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    Tuesday, May 22, 2018

    आंतरराष्ट्रीय जैविक वैविध्यता दिन: 22 मे International Day for Biological Diversity: 22 May इंटरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी: 22 मई

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    आंतरराष्ट्रीय जैविक वैविध्यता दिन: 22 मे

    International Day for Biological Diversity: 22 May

    इंटरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी: 22 मई



    आंतरराष्ट्रीय जैविक वैविध्यता दिन: 22 मे

    संयुक्त राष्ट्रसंघाच्या (UN) नेतृत्वात जगभरात 22 मे 2018 रोजी आंतरराष्ट्रीय जैविक वैविध्यता दिन (IBD) पाळला गेला.
    यंदा हा दिन "सेलिब्रेटिंग 25 इयर्स ऑफ अॅक्शन फॉर बायोडायव्हर्सिटी" या विषयाखाली पळाल गेला आहे. सन 2018 मध्ये आंतरराष्ट्रीय जैविक वैविध्यता दिनाला 25 वर्ष पूर्ण झाली आहेत.
    संयुक्त राष्ट्रसंघाने 2030 शाश्वत विकास अजेंडाला चिन्हांकित करत जैविक वैविध्यतामध्ये कमतरता ही एक महत्वाची समस्या आहे, असे ठळकपणे दर्शविलेले आहे.
    पार्श्वभूमी
    संयुक्त राष्ट्रसंघाच्या आमसभेत 20 डिसेंबर 2000 रोजी एक ठराव मान्य करून दरवर्षी 22 मे रोजी ‘आंतरराष्ट्रीय जैविक वैविध्यता दिन’ पाळण्याचे घोषित करण्यात आले. जैव विविधतेच्या समस्या यासंबंधी समजूत आणि जागरुकता वाढवणे हे या ठरावाचे प्राथमिक उद्दिष्ट होते. 22 मे 1992 रोजी जैविक वैविध्यता विषयावर झालेल्या परिषदेचा मजकूर नैरोबी अंतिम कायद्याद्वारे अंमलात आणला गेला होता.
    सुरूवातीला 29 डिसेंबर (जैविक विविधतेचा करार पारित झालेली तारीख) ही आंतरराष्ट्रीय जैविक वैविध्यता दिवस म्हणून पाळावयाचे ठरविण्यात आले होते. परंतु, अनेक देशांमध्ये 29 डिसेंबर ही तारीख योग्यरीतीने पाळण्यामध्ये येणार्‍या अडचणीमुळे ही तारीख निवडण्यात आली.
    जैविक वैविध्यता करार (Convention on Biological Diversity) हे "जैविक वैविध्यतेचे संवर्धन, त्यांच्या घटकांचा शाश्वत वापर आणि अनुवांशिक संसाधनांच्या वापरातून मिळणार्‍या लाभांची सुयोग्य व उचित वाटणी" यांसाठी असलेले एक आंतरराष्ट्रीय कायदेशीर साधन आहे, जे 196 देशांनी मान्य केलेले आहे.


    International Day for Biological Diversity: 22 May
    The United Nations (UN) and the world celebrated May 22, 2018 as the International Day for Biological Diversity (IDB). The Day was proclaimed by the UN in December 1993 to increase understanding and awareness of biodiversity issues.
    The Day was adopted by the UN General Assembly in 2000 to commemorate the adoption of Convention on Biological Diversity on May 22, 1992 in Nairobi, Kenya.
    Theme for IDB 2018
    The theme for the IDB 2018 is "Celebrating 25 Years of Action for Biodiversity". The theme was chosen to mark the 25th anniversary of the entry into force of the Convention on Biological Diversity and to highlight progress made in the achievement of its objectives at the national and global levels.
    Convention on Biological Diversity (CBD)
    The Convention was opened for signature on June 5, 1992 at the United Nations Conference on Environment and Development (the Rio "Earth Summit"). The Convention entered into force on December 29, 1993, which was 90 days after the 30th ratification. As of date, 196 countries are party to the Convention.
    The first session of the Conference of the Parties was scheduled for November 28 – December 9, 1994 in the Bahamas.
    The Convention on Biological Diversity was inspired by the world community's growing commitment to sustainable development. It represents a dramatic step forward in the conservation of biological diversity, the sustainable use of its components, and the fair and equitable sharing of benefits arising from the use of genetic resources.
    The Cartagena Protocol on Biosafety
    The Cartagena Protocol on Biosafety to the CBD is an international agreement which aims to ensure the safe handling, transport and use of living modified organisms (LMOs) resulting from modern biotechnology that may have adverse effects on biological diversity, taking also into account risks to human health. It was adopted on January 29, 2000 and entered into force on September 11, 2003.
    The Nagoya Protocol on Access & Benefit Sharing
    The Nagoya Protocol on Access to Genetic Resources and the Fair and Equitable Sharing of Benefits Arising from their Utilization to the CBD is an international agreement which aims at sharing the benefits arising from the utilization of genetic resources in a fair and equitable way. It entered into force on October 12, 2014, 90 days after the date of deposit of the fiftieth instrument of ratification.
    Strategic Plan for Biodiversity 2011-2020
    The tenth meeting of the Conference of the Parties, held from 18 to 29 October 2010, in Nagoya, Aichi Prefecture, Japan, adopted a revised and updated Strategic Plan for Biodiversity, including the Aichi Biodiversity Targets, for the 2011-2020 period.
    This Plan provides an overarching framework on biodiversity, not only for the biodiversity-related conventions, but for the entire United Nations system and all other partners engaged in biodiversity management and policy development.



    इंटरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी: 22 मई
    22 मई को जैव विविधता के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से दुनिया भर में इंटरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (जैव विविधता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस) मनाया जाता है। इसका मुख्य ध्यान ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है, जो जैव विविधता में समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए अवसर प्रदान कर सके।
    थीम:
    वर्ष 2018 के लिए इंटरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी की थीम "सेलेब्रटिंग 25 इयर्स ऑफ़ एक्शन फॉर बायोडाइवर्सिटी" है। वर्ष 2018 जैव विविधता के 25 वर्ष को इंगित करता है।
    जैव विविधता:
    जैव विविधता जीवन और विविधता के संयोग से निर्मित शब्द है जो आम तौर पर पृथ्वी पर मौजूद जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (युएनईपी), के अनुसार जैव विविधता विशिष्टतया अनुवांशिक, प्रजाति, तथा पारिस्थितिकि तंत्र के विविधता का स्तर मापता है।
    जैव विविधता किसी जैविक तंत्र के स्वास्थ्य का द्योतक है। पृथ्वी पर जीवन आज लाखों विशिष्ट जैविक प्रजातियों के रूप में उपस्थित हैं। सन् 2010 को जैव विविधता का अंतरराष्ट्रीय वर्ष, घोषित किया गया है।
    जैविक विविधता पद का सर्वप्रथम प्रयोग वन्यजीवन वैज्ञानिक और संरक्षणवादी रेमंड एफ. डैसमैन द्वारा 1968 ई. में ए डिफरेंट काइंड ऑफ कंट्री पुस्तक में किया गया था।
    जैव विविधता का तात्पर्य विभिन्न प्रकार के जीव−जंतु और पेड़-पौधों का अस्तित्व धरती पर एक साथ बनाए रखने से होता है। इसकी कमी से बाढ़, सूखा और तूफान आदि जैसी प्राकृतिक आपदा का खतरा बढ़ जाता है।
    पारिस्थितिक संतुलन को बनाये रखने तथा खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने में भी जैव विविधता की अहम भूमिका होती है। इसलिए हमे प्रकृति से उपहार के रूप में मिले पेड़-पौधे, अनेक प्रकार के जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर, समुद्र, नदिया आदि का संरक्षण करना चाहिए।
    पृष्ठभूमि:
    नैरोबी में 29 दिसंबर 1992 को हुए जैव-विविधता सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था, किंतु कई देशों के व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने के कारण इस दिन को 29 मई की बजाय 22 मई को मनाने का निर्णय लिया गया।
    वैश्विक नेताओं ने भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक जीवित नक्षत्र सुनिश्चित करते हुए वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए 'सतत विकास' की एक व्यापक रणनीति पर सहमति व्यक्त की थी। 193 सरकारों ने इस पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत सीबीडी का एक पक्षकार है।


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