की अवधि में ग्राम पंचायतों की रैंकिंग की गई।
शीर्ष दस ग्राम पंचायतों की सूची निम्नलिखित है:
पंचायत राज्य
तेल्लापुर तेलंगाना
पारापटला आंध्र प्रदेश
चीदीकदा आंध्र प्रदेश
काजुलुरू आंध्र प्रदेश
ऊंगुतुरु आंध्र प्रदेश
ईगुवा थवनंपल्ले आंध्र प्रदेश
कुजलागी कर्नाटक
इंडुपल्ली आंध्र प्रदेश
नयरामबलम केरल
महल आंध्र प्रदेश
मिशन अंत्योदय के बारे में:
मिशन अंत्योदय जीवन और आजीविका को बदलने हेतु एक जवाबदेही पूर्ण और अभिसरणीय ढांचा है जिसके परिणाम मापन योग्य हैं। मिशन का मुख्य उद्देश्य 2022 तक गरीबी उन्मूलन करना है, यही कारण है कि इसका नारा "गरीबी भारत छोड़ो 2022" है।
प्रथम चरण (2017-2020) में, मिशन 1000 दिनों के अंदर 5000 ग्रामीण समूहों (50000 ग्राम पंचायतों) में 1 करोड़ घरों के जीवन में वास्तविक अंतर बनाने का इरादा रखता है।
राज्य सरकारों के साथ भागीदारी करते हुए ग्राम विकास विभाग ने भौतिक ढांचा, मानव विकास और आर्थिक गतिविधियों जैसे मानदंड के आधार पर 50000 ग्राम पंचायतों को रैंकिंग प्रदान करने का कार्य पूरा कर लिया है।
इन 50 हज़ार ग्राम पंचायतों का चुनाव करीब 5000 समूहों की बस्तियों में से किया गया है। इन क्लस्टरों की क्षमता का पूर्ण दोहन करने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों, एमएसएमई कलस्टरों, अन्य कौशल विकास संस्थानों को शामिल किया जायेगा।
मंत्रालय ने कृषि विग्यान केद्रों, लघु, कुटीर एवं मध्यम कलस्टरों, कौशल विकास संस्थानों जैसे सार्वजनिक संस्थानों को शामिल करने के अलावा निजी क्षेत्र खासकर स्टार्ट अप और कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी पहलों को योजना से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है।
कैसे किया गया चयन?
इन पंचायतों का चयन राज्य सरकारों द्वारा सामाजिक पूंजी को ध्यान में रखकर किया गया है। इन पंचायतों में मजबूत महिला स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं और वहां पंचयात नेतृत्व भी अत्यन्त सुदृढ़ है।
सभी सरकारी कार्यक्रमों में मंत्रालयों और विभागों के बीच समाभिरूपता के जरिए आजीविका में विविधता लाने और परिवारों की गरीबी दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सामाजिक आर्थिक गणना ने परिवारों एवं ग्राम पंचायतों के बारे में बेसलाइन प्रदान की और 100 अंकों के आधार पर 1 से 15 अक्टूबर 2017 की अवधि में ग्राम पंचायतों की रैंकिंग की गई।
शीर्ष दस ग्राम पंचायतों की सूची निम्नलिखित है:
पंचायत राज्य
तेल्लापुर तेलंगाना
पारापटला आंध्र प्रदेश
चीदीकदा आंध्र प्रदेश
काजुलुरू आंध्र प्रदेश
ऊंगुतुरु आंध्र प्रदेश
ईगुवा थवनंपल्ले आंध्र प्रदेश
कुजलागी कर्नाटक
इंडुपल्ली आंध्र प्रदेश
नयरामबलम केरल
महल आंध्र प्रदेश
मिशन अंत्योदय के बारे में:
मिशन अंत्योदय जीवन और आजीविका को बदलने हेतु एक जवाबदेही पूर्ण और अभिसरणीय ढांचा है जिसके परिणाम मापन योग्य हैं। मिशन का मुख्य उद्देश्य 2022 तक गरीबी उन्मूलन करना है, यही कारण है कि इसका नारा "गरीबी भारत छोड़ो 2022" है।
प्रथम चरण (2017-2020) में, मिशन 1000 दिनों के अंदर 5000 ग्रामीण समूहों (50000 ग्राम पंचायतों) में 1 करोड़ घरों के जीवन में वास्तविक अंतर बनाने का इरादा रखता है।
English
States rank 50000 Gram Panchayats under Mission Antyodaya
In partnership with State Governments, Department of Rural Development has completed the ranking of 50,000 Gram Panchayats on parameters of physical infrastructure, human development and economic activities.
The rankings will help in identification of gaps in the quest for making these gram panchayats poverty free. The top rankings have been dominated by gram panchayats from Southern States. For instance, in top ten seven gram panchayats are from Andhra Pradesh and one each from Telangana, Karnataka and Kerala.
Given below is the list of top ten gram panchayats:
Rank | GRAM PANCHAYATS | STATES |
1 | Tellapur | Telangana |
2 | Parapatla | Andhra Pradesh |
3 | Cheedikada | Andhra Pradesh |
4 | Kajuluru | Andhra Pradesh |
5 | Unguturu | Andhra Pradesh |
6 | Eguva Thavanampalle | Andhra Pradesh |
7 | Koujalagi | Karnataka |
8 | Indupalli | Andhra Pradesh |
9 | Nayarambalam | Kerala |
10 | Mahal | Andhra Pradesh |
The Methodology
- These 50,000 Gram Panchayats have been selected in about 5,000 clusters to drive economic activities along with development of physical infrastructure and human development on a priority.
- Public institutions like Krishi Vigyan Kendras, MSME Clusters, other Skill Development Institutions were also involved in developing the fullest potential of these clusters for enhancing productive employment and economic activities.
- These Panchayats have strong women Self Help Groups or have strong Panchayat leadership. 300 Rurban Clusters and over 750 Saansad Adarsh Gram Yojana Panchayats etc. have also been covered on priority.
- The Socio Economic Census provides a baseline for households and the ranking of Gram Panchayats carried out on a scale of 100 from 1st to 15th October, 2017 provides a baseline on physical infrastructure, human development and economic activities.
- The progress over the years would be monitored both at the level of Households and Gram Panchayats to see the change, that would be brought through interventions over the next 1000 days.
About Mission Antyodaya
Mission Antyodaya is an accountability and convergence framework for transforming lives and livelihoods on measurable outcomes. The Main Aim of the Mission is eradicating poverty by 2022, that’s why; the slogan is “Poverty Quit India 2022”.
In the First Phase (2017-2020), the Mission intends to make a real difference to the lives of 1 crore households in 5000 rural clusters (50000 gram panchayats) in 1000 days.
Marathi
राज्यांनी ‘मिशन अंत्योदय’ अंतर्गत 50000 ग्रामपंचायतींना क्रम दिला
राज्य शासनांच्या भागीदारीने ग्राम विकास विभागाने पायाभूत सुविधा, मानव विकास आणि आर्थिक क्रियाकलाप यासारख्या मानदंडांच्या आधारावर 50000 ग्रामपंचायतींना क्रम (rank) प्रदान करण्याचे कार्य पूर्ण केले आहे.
प्रथम 10 पंचायतींची नावे पुढीलप्रमाणे आहेत -
- तेल्लापुर ( जिल्हा संगीताडे, तेलंगणा)
- पारापाटला (जिल्हा चितोअर, आंध्रप्रदेश)
- चीदिकाडा (जिल्हा विशाखापट्टणम, आंध्रप्रदेश)
- काजुलुरू (जिल्हा पूर्व गोदावरी, आंध्रप्रदेश)
- उंगुंटूर (जिल्हा कृष्णा, आंध्रप्रदेश)
- एगुवा थवनंपल्ले (जिल्हा चित्तुर, आंध्रप्रदेश)
- कौजालागी (जिल्हा बेलागावी, कर्नाटक)
- इंदुपल्ली (जिल्हा कृष्णा, आंध्रप्रदेश)
- नयारामबलम (जिल्हा एर्नाकुलम, केरळ)
- महाल (जिल्हा चित्तुर, आंध्रप्रदेश)
निवड पद्धत
या 50000 ग्रामपंचायतींची निवड जवळपास 5000 समूहांची वस्तींमधून केली गेली. या ग्रामपंचायतींची निवड राज्य शासनांद्वारा सामाजिक संपत्तीला विचारात घेऊन केली गेली. या पंचायतींमध्ये बळकट महिला बचत गट स्थापन केले गेले आहेत आणि तेथे पंचयात नेतृत्व देखील अत्यंत सुदृढ आहे.
सर्व शासकीय कार्यक्रमांमध्ये मंत्रालये आणि विभाग यांच्या दरम्यान समरूपतेच्या माध्यमातून आजीविकेमध्ये विविधता आणणे आणि कुटुंबांचे दारिद्र्य दूर करण्याचे प्रयत्न केले जात आहेत. सामाजिक आर्थिक गणनाने कुटुंब व ग्रामपंचायतींच्या बाबतीत आधारभूत सीमारेषा प्रदान केली आणि 100 गुणांच्या आधारावर 1-15 ऑक्टोबर 2017 च्या कालावधीत ग्रामपंचायतींची क्रमवारी केली गेली आहे.
‘मिशन अंत्योदय’ बाबत
भारत सरकारच्या ‘दारिद्र्य मुक्त भारत 2022’ चळवळी अंतर्गत, ‘मिशन अंत्योदय’ चालवले जात आहे. या अभियानांतर्गत गावांच्या मूलभूत सुविधांसोबतच आर्थिक स्थितीला सुधारले जाणार आहे. निवडलेल्या गावांना वर्ष 2019 पर्यंत दारिद्य मुक्त गाव बनवले जाणार.
‘मिशन अंत्योदय’ हे जीवनमान आणि आजिवीका यांत परिवर्तन घडविणार्या मापदंडांवर गणना करता येण्याजोग्या प्रभावी परिणामांसाठी असलेले एक एकाकेन्द्राभिमुख कार्यचौकट आहे. एकाकेन्द्राभिमुखतेच्या माध्यमातून वास्तविक फरक आढळून येतो, जेव्हा दारिद्र्याच्या विविध आयामांना संबोधित केले जाते, या विचारासह व्यावसायिक, संस्था आणि उपक्रम या अभियानांतर्गत निश्चित कार्य शक्य करून दाखविणार आहे.
या योजनेसाठी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालयाला नोडल मंत्रालय बनविण्यात आले आहे. योजनेच्या आराखाड्यानुसार उत्तरप्रदेशातल्या 10783, महाराष्ट्रातल्या 5227, मध्यप्रदेशातल्या 4622, राजस्थानमधल्या 1959, जम्मू-काश्मीरमधल्या 851, झारखंडमधल्या 898, गुजरातमधल्या 2630, बिहारमधल्या 1793, छत्तीसगडमधल्या 2287, आसामातल्या 570 ग्रामपंचायतींना या योजनेत समाविष्ट करण्यात आले आहे.
दारिद्य मुक्त भारत बनविण्याच्या दिशेने वाटचाल करताना पहिला टप्पा गाठल्यानंतर पुढे टप्प्याटप्प्याने संपूर्ण भारताला समृद्ध बनविण्याच्या दिशेने या अभियानाची कार्यकक्षा वाढविण्यात येईल.
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