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    Monday, March 5, 2018

    आर्कटिक के गर्म होने की वजह से 'डूम्सडे' सीड वॉल्ट में बदलाव किये गए: Doomsday' seed vault gets makeover as Arctic heats up। करेंट अफेयर्स ५ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

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    करेंट अफेयर्स ५ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी

    आर्कटिक के गर्म होने की वजह से 'डूम्सडे' सीड वॉल्ट में बदलाव किये गए:


    आर्कटिक पर्वत की गहराई में परमाणु मिसाइल हमले का सामना करने के लिए बनाये गए, विश्व के सबसे बड़े सीड वॉल्ट में इस समय कई जरूरी बदलाव किये जा रहे हैं। यह बदलाव बढ़ते हुए तापमान से इस सीड वॉल्ट को बचाने के लिए निर्मित किये गए पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने की वजह से किये जा रहे हैं।
    प्रमुख तथ्य:
    इस सीड वॉल्ट को "नोआहज आर्क" भी कहा जाता है। यह ग्लोबल सीड वॉल्ट स्वालबार्ड में एक पूर्व कोयले की खान में स्थापित किया गया था। स्वालबार्ड आर्कटिक महासागर में स्थित एक द्वीप समूह है जो नॉर्वे का उत्तरतम इलाक़ा भी है और यह उत्तरी ध्रुव से लगभग 1,000 किलोमीटर (650 मील) की दूरी पर स्थित है।
    दुनिया में जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे वैज्ञानिकों की परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं। वैज्ञानिकों को यह भी डर है कि दुनिया पर एकाएक कभी कोई बड़ा संकट आ सकता है। इन्हीं चिंताओं को मद्देनजर रखते हुए साल 2008 में वैज्ञानिकों ने नॉर्वे में एक अनोखा बैंक बनाया था।
    इसमें दुनियाभर में पाए जाने वाले सबसे खास और बेहतरीन गुणवत्ता वाले अनाजों, फलों, सब्जियों और पेड़-पौधों के चुनिंदा बीज संभाल कर रखे गए। इसे 'ग्लोबल सीड वॉल्ट' का नाम दिया गया। इस ग्लोबल सीड वॉल्ट को हर तरह के खतरे का सामना करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया था। लेकिन यह बीज बैंक भी ग्लोबल वॉर्मिंग के असर से नहीं बच पाया है।
    बढ़ते तापमान ने वॉल्ट के आसपास के वातावरण को बाधित किया है। एक अप्रत्याशित घटना में, पर्माफ्रॉस्ट जिसका कार्य सीड वॉल्ट के अंदर के तापमान को -18 सेल्सियस (-0.4 फ़ारेनहाइट) रखना था, वर्ष 2016 में पिघल गया क्यूंकि गर्मी का मौसम अपेक्षा से ज्यादा गर्म था।
    वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि आर्कटिक पूरे ग्रह की तुलना में दोगुनी तेजी से गर्म हो रहा है। जब यूरोप में तापमान शून्य से नीचे से जा रहा है तब उत्तरी ध्रुव ने हाल ही में शून्य से ऊपर तापमान दर्ज किया है जोकि सामान्य से 30 डिग्री अधिक है।


    इंग्लिश



    Doomsday' seed vault gets makeover as Arctic heats up
    Designed to withstand a nuclear missile hit, the world's biggest seed vault, nestled deep inside an Arctic mountain, is undergoing a makeover as rising temperatures melt the permafrost meant to protect it.
    Dubbed the "Noah's Ark" of food crops, the Global Seed Vault is buried inside a former coal mine on Svalbard, a remote Arctic island in a Norwegian archipelago around 1,000 kilometres (650 miles) from the North Pole.
    Opened in 2008, the seed bank plays a key role in preserving the world's genetic diversity: it is home to more than a million varieties of seeds, offering a safety net in case of natural catastrophe, war, climate change, disease or manmade disasters.
    The Arctic is warming twice as fast as the rest of the planet, scientific studies show. And while Europe is at the moment experiencing a subzero cold spell, the North Pole recently registered above-zero temperatures, 30 degrees higher than normal. Scientists say warm spells like this are occurring with increasing frequency in the Arctic.
    Norway recently announced it would contribute 100 million kroner (10 million euros, $12.5 million) to improve the repository in a bid to protect the precious seeds.
    The vault's raison d'etre was recently highlighted by the war in Syria, when scientists were able to withdraw seeds after a seed bank in Aleppo was destroyed in a bombing. To access the heart of the vault where the seeds are stored, authorised visitors must first pass through heavy doors and a concrete, 120-metre (393-foot) tunnel, giving the chilling impression of delving into an Arctic abyss.
    The tunnel leads to three cold chambers protected by locked gates. Inside each one, seeds from all over the world are stored in sealed plastic boxes labelled with the country of origin and the variety.
    Outside, nothing betrays the presence of the storage site so vital to humanity, apart from a monumental entrance: the narrow cement-and-steel rectangular portal juts out of the snow-covered mountainside, illuminated with artwork made of mirrors and bits of metal that create a colourful prism visible for miles around. On the mountain, workers' cabins dot the slope amid construction cranes and machinery, soiling the otherwise pristine white landscape.
    The access tunnel will be reinforced, and a cabin will be built near the site to house the technical materials that can generate heat to prevent a recurrence of melting permafrost.



    मराठी



    वाढत्या आर्क्टिक तापमानामुळे बियाणे बँकेची पुनर्रचना केली जात आहे

    आर्क्टिक पर्वतात उभारलेल्या अण्वस्त्राच्या हल्ल्यात उद्भवणार्‍या तापमानातही टिकून राहू शकणार्‍या जगातील सर्वात मोठ्या ‘स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट’ या बियाणे बँकेची पुनर्रचना केली जात आहे.
    परंतु उष्ण तापमानाने त्या सभोवतालचे वातावरण विस्कळित झाले आहे. त्यामुळे बर्फाचा पृष्ठभाग, ज्यामुळे व्हॉल्टमध्ये नेहमी -18 डिग्री सेल्सिअस (-0.4 फॅरनहाइट) तापमान राखण्यास मदत होते, ते वर्ष 2016 मध्ये वितळला आणि त्या पाण्याने आतमध्ये प्रवेश केला. शिवाय आर्क्टिक पृथ्वीच्या अन्य भागांच्या तुलनेत दुप्पट वेगाने तापत आहे, असे एका अभ्यासात आढळून आले आहे. त्यामुळे संरक्षणार्थ हा प्रकल्प राबविण्यात येत आहे.
    ‘स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट’ संबंधी
    • युद्धे किंवा नैसर्गिक संकटांमधून जागतिक पिकांच्या जैवविविधतेचा समूळ नाश होण्याच्या धोक्यापासून त्यांना संरक्षित करण्यासाठी बांधण्यात आलेली जगातली सर्वात मोठी बँक (जागा/साठा) आहे.
    • उत्तर ध्रुवापासून सुमारे 1,000 किलोमीटर अंतरावर असलेल्या कायम गोठलेल्या प्रदेशात एका अलिप्त बेटावर भूमिगत अशी एक जनुकीय बँक आहे. हे ठिकाण नॉर्वेचा मुख्य भूप्रदेश आणि उत्तर ध्रुव दरम्यान स्वालबार्ड द्वीपसमूह येथे स्थित आहे.
    • जगातील इतर बियाणे बँका नष्ट झाल्यास एक मास्टर बॅकअप म्हणून 2008 साली उघडली गेलेली बँक आहे.
    • कंसंल्टेटीव ग्रुप ऑन इंटरनॅशनल अॅग्रिकल्चर रिसर्च (CGIAR) यांच्या संयुक्त विद्यमाने शास्त्रज्ञ कॅरी फ्लॉवर यांनी ही बँक सुरू केली.
    • ही बँक नॉर्वे सरकार, ग्लोबल क्रॉप डायव्हर्सिटी ट्रस्ट (GCDT) आणि नॉर्डिक जेनेटिक रिसोर्स सेंटर (NordGen) यांच्या दरम्यान झालेल्या तिहेरी करारांतर्गत व्यवस्थापित केली जाते.
    • आर्क्टिक बेटावरील जागतिक बियाणांच्या या हिमाच्छादित बँकेची 4.5 दशलक्ष नमूने संग्रहित करून ठेवण्याची क्षमता आहे.
    बियाणे बँक का महत्त्वाचे आहे?
    बियाणे बँकेत साठवलेल्या बियाणांमुळे युद्धे किंवा नैसर्गिक संकटांमधून नष्ट होण्याचा धोका असलेल्या पिकांचे वाण संवर्धित करता येतात. त्यामुळे जागतिक पिकांची जैवविविधता राखता येऊ शकणार.
    शिवाय, पुनर्गठीत केलेली बियाणे हवामानाशी जुळवून घेणारी पिके विकसित करण्यामध्ये एक महत्वाची भूमिका बजावणार. यामधून समोर येणार्‍या प्रादेशिक आणि जागतिक आव्हानांना तोंड देण्यास मदत होईल.


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