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    Wednesday, May 9, 2018

    India to have talent surplus of 245 mn workers by 2030: Study. भारत में वर्ष 2030 तक 245 मिलियन श्रमिकों का सरप्लस टैलेंट होगा: अध्ययन

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    करेंट अफेयर्स 9 मे 2018 हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
    / currentaffairs





    हिंदी


    भारत में वर्ष 2030 तक 245 मिलियन श्रमिकों का सरप्लस टैलेंट होगा: अध्ययन
    वर्ष 2030 में जब विश्व में कार्यकुशल श्रमिकों की भारी तंगी होगी, तब भारत में सरप्लस टैलेंट होगा अर्थात जरूरत से ज्यादा प्रतिभाएं होंगी।
    वैश्विक कंसल्टिंग फर्म कोर्न फेरी की एक स्टडी के अनुसार, साल 2030 तक दुनिया में प्रतिभावान लोगों की 8.5 करोड़ तक की भारी तंगी हो सकती है, जो कि जर्मनी की मौजूदा जनसंख्या से भी ज्यादा संख्या है। वैश्विक स्तर पर नजदीकी अवधि में अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया को सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
    प्रमुख तथ्य:
    रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक जब एशिया-प्रशांत के क्षेत्र में करीब 4.7 करोड़ प्रतिभावान कामगारों की भारी कमी होगी, तब भारत के पास 24.53 करोड़ का टैलेंट सरप्लस होगा यानी इतनी जरूरत से ज्यादा प्रतिभाएं होंगी।
    'ग्लोबल टैलेंट क्रंच' शीर्षक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत एकमात्र ऐसा देश होगा जिसके पास टैलेंट सरप्लस होगा।
    भारत में सबसे ज्यादा 24.40 लाख का टैलेंट सरप्लस विनिर्माण क्षेत्र में, इसके बाद 13 लाख का टैलेंट सरप्लस टेक्नोलॉजी, मीडिया एवं दूरसंचार क्षेत्र में और 11 लाख का टैलेंट सरप्लस वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में होगा।
    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुशल प्रतिभाओं की तंगी से यदि निपटा नहीं गया तो इससे 2030 तक एशिया-प्रशांत देशों की बड़ी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।
    रिपोर्ट में कहा गया है, 'एश‍िया-प्रशांत इलाके में साल 2020 तक ही 1.23 करोड़ तक टैलेंट की भारी कमी हो जाएगी और साल 2030 तक यह बढ़कर 4.7 करोड़ तक पहुंच जाएगी। समस्या का समाधान नहीं किया गया तो इससे सालाना 4.24 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है।'
    एशिया-प्रशांत की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में टैलेंट की आपूर्ति और मांग में साल 2020, 2025 और 2030 में खाई मुख्यत: तीन सेक्टर- वित्तीय एवं कारोबारी सेवाओं, टेक्नोलॉजी, मीडिया एवं दूरसंचार और मैन्युफैक्चरिंग में होगी।




    इंग्लिश


    India to have talent surplus of 245 mn workers by 2030: Study
    According to organisational consulting firm Korn Ferry India is projected to have a skilled labour surplus of 245 million workers by 2030. It will be mainly due to vast supply of working age citizens. On the other hand, most of the other economies will face talent crunch at that time.
    Highlights:
    • There will be a talent deficit of 85.2 million workers by 2030 across the 20 major developed and developing economies.
    • According to the study, India is the only country expected to have a surplus of highly skilled financial and business services labour by 2030.
    • The study said India's median age is predicted to be just over 31 by 2030, meaning it has a vast supply of working-age citizens. 
    • Industries where the talent surplus will be the most visible in India include the financial services with a surplus of 1.1 million, technology, media, telecommunications (TMT) at 1.3 million and manufacturing at 2.44 million of extra manpower in 12 years.







    मराठी


    सन 2030 पर्यंत भारतामध्ये 245 दशलक्ष कामगारांकडे कौशल्य असेल: एक शोधाभ्यास

    सन 2030 पर्यंत अन्य देशांच्या तुलनेत भारतामध्ये कौशल्य असलेला 245 दशलक्षहून अधिकचा कामगार वर्ग असेल, अश्या एका शोधाभ्यासामधून आढळून आले आहे.
    कॉर्न फेरी या वैश्विक सल्लागार कंपनीच्या 'ग्लोबल टॅलेंट क्रंच' या अहवालानुसार, सन 2030 पर्यंत जगभरात कौशल्य असलेल्या कामगारांची जवळपास 85.2 दशलक्षपर्यंत कमतरता असू शकते, जी जर्मनीच्या वर्तमान लोकसंख्येपेक्षा अधिक आहे.
    भारताव्यतिरिक्त, 19 इतर प्रमुख विकसनशील आणि विकसित देशांना ह्या अभ्यासात समाविष्ट करण्यात आले आहे, ते म्हणजे - ब्राझिल, मेक्सिको, अमेरिका, फ्रान्स, जर्मनी, नेदरलँड, रशिया, सौदी अरब, दक्षिण आफ्रिका, संयुक्त अरब अमिरात, ब्रिटन, ऑस्ट्रेलिया, चीन, हाँगकाँग, इंडोनेशिया, जपान, मलेशिया, सिंगापूर आणि थायलंड.
    ठळक बाबी
    • सन 2030 पर्यंत जेव्हा आशिया-प्रशांत क्षेत्रात सुमारे 47 दशलक्ष कौशल्यप्राप्त कामगारांची अत्याधिक कमतरता असेल, तेव्हा भारतात 245.3 दशलक्षचा अधिक कामगार वर्ग उपलब्ध असणार.
    • सन 2030 पर्यंत आशिया-प्रशांत क्षेत्रात भारत एकमेव असा देश असणार, ज्याच्याकडे अधिकाचा कामगार वर्ग असेल.
    • भारतात विनिर्माण क्षेत्रात सर्वाधिक 24.4 लक्ष अधिकचा कामगार वर्ग असेल, त्यानंतर तंत्रज्ञान, प्रसारमाध्यम व दूरसंचार क्षेत्रात 13 लक्ष तर वित्तीय सेवा-सुविधा क्षेत्रांमध्ये 11 लक्षचा अधिक कामगार वर्ग उपलब्ध असणार.  
    • आशिया-प्रशांत क्षेत्रात सन 2020 पर्यंत कौशल्य असलेल्या 12.3 दशलक्ष कामगारांची कमतरता भासणार आणि हा आकडा सन 2030 पर्यंत वाढून 47 दशलक्षपर्यंत पोहोचणार. या समस्येचे निराकरण न केल्यास वर्षाला $4.24 लक्ष कोटींचे नुकसान होऊ शकते.
    • आशिया-प्रशांत क्षेत्रातल्या 20 मोठ्या अर्थव्यवस्थांमध्ये कौशल्य असलेल्या कामगारांचा पुरवठा आणि मागणी यामधील तफावत सन 2020, सन 2025 आणि सन 2030 मध्ये मुख्यत: वित्तीय व कॉर्पोरेट सेवा, तंत्रज्ञान, प्रसारमाध्यम व दूरसंचार आणि विनिर्माण या क्षेत्रांमध्ये असेल.
    • भारत पुढील सहा वर्षांत चीनला मागे टाकत जगातील सर्वात जास्त लोकसंख्या असणारा देश बनण्याची शक्यता आहे. भारताचे सरासरी वय (median age) 2030 पर्यंत 31 वर्षाच्या अगदी थोडे अधिक असण्याचा अंदाज आहे, याचा अर्थ मोठ्या प्रमाणात कामगार वर्ग उपलब्ध असेल.
    वैश्विक पातळीवर या कालावधीत अमेरिका, जपान, फ्रांस, जर्मनी आणि ऑस्ट्रेलिया या देशांना सर्वाधिक अडचणींचा सामना करावा लागणार आहे.
    जागतिक वाढ, लोकसंख्याशास्त्रीय कल, अकुशल कामगार आणि कडकबंदी इमिग्रेशन याचा अर्थ असा की तांत्रिक प्रगतीमुळे जरी सक्षम उत्पादनक्षमता वाढणार असली तरीही कौशल्य कामगारांची समस्या टाळण्यासाठी अपुरी ठरणार आहे.







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