'हिकिकोमोरी': चर्चेत असलेला जपानी शब्द |
Hikikomori: What you need to know? |
हिकिकोमोरी: आपको क्या जानना चाहिए?
'हिकिकोमोरी': चर्चेत असलेला जपानी शब्द
जपानच्या सरकारच्या अहवालानुसार, देशात 40 ते 64 या वयोगटातले 6,13,000 'हिकिकोमोरी' आहेत. एका सर्वेक्षणानुसार लोकसंख्येच्या 2.4% तरुण जपानी लोकांमध्ये ही स्थिती उद्भवलेली आहे, त्यात स्त्रियांच्या संख्येच्या चौपट पुरुषांचा समावेश आहे.'हिकिकोमोरी' याचा अर्थ काय?
वयोवृद्ध होत चाललेल्या जपानमध्ये एकलकोंडेपणा बळावत चालला आहे. एकलकोंडेपणा या शब्दाला जपानी भाषेत “हिकिकोमोरी” हा शब्द दिला गेला आहे.
या शब्दाचा असा अर्थ होतो की “अशी व्यक्ती जी कुठल्याही शाळेत जात नाही किंवा सहा महिने किंवा अधिक कोणतेही काम करीत नाही आणि त्या काळात ती व्यक्ती कुटुंबाच्या बाहेर कोणाशीही कुठल्याहीप्रकारे संवाद साधत नाही”. दीर्घकाळ सामाजिक संबंधापासून दूर राहणारी व्यक्ती म्हणजे हिकिकोमोरी होय.
हा शब्द पहिल्यांदा तामीकी सैटो ह्यांनी आपल्या “शाकैतेकी हिकिकोमोरी: ओवारानै शिशून्की” हे शीर्षक असलेल्या पुस्तकात वापरला होता. हे पुस्तक ‘सोशल विदड्रॉवल: ए नेव्हरएंडिंग अॅडॉलेसेन्स” म्हणून भाषांतरित करण्यात आले आहे.
जपान प्रशांत महासागर प्रदेशातला एक बेट राष्ट्र आहे. या देशाची राजधानी टोकियो हे शहर आहे आणि जपानी येन हे राष्ट्रीय चलन आहे.
Hikikomori: What you need to know?
Hikikomori is a psychological condition which makes people shut themselves off from society, often staying in their houses for months on end.
There are at least half a million of them in Japan. It was once thought of as a young person’s condition, but sufferers are getting older and staying locked away for longer.
Japan: People are living in isolation
About 613,000 people aged 40 to 64 are believed to fall into the category of recluses, who hide themselves away in their homes without working, the government’s first survey on the age group showed on 29 March 2019.
The Health, Labor and Welfare Ministry defines hikikomori as people who have remained isolated at home for at least six consecutive months, not going to school or work and not interacting with people outside their family.
Of those surveyed, 76.6 percent of recluses were men.
हिकिकोमोरी: आपको क्या जानना चाहिए?
हिकिकोमोरी एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जो लोगों को समाज से खुद को बंद कर देती है, अक्सर अंत में महीनों तक अपने घरों में रहते हैं।
जापान में कम से कम आधा मिलियन लोग हिकीकोमोरी की समस्या से ग्रसित हैं। ख़ासकर युवाओं में इस तरह की स्थिति के बारे में सोचा गया था, लेकिन अब इसके पीड़ित वृद्ध भी हो रहे हैं और लंबे समय तक व्यक्ति खुद को समाज से पूरी तरह से काट कर कमरों में बंद रहते हैं।
स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय, हिकिकोमोरी को परिभाषित करता है। वे लोग जो लगातार कम से कम छह महीने तक घर पर अलग-थलग रहते हैं, स्कूल या काम पर नहीं जाते हैं और अपने परिवार के बाहर के लोगों के साथ बातचीत नहीं करते हैं वो इस श्रेणी में आते हैं। जापान में हिकीकोमोरी के विशेषज्ञों में से एक डॉक्टर ताकाहिरो कातो इस समस्या को रोकने पर काम कर रहे हैं।
सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 76.6 प्रतिशत पुरुष थे।
जापान में कम से कम आधा मिलियन लोग हिकीकोमोरी की समस्या से ग्रसित हैं। ख़ासकर युवाओं में इस तरह की स्थिति के बारे में सोचा गया था, लेकिन अब इसके पीड़ित वृद्ध भी हो रहे हैं और लंबे समय तक व्यक्ति खुद को समाज से पूरी तरह से काट कर कमरों में बंद रहते हैं।
जापान: लोग खुद को समाज से पूरी तरह से काट रह रहे हैं
माना जाता है कि 40 से 64 वर्ष की आयु के लगभग 613,000 लोग इस श्रेणी में आते हैं, जो बिना काम किए अपने घरों में छिप जाते हैं। सरकार का पहला सर्वेक्षण 29 मार्च 2019 को दिखाया गया है।स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय, हिकिकोमोरी को परिभाषित करता है। वे लोग जो लगातार कम से कम छह महीने तक घर पर अलग-थलग रहते हैं, स्कूल या काम पर नहीं जाते हैं और अपने परिवार के बाहर के लोगों के साथ बातचीत नहीं करते हैं वो इस श्रेणी में आते हैं। जापान में हिकीकोमोरी के विशेषज्ञों में से एक डॉक्टर ताकाहिरो कातो इस समस्या को रोकने पर काम कर रहे हैं।
सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 76.6 प्रतिशत पुरुष थे।
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