Current Affairs, Gk, Job Alerts, , School Info, Competitive exams ; History , Geography , Maths, History of the day, Biography, PDF, E-book ,

Youtube Channel

  • Videos click here
  • Breaking

    Sports

    Translate

    Friday, May 11, 2018

    फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील के साथ भारत में ई-कॉमर्स विस्तार को समझें:

    Views

    करेंट अफेयर्स 11 मे 2018 हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
    / currentaffairs
    फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील के साथ भारत में ई-कॉमर्स विस्तार को समझें:




    हिंदी

    फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील के साथ भारत में ई-कॉमर्स विस्तार को समझें:
    भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को वैश्विक रिटेल जायंट वॉलमार्ट ने खरीद लिया है। अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी खरीदकर इसका अधिग्रहण किया है।
    वॉलमार्ट ने 16 अरब डॉलर (करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये) में फ्लिपकार्ट को खरीदने के बाद दो अरब डॉलर (करीब 13400 करोड़ रुपये) अतिरिक्त निवेश की भी योजना बनाई है। जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक भी फ्लिपकार्ट में अपनी 20 फीसद हिस्सेदारी बेचकर बाहर हो गयी है। सॉफ्टबैंक इस कंपनी में सबसे बड़ा निवेशक थी।
    यह वॉलमार्ट का अभी तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। इतना बड़ा अध्रिग्रहण भारत में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में शानदार संभावनाओं को देखते हुए किया गया है। अनुमान है कि अगले वर्ष देश में ई-कॉमर्स कारोबार 200 अरब डॉलर का होगा।
    इस क्षेत्र में उसका सीधा मुकाबला अमेरिका की ही कंपनी अमेजन से होगा। इस सौदे के लिए अभी वॉलमार्ट को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) समेत कई स्तरों पर मंजूरियां लेनी होंगी।
    छोटे ऑनलाइन कारोबारियों की चिंता:
    फ्लिपकार्ट पर मौजूद ऑनलाइन सेलर्स को इस बात का दर है कि वॉलमार्ट उन्हें पर्याप्त जगह नहीं देगी। 500 बिलियन डॉलर की अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट का यह इतिहास रहा है कि वह लो प्राइज की रेस शुरू कर छोटे कारोबारियों को खत्म कर देती है।
    इन कारोबारियों को डर है कि वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट के माध्यम से अपने प्राइवेट खिलाड़ियों को भारतीय बाजार में उतार प्राइस वॉर शुरू कर देगा। ऑल इंडिया ऑनलाइन वेंडर्स असोसिएशन (AIOVA) के अनुसार, ये प्रॉडक्ट्स तुलनात्मक रूप से काफी कम कीमत के होंगे। AIOVA फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन के प्लैटफॉर्म पर 3500 विक्रेताओं का संगठन है।
    भारत में मौजूद असीमित संभावनाओं का दोहन:
    वॉलमार्ट के प्रेसिडेंट और सीईओ डग मैकमिलन के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे आकर्षक खुदरा बाजार है। इसका आकार और वृद्धि दर इसका सबूत है। वॉलमार्ट का यह निवेश उस कंपनी में भागीदार बनने का अवसर देता है जिसने ई-कॉमर्स बाजार को बदलने में अहम भूमिका निभायी है।
    देश के ई-कॉमर्स मार्केट में फ्लिपकार्ट की सबसे ज्यादा 34 फीसद हिस्सेदारी है जबकि अमेजन की हिस्सेदारी 27 फीसद है।
    फ्लिपकार्ट का अब तक का सफर:
    साल 2007 में स्थापित फ्लिपकार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में कई अहम पड़ाव हासिल किये। कंपनी ने मिंतरा, जाबोंग और फोन पे सरीखी कई कंपनियों के अधिग्रहण से अपना आकार बढ़ाया। साल 2017-18 में कंपनी ने 4.6 अरब डॉलर की बिक्री दर्ज की। कंपनी 80 से अधिक श्रेणियों में करीब 80 लाख उत्पादों की बिक्री करती है।
    भारतीय ई कॉमर्स बाजार की मुश्किलें:
    वालमार्ट और फ्लिपकार्ट डील पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा की हालांकि डील का मसौदा अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है लेकिन यह तय है की वालमार्ट-फ्लिपकार्ट डील भारत के रिटेल बाजार पर कब्जा जमाने की वालमार्ट की कोशिशों का ही एक हिस्सा है। ई कॉमर्स भारतीय रिटेल बाजार तक पहुंचने का वालमार्ट के लिए एक साधन बनेगा।
    ई कॉमर्स के लिए कोई पॉलिसी का न होना और किसी किस्म की रेगुलेटरी व्यवस्था के अभाव में ई कॉमर्स पर पहले से चली आ रही विकृतियां जैसे लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना और बहुत अधिक डिस्काउंटिंग इस डील के बाद और तेजी से बढ़ेगी।




    इंग्लिश


    Understanding e-Commerce space in India with Flipkart-Walmart Deal

    The e-commerce landscape is changing the way people shop around the world. The two main ingredients of this rise are smartphone and internet. Online stores are heavily investing in technologies such as augmented reality, virtual reality, artificial intelligence, analytics and many more. According to a report by Morgan Stanley, India had 60 million online shoppers in 2016 which is 14% of the internet user base of the country and it will rise to 50% by 2026. So more the internet penetration more the e-commerce expands.
    Flipkart-Walmart Deal
    The world’s largest retailer company Walmart on May 9 acquired the Indian e-commerce platform Flipkart at a whopping price of $16 billion. Walmart previous attempt to open retail stores in India failed and they had to be content with wholesale store. India’s e-commerce landscape is increasing at a faster rate and a young population makes it an attractive destination for the investments. There are currently three major players in this field – Paytm, Amazon and Flipkart. It is worth to note here that no company has so far made any significant profit. The Walmart-Flipkart deal is more about perception and future.
    E-commerce in India
    • India has an internet user base of about 450 million as of July 2017. However, the e-commerce penetration is quite low in comparison with other countries.
    • 100% foreign direct investment is permitted in the marketplace model of e-commerce
    • FDI is not permitted in inventory based model of e-commerce.
    • An e-commerce entity will not permit more than 25% of the total sales should not be done by one vendor or its group companies
    Effect on Physical Stores
    • The grey area in pricing is very open to interpretation, especially on the point of determining the right price, and could be an anti-market move
    • Retail sector still remains affected by a lot of interest groups and a solid policy change to actually reform retail remains.
    • However, in the long term the same retail stores will become the supplier on the e-commerce platform. The technology brings challenge but businesses do innovate.
    Overall, e-commerce is the future of Indian market and the competition will certainly benefit the consumers.






    मराठी


    वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा आणि ई-वाणिज्य भारत

    नुकतेच, वॉलमार्ट या अमेरिकेच्या सर्वात मोठ्या किरकोळ विक्रेता कंपनीने भारतामधल्या सचिन बंसल आणि बिन्नी बंसल यांच्या ‘फ्लिपकार्ट’ या ई-वाणिज्य कंपनीचा 77% हिस्सा खरेदी केला आहे. जवळजवळ 1,05,360 कोटी रुपयांचा ($16 अब्ज) हा सौदा ई-वाणिज्य उद्योग क्षेत्रातला जगातला सर्वात मोठा सौदा ठरला आहे.
    ई-वाणिज्य भारत
    जगात ई-वाणिज्य उद्योग क्षेत्र सर्वात जास्त वेगाने वाढत आहे. भारतात या क्षेत्रात झपाट्याने वाढ होत असून त्याची उलाढाल $21 दशलक्षवर पोहचलेली आहे. इंटरनेट धारकांची संख्याही वेगाने वाढत असल्याने भारतातले ई-वाणिज्य उद्योग क्षेत्र जगभरातल्या गुंतवणूक कंपन्यांसाठी आकर्षणाचे केंद्र ठरत आहे. भारतात ई-वाणिज्यचा व्यवसाय दरवर्षी सरासरी 30% नी वाढतो आहे.
    यापूर्वी ई-वाणिज्य उद्योग क्षेत्रातली अग्रगण्य असलेल्या अॅमेजॉन या कंपनीने भारतातली ‘पे’ ही कंपनी खरेदी केली होती. अॅमेजॉन कंपनीने फॅशन व कपड्यांच्या ऑफलाइन किरकोळ बाजारात पुढे पाऊल टाकण्यासाठी भारतीय रिटेलर शॉपर्स स्टॉप लिमिटेडमध्ये $27.6 दशलक्षाची गुंतवणूक केलेली आहे.
    बाजारावर पडणारे प्रभाव आणि फायदे
    या सौद्यामुळे भारतातल्या ई-वाणिज्य उद्योगांवर मोठा परिणाम होणार असल्याचे वर्तविण्यात आले आहे. वॉलमार्ट सारख्या बलाढ्य कंपनीसमोर भारतीय कंपन्यांना टिकाव धरून राहाणे ही एक चिंतेची बाब आहे. ऑल इंडिया ऑनलाइन वेंडर्स असोसिएशन (AIOVA) यांच्यानुसार, कंपनीचा टिकाव लागण्याकरिता वॉलमार्ट सारख्या मोठ्या कंपन्या मर्यादित कमी किंमतीच्या शर्यतीत भाग घेतात, ज्याचा अन्य कंपन्यांवर प्रतिकूल प्रभाव पडतो.
    आता भारतात जगातले दोन मोठे स्पर्धक आहेत. दोघांमध्ये होणार्‍या स्पर्धेत एक फायदा म्हणून भारतातल्या कृषी व पायाभूत सुविधा क्षेत्रांना वेगवान चालना मिळणार. याचा थेट फायदा शेतकर्‍यांना त्यांचे उत्पन्न वाढविण्यासाठी होणारच, सोबतच ग्राहकांची मागणी देखील वाढणार. भारतीय बाजारपेठेत वॉलमार्टच्या प्रवेशामुळे वस्तूंच्या बाबतीत कमी किंमतीत अधिक विविधता येऊ शकते.
    उपस्थित अडचणी व उपाय
    भारतातही इतर देशांप्रमाणेच व्यापार वाढविण्यासाठी लागणाऱ्या मुलभूत सेवा-सुविधांचा अभाव ही देखील एक समस्या आहे. भारतात आज रस्त्यांचे सर्वात मोठे जाळे पसरले आहे, पण त्यात अवघे 2% राष्ट्रीय महामार्ग आहेत.
    घरपोच सेवा वेळेवर देण्याच्या उद्देशाने क्वांटीफाइड कॉमर्स ही अमेरिकेची संस्था भारतात ड्रोनमार्फत वितरणाबाबत संशोधन करत आहे. फेसबुक, युट्यूब सारख्या नव्या जाहिरात माध्यमांचा आधार घेऊन ग्राहकांना थेट लक्ष्य केले जात आहे.





    No comments:

    Post a Comment