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    Monday, January 15, 2018

    इम्यून डिफेन्स में एक नई चेतावनी प्रणाली की खोज की गयी:.New warning system discovered in the immune defense शरीराच्या रोगप्रतिकारक क्षमतेत नवीनच सूचक प्रणाली दिसून आली आहे Current affairs 15 January 2018 - Hindi / English / Marathi

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    Current affairs 15 January 2018 - Hindi / English / Marathi


    Hindi

    इम्यून डिफेन्स में एक नई चेतावनी प्रणाली की खोज की गयी:
    वैज्ञानिकों ने पूर्व में अज्ञात रही एक चेतावनी प्रणाली की खोज की है, जोकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में योगदान करती है। पीएनएएस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सफेद रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला माइटोकॉन्ड्रिया डीएनए फाइबर्स की एक वेब (जाल) स्रावित करती है जोकि अलार्म को बजा देती है।
    श्वेत रक्त कोशिका शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून डिफेन्स) की एक प्रमुख घटक हैं। शोध समूह ने यह दिखाया है कि इन कोशिकाओं के विभिन्न प्रारूप सूक्ष्म डीएनए फ़्रैगमेन्ट्स के खिलाफ प्रतिक्रिया करते हैं, जोकि बैक्टीरिया और वायरस के डीएनए के समान हैं।
    सफेद रक्त कोशिकायें माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए (एमटीडीएनए) से सज्जित एक वेब छोड़ती हैं। माइटोकॉन्ड्रिया सभी कोशिकाओं में मौजूद हैं और जल और कार्बन डाइऑक्साइड बनाने के लिए शुगर और वसा को बर्न करने के द्वारा, आम तौर पर सेल द्वारा आवश्यक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
    क्या है ये 'अलार्म'?
    दरअसल शरीर में मौजूद वाइट ब्लड सेल्स, डीएनए के जाल रिलीज करते हैं जो अलार्म के रूप में काम करते हैं। वाइट ब्लड सेल द्वारा रिलीज होने वाले ये डीएनए वेब आसपास मौजूद बाकी सफेद कोशिकाओं को संदेश पहुंचाते हैं कि बॉडी पर वायरस का अटैक हो गया है। ये सफेद कोशिकाएं 'interferon type 1' नाम का तत्व रिलीज करते हैं जो प्रतिरोधक प्रणाली को बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने में मदद करता है।
    शोधकर्ताओं ने कहा कि ये खास तरह के डीएनए वेब कुछ ही मिनट में रिलीज हो जाते हैं। इतना ही नहीं ये लंब समय तक बिना घुले रक्त में मौजूद रह सकते हैं और बैक्टीरिया से लड़ सकते हैं। रिसर्चरों का ये भी कहना है कि आने वाले समय में डीएनए वेब में बदलाव करके बीमारी के बारे में भी जानकारी ली जा सकेगी।


    English



    New warning system discovered in the immune defense
    Scientists have discovered a previously unknown warning system that contributes to the body's immune system. Mitochondria in the white blood cells secrete a web of DNA fibres that raises the alarm.
    White blood cells are major components of the body's immune defence, and the research group has shown that several types of these cells react against small DNA fragments thatare similar to the DNA from bacteria and viruses. The white blood cells spray out a web consisting of mitochondrial DNA (mtDNA) strands. Mitochondria are present in all cells and normally produce the energy needed by the cell, by burning sugar and fat to form water and carbon dioxide.
    The web that the mitochondria release sends signals to the surrounding cells that the body is under attack, and cause other white blood cells to release a signal substance known as "interferon type 1". This substance helps the immune system to combat the infection.
    The discovery raises the possibility of further studies in which we will try to reduce the release of mtDNA, and in this way reduce the inflammation that it causes.



    Marathi


    शरीराच्या रोगप्रतिकारक क्षमतेत नवीनच सूचक प्रणाली दिसून आली आहे

    स्वीडनमधील लिंकोपिंग विद्यापीठातील संशोधकांना शरीराच्या प्रतिकार प्रणालीत योगदान देणारी पूर्वी अज्ञात अशी सूचक प्रणाली आढळून आली आहे.
    पांढऱ्या रक्त पेशींमधील मिटोकॉंड्रिया DNA तंतूचे "इंटरफेरॉन टाइप 1" नामक एक जाळे बाहेर टाकतो, ज्यामुळे चेतावणी मिळते. 
    पांढऱ्या रक्त पेशी या शरीराच्या रोगप्रतिकारक क्षमतेचे प्रमुख घटक आहेत. संशोधनात असे दिसून आले आहे की, या पेशींपैकी अनेक प्रकारच्या पेशी लहान डीऑक्सीरायबो-न्यूक्लिइक ऍसिड (DNA) च्या विघटनांच्या घटनेला प्रतिसाद देतात, जी की ही प्रक्रिया जिवाणू आणि विषाणू यांच्या DNA बाबतही आढळून येते.
    "इंटरफेरॉन टाइप 1" ची कार्यप्रक्रिया
    पांढर्‍या रक्त पेशी मिटोकॉंड्रियल DNA (mDNA) तंतूचे एक जाळे बाहेर टाकतात. मिटोकॉंड्रिया सर्व पेशींमध्ये उपस्थित असते आणि पाणी आणि कार्बन डायॉक्साईड तयार करण्यासाठी शर्करा आणि चरबी जाळून सामान्यत: पेशीद्वारे आवश्यक ऊर्जेची निर्मिती करतात.
    हे बाहेर पडणारे जाळे आसपासच्या पेशींकडे सूचना पाठविते, की शरीरावर आक्रमण झाले आहे आणि इतर पांढर्‍या रक्त पेशींना "इंटरफेरॉन टाइप 1" नामक सूचक पदार्थ सोडण्यास मदत होते. हा पदार्थ संक्रमणाशी लढा देण्यासाठी रोगप्रतिकारक प्रणालीला मदत करतो.
    हा शोध पुढील अभ्यासांची शक्यता वाढवतो, ज्यामध्ये mDNA चे उत्सर्जन कमी करण्याचा प्रयत्न केल्या जाईल आणि अशाप्रकारे सूज, जळजळ वा संक्रमण कमी होऊ शकणार.
    या शोधात नवीन असे काय आहे?
    पूर्वी "न्युट्रोफिल" म्हणून ओळखले जाणारे रोगप्रतिकारक प्रणालीमध्ये पांढर्‍या रक्त पेशींनी बनविलेले इतर प्रकारचे जाळे ज्ञात आहे. या पेशी-उत्सर्जित पदार्थावर जिवाणू-रोधी प्रथिनाचा एक थर असतो. मात्र, नव्याने सापडलेले "इंटरफेरॉन टाइप 1" जाळे सैद्धांतिकदृष्ट्या इतर प्रकारांपेक्षा वेगळे आहे. "इंटरफेरॉन टाइप 1" जाळे अगदी काही मिनिटांतच सक्रिय होतात, जे न्युट्रोफिल-आधारित जाळ्यापेक्षा वेगवान आहे. शिवाय, मिसळण्यापूर्वी हे mDNA जाळे रक्तात अधिक काळ टिकून राहतात.
    या अभ्यासामुळे सूक्ष्मदर्शी रोग आणि कर्करोगाबद्दल ज्ञानात वाढ होऊ शकते.


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