करेंट अफेयर्स १० एप्रिल २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
हिंदी
नेपाल के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा: इसका महत्व
नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हाल ही में पुनः देश की बागडोर संभालने के बाद अपने पहले विदेश दौरे के लिए भारत को चुना। ओली एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाक़ात में दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए 'बराबरी, परस्पर विश्वास और सम्मान' की भावना पर ख़ासा ज़ोर दिया गया।
नेपाल में परंपरा रही है कि वहां प्रधानमंत्री अपने विदेश दौरों की शुरुआत भारत से करते हैं। लेकिन ओली को चीन के करीबी के तौर पर देखा जाता रहा है। साल 2016 में ओली ने सार्वजनिक तौर पर भारत की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि वो नेपाल के 'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।'
भारत नेपाल संबंधों में कटुता:
पिछले कुछ समय से नेपाल के आंतरिक मामलों के कारण भारत – नेपाल सीमा कई दिनों तक अवरुद्ध रही, जिसके कारण नेपाल ने अपनी कुछ महत्त्वपूर्ण सीमा चौकियों पर भारत द्वारा आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया।
यद्दपि भारत ने नेपाल के इस आरोप को खारिज़ कर दिया परन्तु नेपाली मधेसी समुदायों की कुछ चिंताओं के प्रति भारत की सहानुभूति भी किसी से छिपी नहीं है। इन मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट देखने को मिली, जिसका पूर्ण लाभ चीन ने उठाया है।
एक नयी शुरुआत:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के.पी.शर्मा ओली ने 07 अप्रैल 2018 को द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बैठक की और रक्षा व सुरक्षा, संपर्क और व्यापार जैसे मुख्य क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। जिन अहम मुद्दों पर सहमति बनी है उनमें नई दिल्ली से काठमांडू तक नए रेलमार्ग का निर्माण भी शामिल है।
इस दौरान पीएम मोदी और केपी ओली ने साथ मिलकर नेपाल पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन का उद्घाटन भी किया।
भारत के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडू को इलेक्ट्रिक रेल लाइन से जोड़ने पर सहमति बनी। इसके लिए भारत वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, देश की प्राथमिकताओं के तहत नेपाल को सपॉर्ट करना जारी रखेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों ही देश संपर्क संबंधी सभी परियोजनाओं में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग से नेपाल का लोकतंत्र सुदृढ़ होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों पड़ोसी काठमांडू और दिल्ली के बीच नया रेलमार्ग तैयार करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में मजबूत गठजोड़ है और दोनों ही अपनी खुली सीमा का दुरुपयोग रोकने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।
नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि वह भारत का दौरा 21वीं सदी की वास्तविकता के साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध को नई ऊंचाई देने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हम दोनों करीबी पड़ोसियों के बीच भरोसा आधारित संबंध की मजबूत इमारत खड़ी करना चाहते हैं।'
नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हाल ही में पुनः देश की बागडोर संभालने के बाद अपने पहले विदेश दौरे के लिए भारत को चुना। ओली एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाक़ात में दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए 'बराबरी, परस्पर विश्वास और सम्मान' की भावना पर ख़ासा ज़ोर दिया गया।
नेपाल में परंपरा रही है कि वहां प्रधानमंत्री अपने विदेश दौरों की शुरुआत भारत से करते हैं। लेकिन ओली को चीन के करीबी के तौर पर देखा जाता रहा है। साल 2016 में ओली ने सार्वजनिक तौर पर भारत की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि वो नेपाल के 'आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।'
भारत नेपाल संबंधों में कटुता:
पिछले कुछ समय से नेपाल के आंतरिक मामलों के कारण भारत – नेपाल सीमा कई दिनों तक अवरुद्ध रही, जिसके कारण नेपाल ने अपनी कुछ महत्त्वपूर्ण सीमा चौकियों पर भारत द्वारा आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया।
यद्दपि भारत ने नेपाल के इस आरोप को खारिज़ कर दिया परन्तु नेपाली मधेसी समुदायों की कुछ चिंताओं के प्रति भारत की सहानुभूति भी किसी से छिपी नहीं है। इन मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट देखने को मिली, जिसका पूर्ण लाभ चीन ने उठाया है।
एक नयी शुरुआत:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के.पी.शर्मा ओली ने 07 अप्रैल 2018 को द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बैठक की और रक्षा व सुरक्षा, संपर्क और व्यापार जैसे मुख्य क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। जिन अहम मुद्दों पर सहमति बनी है उनमें नई दिल्ली से काठमांडू तक नए रेलमार्ग का निर्माण भी शामिल है।
इस दौरान पीएम मोदी और केपी ओली ने साथ मिलकर नेपाल पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन का उद्घाटन भी किया।
भारत के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडू को इलेक्ट्रिक रेल लाइन से जोड़ने पर सहमति बनी। इसके लिए भारत वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत, देश की प्राथमिकताओं के तहत नेपाल को सपॉर्ट करना जारी रखेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों ही देश संपर्क संबंधी सभी परियोजनाओं में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग से नेपाल का लोकतंत्र सुदृढ़ होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों पड़ोसी काठमांडू और दिल्ली के बीच नया रेलमार्ग तैयार करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में मजबूत गठजोड़ है और दोनों ही अपनी खुली सीमा का दुरुपयोग रोकने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।
नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि वह भारत का दौरा 21वीं सदी की वास्तविकता के साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध को नई ऊंचाई देने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हम दोनों करीबी पड़ोसियों के बीच भरोसा आधारित संबंध की मजबूत इमारत खड़ी करना चाहते हैं।'
इंग्लिश
Nepal’s PM visit to India: Its significance
Nepali Prime Minister KP Sharma Oli was on a three day visit from 7 April to 9 April 2018. Both countries have agreed to cooperate on major issues. Both leaders issued 12 point statement to take the bilateral relation to a new height where both countries get benefited. Three agreements were also signed: 1. Rail project connecting Indian border town with Kathmandu 2. Inland waterways connectivity. 3. Agricultural development in Nepal.
Rebuilding the trust between India and Nepal
Since 2015, the Nepal was going through a constitutional crisis. There were mostly two contention; First, India wanted proper accommodation of Madhes in the Nepali Constitution; Secondly, Nepal turning to secular country- the problem lies in loss of a cultural tie which traces back to Buddha’s times.
Finally, United Marxist Leninist (UML) Party under Oli’s leadership formed the government. It has been a custom that every new government of Nepal comes to India as their first state visit. That’s why, Nepalese PM made the first official visit to India.
Chinese Influence
One Belt and One Road has emerged as a lucrative destination for most of the economies. Nepal has also opted for OBOR despite India’s instructions to not to join it. It has become clear that India can’t dictate its policy given that China has entered the Nepali kingdom. India has to turn to pragmatism and it requires accommodating other’s interests too.
India prefers BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) against SAARC (South Asian Association for Regional Cooperation) and also discourages Nepal to make SAARC more active.
China has promised to link the Nepali capital Kathmandu to Tibet by 2022 and India has also promised to complete its survey in 2019. There is an unsaid contest between China and Indian in South Asian region. It has given more bargaining power to South Asian countries and leverage over India as never before.
मराठी
नेपाळचे पंतप्रधान भारत दौर्यावर
नेपाळचे पंतप्रधान के. पी. शर्मा ओली यांनी आपल्या पहिल्या परदेशी दौरासाठी भारताची निवड केली आहे. ओली एका उच्च पातळीवरील शिष्टमंडळासोबत तीन दिवसांच्या भारत दौर्यावर आले आहेत.नेपाळच्या पंतप्रधान पदी निवड झाल्यानंतर पंतप्रधान ओली यांची ही पहिलीच अधिकृत भारत भेट आहे.
भारतीय पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आणि पंतप्रधान के. पी. शर्मा ओली यांनी 7 एप्रिल 2018 रोजी द्विपक्षीय संबंधांवर एक बैठक केली, ज्यात संरक्षण व सुरक्षा, संपर्क आणि व्यापार यासारख्या मुख्य क्षेत्रांमध्ये संबंधांना मजबूत बनविण्याचा संकल्प केला. ज्या मुख्य मुद्द्यांवर सहमती दर्शवली गेली, त्यामध्ये नवी दिल्ली ते काठमांडू पर्यंत नव्या रेल्वे मार्गाची निर्मिती देखील सामील आहे.
दोन्ही नेत्यांनी द्विपक्षीय संबंधांची नवी उंची गाठण्यासाठी 12 मुद्द्यांचा जाहीरनामा प्रसिद्ध केला.
दोन्ही देशांमध्ये तीन करारांवर स्वाक्षरी करण्यात आली.
- काठमांडूला भारतीय सीमावर्ती शहराशी जोडणारा रेल्वे प्रकल्प
- अंतर्देशीय जलमार्ग संपर्क
- नेपाळमधील कृषी विकास
सहमती असलेले मुद्दे
- भारताच्या रक्सौलच्या माध्यमातून काठमांडू पर्यंत इलेक्ट्रिक रेल-लाइन जोडण्यावर सहमती बनली. या प्रकल्पासाठी भारत वित्तीय मदत पुरविणार.
- सोबतच दोन्ही देशांनी संपर्क वाढविण्यासाठी सर्व प्रकल्पांमध्ये तेजी आणण्याबाबत सहमत झालेत.
- दोन्ही देश संरक्षण व सुरक्षा क्षेत्रात सहकार्य वाढवून आपल्या खुल्या सीमेचा दुरुपयोग टाळण्यासाठी मिळून कार्य करण्यास सहमत झालेत.
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