Current Affairs, Gk, Job Alerts, , School Info, Competitive exams ; History , Geography , Maths, History of the day, Biography, PDF, E-book ,

Youtube Channel

  • Videos click here
  • Breaking

    Sports

    Translate

    Sunday, June 3, 2018

    Shangri La Dialogue and India. शांगरी ला डायलॉग और भारत:. ‘शांगरी-ला डायलॉग’ आणि भारत

    Views
    Shangri La Dialogue and India
    Why the part of D.N.A.(Daily News Analysis)- Prime Minister Narendra Modi delivered the keynote address at the Shangri-LA dialogue. This is the first time an Indian Prime Minister addressed the event. In his address, he called India’s vision for the Indo-Pacific Region, a positive one.  Both India and Singapore agreed to deepen their economic and defence ties as they signed eight agreements including one on logistics cooperation between their navies after wide-ranging talks.
    Background: The IISS Asia Security Summit: The Shangri-La Dialogue (SLD) is a "Track One" inter-governmental security forum held annually by an independent think tank, the International Institute for Strategic Studies (IISS) which is attended by defense ministers, permanent heads of ministries and military chiefs of 28 Asia-Pacific states. The IISS Asia Security Summit was launched in 2002 by the Singaporean government and British think tank the International Institute for Strategic studies.The annual dialogue got its name from hotel Sangri-La of Singapore.
    Impact
    -       Shangri-La has contributed to the enhancement of defence diplomacy by participating countries, in part by inspiring similar forums in other regions (e.g. the Halifax International Security Forum).
    -       The 2010 Chinese Defence White paper explicitly mention senior Chinese participation in Shangri-La Dialogue since 2007 as one of their forums of participation in regional security cooperation.The IISS thinks that China's increased representation shows their eagerness to increase their engagement on a multilateral level and a recognition that the PLA wants to soften its image after a series of steps that were seen as too aggressive resulted in a downturn in relations with its neighbors
    -       The dialogue gathers military representatives from some of the world’s most powerful countries to discuss pressing and significant defence and security issues.
    -       The meeting is a chance for defence ministers, military chiefs and high-ranking defence officials to hold bilateral meetings on its sidelines.
    -       It is also attended by legislators, academic experts, journalists and business delegates from around the globe, making it a vehicle for public policy development and discussions on defence and security in the Asia-Pacific.



    शांगरी ला डायलॉग और भारत:
    3 दिवसीय 17वीं शांगरी-ला वार्तालाप 1 जून 2018 को सिंगापुर में उद्घाटित की गयी। 17 देशों के रक्षा मंत्रियों, 40 से अधिक देशों के उच्च स्तरीय सैन्य अफ़सरों और विद्वानों समेत 6 सौ से ज्यादा लोग इस में भाग ले रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वार्तालाप में प्रमुख भाषण दिया। शांगरी-ला डायलॉग में संबोधन करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
    प्रधानमंत्री मोदी के सम्बोधन का मूल पाठ:
    अपने भाषण में मोदी ने क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत के विचार और क्षेत्रीय सहयोग में भारत की भूमिका की व्याख्या की। चीन-भारत संबंध की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम दोनों विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश हैं और दोनों का आर्थिक विकास तेज़ है।
    हमारा सहयोग बढ़ रहा है और व्यापार की वृद्धि हो रही है। हमारे पास मतभेदों का प्रबंध और नियंत्रण करने की पर्याप्त बुद्धि है। चीन और भारत की स्थिरता और दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध विश्व की शांति और विकास की कुंजी है। मुझे पक्का विश्वास है कि चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास और सहयोग करने, एक दूसरे के मूल हितों का ख्याल करने से एशिया और विश्व का भविष्य और सुनहरा होगा।
    हिंद-प्रशांत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वार्ता के माध्यम से क्षेत्र के लिए एक साझा नियम आधारित व्यवस्था तैयार की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन आसियान आने वाले समय में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के केंद्र में होगा। उन्होंने कहा कि आसियान देशों के साथ भारत के संबंध के ऐतिहासिक वर्ष के मौके पर यहां पहुंचकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है।
    उन्होंने कहा कि परियोजनाएं निश्चित रूप से व्यापार को प्रोत्साहित करें न कि रणनीतिक प्रतिस्पर्धा। इस सिद्धांत पर हम किसी के साथ भी काम करने के लिए तैयार हैं।
    आतंकवाद और कट्टरता जैसी बड़ी वैश्विक चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा कि परस्पर आश्रित समृद्धि और विफलताओं की दुनिया में कोई भी देश अपने दम पर खुद को न तो आकार दे सकता है और न ही सुरक्षित रह सकता है।
    शांगरी ला डायलॉग:
    शांगरी-ला वार्ता (एसएलडी) एक स्वतंत्र थिंक टैंक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) द्वारा सालाना आयोजित "ट्रैक वन" अंतर-सरकारी सुरक्षा मंच है।
    इसमें 28 एशिया-प्रशांत राज्यों के रक्षा मंत्री, मंत्रालयों के स्थायी प्रमुख और सैन्य प्रमुख भाग लेते हैं। इस फोरम का नाम सिंगापुर में स्थित शांगरी-ला होटल के नाम पर रखा गया है जहां इसे पहली बार वर्ष 2002 में आयोजित किया गया था।
    इसके प्रतिभागियों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, बर्मा (म्यांमार), कंबोडिया, कनाडा, चिली, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, लाओस, मलेशिया, मंगोलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, चीन, फिलीपींस, रूस, दक्षिण कोरिया, श्री लंका, सिंगापुर, स्वीडन, थाईलैंड, पूर्वी तिमोर, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं।


    ‘शांगरी-ला डायलॉग’ आणि भारत

    पंतप्रधान नरेंद्र मोदी 31 मे ते 2 जून 2018 या काळात सिंगापूरच्या दौर्‍यावर होते. यावेळी 1 जून 2018 रोजी सिंगापूरमध्ये शांगरी-ला डायलॉग (SLD) या चर्चासत्राचे उद्घाटन करण्यात आले. हा कार्यक्रम तीन दिवस चालणार आहे.
    लंडन आधारित इंटरनॅशनल इंस्टीट्युट फॉर स्ट्रॅटेजिक स्टडीज कडून आयोजित करण्यात आलेल्या या वर्षीच्या ‘शांगरी-ला डायलॉग (SLD)’ येथे मुख्य भाषणाची प्रस्तुती पंतप्रधान मोदी यांनी केली. 
    पंतप्रधान नरेंद्र मोदी हे शांगरी-ला डायलॉग (SLD) मध्ये बोलणारे भारताचे पहिले पंतप्रधान आहेत आणि यामुळे या क्षेत्रात शांती आणि स्थिरता वाढविण्यासाठी भारताने केलेले आश्वासन प्रतिबिंबित होते.
    खुल्या आणि स्थिर आंतरराष्ट्रीय व्यापारासाठी भारताची भूमिका स्पष्ट करण्यात आली. भारत भारत-प्रशांत क्षेत्रात नियमांखाली खुल्या, संतुलित आणि स्थिर व्यापाराचे समर्थन करणार आहे, ज्यामुळे व्यापार आणि गुंतवणूकीच्या वाढीचा सर्व राष्ट्रांना फायदा होऊ शकणार.
    शांगरी-ला डायलॉग बाबत
    शांगरी-ला डायलॉग (SLD) एक स्वतंत्र वैचारिक चर्चासत्र आहे, जे लंडनमध्ये मुख्यालय असलेल्या इंटरनॅशनल इंस्टीट्युट फॉर स्ट्रॅटेजिक स्टडीज (IISS) कडून आयोजित केले जाणारे वार्षिक "ट्रॅक वन" आंतर-सरकारी सुरक्षा मंच आहे.
    या कार्यक्रमात 28 आशिया-प्रशांत देशांचे संरक्षण मंत्री, मंत्रालयांचे प्रमुख आणि सेना प्रमुख भाग घेतात. या मंचाचे नाव सिंगापूरमधील शांगरी-ला हॉटेलच्या नावावरून ठेवले गेले आहे, जेथे सन 2002 मध्ये याची पहिली सभा भरविण्यात आली होती.
    सहभागींमध्ये ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, बर्मा (म्यानमार), कंबोडिया, कॅनडा, चिली, फ्रान्स, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, जपान, लाओस, मलेशिया, मंगोलिया, न्यूझीलंड, पाकिस्तान, चीन, फिलीपीन्स, रशिया, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, सिंगापूर, स्वीडन, थायलंड, पूर्व तिमोर, ब्रिटन, अमेरिका आणि व्हिएतनाम यांचा समावेश आहे.

    No comments:

    Post a Comment