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    Saturday, February 10, 2018

    देश में 2030 तक रिफाइनिंग क्षमता में 77 प्रतिशत वृद्धि की योजना: सरकार करेंट अफेयर्स १० फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

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    करेंट अफेयर्स १० फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी



    हिंदी

    देश में 2030 तक रिफाइनिंग क्षमता में 77 प्रतिशत वृद्धि की योजना: सरकार
    केंद्र सरकार की देश में रिफाइनिंग क्षमता को 77 प्रतिशत बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 43.86 करोड़ टन करने की योजना है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा रोसनेफ्ट के नियंत्राण वाली एस्सार आयल की बड़ी हिस्सेदारी होगी।
    रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाने को लेकर गठित कार्य समूह की रिपोर्ट के अनुसार देश में सालाना 24.76 करोड़ टन कच्चे तेल को ईंधन में बदलने की क्षमता है। वर्ष 2025 तक इसके 41.43 करोड़ टन तथा 2030 तक 43.86 करोड़ टन पहुंच जाने का अनुमान है।
    प्रमुख तथ्य:
    मौजूदा रिफाइनिंग क्षमता 2016-17 में ही 19.37 करोड़ टन की ईंधन मांग को पार कर गयी है लेकिन अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने अनुमान जताया है कि 2040 तक मांग 45.8 करोड़ टन तक पहुंच जाएगी. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश भारत अपनी ऊर्जा जरूरत का 80 प्रतिशत आयात करता है।
    सरकार ने तेल आयात पर निर्भरता कम करने की योजना बनायी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की निर्यात रिफाइनरी क्षमता 3.52 करोड़ टन से बढ़ाने की योजना नहीं है लेकिन कंपनी अपनी पुरानी रिफाइनरी की क्षमता 2030 तक 6.3 करोड़ टन करेगी जो फिलहाल 3.3 करोड़ टन है।
    एस्सार ने गुजरात स्थित वडीनार रिफाइनरी की क्षमता मौजूदा 2 करोड़ टन से बढ़ाकर 4.5 करोड़ टन करने की योजना बनायी है। हालांकि, सबसे ज्यादा रिफाइनरी क्षमता प्रस्तावित 6 करोड़ टन सालाना की रिफाइनरी से आएगी। इसे महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर लगाया जाना है। इसके 2025 तक परिचालन में आने की उम्मीद है।
    सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कारपोरेशन ने गुजरात, पानीपत, पारादीप और चेन्नई रिफाइनरी का विस्तार कर मौजूदा 8.07 करोड़ टन की क्षमता को बढ़ाकर 11.65 करोड़ टन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
    ओएनजीसी ग्रुप की मौजूदा क्षमता 4.22 करोड़ टन में 2 करोड़ टन इजाफा करने की योजना है। वहीं भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. अपनी मौजूदा क्षमता 3.65 करोड़ टन को बढ़ाकर 5.6 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा है।
    ऊर्जा की आवश्यकता नवीकरणीय ऊर्जा और स्वच्छ ईंधन ऊर्जा संसाधनों जैसे कि नाइट्रोजन और हाइड्रोजन समृद्ध ईंधन की ओर बढ़ती जा रही है। यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले 30 वर्षों में विश्व की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी लेकिन ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में विविधीकरण अभी भी एक चुनौती है। सरकार ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए रिफाइनिंग क्षमता को बढ़ाना चाहती है।




    इंग्लिश

    Indian plans 77% rise in refining capacity by 2030
    A government report created by Working Group on Enhancing Refining Capacity said India will see 77% rises in refining capacity by 2030. The major beneficiaries will be Rosneft-controlled Essar Oil and Reliance Industries, report further said.
    • Currently, Indian has 247.6 MT refining capacity annually. It is slated to rise 414.35 MT by 2025.
    • The existing refining capacity exceeded the fuel demand of 193.74 MT in 2016-17. However, it is set to rise by 458 MT by 2040, according to International Atomic Energy Agency.
    • India is the third biggest oil consumer and its demand is expected to rise in multiple fold given the industrial growth.
    • India imports 80% of its energy requirements.
    • Government owned Indian Oil Crop (IOC) also plans to raise its capacity to 116.55 MT from existing 80.7 MT. The expansion plan has been laid out in Gujarat, Panipat, Paradip and Chennai Refineries.
    • Similarly, ONGC group plans to raise its capacity to 42.2 MT from existing 20 MT
    • Bharat Petroleum Crop Ltd will also raise its capacity to 56 MT.
    • Indian refining capacity saw a dramatic rise since last two decades; from 62 MT in 1998 to 232 MT in 2016.
    The energy Requirement is going to shift towards renewable energy and cleaner fuel energy resources such as nitrogen and hydrogen enriched fuels. It is expected that world energy demands is set to double in coming 30 years and diversification of meeting the energy requirements is still a challenge. The government wants to ensure that to meet the energy requirement; the refining capacity should be raised to cater this demand.
    The growth in Indian refining capacity has become possible due to de-licensing of petroleum refining by the government.




    मराठी



    2030 सालापर्यंत कच्चे तेल शुद्धीकरण क्षमतेत 77% वाढ करण्याची योजना: भारत

    मागणीची पूर्तता आणि आर्थिक वृद्धीकरणाच्या दृष्टीने, भारत सरकारने 2030 सालापर्यंत कच्चे तेल शुद्धीकरण क्षमता 77% नी वाढवून 438.65 मेट्रिक टन (MT) पर्यंत वाढवण्याची योजना आखलेली आहे.
    याबाबतीत रिलायन्स इंडस्ट्रीज आणि रोसनेफ्टच्या एस्सार ऑईल कंपनीचा यामध्ये मोठा वाटा असणार आहे. 
    एकूणच परिस्थिती
    भारत हा जगातला तिसर्‍या क्रमांकाचा सर्वात मोठा तेल ग्राहक असून, आपल्या एकूण ऊर्जा गरजांपैकी 80% तेल आयात करतो आणि मागणीत वाढ करण्याच्या दिशेने पुढे वाटचाल करत आहे. 
    देशाची कच्चे तेल इंधनामध्ये बदलण्याची क्षमता वार्षिक 247.6 MT इतकी आहे. या प्रमाणात वाढ झाल्यास ही क्षमता 2025 सालापर्यंत 414.35 MT आणि 2030 सालापर्यंत 438.65 MT पर्यंत वाढेल. 
    वर्तमान तेलशुद्धीकरण क्षमता वर्ष 2016-17 मध्ये 193.74 MT सह मागणीपेक्षा अधिक आहे, परंतु आंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संस्थेच्या (IEA) अंदाजानुसार ही मागणी 2040 सालापर्यंत 458MT होईल.
    भविष्यातील योजना
    निर्यातच्या दृष्टीने, रिलायन्स इंडस्ट्रीजची सध्याची 33 MT क्षमता 63 MT पर्यंत वाढविण्याची योजना आहे. शिवाय एस्सार ऑईलची गुजरातमधील वाडीनार रिफायनरीची क्षमता 20 MT वरून 45 MT करण्याची योजना आहे.  IOC गुजरात, पानीपत, पारादीप आणि चेन्नई येथील प्रकल्पाचे विस्तारीकरण करून 80.7 MT वरून 116.55 MT क्षमता वाढविण्याची योजना आखत आहे. 
    महाराष्ट्रात पश्चिमी किनारपट्टीवर 60 MT क्षमतेचा तेलशुद्धीकरण प्रकल्प उभारण्याची, HPCL-ONGC समूहाची वर्तमान 20 MT वरून 42.2 MT क्षमता आणि BPCL ची वर्तमान 36.5 MT वरून 56 MT क्षमता करण्याची योजना आहे. 





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