Current Affairs, Gk, Job Alerts, , School Info, Competitive exams ; History , Geography , Maths, History of the day, Biography, PDF, E-book ,

Youtube Channel

  • Videos click here
  • Breaking

    Sports

    Translate

    Tuesday, February 13, 2018

    ‘भारत राज्य वन रिपोर्ट 2017’ जारी की गयी: -हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

    Views
    करेंट अफेयर्स १३ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी

    भारत राज्य वन रिपोर्ट 2017’ जारी की गयी:
    केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने 12 फरवरी 2018 को ‘भारत राज्य वन रिपोर्ट 2017’ जारी करते हुए कहा कि देश में पिछले 10 वर्षों के दौरान वन क्षेत्र में इजाफा हुआ है और देश वन क्षेत्र के मामले में विश्व के शीर्ष 10 देशों में शामिल है। उन्‍होंने कहा कि ऐसा तब है जबकि बाकी 9 देशों में जनसंख्‍या घनत्‍व 150 व्‍यक्‍ति/वर्ग किलोमीटर है और भारत में यह 382 व्‍यक्‍ति/वर्ग किलोमीटर है।
    प्रमुख तथ्य:
    भारत के भू-भाग का 24.4 प्रतिशत हिस्‍सा वनों और पेड़ों से घिरा है, हालांकि यह विश्‍व के कुल भूभाग का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्‍सा है ओर इनपर 17 प्रतिशत मनुष्‍यों की आबादी और मवेशियों की 18 प्रतिशत संख्‍या की जरूरतों को पूरा करने का दवाब है।
    संयुक्‍त राष्‍ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत को दुनिया के उन 10 देशों में 8 वां स्‍थान दिया गया है जहां वार्षिक स्‍तर पर वन क्षेत्रों में सबसे ज्‍यादा वृद्धि दर्ज हुई है।
    देश में वन और वृक्षावरण की स्‍थिति में 2015 की तुलना में 8021 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। इसमें 6,778 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि वन क्षेत्रों में हुई है, जबकि वृक्षावरण क्षेत्र में 1243 वर्ग किलोमीटर की बढोत्‍तरी दर्ज की गई है।
    देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में वनों और वृक्षावरण क्षेत्र का हिस्‍सा 24.39 प्रतिशत है। इसमें सबसे उत्‍साहजनक संकेत घने वनों का बढ़ना है। घने वन क्षेत्र वायुमंडल से सर्वाधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्‍साइड सोखने का काम करते हैं। घने वनों का क्षेत्र बढ़ने से खुले वनों का क्षेत्र भी बढ़ा है। रिपोर्ट तैयार करने में वैज्ञानिक पद्धति का इस्‍तेमाल किया गया है।
    राज्यवार स्थिति:
    राज्‍यों में वनों की स्‍थिति के राज्‍यवार आंकड़ों के मामले में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल का प्रदर्शन सबसे अच्‍छा रहा। आंध्र प्रदेश में वन क्षेत्र में 2141 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई, जबकि कर्नाटक 1101 किलोमीटर और केरल 1043 वर्ग किलोमीटर वृद्धि के साथ दूसरे व तीसरे स्‍थान पर रहा।
    क्षेत्र के हिसाब से मध्‍य प्रदेश के पास 77414 वर्ग किलोमीटर का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, जबकि 66964 वर्ग किलोमीटर के साथ अरूणाचल प्रदेश और छत्‍तसीगढ क्रमश: दूसरे व तीसरे स्‍थान पर है।
    कुल भू-भाग की तुलना में प्रतिशत के हिसाब से लक्षद्वीप के पास 90.33 प्रतिशत का सबसे बड़ा वनाच्‍छादित क्षेत्र है। इसके बाद 86.27 प्रतिशत तथा 81.73 प्रतिशत वन क्षेत्र के साथ मिजोरम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह क्रमश: दूसरे व तीसरे स्‍थान पर है।
    रिपोर्ट के ताजा आंकलन के अनुसार देश के 15 राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत भू-भाग वनों से घिरा है। इनमें से 7 राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों जैसे मिजोरम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नगालैंड, मेघालय और मणिपुर का 75 प्रतिशत से अधिक भूभाग वनाच्‍छादित है, जबकि त्रिपुरा, गोवा, सिक्‍किम, केरल, उत्‍तराखंड, दादर नागर हवेली, छत्‍तीसगढ और असम का 33 से 75 प्रतिशत के बीच का भूभाग वनों से घिरा है। देश का 40 प्रतिशत वनाच्‍छादित क्षेत्र 10 हजार वर्ग किलोमीटर या इससे अधिक के 9 बड़े क्षेत्रों के रूप में मौजूद है।
    भारत वनस्‍थिति रिपोर्ट 2017 के अनुसार देश में कच्‍छ वनस्‍पति का क्षेत्र 4921 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें वर्ष 2015 के आकलन की तुलना में कुल 181 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। कच्‍छ वनस्‍पति वाले सभी 12 राज्‍यों में कच्‍छ वनस्‍पति क्षेत्र में पिछले आंकलन की तुलना में सकारात्‍मक बदलाव देखा गया है। कच्‍छ वनस्‍पति जैव विविधता में समृद्ध होती है जो कई तरह की पारिस्‍थितिकीय आवश्‍यकताओं को पूरा करती है।
    वाह्य वन एवं वृक्षावरण:
    रिपोर्ट के अनुसार देश में वाह्य वन एवं वृक्षावरण का कुल क्षेत्र 582.377 करोड़ घन मीटर अनुमानित है, जिसमें से 421.838 करोड़ घन मीटर क्षेत्र वनों के अंदर है, जबकि 160.3997 करोड़ घन मीटर क्षेत्र वनों के बाहर है।
    पिछले आंकलन की तुलना में बाह्य एवं वृक्षावरण क्षेत्र में 5.399 करोड़ घन मीटर की वृद्धि हुई है, जिसमें 2.333 करोड़ घन मीटर की वृद्धि वन क्षेत्र के अंदर तथा 3.0657 करोड़ घन मीटर की वृद्धि वन क्षेत्र के बाहर हुई है। इस हिसाब से यह वृद्धि पिछले आंकलन की तुलना में 3 करोड़ 80 लाख घन मीटर रही।
    बांस आच्छादित क्षेत्र:
    रिपोर्ट में देश का कुल बांस वाला क्षेत्र 1.569 करोड़ हेक्‍टेयर आकलित किया गया है। वर्ष 2011 के आकलन की तुलना में देश में कुल बांस वाले क्षेत्र में 17.3 लाख हेक्‍टेयर की वृद्धि हुई है। बांस के उत्‍पादन में वर्ष 2011 के आकलन की तुलना में 1.9 करोड़ टन की वृद्धि दर्ज हुई है। सरकार ने वन क्षेत्र के बाहर उगाई जाने वाली बांस को वृक्षों की श्रेणी से हटाने के लिए हाल ही में संसद में एक विधेयक पारित किया है।
    इससे लोग निजी भूमि पर बांस उगा सकेंगे जिससे किसानों की आजीविका बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे देश में हरे-भरे क्षेत्रों का दायरा भी बढ़ेगा और कार्बन सिंक बढाने में भी मदद मिलेगी।
    कैसे तैयार हुयी रिपोर्ट?
    रिपोर्ट में दी गई जानकारी देश की वन सम्‍पदा की निगरानी और उसके संरक्षण के लिए वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित प्रबंधन व्‍यवस्‍था और नीतियां तय करने में काफी सहायक है। यह रिपोर्ट भारत सरकार की डिजिटल इंडिया की संकल्‍पना पर आधारित है, इसमें वन एवं वन संसाधनों के आकलन के लिए भारतीय दूर संवेदी उपग्रह रिसोर्स सेट-2 से प्राप्‍त आंकड़ों का इस्‍तेमाल किया गया है। रिपोर्ट में सटीकता लाने के लिए आंकड़ों की जांच के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाई गई है।
    जल संरक्षण के मामले में वनों के महत्‍व को ध्‍यान में रखते हुए रिपोर्ट में वनों में स्‍थित जल स्रोतों का 2005 से 2015 के बीच की अवधि के आधार पर आकलन किया गया है, जिससे पता चला है कि ऐसे जल स्रोतों में आकलन अवधि के दौरान 2647 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज हुई है।


    इंग्लिश

    India State of Forest Report 2017 Released

    According to State of Forest Report 2017 released by Ministry of Forests and Climate Change (MoEFCC) – India’s total forest cover has increased by 0.94% (~1%). The biannual report is prepared by Forest Survey of India (FSI) a specialized body under the MoEFCC.
    Highlights of the report:
    • Total forest cover area has increased from 7,01,673 square kilometer to 7,08,273 square kilometers.
    • There is an expansion of agro-forestry and private forestry.
    • Timber production has increased from 42.77m3 in the 2011 to 74.51m3 in 2017 under the ‘Trees outside Forests’ (TOF) category.
    • There is an increase of 8,021 square kilometer in the total forest and tree cover of the country in comparison of 2015. 6,788 square kilometer in forest and remaining in tree cover are the exact figure of increase in respective areas.
    • India has only 24 percent area covered under forest and tree covered. India is still far behind of its goal to achieve 33% of geographical area covered under the forest. Russia, Brazil and the USA have more than 33% area covered under the forest.
    • Most of the increase was reported form the Very Dense Forest (VDF) which is a good sign as it absorbs maximum carbon dioxide.
    • FSI has used remote sensing as well as ground work in collecting the data for the report.
    As the threat of climate change and global warming are looming large on the Indian subcontinent, the way out is, increasing the forest covered area.

    मराठी

    भारत राज्य वन अहवाल 2017

    केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालयाकडून ‘भारत राज्य वन अहवाल 2017 (India State of Forest Report -ISFR)’ प्रसिद्ध करण्यात आला आहे.
    देशात मागील 10 वर्षांमध्ये वन क्षेत्रात वाढ झाली आहे आणि भारत वन क्षेत्राच्या बाबतीत जगातल्या अग्रेसर 10 देशांमध्ये समाविष्ट झालेला आहे.
    ठळक बाबी
    • भारताचा 24.4% भूभाग वन आणि झाडांनी आच्छादलेला आहे, तर जगात हे प्रमाण 2.4% एवढे आहे. या वनांवर 17% मनुष्यवस्ती आणि 18% प्राणी अवलंबून आहे.
    • संयुक्‍त राष्‍ट्रसंघ अन्न व कृषी संघटनेच्या ताज्या अहवालानुसार, वार्षिक पातळीवर वन क्षेत्रांमध्ये सर्वाधिक वाढ नोंदवली गेली आहे अश्या जगातल्या 10 देशांमध्ये भारताचा 8 वा क्रमांक आहे.
    • देशात वन क्षेत्र व वृक्षावरणाच्या स्‍थितीत वर्ष 2015 च्या तुलनेत 8021 चौ. किलोमीटरची वाढ झाली आहे. यापैकी वन क्षेत्रात 6,778 चौ. किलोमीटरची तर वृक्षावरण क्षेत्रात 1243 चौ. किलोमीटरची वाढ झाली आहे.
    • देशाच्या एकूण भौगोलिक क्षेत्रात वन आणि वृक्षावरण क्षेत्राचा वाटा 24.39% आहे. यामध्ये घनदाट वनांचे सर्वाधिक प्रमाण आहे. घनदाट वने वातावरणातून सर्वाधिक प्रमाणात कार्बन डायऑक्‍साइड शोषून घेण्याचे काम करते. घनदाट वन क्षेत्राच्या विस्तारामुळे खुल्या वनांचे क्षेत्र देखील वाढलेले आहे.
    राज्यनिहाय स्थिती
    • वनांच्या बाबतीत आंध्रप्रदेश, कर्नाटक आणि केरळ राज्यात अधिक वाढ झालेली आहे. आंध्रप्रदेशात वन क्षेत्रात 2141 चौ. किलोमीटरची वाढ झालेली आहे, जेव्हा की हे प्रमाण कर्नाटकसाठी 1101 चौ. किलोमीटर आणि केरळसाठी 1043 चौ. किलोमीटर एवढे आहे.
    • क्षेत्राच्या तुलनेत, मध्‍यप्रदेशाकडे 77414 चौ. किलोमीटरचे सर्वाधिक प्रमाणात वन क्षेत्र आहे. तर या बाबतीत अरूणाचल प्रदेश (66964 चौ. किलोमीटर) आणि छत्‍तसीगड हे अनुक्रमे दुसर्‍या आणि तिसर्‍या क्रमांकावर आहेत.
    • एकूण भूभागाच्या तुलनेत, लक्षद्वीपकडे 90.33% एवढे सर्वाधिक वनाच्‍छादित क्षेत्र आहे. त्यानंतर मिजोरम (86.27%) आणि अंदमान निकोबार बेटे (81.73%) यांचा अनुक्रमे दुसरा व तिसरा क्रमांक लागतो.
    • देशातील 15 राज्य व केंद्रशासित प्रदेशांचा 33% भूभाग वनाच्‍छादित आहे. यामध्ये मिजोरम, लक्षद्वीप, अंदमान व निकोबार बेटे, नागालँड, मेघालय आणि मणिपुर या राज्यांमधला 75% हून अधिक भूभाग वनाच्‍छादित आहे. तर त्रिपुरा, गोवा, सिक्‍किम, केरळ, उत्‍तराखंड, दादर नगर हवेली, छत्‍तीसगड आणि आसाम यांचा 33-75% भूभाग वनाच्‍छादित आहे.
    • देशाचे 40% वनाच्‍छादित क्षेत्र 10000 चौ. किलोमीटर वा त्याहून अधिकच्या 9 मोठ्या क्षेत्रांच्या रूपात सध्या उपस्थित आहे.
    • देशामध्ये कच्‍छचे वनस्‍पती क्षेत्र 4921 चौ. किलोमीटर आहे, ज्यामध्ये वर्ष 2015 च्या तुलनेत एकूण 181 चौ. किलोमीटरची वाढ झालेली आहे. कच्‍छ वनस्‍पती क्षेत्र असलेल्या सर्व 12 राज्यांमध्ये ही वाढ नोंदवली गेली आहे.
    बाह्य वन व वृक्षावरण
    • देशात बाह्य वन व वृक्षावरण यांचे एकूण क्षेत्र 582.377 कोटी घन मीटर अंदाजित आहे, ज्यापैकी 421.838 कोटी घन मीटर क्षेत्र वनांच्या अंदर आहे, तर 160.3997 कोटी घन मीटर क्षेत्र वनांच्या बाहेर आहे.
    • वर्ष 2015 च्या तुलनेत बाह्य वन व वृक्षावरण क्षेत्रात 5.399 कोटी घन मीटरची वाढ झालेली आहे, ज्यामध्ये 2.333 कोटी घन मीटरची वाढ वन क्षेत्राच्या आतमध्ये तर 3.0657 कोटी घन मीटरची वाढ वन क्षेत्राच्या बाहेर झालेली आहे. हे प्रमाण मागील आकड्यांच्या तुलनेत 3.80 कोटी घन मीटर इतके आहे.
    बांबू आच्छादित क्षेत्र
    • देशात एकूण बांबूचे क्षेत्र 1.569 कोटी हेक्‍टर एवढे आहे. वर्ष 2011 मधील आकड्यांच्या तुलनेत या क्षेत्रात 17.3 लाख हेक्‍टरची वाढ झालेली आहे. बांबूच्या उत्‍पादनात वर्ष 2011 मधील प्रमाणाच्या तुलनेत 1.9 कोटी टनची वाढ नोंदविण्यात आली आहे.


    No comments:

    Post a Comment