करेंट अफेयर्स ३१ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
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वैज्ञानिकों ने नए मानव अंग 'इंटरस्टीशियम' की खोज की:
वैज्ञानिकों ने मानव के शरीर में एक नए अंग की खोज की है जिसके बारे में अब तक किसी को जानकारी नहीं थी। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नई खोज की मदद से मनुष्य के शरीर में कैंसर कैसे फैलता है इसे आसानी से समझा जा सकेगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे शरीर में जो परत है जिसे अब तक संयोजक टीशू (ऊतक) समझा जा रहा था वे दरअसल तरल पदार्थों से भरे कंपार्टमेंट्स हैं जिन्हें 'इंटरस्टीशियम' नाम दिया गया है।
इंटरस्टीशियम:
वैज्ञानिकों ने 'इंटरस्टीशियम' के बारे में बताया है कि ये त्वचा के अतिरिक्त आंत, फेफड़े, रक्त नलिका और मांसपेशियों के नीचे भी पाए जाते हैं, ये काफी लचीले होते हैं, इनके अंदर प्रोटीन लेयर होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार 'इंटरस्टीशियम' शरीर के ऊतकों के बचाव का काम करते हैं। मानव के शरीर के नए अंग के बारे में यह लेख साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
इसे किस प्रकार खोजा गया?
माउंड सिनाइ बेथ इजरायल मेडिकल सेंटर मेडिक्स के डॉ डेविड कार-लॉक और डॉ पेट्रोस बेनियास जब एक मरीज के शरीर में कैंसर के संकेतों का पता लगाने के लिए पित्त वाहिनी (bile duct) की जांच कर रहे थे उस दौरान उन्हें इंटरस्टीशियम के बारे में पता चला।
उन्होंने देखा कि उस मरीज के शरीर में कैविटीज या छेद था जो पहले कभी इंसान के शरीर के गहन विश्लेषण के दौरान सामने नहीं आया था। इसके बाद उन्होंने न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के पाथलॉजिस्ट डॉ नील थेसी से इस बारे में बात की।
पूरे शरीर में पाए जाने वाले तरल पदार्थों से भरे इन शॉक अब्जॉर्बस को अब तक सिर्फ साधारण परत वाले कनेक्टिव टीशू के रूप में जाना जाता था। लेकिन हाल ही में हुई जांच के नतीजों के बाद वैज्ञानिकों का मानना है कि ये संरचना न सिर्फ पित्त वाहिनी (bile duct) में पायी जाती है बल्कि शरीर के दूसरे और बेहद अहम ऑर्गन्स के आसपास भी होती है।
इंसान के शरीर में इस नए ऑर्गन की खोज और उसे पूरी तरह से समझने के बाद वैज्ञानिकों को कैंसर के लिए नया टेस्ट विकसित करने में मदद मिलेगी। 'इंटरस्टीशियम' शरीर के बड़े अंगों में से एक माना जा रहा है।
वैज्ञानिकों ने मानव के शरीर में एक नए अंग की खोज की है जिसके बारे में अब तक किसी को जानकारी नहीं थी। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नई खोज की मदद से मनुष्य के शरीर में कैंसर कैसे फैलता है इसे आसानी से समझा जा सकेगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे शरीर में जो परत है जिसे अब तक संयोजक टीशू (ऊतक) समझा जा रहा था वे दरअसल तरल पदार्थों से भरे कंपार्टमेंट्स हैं जिन्हें 'इंटरस्टीशियम' नाम दिया गया है।
इंटरस्टीशियम:
वैज्ञानिकों ने 'इंटरस्टीशियम' के बारे में बताया है कि ये त्वचा के अतिरिक्त आंत, फेफड़े, रक्त नलिका और मांसपेशियों के नीचे भी पाए जाते हैं, ये काफी लचीले होते हैं, इनके अंदर प्रोटीन लेयर होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार 'इंटरस्टीशियम' शरीर के ऊतकों के बचाव का काम करते हैं। मानव के शरीर के नए अंग के बारे में यह लेख साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
इसे किस प्रकार खोजा गया?
माउंड सिनाइ बेथ इजरायल मेडिकल सेंटर मेडिक्स के डॉ डेविड कार-लॉक और डॉ पेट्रोस बेनियास जब एक मरीज के शरीर में कैंसर के संकेतों का पता लगाने के लिए पित्त वाहिनी (bile duct) की जांच कर रहे थे उस दौरान उन्हें इंटरस्टीशियम के बारे में पता चला।
उन्होंने देखा कि उस मरीज के शरीर में कैविटीज या छेद था जो पहले कभी इंसान के शरीर के गहन विश्लेषण के दौरान सामने नहीं आया था। इसके बाद उन्होंने न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के पाथलॉजिस्ट डॉ नील थेसी से इस बारे में बात की।
पूरे शरीर में पाए जाने वाले तरल पदार्थों से भरे इन शॉक अब्जॉर्बस को अब तक सिर्फ साधारण परत वाले कनेक्टिव टीशू के रूप में जाना जाता था। लेकिन हाल ही में हुई जांच के नतीजों के बाद वैज्ञानिकों का मानना है कि ये संरचना न सिर्फ पित्त वाहिनी (bile duct) में पायी जाती है बल्कि शरीर के दूसरे और बेहद अहम ऑर्गन्स के आसपास भी होती है।
इंसान के शरीर में इस नए ऑर्गन की खोज और उसे पूरी तरह से समझने के बाद वैज्ञानिकों को कैंसर के लिए नया टेस्ट विकसित करने में मदद मिलेगी। 'इंटरस्टीशियम' शरीर के बड़े अंगों में से एक माना जा रहा है।
इंग्लिश
New human 'organ' that protects vital tissues identified
A new organ has been discovered in the human body after it was previously missed by scientists. They have named it, Interstitium. It acts as a shock absorber for vital tissues and could improve understanding of cancer spread. It was discovered by the New York University scientists.
Previously, though to be dense, connective tissues are actually a series of fluid-filled compartments.
Where it is found in the body?
These compartments are found beneath the skin, as well as lining the gut, lung, blood vessels and muscles and join together to form a network supported by a mesh of strong, flexible proteins.
It was published in the Scientific Reports journal.
Strangely, despite being the biggest organ of body, it was missed in previous studies.
Benefit of this discovery?
This finding will help in developing medicine and probably in understanding the prevention mechanism of cancer in new lights.
A new organ has been discovered in the human body after it was previously missed by scientists. They have named it, Interstitium. It acts as a shock absorber for vital tissues and could improve understanding of cancer spread. It was discovered by the New York University scientists.
Previously, though to be dense, connective tissues are actually a series of fluid-filled compartments.
Where it is found in the body?
These compartments are found beneath the skin, as well as lining the gut, lung, blood vessels and muscles and join together to form a network supported by a mesh of strong, flexible proteins.
It was published in the Scientific Reports journal.
Strangely, despite being the biggest organ of body, it was missed in previous studies.
Benefit of this discovery?
This finding will help in developing medicine and probably in understanding the prevention mechanism of cancer in new lights.
मराठी
ऊतकांचे रक्षण करणारा नवीन मानवी 'अवयव' ओळखला गेला
शास्त्रज्ञांना मानवी शरीरात एक नवा अवयव ओळखून आला आहे. यापूर्वी या अवयवाची माहिती आपल्याकडे नव्हती. या नव्या शोधामुळे शरीरात कर्करोग कसा पसरतो याविषयी स्पष्टता होण्यास मदत मिळणार.मानवी शरीरात जो थर आहे, ज्याला आतापर्यंत समन्वयक ऊतक (tissues) समजले जात होते ते खरं तर द्रव पदार्थांनी भरलेले कप्पे आहेत, ज्यांना ‘इंटरस्टीशियम’ असे नाव देण्यात आले आहे.
हे कप्पे आपल्या त्वचेच्या खाली आढळतात, सोबतच आतडे, फुफ्फूस, रक्तवाहिन्या आणि स्नायू यांच्याखालीही थराच्या रूपात आढळतात आणि ते आपापसात जोडले जाऊन एक जाळे तयार करतात, ज्याला मजबूत व लवचिक प्रोटीनच्या जाळ्याची मदत मिळालेली आहे.
हे मानवी शरीरातील सर्वात मोठ्या अवयवांपैकी एक आहे. असे मानले जाते की, हे कप्पे बाह्य धक्के सहन करण्याकरिता मदत करतात आणि ऊतकांना वाचवते.
यावेळी प्रथमच या रिक्त ठिकाणांना संयुक्त रूपाने एक नवा अवयव म्हणून मानले गेले आहे, जेणेकरून त्यांच्या कार्य करण्याच्या पद्धतीला समजले जाऊ शकणार.
पहिल्यांदा शोध
माऊंड सिनाए बेथ इस्रायल मेडिकल सेंटर मेडिक्स येथील डॉ. डेव्हीड कार-लॉक आणि डॉ. पेट्रोस बेनियास हे जेव्हा एका रोगीच्या शरीरात कर्करोगाचे संकेत ओळखण्यासाठी पित्त वाहिनी (bile duct) याचे विश्लेषण करीत होते, त्यादरम्यान ही संरचना त्यांना आढळून आली.
त्यानंतर यासंबंधी अभ्यास न्यूयॉर्क विद्यापीठाचे पॅथलॉजिस्ट डॉ. नील थेसी यांच्याकडे करण्यात आला. यासंबंधी विश्लेषण ‘सायंटिफिक रिपोर्ट्स’ नियतकालिकेत प्रसिद्ध करण्यात आले आहे.
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