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    Thursday, April 12, 2018

    आईआईटी दिल्ली में भारत की पहली एमआईएमओ प्रयोगशाला शुरू की जाएगी: India’s first MIMO lab to be opened at IIT Delhi। IIT दिल्लीमध्ये भारताची पहिली MIMO प्रयोगशाळा

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    करेंट अफेयर्स १२ एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी




    हिंदी

    आईआईटी दिल्ली में भारत की पहली एमआईएमओ प्रयोगशाला शुरू की जाएगी:
    5जी सेलुलर कम्यूनिकेशन टेक्नॉलजी पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में बड़े स्तर पर कार्य की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए मैसिव मल्टीपल-इनपुट मल्टीपल-आउटपुट (एमआईएमओ) टेक्नॉलेजी पर देश की पहली रेडियो लैब खुलेगी। यह लैब 13 अप्रैल को लॉन्च होगी।
    आईआईटी डायरेक्टर प्रो वी रामगोपाल राव ने बताया कि 5जी टेक्नॉलजी में नैशनल लेवल पर होने वाले काम इसी लैब में होंगे और भारत के स्तर पर जो भी गोल सेट किए जाएंगे उस पर यहां मिल-जुल कर काम होगा।
    प्रमुख तथ्य:
    यह लैब आईआईटी के भारती स्कूल ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन टैक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट में खोली जाएगी। इस लैब की मदद से इस तकनीक पर एक्सपर्ट भी तैयार होंगे।
    इस स्कूल में 5जी सेंटर ऑफ एक्सिलेंस और डिजिटल इनोवेशंस लैब भी है। इनके साथ मिलकर इस सेंटर में टेलिकम्यूनिकेशन पर कई पहलुओं पर रिसर्च की जाएगी। एमआईएमओ सिस्टम में 3जी और 4जी के मुकाबले कई ऐंटिना बेस स्टेशन में लगाए जाते हैं।
    इससे बड़ी तादाद में मोबाइल टर्मिनल को एक ही फ्रिक्वेंसी में एक ही वक्त पर नेटवर्क मिलेंगे। साथ ही, इस सिस्टम में 3जी और 4जी के मुकाबले 10 गुना कम पावर का रेडिएशन होगा। इससे सेहत का नुकसान भी कम होगा। कई टॉप इंजिनियरिंग इंस्टिट्यूट यहां काम करेंगे।
    आईआईटी में 'मैसिव मल्टीपल इनपुट मल्टीपल आउटपुट (मीमो) प्रौद्योगिकी' पर अनुसंधान कर रहे प्रोफेसर सैफ खान मोहम्मद ने कहा कि यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक विकिरण के उत्सर्जन को रोकने में मदद करेगा और इसके कारण न्यूनतम रेडियो हस्तक्षेप होगा, जिससे बेहतर संचार हो सकेगा।
    उन्होंने कहा कि भारत में ही अगर दूरसंचार उपकरण बनने लगेंगे तो दूरदराज के ग्रामीण उपभोक्ताओं को ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराया जा सकेगा, जो 'डिजिटल इंडिया कार्यक्रम' का महत्वपूर्ण एजेंडा है।



    इंग्लिश

    India’s first MIMO lab to be opened at IIT Delhi
    Indian Institute of Technology, Delhi is establishing India’s first 5G Multiple-Input Multiple –Output (MIMO) radio laboratory. The main objective of establishing this laboratory is to make India a key global player in the “standardisation”, “Research and Development (R&D)” of 5G equipment.
    • The lab has been set up in Bharti School of Telecommunication and Management at IIT Delhi campus.
    • This 5G base station prototype will be used to test and verify algorithms and also for developing a complete 5G base station, which can possibly lead to the manufacturing of 5G base stations in India with support or collaboration from industry. It will also be instrumental in generating skilled manpower in this technology.
    Multiple-Input Multiple-Output Radio Laboratory
    • MIMO is an antenna technology for wireless communications in which multiple antennas are used at transmitter as well as destination.
    • The antennas at each end of the communications circuit are combined to minimize errors and optimize data speed.
    • MIMO technology has aroused interest because of its possible applications in digital television (DTV), wireless local area networks (WLANs), metropolitan area networks (MANs), and mobile communications.
    In the past, compared to other developing countries like China, there has been little participation of Indian academia and industry in the standardization, R&D and manufacturing of 2G/3G/4G telecommunication equipment






    मराठी


    IIT दिल्लीमध्ये भारताची पहिली MIMO प्रयोगशाळा

    5G सेलुलर दळणवळण तंत्रज्ञानावर भारतीय तंत्रज्ञान संस्था (IIT) दिल्लीमध्ये मोठ्या पातळीवर कार्याला सुरुवात केली जात आहे.
    त्यासाठी मॅसिव मल्टीपल-इनपुट मल्टीपल-आउटपुट (MIMO) तंत्रज्ञानावर देशाची पहिली रेडियो प्रयोगशाळा उभारली जात आहे. ही प्रयोगशाळा 13 एप्रिलला उघडली जाणार आहे.
    ही प्रयोगशाळा IIT च्या भारती स्कूल ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन टेक्नॉलजी अँड मॅनेजमेंट मध्ये प्रस्थापित केली जात आहे. या ठिकाणी 5G सेंटर ऑफ एक्सिलेंस अँड डिजिटल इनोव्हेशन्स लॅबोरेटरीज देखील आहे.
    या ठिकाणी संपर्क क्षेत्रात विविध विषयावर संशोधन चालविले जाणार आहे. MIMO तंत्रज्ञानामुळे शरीरास हानिकारक असलेल्या तरंगोत्सर्जन (radiation) याला रोखण्यास मदत होणार.
    मोबाइल टर्मिनलला एकाच वारंवारीतेमध्ये एकाच वेळी नेटवर्क मिळणार. या यंत्रणेमध्ये 3G आणि 4G च्या तुलनेत 10 पटीने कमी तरंगोत्सर्जन (radiation) होणार. त्यामुळे आरोग्याचे नुकसान कमी होणार.



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