करेंट अफेयर्स १७ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
हिंदी
डब्ल्यूईएफ एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स में भारत 78वें स्थान पर:
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स) में भारत को 114 देशों की सूची में 78वां स्थान मिला है। स्वीडन को इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल हुआ है।
‘फोस्टरिंग इफेक्टिव एनर्जी ट्रांजिशन' नामक रिपोर्ट के अनुसार, इस सूचकांक में देशों को इस आधार पर स्थान दिया गया है कि वे किस तरह से ऊर्जा सुरक्षा का संतुलन बनाने में सक्षम हैं और किस हद तक पर्यावरण संरक्षण एवं किफायती पहुंच बना पा रहे हैं।
रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य:
भारत ने ऊर्जा की पहुंच बेहतर करने, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की उपलब्धता को लेकर बड़े कदम उठाये हैं। हालांकि, देश में ऊर्जा संक्रमण को बड़े निवेश, उपयुक्त माहौल तथा उचित नियामकीय रूपरेखा की जरूरत है, ताकि इसे समर्थन मिल सके।
इस सूचकांक में ब्राजील 38वें, रूस 70वें तथा चीन 76वें स्थान पर हैं। भारत के मुकाबले उनकी स्थिति बेहतर है। इसमें स्वीडन के बाद नॉर्वे को दूसरा और स्विट्जरलैंड को तीसरा स्थान मिला है। शीर्ष 10 देशों में फिनलैंड, डेनमार्क, नीदरलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, फ्रांस और आइलैंड शामिल हैं।
भारत ने 2013 और 2018 के बीच अपने प्रदर्शन के आंकड़ों में 5.6 प्रतिशत की बढ़त हासिल की, मुख्य रूप से बेहतर ऊर्जा पहुंच, सब्सिडी कम हुई है और आयात लागत में कमी आई है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ):
विश्व आर्थिक फोरम स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय जिनेवा में स्थित है। स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है।
विश्व आर्थिक मंच की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (एनर्जी ट्रांजिशन इंडेक्स) में भारत को 114 देशों की सूची में 78वां स्थान मिला है। स्वीडन को इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल हुआ है।
‘फोस्टरिंग इफेक्टिव एनर्जी ट्रांजिशन' नामक रिपोर्ट के अनुसार, इस सूचकांक में देशों को इस आधार पर स्थान दिया गया है कि वे किस तरह से ऊर्जा सुरक्षा का संतुलन बनाने में सक्षम हैं और किस हद तक पर्यावरण संरक्षण एवं किफायती पहुंच बना पा रहे हैं।
रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य:
भारत ने ऊर्जा की पहुंच बेहतर करने, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की उपलब्धता को लेकर बड़े कदम उठाये हैं। हालांकि, देश में ऊर्जा संक्रमण को बड़े निवेश, उपयुक्त माहौल तथा उचित नियामकीय रूपरेखा की जरूरत है, ताकि इसे समर्थन मिल सके।
इस सूचकांक में ब्राजील 38वें, रूस 70वें तथा चीन 76वें स्थान पर हैं। भारत के मुकाबले उनकी स्थिति बेहतर है। इसमें स्वीडन के बाद नॉर्वे को दूसरा और स्विट्जरलैंड को तीसरा स्थान मिला है। शीर्ष 10 देशों में फिनलैंड, डेनमार्क, नीदरलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, फ्रांस और आइलैंड शामिल हैं।
भारत ने 2013 और 2018 के बीच अपने प्रदर्शन के आंकड़ों में 5.6 प्रतिशत की बढ़त हासिल की, मुख्य रूप से बेहतर ऊर्जा पहुंच, सब्सिडी कम हुई है और आयात लागत में कमी आई है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ):
विश्व आर्थिक फोरम स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय जिनेवा में स्थित है। स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है।
विश्व आर्थिक मंच की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी।
इंग्लिश
India ranks 78th on WEF Energy Transition Index
India has been ranked at 78th, lower than its emerging market peers like Brazil and China, among 114 countries on the World Economic Forum’s (WEF) energy transition index that was topped by Sweden.
The report titled Fostering Effective Energy Transition, ranks countries on how well they are able to balance energy security and access with environmental sustainability and affordability. According to the report India has taken “bold measures” to improve energy access, energy efficiency, and to improve the deployment of renewable sources of energy.
India is at the crossroads in its energy transition journey. Among its emerging market peers Brazil stood at the 38th place, Russia at 70th and China at 76th place. The overall list was topped by Sweden, followed by Norway at the 2nd position and Switzerland at the 3rd rank.
Other countries on the top 10 include Finland (4th), Denmark (5th), the Netherlands (6th), the UK (7th), Austria (8th), France (9th) and Iceland (10th). On India, the report said, energy needs in the country are primarily met by fossil fuels with implications for environmental sustainability and increasing energy import costs.
India has the largest government-mandated renewable energy programme, with a target of 175GW renewable energy capacity by 2022, and it announced plans to shift completely to electric vehicles by 2030.
मराठी
WEF ऊर्जा संक्रमण निर्देशांकात भारत 78 व्या स्थानी
जागतिक आर्थिक मंच (WEF) ने आपला ‘फोस्टरिंग इफेक्टिव एनर्जी ट्रांझीशन' नामक अहवाल प्रसिद्ध केला आहे. अहवालात 114 देशांना सामील करण्यात आलेला ऊर्जा संक्रमण निर्देशांक (Energy Transition Index) प्रसिद्ध करण्यात आला आहे.ऊर्जा सुरक्षेच्या बाबतीत कश्याप्रकारे देश संतुलन राखण्यास सक्षम आहे आणि कुठपर्यंत पर्यावरण संरक्षण राखण्यात व स्वस्त वीज उपलब्धतेत यशस्वी ठरला यांच्या आधारावर देशांची क्रमवारी ठरविण्यात आलेली आहे.
ठळक बाबी
- क्रमवारीत स्वीडन प्रथम स्थानी आहे, तर भारत 78 व्या क्रमांकावर आहे.
- क्रमवारीत प्रथम 10 देशांमध्ये स्वीडननंतर अनुक्रमे नॉर्वे, स्वित्झर्लंड, फिनलंड, डेन्मार्क, नेदरलँड, ब्रिटन, ऑस्ट्रिया, फ्रांस आणि आयरलॅंड यांचा क्रम लागतो. या निर्देशांकात रशिया 70 वा, चीन 76 वा देश आहे.
- 43 देश असे आहेत, ज्यांनी उत्कृष्ट कार्यक्षमता ऊर्जा प्रणाली आणि उच्च-संक्रमण सज्जता वाढीव प्रदर्शित केली आहे, जे सध्याच्या कामगिरीनुसार ऊर्जा संक्रमणाशी निगडित करण्याची क्षमता दर्शवते.
- उद्योगासाठी ऊर्जेचा खर्च कमी करून आणि विजेच्या पुरवठ्यामधील गुणवत्तेत वाढ झाल्यामुळे चांगल्या कामगिरीला गती प्राप्त झाली आहे.
- नॉर्वेमध्ये जवळजवळ सर्व वीज जलविद्युत निर्मितीतून प्राप्त होत असल्याने कार्बन उत्सर्जनात तुलनेने कमतरता आली आहे.
- मोठ्या प्रमाणावर पर्यावरणीय शाश्वतीकरणाच्या दृष्टीने सुमारे 14 देशांना संभाव्य आव्हानांचा सामना करावा लागत आहे.
- कामगिरी कमी प्रदर्शित करणार्या श्रेणीतील देशांचे प्रमाण 50% हून अधिक आहे, जे अग्रगण्य देशांहून अधिक आहे. अहवालाच्या मते, हे वाढीव संक्रमण सज्जतेसाठी फायदेशीर परिणाम दर्शविते.
- व्हेनेझुएला आणि इराण यांच्यासह अनेक देशांना "उदयोन्मुख" म्हणून परिभाषित केले आहे, जे बहू-संक्रमण सज्जता श्रेणींमध्ये सुधारित संधी दर्शविते.
अहवालानुसार, भारताने वीज उपलब्धता वाढवणे, ऊर्जा दक्षता आणि ऊर्जेच्या अक्षय स्त्रोतांची उपलब्धता या बाबतीत मोठ्या स्वरुपात पावले उचलली आहे. जेव्हा की, देशांमध्ये ऊर्जा संक्रमणाला मोठी गुंतवणूक, उपयुक्त वातावरण आणि योग्य कायदेशीर रूपरेषा देण्याची गरज आहे, जेणेकरून याला पाठिंबा मिळू शकणार.
भारताने सन 2013 आणि सन 2018 या कालावधीत आपल्या प्रदर्शनात 5.6% ची वृद्धी प्राप्त केलेली आहे. मुख्य रूपाने अधिक ऊर्जा उपलब्ध असून अनुदानात कमतरता आली आणि आयात खर्चात घट झाल्याचे आढळून आले आहे.
भारत 2022 सालापर्यंत 175 GW अक्षय ऊर्जा निर्मिती क्षमतेचे उद्दिष्ट समोर ठेवून सर्वात मोठ्या अक्षय ऊर्जा कार्यक्रमाची अंमलबजावणी करीत आहे.
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