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    Thursday, April 12, 2018

    एफएसएसएआई ने प्रोजेक्ट धूप की शुरुआत की: Project Dhoop launched to address vitamin D deficiency amongst youngsters। शालेय विद्यार्थ्यांसाठी FSSAI चे ‘प्रोजेक्ट धूप’

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    करेंट अफेयर्स १२ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी




    हिंदी

    एफएसएसएआई ने प्रोजेक्ट धूप की शुरुआत की:
    भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने बच्चों में विटामिन डी की कमी को देखते हुए परियोजना 'धूप’ नाम से अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस पहल के अनुसार, स्कूलों में बच्चों को सुबह-सुबह के बजाय 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच प्रार्थना के लिए जमा होने की सलाह दी गई है।
    विशेषज्ञों का कहना है कि आम धारणा के विपरीत सूर्योदय के समय के बजाय सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक की धूप मानव शरीर में विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने के लिहाज से सबसे अधिक फायदेमंद होती है। कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि 90 फीसदी लड़के - लड़कियों में विटामिन डी की कमी है।
    एफएसएसएआई ने एनसीईआरटी, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के स्कूलों के साथ मिलकर बच्चों के लिए यह विशेष पहल की है। इसे क्वालिटी और मैक्केन हेल्थ समूहों का सहयोग प्राप्त है।
    प्रमुख तथ्य:
    विटामिन डी मुख्य रूप से सूर्य के प्रकाश से प्राप्त होता है, जिसके बिना कमी की संभावना होती है। कोलेस्ट्रॉलिन पर सूर्य का प्रकाश यकृत और गुर्दे में अतिरिक्त रूपांतरणों के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल को विटामिन डी में बदल देती है।
    भारत के अधिकांश हिस्सों में लोगों को पूरे वर्ष तक प्रचुर मात्रा में धूप मिलती है। शोध से पता चला है कि, 90 प्रतिशत फीसदी लड़कों और लड़कियों में विटामिन डी की कमी है। अकेले दिल्ली में, 90 से 97 प्रतिशत स्कूली बच्चों (6-17 वर्ष आयु वर्ग के) में विटामिन डी की कमी होती है। भारत के अधिकतर बच्चों में विटामिन डी की अत्यधिक कमी है, इसके बावजूद अभिभावक इसके गंभीर परिणामों से अवगत नहीं हैं।
    एफएसएसएआई ने बच्चों में विटामिन डी की समस्या को देखते हुए दिल्ली के 25 स्कूलों में प्रोजेक्ट धूप की शुरूआत की है। इसके अतिरिक्त एफएसएसएआई ने बच्चों की स्कूल ड्रेस को नए तरीके से डिजाईन करने की सलाह दी है ताकि स्कूल ड्रेस को ऐसा बनाय़ा जाए जिससे बच्चों के हाथ-पैर और चेहरे पर धूप लग सके।
    शरीर को पूरी तरह से ढकने पर सूर्य की किरणें त्वचा के संपर्क में नहीं आ पातीं और इससे विटामिन डी का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।
    विटामिन डी:
    विटामिन डी वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं: विटामिन डी2 (या अर्गोकेलसीफेरोल) एवं विटामिन डी3 (या कोलेकेलसीफेरोल). सूर्य के प्रकाश, खाद्य एवं अन्य पूरकों से प्राप्त विटामिन डी निष्क्रिय होता है। इसे शरीर में सक्रिय होने के लिये कम से कम दो हाईड्रॉक्सिलेशन अभिक्रियाएं वांछित होती हैं।
    शरीर में मिलने वाला कैल्सीट्राईऑल विटामिन डी का सक्रिय रूप होता है। त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है। यह मछलियों में भी पाया जाता है। विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक होता है।
    इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है और व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टीयोमलेशिया कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं। इसके अलावा विटामिन डी कैंसर, क्षय रोग जैसे रोगों से भी बचाव करता है।
    भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण:
    भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI)) की स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत की गयी है।
    इसका उद्देश्य खाद्य सामग्री के लिये विज्ञान पर आधारित मानकों का निर्माण करना तथा खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, विक्री तथा आयात आदि को नियन्त्रित करना है ताकि मानव-उपभोग के लिये सुरक्षित तथा सम्पूर्ण आहार की उपलब्धि सुनिश्चित की जा सके। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है।



    इंग्लिश

    Project Dhoop launched to address vitamin D deficiency amongst youngsters
    The Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) launched a nationwide campaign on April 9 to spread awareness about Vitamin D through natural sunlight and also through consuming fortified food among school children.
    The project aims to shift the school’s assembly time from morning to afternoon more probably around 11 to 1 PM.
    Project Dhoop
    FSSAI launched Project Dhoop in collaboration with NCERT in North Delhi where 25 school participated in this project. It is an innovative step to ensure that children get adequate amount of Vitamin D through sunlight. FSSAI is also promoting fortified food such as milk and edible oils.
    Reasons for Vitamin D deficiencies:
    There can be several reasons such as overuse of sun screen, covered body and working all day in air conditioned environment.
    FSSAI
    FSSAI is a nodal statutory agency responsible for protecting and promoting public health in India through regulation and supervision of food safety.






    मराठी

    शालेय विद्यार्थ्यांसाठी FSSAI चे ‘प्रोजेक्ट धूप’

    NCERT, NDMC, उत्तर MCD शाळा आणि क्वालिटी लि. यांच्या सहभागाने भारतीय अन्न सुरक्षा व मानके प्राधिकरण (FSSAI) तर्फे शाळांमध्ये ‘प्रोजेक्ट धूप’ या पुढाकाराचा शुभारंभ करण्यात आला आहे.
    दिल्लीच्या 25 शाळांमध्ये ‘प्रोजेक्ट धूप’ या कार्यक्रमाला सुरुवात केली गेली आहे. या उपक्रमांतर्गत शाळा सकाळी 11:00 पासून ते दुपारच्या 1:00 वाजेपर्यंत भरवली जात आहे. शिवाय, शालेय विद्यार्थांच्या गणवेशात देखील बदल करण्यात येणार आहे, जेणेकरून त्यांना अधिक प्रमाणात शरीरावर सूर्यप्रकाश घेता येणार.
    मुलांमध्ये ‘ड’ जीवनसत्त्वाच्या कमतरतेच्या समस्येला समाधान म्हणून FSSAI ने हा पुढाकार घेतलेला आहे.
    शोध काय मानतो?
    FSSAI द्वारा केल्या गेलेल्या अभ्यासामध्ये असे आढळून आले आहे की, भारताच्या 90% शालेय विद्यार्थ्यांमध्ये ‘ड’ जीवनसत्त्व कमी आहे आणि त्यांची हाडे सामान्यपेक्षा कमजोर आहे. दिल्लीच्या 90-97% शालेय विद्यार्थ्यांमध्ये (6-17 वर्ष वयोगट) ‘ड’ जीवनसत्त्व कमी असल्याचे आढळून आले.
    शास्त्रज्ञांच्या संशोधनानुसार सकाळी 11:00 पासून ते दुपारच्या 1:00 या दरम्यान मिळणारा सूर्यप्रकाश शरीरात ‘ड’ जीवनसत्त्वाचे प्रमाण वाढविण्याच्या दृष्टीने अधिक लाभदायक असतो.
    सूर्यप्रकाश यकृत आणि किडनीमध्ये अतिरिक्त रूपांतरणाच्या माध्यमातून शरीरातील कोलेस्ट्रॉलला ‘ड’ जीवनसत्त्वात बदलते. ‘ड’ जीवनसत्त्व मासळीपासून देखील प्राप्त होते. या जीवनसत्त्वामुळे शरीरात कॅल्शियमला कायम राखण्यास मदत मिळते, ज्यामुळे हाडांना मजबूत राखण्यामध्ये मदत होते. शिवाय कर्करोग, क्षयरोग सारख्या रोगांपासून देखील बचाव होतो.
    भारतीय अन्न सुरक्षा व मानके प्राधिकरण (FSSAI) बाबत
    भारतीय अन्न सुरक्षा व मानके प्राधिकरण (FSSAI) याची स्थापना 2011 साली केंद्रीय आरोग्य आणि कुटुंब कल्याण मंत्रालयाअंतर्गत झाली. ही एक स्वायत्त संस्था आहे. आशिष बहुगुणा हे FSSAI चे वर्तमान अध्यक्ष आहेत आणि याचे नवी दिल्ली येथे मुख्यालय आहे.

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