करेंट अफेयर्स २ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
Union Budget 2018-19: Key Highlights
Presenting the last full year budget before 2019 elections in the Lok Sabha, Union Finance Minister Arun Jaitley announced this year’s budget that will consolidate the gains and focus on strengthening agriculture and rural economy, provision of good health care to the economically less privileged taking care of senior citizens, infrastructure creation and providing of more resources to improve quality of education.
Key highlights:
या अर्थसंकल्पात कृषी, ग्रामीण विकास, आरोग्य, शिक्षण, रोजगार, MSME आणि पायाभूत सुविधा क्षेत्रांना भक्कम करण्याच्या अभियानावर लक्ष केंद्रीत करण्यात आले आहे.
ठळक वैशिष्ट्ये
हिंदी
केंद्रीय बजट 2018-19: मुख्य विशेषताएं
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली 01 फरवरी 2018 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट प्रस्तुत किया। करीब दो घंटे के भाषण में जेटली ने बजट के प्रमुख बिंदु गिनाए और भविष्य की योजनाओं के बारे में सदन को जानकारी दी।
वित्तमंत्री जेटली ने किसानों को लागत मूल्य से 50 फीसदी ज्यादा देने की घोषणा की है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आमदनी को दुगुना कर देंगे। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश के हरेक गरीब के पास अपना घर होगा।
उन्होंने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को होम लोन में भी राहत देने की घोषणा की है। वित्तमंत्री ने कहा कि खेती का बाजार मजबूत करने के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्तमंत्री जेटली किसानों के लिए कर्ज की राशि 11 लाख करोड़ करने की घोषणा की है। कृषि सिंचाई योजना के लिए 2600 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है।
आइये जानते हैं बजट से जुड़े प्रमुख तथ्य:
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली 01 फरवरी 2018 को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट प्रस्तुत किया। करीब दो घंटे के भाषण में जेटली ने बजट के प्रमुख बिंदु गिनाए और भविष्य की योजनाओं के बारे में सदन को जानकारी दी।
वित्तमंत्री जेटली ने किसानों को लागत मूल्य से 50 फीसदी ज्यादा देने की घोषणा की है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आमदनी को दुगुना कर देंगे। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश के हरेक गरीब के पास अपना घर होगा।
उन्होंने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को होम लोन में भी राहत देने की घोषणा की है। वित्तमंत्री ने कहा कि खेती का बाजार मजबूत करने के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्तमंत्री जेटली किसानों के लिए कर्ज की राशि 11 लाख करोड़ करने की घोषणा की है। कृषि सिंचाई योजना के लिए 2600 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है।
आइये जानते हैं बजट से जुड़े प्रमुख तथ्य:
- वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था 2.5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की हो गयी है। वर्ष 2018-19 के लिए सकल घरेलू उत्पाद 7.4% होने का अनुमान लगाया जा रहा है। विकास दर में 8% से 15% तक की वृद्धि।
- वित्त मंत्री ने खेती की संभावनाओं और उपलब्धियों की सूची पेश की। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागत का 150% देने का फैसला किया। कृषि उपज के लिए जिला स्तर पर औद्योगिक कलस्टर जैसा सिस्टम बनाया जाएगा।
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य। 22 हजार हाट कृषि बाजार में बदले जाएंगे। लघु, कुटीर उद्योगों को 200 करोड़ की सहायता राशि दिया जायेगा।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपए तक का इलाज हेतु कवरेज दिया जा रहा है। इस योजना के लिए इस वर्ष 2000 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है।
- टी.बी. से पीड़ित सभी रोगियों को उनके उपचार की अवधि के दौरान 500 रूपये प्रति माह के हिसाब से पोषणाहार सहायता प्रदान करने के लिए 600 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि आबंटित की है।
- गुणवत्तायुक्त चिकित्सा, शिक्षा और स्वास्थ्य देख-रेख की पहुंच में और वृद्धि करने के उद्देश्य से, हम देश में मौजूद जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 24 नए सरकारी चिकित्सा कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना करेंगे।
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- 2017-18 की अवधि के दौरान विनिवेश के जरिए रिकार्ड एक लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। 250 करोड़ रूपये तक के एमएसईएम के कारोबार पर टैक्स स्लैब 30% से 25% किया गया।
- इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं। वेतनभोगी करदाताओं को 40000 रुपये की मानक कटौती (स्टैण्डर्ड डिडक्शन)। सीनियर नागरिकों के लिए मेडीक्लेम सीमाएं रु 30000 से 50000 तक बढ़ी।
- फिशरीज़ और एक्वाकल्चर के लिए 10000 करोड़ रुपये आवंटन किया गया। देश का निर्यात 15% बढ़ेगा।
- खरीफ फसलों के लिए एमएसपी 1.5 होगा। शहरी क्षेत्रों में सस्ते घरों के लिए 51 लाख और ग्रामीण इलाकों में 37 लाख सहायता
- 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (5 लाख मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल) आरआईएसई के लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
- एमएसएमई के ऋण सहायता के लिए 3,794 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। अगले वित्त वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण का लक्ष्य।
- 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना होगी। कपड़ा क्षेत्र के लिए 7148 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए 1400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
- वर्ष के अंत तक 9000 किलोमीटर का राजमार्ग निर्माण लक्ष्य बनाया गया। रेलवे को 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। बेंगलुरू मेट्रो नेटवर्क के लिए 17000 करोड़ का आवंटन किया गया।
- मुंबई रेलवे को 11000 करोड़ का आवंटन किया गया। स्मार्ट सिटी के लिए 2.04 लाख करोड़ रुपये की योजना। क्रिप्टो करेंसी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- डिजिटल भारत के लिए 373 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। इंफ्रास्ट्रक्चर पर 5.97 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च का प्रस्ताव किया गया।
- आसान इंटरनेट पहुंच प्रदान करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख वाईफाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाएंगे।
- सरकार प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के दो नए स्कूल स्थापित करेगा।
- भारत के राष्ट्रपति के लिए 5 लाख रुपये
- उप-राष्ट्रपति के लिए 4 लाख रुपये
- गवर्नर्स के लिए 3.5 लाख रुपये
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इंग्लिश
Union Budget 2018-19: Key Highlights
Presenting the last full year budget before 2019 elections in the Lok Sabha, Union Finance Minister Arun Jaitley announced this year’s budget that will consolidate the gains and focus on strengthening agriculture and rural economy, provision of good health care to the economically less privileged taking care of senior citizens, infrastructure creation and providing of more resources to improve quality of education.
Key highlights:
- PAN to be used as Unique Entity Number for non- individuals from April 1
- Govt. makes PAN mandatory for any entity entering into a financial transaction of Rs 2.5 lakh or more.
- Electronic IT assessment will be rolled out across the country, leading to greater efficiency and transparency
- Mobile phones set to become costlier as custom duty on them has been increased to 20 per cent.
- For senior citizens, exemption of interest income on bank deposits raised to Rs 50,000
- Health and education cess has been increased to 4 per cent.
- Finance Minister Arun Jaitley proposes revising emoluments as per the following structure:
- Rs 5 lakh for the President of India
- Rs 4 lakh for the Vice President
- Rs 3.5 lakh for the Governors
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- 5 lakh WiFi hotspots will be set up in rural areas to provide easy internet access.
- Government will take all steps to eliminate use of cryptocurrencies which are funding illegitimate transactions.
- Airport capacity to be hiked to handle 1 billion trips every year.
- Arun Jaitley announces capital expenditure of Rs 1,48,528 crore for Indian Railways in 2018-19.
- Rs 600 crore allocated to Tuberculosis patients undergoing treatment.
- Budget allocates money for social security and protection programme for all widows and orphaned children.
- Air pollution in Delhi-NCR has been a cause of concern, govt. has proposed subsidised machinery for in-situ management of crop residue in Punjab, Haryana, Uttar Pradesh and NCT Delhi.
- Govt. will set up two new Schools of Planning and Architecture
- Target of 3 lakh crore for lending under PM Mudra Yojana
- All railways stations with footfall more than 25,000 to have escalators.
- Airport capacity to be hiked to handle 1 billion trips every year.
- Arun Jaitley says that 4,000 km of new railway track will be laid down by 2019
- Companies with turnover of up to Rs 250 crore to be taxed at 25 per cent
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मराठी
केंद्रीय सर्वसाधारण अर्थसंकल्प 2018-19
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली यांनी संसदेपुढे चर्चेसाठी देशाचा सर्वसाधारण अर्थसंकल्प 2018-19 प्रस्तुत केला.या अर्थसंकल्पात कृषी, ग्रामीण विकास, आरोग्य, शिक्षण, रोजगार, MSME आणि पायाभूत सुविधा क्षेत्रांना भक्कम करण्याच्या अभियानावर लक्ष केंद्रीत करण्यात आले आहे.
ठळक वैशिष्ट्ये
- उत्पादन, सेवा आणि निर्यात क्षेत्रात होणाऱ्या निरंतर वाढीमुळे देशाने 8% विकास दर साध्य केला आहे.
- बहुतांश रब्बी पिकांप्रमाणेच सर्व अघोषित खरीप पिकांसाठी किमान आधारभूत किंमत ही त्यांच्या उत्पादन मूल्याच्या दिडपट असेल. वर्ष 2018-19 मध्ये संस्थात्मक कृषी कर्जात वाढ करुन 11 लाख कोटी करण्यात आले आहे, जे वर्ष 2014-15 मध्ये 8.5 लाख कोटी होते.
- 86% छोट्या आणि सीमांत शेतकऱ्यांच्या हिताचे संरक्षण करण्यासाठी ग्रामीण कृषी बाजारपेठेत 22000 ग्रामीण हाटचा विकास आणि सुधारणा करण्यात येणार आहेत.
- बटाटे, टोमॅटो आणि कांद्याच्या अस्थिर किंमतींचा प्रश्न सोडवण्यासाठी तसेच शेतकरी आणि ग्राहकांच्या फायद्यासाठी ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ सुरु करण्यात आले आहे.
- मत्सपालन आणि पशुपालन क्षेत्रासाठी 10,000 कोटी रुपयांच्या दोन नवीन कोषांची घोषणा करण्यात आली. पुनर्संरचित राष्ट्रीय बांबू अभियानासाठी 1290 कोटी रुपयांची तरतूद करण्यात आली आहे.
- महिला बचत गटांच्या गेल्या वर्षीच्या 42,500 कोटी रुपयांच्या कर्ज मर्यादेत वाढ करुन ती वर्ष 2019 मध्ये 75000 कोटी रुपये एवढी करण्यात आली.
- निम्न आणि मध्यम उत्पन्न श्रेणीतील कुटुंबांना मोफत LPG जोडणी, विज आणि शौचालय सुविधा पुरविण्याकरीता उज्वला, सौभाग्य आणि स्वच्छ अभियानावर अधिक लक्ष केंद्रित करण्यात आले.
- आरोग्य, शिक्षण आणि सामाजिक सुरक्षेवरील एकूण खर्चास 1.38 लाख कोटी रुपये असतील. वर्ष 2022 पर्यंत आदिवासी विद्यार्थ्यांसाठी प्रत्येक आदिवासी विभागात एकलव्य निवासी शाळा असेल. अनुसूचित जातींसाठीच्या कल्याणकारी निधीत वाढ केली जाणार.
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- 10 कोटी गरीब आणि असुरक्षित कुटुंबांना प्रत्येक कुटुंबाला 5 लाख रुपयांच्या मर्यादेसह दुय्यम आणि दर्जात्मक उपचार देण्यासाठी जगातील सर्वात मोठ्या आरोग्य सुविधा योजना सुरू करण्यात आली आहे.
- राजकोषीय तूट 3.5% पर्यंत निश्चित केले गेले. ही तूट वर्ष 2018-19 मध्ये 3.3% असण्याचा अंदाज आहे.
- पायाभूत सुविधा क्षेत्रासाठी 5.97 लाख कोटी रूपयांच्या निधीची तरतूद केली गेली.
- आदर्श पर्यटन स्थळे म्हणून 10 प्रमुख ठिकानांचा विकास केला जाणार.
- NITI आयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संदर्भात एक राष्ट्रीय कार्यक्रम सुरु करणार.
- रोबोटिक्स, AI, इंटरनेट आदि संदर्भात उत्कृष्ट केंद्रांची स्थापना केली जाणार.
- निर्गुंतवणूकीचे 72500 कोटी रुपयांचे लक्ष्य साधताना 100000 कोटी रुपयांपर्यंत पोहचले.
- सोन्याला संपत्ती श्रेणीच्या रूपात विकसित करण्यासाठी सर्वसमावेशक सोनं धोरण बनविण्याची तयारी होत आहे.
- शेतकरी उत्पादक कंपनी म्हणून नोंदणीकृत असलेल्या आणि 100 कोटी रुपये वार्षिक उलाढाल असलेल्या कंपन्यांना वर्ष 2018-19 पासून पुढील पाच वर्षांसाठी कमवलेल्या नफ्यावर 100% कपातचा प्रस्ताव सादर केला गेला.
- रोजगार निर्मितीला चालना देण्यासाठी JJAA च्या कलम 80 अंतर्गत नव्या कर्मचाऱ्यांना देण्यात येणाऱ्या वेतनावर 30% कपात मध्ये सवलत देत त्याला पादत्राणे आणि चर्म उद्योगासाठी 150 दिवस केले जाणार.
- ज्यात सर्कल रेट मूल्य रकमेच्या 5% पेक्षा कमी असेल, अश्या स्थावर मालमत्तेत घेण्या-देण्या संबंधित व्यवहारांमध्ये कोणतेही समायोजन नसणार.
- सूक्ष्म, लघू आणि मध्यम उद्योगांच्या फायद्यासाठी, वित्त वर्ष 2016-17 मध्ये 50 कोटी रुपयांपेक्षा कमी वार्षिक उलाढाल असलेल्या कंपन्यांना सध्या देण्यात येणारी 25% सवलत 250 कोटी रुपयांपर्यंत वार्षिक उलाढाल असलेल्या कंपन्यांनाही देण्याचा प्रस्ताव आहे.
- सध्याच्या प्रवास भत्ता आणि वैद्यकीय खर्चामधील सवलतीऐवजी सरसकट 40000 रुपये मानक कपात केली जाणार. यामुळे अडीच कोटी पगारदार आणि निवृत्तीवेतनधारकांना लाभ मिळणार.
- शेअर बाजारांमधील व्यवहारांना प्रोत्साहन देण्यासाठी आंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) मधील स्टॉक एक्सचेंजांमध्ये IFSC साठी आणखी अधिक सवलती दिल्या जातील.
- रोख अर्थव्यवस्था नियंत्रित करण्यासाठी विश्वस्त मंडळ किंवा संस्थांना 10,000 रुपयांपेक्षा अधिक रकमेच्या व्यवहारांना परवानगी नसणार आणि त्यावर कर आकारला जाणार.
- दीर्घकालीन भांडवली नफा 1 लाख रुपयांपेक्षा अधिक असल्यास 10% कर आकारला जाणार, ज्यामध्ये कोणतेही निर्देशित लाभ मिळणार नाहीत. मात्र 31 जानेवारी 2018 पर्यंतच्या लाभांना संरक्षित केले जाणार.
- समभाग संलग्न म्युच्युअल फंडांच्या लाभांशावर 10% कर आकारण्याचा प्रस्ताव आहे.
- वैयक्तिक प्राप्तीकर आणि कंपनी करावरील उपकर चालू 3% वरुन 4% करण्याचा प्रस्ताव आहे.
- प्रत्यक्ष कर संकलनात अधिक कार्यक्षमता आणि पारदर्शकता आणण्यासाठी देशभरात ई-मूल्यमापन व्यवस्था सुरु करण्याचा प्रस्ताव आहे.
- देशात रोजगार निर्मितीला चालना देण्यासाठी तसेच अन्न प्रक्रिया, इलेक्ट्रॉनिक्स, पादत्राणे, फर्निचर यांसारख्या क्षेत्रांमध्ये ‘मेक इन इंडिया’ आणि देशांतर्गत मूल्यवर्धनाला चालना देण्यासाठी सीमाशुल्कात फेरबदल करण्याचा प्रस्ताव आहे.
- बँका आणि टपाल कार्यालयातील ठेवींवरील व्याज सवलतीची मर्यादा 10,000 रुपयांवरुन 50,000 रुपयांपर्यंत वाढवली.
- कलम 194A अंतर्गत TDS कापण्याची आवश्यकता नाही. सर्व मुदत ठेव योजना आणि आवर्ती ठेव योजनांतर्गत प्राप्त व्याजांवरही लाभ मिळणार.
- कलम 80D अंतर्गत आरोग्य विमा हप्ता आणि/किंवा वैद्यकीय खर्चासाठीची कपात मर्यादा 30,000 रुपयांवरुन 50,000 रुपयांपर्यंत वाढवली.
- जेष्ठ नागरिकांसाठी काही विशिष्ट आजारांमधील वैद्यकीय खर्चासाठी कपात मर्यादा 60,000 रुपयांवरुन 1 लाख रुपयांपर्यंत, तर अति जेष्ठ नागरिकांसाठी देखील 80,000 रुपयांवरुन 1 लाख रुपयांपर्यंत वाढवली.
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजनेचा कालावधी मार्च 2020 पर्यंत वाढवण्याचा प्रस्ताव आहे. सध्याची गुंतवणूक मर्यादा 7.5 लाख रुपयांवरुन 15 लाख रुपयांपर्यंत प्रत्येक ज्येष्ठ नागरिकांसाठी वाढवण्याचा प्रस्ताव आहे.
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