करेंट अफेयर्स ८ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
Cabinet approves schemes to augment human resources for health and medical colleges
The Indian Budget 2018-19 has focused on two elements – agriculture and health. Continuing on its emphasis on health, Cabinet and Economic Committee has passed the budgetary allocation of Rs. 14, 930 Cr up to 2019-20. The amount has been allocated to Human Resources of Health and Medical education Schemes.
Features:
मंजुरीत प्रस्तावामधील ठळक बाबी
नवी वैद्यकीय महाविद्यालये –
खाली नमूद बाबींच्या स्थापनेसाठी योजना सुरू ठेवणे आणि पूर्ण करण्याचे प्रस्तावित आहे.
शाश्वत विकास उद्दिष्टे (SDG) 3 अन्वये सर्व वयोगटातील लोकांच्या आरोग्यपूर्ण जीवन आणि वैद्यकीय देखरेख सुनिश्चित करण्यासाठी WHO च्या शिफारसीनुसार प्रत्येक 1000 लोकांच्या मागे एक डॉक्टर असायला हवा.
हिंदी
मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के लिए मानव संसाधनों को सुदृढ बनाने की योजना को मंजूरी दी:
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने चालू योजना को जारी रखने तथा स्वास्थ्य और चिकित्सा योजनाओं के लिए 2019-20 तक 14,930.92 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से मानव संसाधन के अतिरिक्त चरण प्रारंभ करने की स्वीकृति दे दी है।
प्रमुख विशेषताएं:
नये मेडिकल कॉलेज:
नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा एमबीबीएस तथा पीजी सीटों की बढ़ोत्तरी से स्वास्थ्य पेशेवरों की उपलब्धता बढ़ेगी। देश में मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान भौगोलिक वितरण नियंत्रित होगा, देश में किफायती चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रत्येक 3-5 संसदीय क्षेत्रों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और राज्य में कम से कम एक सरकारी मेडिकल कॉलेज सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है।
यह पाया गया कि योजना के चरण-।। में 24 नये मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति की आवश्यकता होगी ताकि तीन संसदीय क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज हो जो कम सेवा वाले क्षेत्रों को कवर करे। योजना के चरण-।। में नये मेडिकल कॉलेजों के लिए स्थानों का चयन चुनौती मोड में चिन्ह्ति ब्लॉकों के अंदर राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा।
लाभ:
देश में एमबीबीएस की 10000 तथा पीजी की 8000 अतिरिक्त सीटें बनेंगी। सरकारी और निजी क्षेत्र में सीट उपलब्धता संख्या में अंतर कम होगा। सीटों की संख्या बढ़ने से डॉक्टरों /विशेषज्ञों /मेडिकल फैक्लटी की कमी दूर होगी और वांछित डॉक्टर आबादी अनुपात हासिल होगा।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी शिक्षण सुविधा उन्नत होगी। अध्ययन के नये और ऊंचे पाठ्यक्रम शुरू होंगे। चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा अनुसंधान तथा क्लिनिकल इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा।
पृष्ठभूमि:
सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 3 के अनुसार सभी आयु के लोगों के स्वस्थ्य जीवन और चिकित्सा देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए सतत विकास आवश्यक है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सिफारिशों के अनुसार 1000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए।
स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता तथा स्वास्थ्य में मानव संसाधन (एचआरएच) के लिए डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करने के लिए योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक मानव संसाधन हो यानी देश में अधिक डॉक्टर और नर्स उपलब्ध हों।
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने चालू योजना को जारी रखने तथा स्वास्थ्य और चिकित्सा योजनाओं के लिए 2019-20 तक 14,930.92 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से मानव संसाधन के अतिरिक्त चरण प्रारंभ करने की स्वीकृति दे दी है।
प्रमुख विशेषताएं:
नये मेडिकल कॉलेज:
- 2019-20 तक चरण-। के अंतर्गत पहले से स्वीकृत वर्तमान जिला / रेफरल अस्पतालों को जोड़कर 58 नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से संबंधित चालू योजना को जारी रखना। 2021-22 तक चरण-।। के अंतर्गत वर्तमान जिला /रेफरल अस्पतालों से जोड़कर 24 नये मेडिकल कॉलेजों का चयन और स्थापना।
- चरण-।। में प्रस्तावित 24 नये मेडिकल कॉलेजों के स्थानों का चयन चुनौती मोड में चिन्ह्ति कम सेवा वाले क्षेत्रों के अंदर किया जाएगा। चरण-। के दौरान केन्द्रीय हिस्से के अंतर्गत जारी योजना के लिए 5,587.68 करोड़ रूपये की राशि प्रस्तावित है।
- चरण-।। में केन्द्रीय हिस्से के रूप में 2021-22 तक 3,675 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। इसमें से 2,600 करोड़ रूपये 2019-2020 तक खर्च किये जायेंगे।
- 2020-21 तक स्नातक (यूजी) की 10 हजार सीटों की वृद्धि तथा 8,058 स्नातकोत्तर (पीजी) सीटें (2018-19 तक चरण-। में 4,058 तथा 2020-21 तक चरण-।। में 4,000).
- यूजी सीटें बढ़ाने में केन्द्रीय हिस्से की राशि 7,795 करोड़ रूपये है और यह राशि 2021-22 तक खर्च की जा सकेगी। इसमें से 4,536 करोड़ रूपये की राशि 2019-20 तक खर्च की जाएगी।
- चरण-।। के अंतर्गत पीजी सीटों की वृद्धि पर केन्द्रीय हिस्से के रूप में 3,024 करोड़ रूपये की राशि 2021-22 तक खर्च की जाएगी। इसमें से 1,700 करोड़ रूपये 2019-20 तक खर्च किये जायेंगे। 317.24 करोड़ रूपये की शेष केन्द्रीय हिस्से की राशि पीजी सीटों के पहले चरण के लिए खर्च की जाएगी।
- 112 ऑक्सिलियरी नर्सिंग तथा मिडवाईफरी (एएनएम) स्कूल तथा 2019-20 तक देश के कम सेवा वाले जिलों में 136 जनरल नर्सिंग मिडवाईफरी (जीएनएम) स्कूल।
- नर्सिंग योजना 2019-20 तक 190 करोड़ रूपये से उन स्कूलों के लिए लागू और पूरी की जाएगी जहां कार्य प्रारंभ हो गये हैं।
नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा एमबीबीएस तथा पीजी सीटों की बढ़ोत्तरी से स्वास्थ्य पेशेवरों की उपलब्धता बढ़ेगी। देश में मेडिकल कॉलेजों का वर्तमान भौगोलिक वितरण नियंत्रित होगा, देश में किफायती चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रत्येक 3-5 संसदीय क्षेत्रों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और राज्य में कम से कम एक सरकारी मेडिकल कॉलेज सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है।
यह पाया गया कि योजना के चरण-।। में 24 नये मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति की आवश्यकता होगी ताकि तीन संसदीय क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज हो जो कम सेवा वाले क्षेत्रों को कवर करे। योजना के चरण-।। में नये मेडिकल कॉलेजों के लिए स्थानों का चयन चुनौती मोड में चिन्ह्ति ब्लॉकों के अंदर राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा।
लाभ:
देश में एमबीबीएस की 10000 तथा पीजी की 8000 अतिरिक्त सीटें बनेंगी। सरकारी और निजी क्षेत्र में सीट उपलब्धता संख्या में अंतर कम होगा। सीटों की संख्या बढ़ने से डॉक्टरों /विशेषज्ञों /मेडिकल फैक्लटी की कमी दूर होगी और वांछित डॉक्टर आबादी अनुपात हासिल होगा।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी शिक्षण सुविधा उन्नत होगी। अध्ययन के नये और ऊंचे पाठ्यक्रम शुरू होंगे। चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा अनुसंधान तथा क्लिनिकल इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा।
पृष्ठभूमि:
सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 3 के अनुसार सभी आयु के लोगों के स्वस्थ्य जीवन और चिकित्सा देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए सतत विकास आवश्यक है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सिफारिशों के अनुसार 1000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए।
स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता तथा स्वास्थ्य में मानव संसाधन (एचआरएच) के लिए डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करने के लिए योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक मानव संसाधन हो यानी देश में अधिक डॉक्टर और नर्स उपलब्ध हों।
इंग्लिश
Cabinet approves schemes to augment human resources for health and medical colleges
The Indian Budget 2018-19 has focused on two elements – agriculture and health. Continuing on its emphasis on health, Cabinet and Economic Committee has passed the budgetary allocation of Rs. 14, 930 Cr up to 2019-20. The amount has been allocated to Human Resources of Health and Medical education Schemes.
Features:
- The government has approved continuation of 58 new medical colleges attached with existing district/referral hospitals. 8 newly hospitals are functioning and remaining will start functioning by 2019-20.
- 24 additional medical colleges will be crated with existing district/referral hospitals.
- The government has also approved creation of 12 Auxiliary Nursing and Midwifery Schools (ANM) and 136 General Nursing Midwifery (GNM) schools by 2019-20 in the underserved areas of the country. This will ensure that adequate medical force is ready to serve the population.
- To meet the growing demands of doctors, the cabinet has approved to increase the current medical seats by 10000 MBBS and 8058 PG seats.
- With the approval of 24 new medical colleges, the government will ensure that there is one medical college in every 3 parliamentary constituencies and at least one government medical college for every state.
- Establishment of 13 new AIIMS and 15 super -specialty facilities at existing 15 government medical colleges have been approved by the government.
- It will increase the availability of the health professionals.
- The increase in medical seats will bridge the gap between private and government colleges.
- The even distribution of medical colleges and hospitals in India will ensure that every geographic region is covered under the health care scheme.
- It will achieve the doctor: population ratio.
- It will also help in promoting affordable medical education which is currently out of reach for poor people.
- Medical research and clinical treatment will also improve with the implementation of the scheme.
मराठी
आरोग्य क्षेत्रात आणि वैद्यकीय महाविद्यालयांसाठी मनुष्यबळ वाढविण्यासाठी योजनांना मंत्रिमंडळाची मान्यता
देशात आरोग्य व वैद्यकीय शिक्षण यांस प्रोत्साहन देण्याच्या दृष्टीने पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या अध्यक्षतेखाली मंत्रीमंडळाच्या आर्थिक व्यवहार समितीकडून चालू योजनांना पुढे सुरू ठेवणे तसेच या क्षेत्रातल्या योजनांसाठी वर्ष 2019-20 पर्यंत 14,930.92 कोटी रूपये या अंदाजित खर्चाने मनुष्यबळासंबंधी अतिरिक्त टप्पे सुरू करण्यास मान्यता दिली गेली आहे.मंजुरीत प्रस्तावामधील ठळक बाबी
नवी वैद्यकीय महाविद्यालये –
- वर्ष 2019-20 पर्यंत टप्पा-। अंतर्गत आधीपासून स्वीकृत वर्तमान जिल्हा/रेफरल रुग्णालयांना जोडून 58 नव्या वैद्यकीय महाविद्यालयांची स्थापना करण्यासंबंधित चालू योजना पुढेही सुरू ठेवणे.
- वर्ष 2021-22 पर्यंत टप्पा-।। अंतर्गत वर्तमान जिल्हा/रेफरल रुग्णालयांना जोडून 24 नव्या वैद्यकीय महाविद्यालयांची निवड आणि स्थापना करणे. टप्पा-।। मध्ये प्रस्तावित 24 नव्या वैद्यकीय महाविद्यालयांच्या ठिकाणांची निवड स्पर्धात्मक पद्धतीने निर्देशित कमी सेवा क्षेत्रांमध्ये केले जाणार.
- टप्पा-। दरम्यान केंद्रीय वाट्याअंतर्गत सुरू असलेल्या योजनांसाठी 5,587.68 कोटी रूपयांची रक्कम प्रस्तावित आहे. टप्पा-।। मध्ये केंद्रीय वाट्याच्या रूपात वर्ष 2021-22 पर्यंत 3,675 कोटी रूपये खर्च केले जाणार. यापैकी 2,600 कोटी रूपये वर्ष 2019-2020 पर्यंत खर्च केले जाणार.
- वर्तमान राज्य शासन/केंद्र शासन अंतर्गत असलेल्या वैद्यकीय महाविद्यालयांना प्रगत बनविण्यासाठी सुरू असलेल्या केंद्र पुरस्कृत योजनेच्या परिणामस्वरूप वर्ष 2020-21 पर्यंत पुढीलप्रमाणे जागांची संख्या वाढविण्यात आली आहे -
- 10000 स्नातक (UG) जागा
- 8,058 स्नातकोत्तर (PG) जागा (वर्ष 2018-19 पर्यंत टप्पा-। मध्ये 4,058 आणि वर्ष 2020-21 पर्यंत टप्पा-।। मध्ये 4,000)
- UG जागा वाढविण्यामध्ये केंद्राचा वाटा 7,795 कोटी रूपयांचा असेल आणि ही रक्कम वर्ष 2021-22 पर्यंत खर्च केली जाणार. टप्पा-।। अंतर्गत PG जागा वाढविण्यामध्ये केंद्राचा वाटा 3,024 कोटी रूपयांचा असेल आणि ही रक्कम वर्ष 2021-22 पर्यंत खर्च केली जाणार.
खाली नमूद बाबींच्या स्थापनेसाठी योजना सुरू ठेवणे आणि पूर्ण करण्याचे प्रस्तावित आहे.
- 112 ऑक्झीलरी नर्सिंग आणि मिडवायफरी (ANM) स्कूल
- वर्ष 2019-20 पर्यंत देशातील कमी सेवा असणार्या जिल्ह्यांमध्ये 136 जनरल नर्सिंग मिडवायफरी (GNM) स्कूल
- नर्सिंग योजना वर्ष 2019-20 पर्यंत 190 कोटी रूपयांसह त्या संस्थांसाठी आहे, ज्यांचे कार्ये सुरू झालेली आहेत.
शाश्वत विकास उद्दिष्टे (SDG) 3 अन्वये सर्व वयोगटातील लोकांच्या आरोग्यपूर्ण जीवन आणि वैद्यकीय देखरेख सुनिश्चित करण्यासाठी WHO च्या शिफारसीनुसार प्रत्येक 1000 लोकांच्या मागे एक डॉक्टर असायला हवा.
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