करेंट अफेयर्स ४ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
इस साईट का App Download करे
CRISIL, SIDBI Launch India’s First MSE Sentiment Index
The Union Minister for Finance and Corporate Affairs Arun Jaitley launched CriSidEx , India's first sentiment index for micro and small enterprises ( MSEs) developed jointly by CRISIL & SIDBI.
CriSidEx:
हा निर्देशांक लघु व सूक्ष्म उद्योगांसाठी क्रिसिल आणि भारतीय लघुउद्योग विकास बँक (SIDBI) यांच्याद्वारा तयार करण्यात आला आहे.
क्रिसिडेक्स बाबत
क्रिसिडेक्स हा एक संमिश्र निर्देशांक आहे, ज्याला 8 वेगवेगळ्या निर्देशांकाला मिळवून तयार केले गेले आहे.
हा निर्देशांक लघु व मध्यम उद्योग क्षेत्रातल्या व्यावसायिक मतांचे 0 (एकदम नकारात्मक) ते 200 (पूर्णपणे सकारात्मक) या दरम्यानच्या गुणांमध्ये मूल्यमापन करतो. नोव्हेंबर-डिसेंबर 2017 मध्ये 1100 लघु व मध्यम उपक्रमांमधून (550 उत्पादन प्रकल्प आणि 550 सेवा संयंत्रे) मिळालेल्या माहितीच्या आधारावर मानकांना निश्चित करण्यात आले आहे.
क्रिसिडेक्समध्ये दोन निर्देशांक आहेत – (I) 'तिमाही' साठी, ज्यामध्ये सर्वेक्षण केले गेले आहे. (II) 'पुढील तिमाही' साठी, ज्यामध्ये विविध टप्प्यांमध्ये सर्वेक्षण केल्यानंतर सर्वेक्षणाच्या आधारावर तयार केले गेले आहे.
क्रिसिडेक्सचे निष्कर्ष
इस साईट का APP DOWNLODE करे
इस साईट का App Download करे
हिंदी
क्रिसिल, सिडबी ने भारत का पहला एमएसई मनोभाव सूचकांक जारी किया:
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने 03 फरवरी 2018 को क्रिसिडेक्स (CriSidEx) को जारी किया जो कि लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिये क्रिसिल और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत का पहला सेंटीमेंट इंडेक्स (मनोभाव सूचकांक) है।
क्रिसिडेक्स:
क्रिसिडेक्स एक सम्मिश्रित इंडेक्स है जिसे 8 अलग-अलग सूचकांकों को मिला कर तैयार किया गया है और यह लघु एवं मध्यम क्षेत्र के बारे में व्यापारिक सोच को 0 (बिलकुल ही नकारात्मक) से 200 (पूर्ण रूप से सकारात्मक) के पैमाने पर मापता है। नवंबर-दिसंबर 2017 में 1100 लघु एवं मध्यम इकाइयों से मिली जानकारी के आधार पर इन मानकों को तय किया गया था।
क्रिसिडेक्स में दो सूचकांक होंगे, एक उस 'तिमाही' के लिये होगा जिसमें कि सर्वेक्षण किया जायेगा जबकि दूसरा 'अगली तिमाही' के लिये होगा। लेकिन दूसरे सूचकांक को कई चरणों में सर्वे करने के बाद मिले आंकड़ों के आधार पर विकसित किया जायेगा जो कि समय निरपेक्ष श्रृंखला के आंकड़े उपलब्ध करायेगा।
लाभ:
क्रिसिडेक्स का एक अहम फायदा यह होगा कि इससे मिली जानकारी किसी संभावित कठिनाई और उत्पादन श्रृंखला में परिवर्तन के बारे में सूचना देगी जिससे बाजार की कार्यकुशलता बढ़ेगी। इसके अलावा आयातकों और निर्यातकों की सोच के बारे में जानकारी जुटाकर यह विदेशी व्यापार के बारे में कदम उठाने के लिये जरूरी संकेत भी मुहैया करायेगा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों की भूमिका अर्थव्यवस्था के लिये बेहद महत्वपूर्ण है और सरकार द्वारा पिछले 2 सालों में उठाये गये कदमों की वजह से इस क्षेत्र का औपचारिक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण बढ़ा है। वित्त मंत्री ने जोर दिया कि पिछले दो वर्षों में बुनियादी सुधारों की एक श्रृंखला से गुजरने के बाद अर्थव्यवस्था में एकीकरण का दौर चल रहा है और इस एकीकरण के दौर में भी इसका नेतृत्व लघु-मध्यम-सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र के द्वारा किया जायेगा।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी):
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक या सिडबी (Small Industries Development Bank of India) भारत की स्वतंत्र वित्तीय संस्था है जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की वृद्धि एवं विकास के लक्ष्य से स्थापित किया गया है। यह लघु उद्योग क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास तथा इसी तरह की गतिविधियों में लगी अन्य संस्थाओं के कार्यां में समन्वयन के लिए प्रमुख विकास वित्तीय संस्था है।
सिडबी की स्थापना 2 अप्रैल 1990 को हुई। इसकी स्थापना संबंधी अधिकार-पत्र भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक अधिनियम, 1989 में सिडबी की परिकल्पना लघु उद्योग क्षेत्र के उद्योगों के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास और लघु उद्योग क्षेत्र के उद्योगों को संवर्द्धन व वित्तपोषण अथवा विकास में लगी संस्थाओं के कार्यों में समन्वय करने और इसके लिए प्रासंगिक मामलों के लिए प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में की गई है।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने 03 फरवरी 2018 को क्रिसिडेक्स (CriSidEx) को जारी किया जो कि लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिये क्रिसिल और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत का पहला सेंटीमेंट इंडेक्स (मनोभाव सूचकांक) है।
क्रिसिडेक्स:
क्रिसिडेक्स एक सम्मिश्रित इंडेक्स है जिसे 8 अलग-अलग सूचकांकों को मिला कर तैयार किया गया है और यह लघु एवं मध्यम क्षेत्र के बारे में व्यापारिक सोच को 0 (बिलकुल ही नकारात्मक) से 200 (पूर्ण रूप से सकारात्मक) के पैमाने पर मापता है। नवंबर-दिसंबर 2017 में 1100 लघु एवं मध्यम इकाइयों से मिली जानकारी के आधार पर इन मानकों को तय किया गया था।
क्रिसिडेक्स में दो सूचकांक होंगे, एक उस 'तिमाही' के लिये होगा जिसमें कि सर्वेक्षण किया जायेगा जबकि दूसरा 'अगली तिमाही' के लिये होगा। लेकिन दूसरे सूचकांक को कई चरणों में सर्वे करने के बाद मिले आंकड़ों के आधार पर विकसित किया जायेगा जो कि समय निरपेक्ष श्रृंखला के आंकड़े उपलब्ध करायेगा।
लाभ:
क्रिसिडेक्स का एक अहम फायदा यह होगा कि इससे मिली जानकारी किसी संभावित कठिनाई और उत्पादन श्रृंखला में परिवर्तन के बारे में सूचना देगी जिससे बाजार की कार्यकुशलता बढ़ेगी। इसके अलावा आयातकों और निर्यातकों की सोच के बारे में जानकारी जुटाकर यह विदेशी व्यापार के बारे में कदम उठाने के लिये जरूरी संकेत भी मुहैया करायेगा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों की भूमिका अर्थव्यवस्था के लिये बेहद महत्वपूर्ण है और सरकार द्वारा पिछले 2 सालों में उठाये गये कदमों की वजह से इस क्षेत्र का औपचारिक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण बढ़ा है। वित्त मंत्री ने जोर दिया कि पिछले दो वर्षों में बुनियादी सुधारों की एक श्रृंखला से गुजरने के बाद अर्थव्यवस्था में एकीकरण का दौर चल रहा है और इस एकीकरण के दौर में भी इसका नेतृत्व लघु-मध्यम-सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र के द्वारा किया जायेगा।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी):
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक या सिडबी (Small Industries Development Bank of India) भारत की स्वतंत्र वित्तीय संस्था है जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की वृद्धि एवं विकास के लक्ष्य से स्थापित किया गया है। यह लघु उद्योग क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास तथा इसी तरह की गतिविधियों में लगी अन्य संस्थाओं के कार्यां में समन्वयन के लिए प्रमुख विकास वित्तीय संस्था है।
सिडबी की स्थापना 2 अप्रैल 1990 को हुई। इसकी स्थापना संबंधी अधिकार-पत्र भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक अधिनियम, 1989 में सिडबी की परिकल्पना लघु उद्योग क्षेत्र के उद्योगों के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास और लघु उद्योग क्षेत्र के उद्योगों को संवर्द्धन व वित्तपोषण अथवा विकास में लगी संस्थाओं के कार्यों में समन्वय करने और इसके लिए प्रासंगिक मामलों के लिए प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में की गई है।
इंग्लिश
CRISIL, SIDBI Launch India’s First MSE Sentiment Index
The Union Minister for Finance and Corporate Affairs Arun Jaitley launched CriSidEx , India's first sentiment index for micro and small enterprises ( MSEs) developed jointly by CRISIL & SIDBI.
CriSidEx:
- CriSidEx is a composite index based on a diffusion index of 8 parameters and measures MSE business sentiment on a scale of 0 (extremely negative) to 200 (extremely positive).
- CriSidEx will have 2 indices, one for the 'survey quarter' and another for the 'next quarter' once a trend emerges after few rounds of the survey, providing independent time series data.
- The crucial benefit of CriSidEx is that its readings will flag potential headwinds and changes in production cycles and thus help improve market efficiencies. And by capturing the sentiment of exporters and importers, it will also offer actionable indicators on foreign trade.
मराठी
क्रिसिल, SIDBI यांचा भारताचा प्रथम MSE मनोभाव निर्देशांक जाहीर
क्रिसिडेक्स (CriSidEx) या भारताच्या प्रथम MSE मनोभाव निर्देशांक (MSE Sentiment Index) याला जाहीर केले आहे.हा निर्देशांक लघु व सूक्ष्म उद्योगांसाठी क्रिसिल आणि भारतीय लघुउद्योग विकास बँक (SIDBI) यांच्याद्वारा तयार करण्यात आला आहे.
क्रिसिडेक्स बाबत
क्रिसिडेक्स हा एक संमिश्र निर्देशांक आहे, ज्याला 8 वेगवेगळ्या निर्देशांकाला मिळवून तयार केले गेले आहे.
हा निर्देशांक लघु व मध्यम उद्योग क्षेत्रातल्या व्यावसायिक मतांचे 0 (एकदम नकारात्मक) ते 200 (पूर्णपणे सकारात्मक) या दरम्यानच्या गुणांमध्ये मूल्यमापन करतो. नोव्हेंबर-डिसेंबर 2017 मध्ये 1100 लघु व मध्यम उपक्रमांमधून (550 उत्पादन प्रकल्प आणि 550 सेवा संयंत्रे) मिळालेल्या माहितीच्या आधारावर मानकांना निश्चित करण्यात आले आहे.
क्रिसिडेक्समध्ये दोन निर्देशांक आहेत – (I) 'तिमाही' साठी, ज्यामध्ये सर्वेक्षण केले गेले आहे. (II) 'पुढील तिमाही' साठी, ज्यामध्ये विविध टप्प्यांमध्ये सर्वेक्षण केल्यानंतर सर्वेक्षणाच्या आधारावर तयार केले गेले आहे.
क्रिसिडेक्सचे निष्कर्ष
- क्रिसिडेक्स 107 च्या गुणासह ऑक्टोबर-डिसेंबर दरम्यानच्या काळ सौम्यपणे सकारात्मक भावना दर्शविते. जानेवारी-मार्च 2018 साठी, हा भाव अधिक सकारात्मक होण्याची अपेक्षा आहे.
- सर्वेक्षणात सहभागी झालेल्या अर्ध्याहून अधिक जणांनी ऑक्टोबर-डिसेंबर या तिमाहीच्या तुलनेत जानेवारी ते मार्च या तिमाहीत आपल्या व्यवसायाच्या परिस्थितीत सुधारणा होण्याची अपेक्षा केली.
- निर्माण आणि सेवा या दरम्यानच्या क्षेत्रात, निर्माण क्षेत्रात अधिक सकारात्मक भाव दिसून आला. MSE च्या निम्म्यापेक्षा अधिक जणांनी जानेवारी-मार्चमध्ये ऑर्डरमध्ये वेगाने वाढ होण्याची आणि क्षमता वाढीची अपेक्षा दर्शवली.
- निर्यातदारांनाही जानेवारी-मार्चमध्ये व्यवसायामध्ये सुधारणा होण्याची आशा होती. त्यापैकी एक तृतीयांश जण सर्वसाधारण ऑर्डरबुकपेक्षा अधिकची अपेक्षा करीत होते. दुसरीकडे, देशांतर्गत MSE पैकी निम्म्याहून अधिक जणांनी जानेवारी-मार्चमध्ये ऑर्डरबुकमध्ये वाढ होण्याची पूर्वसूचना दिली होती.
इस साईट का APP DOWNLODE करे
No comments:
Post a Comment