करेंट अफेयर्स २१ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
ओडिशामधल्या एपीजे अब्दुल कलाम बेटावरून ही चाचणी घेण्यात आली. एकात्मिक चाचणी क्षेत्राच्या चौथ्या संकुलामधून मोबाइल लाँचरच्या सहाय्याने ही चाचणी घेण्यात आली.
अग्नी-2 ची वैशिष्ठ्ये
स्वदेशी ‘अग्नी’ या क्षेपणास्त्राच्या मालिकेमध्ये आतापर्यंत मारा करण्याच्या पल्लानिहाय 5 प्रकार विकसित करण्यात आले आहेत. ते आहेत –
हिंदी
भारत ने अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया:
भारतीय सेना के स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने 20 फरवरी 2018 को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 2,000 किमी से अधिक है। हाल ही में अब्दुल कलाम द्वीप से ही अग्नि-1 मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया गया था।
अग्नि-2 का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के पैड 4 पर मोबाइल लॉन्चर से किया गया। अब्दुल कलाम द्वीप को पूर्व में व्हीलर आईलैंड के नाम से जाना जाता था।
अग्नि-2 मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं:
भारतीय सेना के स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने 20 फरवरी 2018 को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 2,000 किमी से अधिक है। हाल ही में अब्दुल कलाम द्वीप से ही अग्नि-1 मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया गया था।
अग्नि-2 का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के पैड 4 पर मोबाइल लॉन्चर से किया गया। अब्दुल कलाम द्वीप को पूर्व में व्हीलर आईलैंड के नाम से जाना जाता था।
अग्नि-2 मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं:
- अग्नि-2 मिसाइल 20 मीटर लंबी है और इसका वजन 17 टन है।
- यह अपने साथ 2,000 किमी की दूरी तक 1000 किलो का भार (पेलोड) ले जा सकती है।
- इस इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) को सेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है। अग्नि-1 की तरह स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड द्वारा अग्नि-2 का प्रशिक्षण भी अभ्यास के हिस्से के तौर पर किया गया है।
- ये जमीन से जमीन (सरफेस टू सरफेस) तक मार करने वाली मिसाइल है।
- अग्नि-2 मिसाइल को डीआरडीओ की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी ने तैयार किया है।
- अग्नि-2 अग्नि को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत तैयार किया गया है।
- इस मिसाइल की दो स्टेज हैं। और इसके ईंधन के रूप में सॉलिड फ्यूल का प्रयोग किया गया है।
- सटीक निशाने पर पहुंचने के लिए हाईएक्युरेसी नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है।
- अग्नि 1: 700 किमी
- अग्नि 2: 2000 किमी
- अग्नि 3 और 4: 3500 किमी
- अग्नि 5: 5000 किमी
इंग्लिश
India successfully tested the Agni-II missile:
The Indian Army's Strategic Forces Command successfully tested the Agni-II missile capable of carrying nuclear weapons from Abdul Kalam Island of Odisha on February 20, 2018. The missile capability of this missile is more than 2,000 km. Recently, the Agni-1 missile was also successfully tested from Abdul Kalam Island.
Agni-II was tested from Mobile Launcher on Pad 4 of Integrated Test Range (ITR) located at Abdul Kalam Island. Abdul Kalam Island was formerly known as Wheeler Island.
Major Features of Agni-II missile:
Agni-II was tested from Mobile Launcher on Pad 4 of Integrated Test Range (ITR) located at Abdul Kalam Island. Abdul Kalam Island was formerly known as Wheeler Island.
Major Features of Agni-II missile:
- Agni-II missile is 20 meters tall and its weight is 17 tons.
- It can carry a load of 1,000 kilos (payload) with a distance of 2,000 km.
- This intermediate range ballistic missile (IRBM) has already been included in the army. Like Agni-1, the Agni-2 training is also done as part of the exercise by the Strategic Forces Command.
- This is a missile that flies from ground to surface (Surface to Surface).
- Agni-II missile has been developed by the Advanced Systems Laboratory of DRDO.
- Agni-2 Agni has been prepared under Integrated Guided Missile Development Program (IGMDP).
- There are two stages of this missile. And solid fuel is used as its fuel.
- A high-level navigation system has been installed to reach the exact target.
Range of Agni Missile:
- Agni 1: 700 km
- Agni 2: 2000km
- Agni 3 and 4: 3500 km
- Agni 5: 5000 km
The first test of the Agni-II prototype missile was done on April 11, 1999 and last 4 May, 2017.
मराठी
भारताने अण्वस्त्रवाहू अग्नी-2 क्षेपणास्त्राची यशस्वी चाचणी
भारताने 29 फेब्रुवारीला ‘अग्नी-2’ या मध्यम वर्गात मोडणाऱ्या अण्वस्त्रवाहू क्षेपणास्त्राची चाचणी यशस्वी केली आहे.ओडिशामधल्या एपीजे अब्दुल कलाम बेटावरून ही चाचणी घेण्यात आली. एकात्मिक चाचणी क्षेत्राच्या चौथ्या संकुलामधून मोबाइल लाँचरच्या सहाय्याने ही चाचणी घेण्यात आली.
अग्नी-2 ची वैशिष्ठ्ये
- हे क्षेपणास्त्र 20 मीटर लांबीचे असून त्याचे वजन 17 टन इतके आहे.
- एक टनापर्यंत वहनक्षमता असलेल्या अग्नी-2 चा मारा पल्ला 2000 किलोमीटर इतका आहे.
- हे जमिनीवरून जमिनीवर मारा करणारे क्षेपणास्त्र आहे.
- भारताच्या संरक्षण संशोधन व विकास संस्था (DRDO) च्या अॅडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरीने विकसित केलेल्या ‘अग्नी’ या मालिकामधले हे क्षेपणास्त्र आहे.
- क्षेपणास्त्राला एकात्मिक पथदर्शी क्षेपणास्त्र विकास कार्यक्रम (IGMDP) अंतर्गत तयार केले गेले आहे.
- हे दोन टप्पे असलेले क्षेपणास्त्र आहे. यामध्ये इंधनासाठी घन इंधन वापरण्यात आले आहे.
- यामध्ये हाय-अॅक्युरेसी नेव्हिगेशन सिस्टम बसविण्यात आले आहे.
स्वदेशी ‘अग्नी’ या क्षेपणास्त्राच्या मालिकेमध्ये आतापर्यंत मारा करण्याच्या पल्लानिहाय 5 प्रकार विकसित करण्यात आले आहेत. ते आहेत –
- अग्नी 1 - 700 किलोमीटरचा मारा पल्ला
- अग्नी 2 - 2000 किलोमीटरचा मारा पल्ला
- अग्नी 3 - 3000 किलोमीटरचा मारा पल्ला
- अग्नी 4 - 4000 किलोमीटरचा मारा पल्ला
- अग्नी 5 - 5000 किलोमीटरचा मारा पल्ला
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