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    Wednesday, March 28, 2018

    आइये समझें कि हैशग्राफ क्या है और यह ब्लॉकचेन तकनीक से कैसे अलग है:

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    करेंट अफेयर्स २८ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
    आइये समझें कि हैशग्राफ क्या है और यह ब्लॉकचेन तकनीक से कैसे अलग है:
    Understanding Hashgraph vis-a-vis Blockchain Technology

    हॅशग्राफ आणि ब्लॉकचेन तंत्रज्ञान: एक दृष्टीकोन



    हिंदी

    आइये समझें कि हैशग्राफ क्या है और यह ब्लॉकचेन तकनीक से कैसे अलग है:
    विश्व के अधिकांश देश बिटकॉइन और एथेरेयम जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को विनियमित करने की कोशिश कर रहे हैं, और साथ ही डेवलपर्स जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने के बारे में उत्सुक हैं। हालांकि, ब्लॉकचेन तकनीक को सरकारों से नहीं बल्कि एक नई तकनीक जिसे हैशग्राफ कहा जाता है, से खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
    हैशग्राफ एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर (Ledger) टेक्नोलॉजी (डीएलटी) है जोकि लगभग एक दशक से जानकारी में है।

    हैशग्राफ क्या है? What is HashGraph?
    यह पियर टु पियर आर्किटेक्चर वाली एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर (Ledger) टेक्नोलॉजी है। इसे वर्ष 2016 में लीमन बेयर्ड द्वारा विकसित किया गया था। यह समुदाय के उपयोगकर्ताओं (कम्युनिटी यूजर्स) को लेनदेन शुरू करने की अनुमति देता है, और उस आर्डर पर सहमति दर्ज करता है जिसमें उन्होंने लेनदेन किया था, साथ ही यह एक ऐसे वातावरण में हो रहा है जहां हर कोई किसी भी उपयोगकर्ता पर भरोसा नहीं करता है।
    हैशग्राफ एक आम सहमति हासिल कर सकता है, और इसके अतिरिक्त यह तेज़, निष्पक्ष, सिद्ध, कुशल और सस्ता हो सकता है।

    ब्लॉकचेन:Blockchain
    ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जो एक सुरक्षित एवं आसानी से सुलभ नेटवर्क पर लेन -देनों का एक विकेंद्रीकृत डाटाबेस तैयार करती है। लेन-देन के इस साझा रिकॉर्ड को नेटवर्क पर स्थित कोई भी व्यक्ति देख सकता है।
    वास्तव में ब्लॉकचेन डाटा ब्लॉकों की एक श्रृंखला होती है तथा प्रत्येक ब्लॉक में लेन-देन का एक समूह समाविष्ट होता है। ये ब्लॉक एक-दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े होते हैं तथा इन्हें कूट-लेखन के माध्यम से सुरक्षा प्रदान की जाती है।
    इस तकनीक की एक प्रमुख विशेषता इसका विकेंद्रीकृत होना है जिसका अर्थ यह है कि लेन-देनों को पूरा करने के लिये इसमें किसी विश्वसनीय मध्यस्थ (जैसे- बैंक) की आवश्यकता नहीं होती। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम एवं सबसे बड़ा उदाहरण बिटकॉइन नेटवर्क है।

    हैशग्राफ और ब्लॉकचेन के मध्य अंतर:
    Difference Between Hashgraph and Blockchane:
    • ब्लॉकचेन तकनीक के विपरीत, हैशग्राफ की गति बहुत बेहतर है।
    • बिटकॉइन नेटवर्क वर्तमान में 7 लेनदेन प्रति सेकंड करने में सक्षम है। दूसरी ओर, हैशग्राफ में प्रति सेकंड 5000 लेनदेन की क्षमता है।
    • हैशग्राफ, ब्लॉकचेन से अधिक भरोसेमंद है।
    • हैशग्राफ बाइजेंटाइन है। दूसरी ओर, ब्लॉकचेन एक बाइजेंटाइन समझौते की गारंटी नहीं देता है।



    इंग्लिश

    Understanding Hashgraph vis-a-vis Blockchain Technology
    As most of the countries are trying to regulate the cryptocurrencies such as bitcoin and ethereum, and developers are curious about using the blockchain technology in other areas of life. However, the blockchain technology is facing threat not from governments but from a new technology, called Hashgraph.
    Hashgraph is a distributed technology (DLT) that has been around since a decade.
    What is Hashgraph?
    It is a distributed ledger technology with peer to peer architecture. It was developed by Leemon Baird in 2016.
    It allows community users to generate transactions, and agree on the order in which they did the transactions, in an environment where everyone trusts no single user.
    Blockchain
    For a better understanding, take the example of spreadsheet which is duplicated several times across a network of computers. Now, imagine the network you have uploaded, is designed to regularly update this spreadsheet. Similarly, information held on a blockchain database exists as a shared and continually reconciled database. So the database isn’t stored in any single location means a hacker can’t find it data stored at one place. Its data is accessible to anyone on the internet.
    Difference between Blcokchain and Hashgraph
    • Unlike the blockchain, hashgraph’s speed is much better. Bitcoin network is currently able to do 7 transactions per second. On the other hand, Hashgraph has the capacity of 5000 transactions per second.
    • The second benefit of Hashgraph is, trust. In a blockchain, a miner is allowed to choose what to include and what to discard in their block. If two people say Ram and Shyam are transacting, a blockchain miner can choose to carry Shyam’s transaction and drop Ram, but in a Hashgraph platform, an individual must include both transactions in the order they were received.
    • Hashgraph is byzantine. It means no single group or a small community can stop to reach consensus among the entire community. On the other hand, blockchain doesn’t guarantee a Byzantine agreement; each member never gets to a point where they believe they have reached a consensus.
    Overall, the Hashgraph is designed to be fair, and Byzantine.



    मराठी



    हॅशग्राफ आणि ब्लॉकचेन तंत्रज्ञान: एक दृष्टीकोन

    जगातील बहुतेक देश बिटकॉइन आणि इथेरियम यांसारख्या आभासी चलनांचे नियमन करण्याचा प्रयत्न करीत आहेत आणि विकासक ब्लॉकचेन तंत्रज्ञानाचा वापर इतर क्षेत्रांमध्ये करण्यास उत्सुक आहेत. मात्र, ब्लॉकचेन तंत्रज्ञानाला सरकारकडूनच नव्हे तर एका नवीन तंत्रज्ञानापासून उद्भवलेल्या अडचणीला तोंड द्यावे लागत आहे, या तंत्रज्ञानाला ‘हॅशग्राफ’ असे नाव देण्यात आले आहे.
    हॅशग्राफ काय आहे?
    ‘हॅशग्राफ’ हे एक डिस्ट्रिब्युटेड लेजर तंत्रज्ञान (DLT) आहे, जे पीअर-ते-पीअर आर्किटेक्चरसह तयार करण्यात आले आहे. ही संकल्पना दशकभरापासून अस्तित्वात आहे. यासंबंधी तंत्रज्ञान 2016 साली डॉ. लिमन बेयर्ड यांनी विकसित केले. अमेरिकेचे डॉ. लिमन बेयर्ड हे हॅशग्राफ डिस्ट्रिब्युटेड कोन्सेंसस अल्गोरिदमचे आविष्कारक आहेत.
    हे तंत्रज्ञान एखाद्या समुदायातील वापरकर्त्यांना व्यवहार व्युत्पन्न करण्यास आणि त्यांचा हा व्यवहार होण्यास सहमत असल्याचे मानले जाते. या वातावरणात केवळ विश्वासाच्या भरोश्यावर व्यवहार होतो आणि यात कोणताही एक जबाबदार नसतो.
    ब्लॉकचेन तंत्रज्ञानाबाबत
    ब्लॉकचेन तंत्रज्ञान (Blockchain Technology) बिटकॉईनमध्ये वापरले जाणारे तंत्रज्ञान आहे, मात्र ते आभासी चालनापासून (क्रिप्टोकरंसी) वेगळे आहे. एक सुरक्षित डिजिटल देयक प्रणालीची निर्मिती करण्यामध्ये कित्येक प्रकारे याचा वापर केला जाऊ शकतो.
    ब्लॉकचेन तंत्रज्ञानाच्या वापरामुळे पैस्याच्या व्यवहारांमध्ये सुरक्षितता आणली जाऊ शकते, ज्यामुळे सायबर धोक्यापासून संरक्षण बहाल केले जाऊ शकते. शिवाय हे तंत्रज्ञान ऑनलाइन व्यवहारांचा खर्चही कमी करते.
    या तंत्रज्ञानात विभागीय एक श्रृंखला तयार केली जाते, जी होणार्‍या व्यवहारांची नोंद ठेवते आणि त्यापासून निर्माण केलेल्या एका जाळ्याअंतर्गत ही माहिती हितधारकांसोबत गुप्तपणे सामायिक केली जाते. ही माहिती प्रत्येक हितधारकांकडून सत्यापित केली जाते. यामुळे सायबर धोक्यापासून संरक्षण मिळते.
    हॅशग्राफ आणि ब्लॉकचेन तंत्रज्ञानामधील फरक
    • ब्लॉकचेनच्या विपरीत, हॅशग्राफची गती अधिक चांगली आहे. बिटकॉईन नेटवर्क वर्तमानात सेकंदाला 7 व्यवहार करू शकते, तर हॅशग्राफची सेकंदाला 5000 व्यवहार एवढी क्षमता आहे.
    • हॅशग्राफचा दुसरा लाभ म्हणजे विश्वास. ब्लॉकचेनमध्ये, हितधारकाला त्यांच्या विभागात कशाचा समावेश करावा आणि कशाचा समावेश करू नये हे निवडण्याची अनुमती आहे. जर दोन लोक, उदा. राम आणि श्याम, हे व्यवहार करत असतील तर ब्लॉकचेन हितधारक श्यामच्या व्यवहारावर नियंत्रण ठेवून रामला वगळू शकतो, परंतु हॅशग्राफ व्यासपीठावर, एखाद्या व्यक्तीला प्राप्त झालेल्या आदेशामध्ये दोन्ही व्यवहारांचा समावेश करावा लागतो.
    • हॅशग्राफ संपूर्ण समुदायामध्ये एकमत व्हायला कोणताही एक गट किंवा एक छोटा समुदाय थांबवू शकत नाही. दुसरीकडे, ब्लॉकचेन याला परवानगी देत नाही.
    • घोटाळा रोखण्यासाठी सायबर सुरक्षेच्या दृष्टीने ब्लॉकचेन तंत्रज्ञान हॅशग्राफच्या तुलनेत अधिक सुरक्षित आहे.

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