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    Friday, January 26, 2018

    आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के अवसर पर दिल्ली घोषणापत्र जारी किया गया: Delhi Declaration of the ASEAN-India Commemorative Summit करेंट अफेयर्स २६ जनवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

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    करेंट अफेयर्स २६ जनवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


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    आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के अवसर पर दिल्ली घोषणापत्र जारी किया गया:
    भारत और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संघ (आसियान) ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद व अन्य सीमापार अपराधों को रोकने के लिए मिलकर काम करने, क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी सहयोग के समझौते काे निर्णायक परिणति तक पहुंचाने और भारत व आसियान के बीच परिवहन व डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने का संकल्प व्यक्त किया है।
    भारत-आसियान मैत्री रजत जयंती वर्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आसियान के नेताओं ने सर्वसम्मति से दिल्ली घोषणापत्र को सहर्ष स्वीकार किया जिसमें दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों और भारत के बीच हज़ारों वर्षों से विभिन्न संस्कृतियों में आदान प्रदान और सभ्यतागत संपर्क को दोनों के बीच सहयोग की मज़बूत बुनियाद बताया गया।
    घोषणापत्र से जुड़े प्रमुख तथ्य:
    दिल्ली घोषणापत्र में गत 25 वर्षों से भारत आसियान संवाद के तीन स्तंभों - राजनीतिक-सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक सहयोग का उल्लेख किया गया और दोनों पक्षों के बीच शांति, प्रगति व साझा समृद्धि की साझेदारी की कार्ययोजना के क्रियान्वयन में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया।
    आसियान के क्षेत्रीय प्रारूप को समर्थन और क्षेत्रीय शांति सुरक्षा व समृद्धि और आसियान के सामुदायिक विकास के लिए भारत के योगदान की सराहना की गई।
    इसे दिल्ली घोषणा-पत्र में 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्रीय परिवहन कानून, अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुद्रिक संगठन की वरीयता पर भी जोर दिया गया जिसका दक्षिण चीन सागर मामले को लेकर चीन विरोध करता रहा है।
    भारत और आसियान ने सभी मसलों के शांतिपूर्ण हल की भी हिमायत की।  शिखर सम्मेलन के बाद जारी साझा बयान में दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय मानकों और कानूनों के अनुरूप समंदर में परिवहन की स्वतंत्रता, अबाध हवाई यातायात, वैध कारोबार के अधिकारों को बनाई रखने पर जोर दिया।
    भारत और आसियान समूह ने आतंकवाद, चरमपंथ, कट्टरपंथ से निपटने के लिए सूचना सहयोग, कानूनी कार्रवाई और क्षमता विस्तार में एक-दूसरे की मदद का संकल्प जताया है. इसके लिए दोनों पक्ष मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल करेंगे साथ ही नई क्षमताओं को भी विस्तार देंगे। आसियान के साथ आतंक के खिलाफ सहयोग भारत के भगोड़े आतंकावादियों के लिए पनाह और मदद के ठिकाने बंद कर सकता है। साथ ही पूर्वोत्तर भारत में आतंकी कारनामों को अंजाम दे रहे संगठनों की भी कमर तोड़ सकता है।
    भारत-आसियान दिल्ली घोषणापत्र के मुताबिक दोनों पक्ष तंकवादियों, आतंकी गुटों, विदेशी आतंकियों की एक मुल्क से दूसरे मुल्क आवाजाही की रोकथाम करेंगे। इसके अलावा आतंकवाद के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमालऔर आतंकवाद की आर्थिक रसद भी मिलकर रोकेंगे।
    अंतरिक्ष में भारत-आसियान साझेदारी:
    भारत और आसियान मुल्कों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। इस कड़ी में इंडोनेशिया के बाद वियतनाम ने भारत की मदद से रिमोट सेंसिंग ट्रैकिंग और डेटा प्रोसेसिंग सेंटर खोलने का फैसला किया है। इसके जरिए भारत आसियान क्षेत्र में अपने सैटेलाइट मॉनीटरिंग के आंकडे इन मुल्कों के साथ साझा कर सकेगा।
    भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो इस काम में वियतनाम रिमोट सेंसिग अथॉरिटी की मदद करेगा। सेटेलाइट लांचिंग और ट्रैकिंग समेत अन्य क्षेत्रों में भी भारत आसियान देशों को सहयोग देगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत और आसियान के बीच बढ़ता सहयोग चीन की चिंता बढ़ा सकता है।
    भारत और आसियान ने संपर्क के सभी आयामों को विस्तान देने का ऐलान किया. इस कड़ी में भारत-म्यांमार और थायलैंड के बीच बन रहे त्रि-पक्षीय हाईवे को कंबोडिया और लाओ पीडीआर तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान के साथ डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ग्रामीण कनेक्टिविटी पर एक पायलट परियोजना का प्रस्ताव करता है।
    आसियान:
    दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है।
    आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। उस समय इस संगठन में थाईलैंड के अलावा इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर थे।
    ब्रुनेई 1984 में और वियतनाम को 1995 में शामिल किया गया था। फिर 1997 में लाओस और म्यांमार को इसका हिस्सा बनाया गया। 1999 में कंबोडिया में को इसका सदस्य बनाया गया। 1976 में आसियान की पहली बैठक हुई। जिसका एजेंडा शांति और सहयोग था।
    1994 में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम की स्थापना की. इसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था। इसके सदस्य अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया 23 सदस्य हैं। 1992 में भारत असियान का 'क्षेत्रीय संवाद भागीदार' और 1996 में पूर्ण सदस्य बन गया। चीन की भी कोशिश है कि उसे भी आसियान का पूर्ण सदस्य बना जाए।


    इंग्लिश


    Delhi Declaration of the ASEAN-India Commemorative Summit
    The Heads of State/Government of the Member States of the Association of Southeast Asian Nations (ASEAN) and the Republic of India, gathered in New Delhi, India, on 25 January 2018 to commemorate the 25th Anniversary of ASEAN-India Dialogue Relations under the theme of "Shared Values, Common Destiny”.
    According to the Delhi Declaration of the ASEAN-India Commemorative Summit, they resolved to work together with the international community to ensure compliance with the United Nations Security Council resolutions regarding counterterrorism, and to note efforts on the negotiations of the Comprehensive Convention on International Terrorism (CCIT) at the UN.
    Highlights:
    • They have decided to deepen cooperation in combating terrorism through information sharing, capacity building and reiterated their commitment to battle the menace by disrupting and countering terror groups.
    • Reaffirm the commitment to work closely together on common regional and international security issues of mutual concern and ensure an open, transparent, inclusive and rules-based regional architecture through existing ASEAN-led frameworks.
    • Work together to prevent and manage accidents and incidents at sea and promote effective coordination between ASEAN and India in maritime search and rescue
    • Work together with the international community to ensure compliance with the relevant United Nations Security Council resolutions regarding counter-terrorism, and to note efforts on the negotiations of the Comprehensive Convention on International Terrorism (CCIT) at the United Nations.
    • The group also extended their support to the implementation of the Langkawi Declaration on the Global Movement of Moderates to promote peace, security, upholding rule of law, sustainable and inclusive development, equitable growth and social harmony.
    • They will work to strengthen cooperation between the ASEAN and India on cyber-security capacity building and policy coordination, including through supporting the implementation of the ASEAN Cybersecurity Cooperation Strategy.
    • The countries resolved to work together to prevent and manage accidents and incidents at sea and promote effective coordination between the ASEAN and India in maritime search and rescue.




    मराठी


    दिल्ली घोषणापत्र – ASEAN भारत स्मारक शिखर परिषदेची सांगता

    ASEAN-भारत संबंधांना 25 वर्षे पूर्ण झालेली आहेत. यानिमित्ताने, 25-26 जानेवारी 2018 रोजी नवी दिल्लीत ASEAN-भारत स्मारक शिखर परिषदेचे (AICS) आयोजन करण्यात आले होते. परिषदेच्या शेवटी चर्चा झालेल्या मुद्द्यांना स्पष्ट करणारे सर्वसंमतीने दिल्ली घोषणापत्र अंगिकारले.
    दिल्ली घोषणापत्रात गेल्या 25 वर्षांपासून भारत ASEAN संवादाच्या तीन स्तंभांचा - राजनैतिक-सुरक्षा, आर्थिक आणि सामाजिक-सांस्कृतिक सहकार्य – यांचा उल्लेख केला गेला आहे तसेच दोन्ही पक्षांमध्ये शांती, प्रगती व समन्वयित समृद्धीच्या भागीदारीची कार्ययोजना याच्या अंमलबजावणी संदर्भात प्रगतीवर संतोष व्यक्त केला गेला.
    मान्य करण्यात आलेल्या बाबी
    • सर्व प्रमुखांनी भारत आणि ASEAN ने आपली धोरणात्मक भागीदारी पुढे सुरू ठेवत सागरी सुरक्षा, दहशतवाद आणि अन्य सीमावर्ती गुन्ह्यांना रोखण्यासाठी एकत्र काम करणे, क्षेत्रीय आर्थिक भागीदारी सहकार्य कराराला निर्णायक परिसीमेपर्यंत पोहचवणे तसेच भारत व ASEAN दरम्यान परिवहन व डिजीटल कनेक्टिव्हिटीला अधिक चांगले करण्याचा संकल्प व्यक्त केला.
    • संपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्रात शांती, स्थायित्व, सुरक्षा, व्यापार यांसाठी जहाजांच्या अबाधित वहनासाठी नियमबद्ध व्यवस्थेसाठी काम करण्याचे मान्य करण्यात आले.
    • शांती, प्रगती आणि सामायिक समृद्धी (2016-2020) यांसाठी ASEAN-भारत भागीदारीची अंमलबजावणी करण्यासाठी कृतीयोजनेच्या संपूर्ण, प्रभावी आणि वेळेवर अंमलबजावणीसाठी प्रयत्न आणि सहकार्य करत राहणे.
    • ASEAN-भारत परिषद, पूर्व आशिया परिषद, भारतासोबत मंत्रिस्तरीय बैठक (PMC+1), ASEAN क्षेत्रीय मंच (ARF), ASEAN संरक्षण मंत्र्यांची बैठक (ADMM) प्लस आणि अन्य ASEAN-भारत मंत्रिस्तरीय/क्षेत्रीय यंत्रणा यांसारख्या भागीदारीच्या विद्यमान कार्यचौकटीमध्ये उच्चस्तरीय सहभाग आणि सहकार्य वाढविणे.
    • ASEAN समुदाय दृष्टीकोण 2025 च्या पूर्ततेच्या दिशेने ASEAN एकात्मता आणि ASEAN समुदाय बांधणी प्रक्रियेमध्ये समर्थन देणे आणि योगदान देणे चालू ठेवणे.
    • शांती, सुरक्षा, कायद्याचे अधिराज्य कायम ठेवण्यासाठी, शाश्वत आणि समाकलित विकासासाठी, न्याय वाढ आणि सामाजिक सुसंवाद वाढविण्यासाठी मध्यस्थांच्या वैश्विक चळवळी संदर्भात लेंगकवी जाहीरनाम्याच्या अंमलबजावणीला समर्थन देणे. 
    • दहशतवाद विरोधात आणि सायबर सुरक्षा क्षेत्रात सुरक्षा सुविधा निर्माण करण्याच्या दिशेने सहकार्याला बळकट करणे.
    दक्षिण-पूर्व आशियाई राष्ट्रांची संघटना (ASEAN) हा विविध स्वरुपात आर्थिक आणि विकास क्षेत्रांमध्ये सहकार्य सुनिश्चित करण्यासाठी ब्रुनेई दरुसालेम, कंबोडिया, म्यानमार, मलेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापूर, लाओ PDR, इंडोनेशिया, थायलंड, व्हिएतनाम या राष्ट्रांचा क्षेत्रीय आंतरसरकारी समूह आहे. याची निर्मिती मलेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापूर, इंडोनेशिया, थायलंड या देशांनी 8 ऑगस्ट 1967 रोजी केली. ASEAN हा संयुक्त राष्ट्रसंघाचा अधिकृत निरीक्षक आहे.


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