करेंट अफेयर्स १६ मार्च २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
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ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में फ़िनलैंड शीर्ष पर:
ग्लोबल हैप्पीनेस रिपोर्ट-2018 में भारत को 156 देशों की सूची में 133 वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल वह 122 वें स्थान पर था। सूची में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान भारत से ऊपर हैं।
यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘सस्टेनेबल डिवेलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क’ तैयार करती है। प्रसन्नता को मापने के लिए कई ठोस कसौटियां रखी गई हैं, जिनमें प्रमुख हैं - सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), सामाजिक सहयोग, उदारता, भ्रष्टाचार का स्तर, सामाजिक स्वतंत्रता और स्वास्थ्य।
प्रमुख तथ्य:
इस सूची में शीर्ष 10 खुशहाल देशों में से 8 यूरोप के हैं, जबकि शीर्ष 20 देशों में एशिया का एक भी देश शामिल नहीं है। भारत को 133वां स्थान दिया गया है जबकि पिछले वर्ष भारत 122वें स्थान पर था।
ग्लोबल हैप्पीनेस रिपोर्ट-2018 में शीर्ष पर फ़िनलैंड है जबकि पिछले वर्ष नॉर्वे पहले स्थान पर था। पिछले वर्ष की हैप्पीनेस इंडेक्स रिपोर्ट में फ़िनलैंड पांचवें स्थान पर मौजूद था।
सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क ने 2015 से 2017 के बीच 6 अलग-अलग मानकों के आधार पर तैयार सवालों के जवाब के तहत सूची को तैयार किया है। ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स-2018 में अमेरिका 18वें और ब्रिटेन 19वें पायदान पर है। सबसे कम खुशहाल देश बुरुंडी है जिसे 156वां स्थान मिला है।
भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान को 75वां स्थान दिया गया है। इसी प्रकार चीन को ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में 86वां स्थान प्राप्त हुआ है। भूटान को 97वां, नेपाल को 101वां, बांग्लादेश को 115वां, श्रीलंका को 116वें और म्यांमार को इस सूची में 130वें स्थान पर रखा गया है। इस प्रकार भारत अपने सभी पड़ोसी देशों की तुलना में पीछे है।
टिप्पणी:
यह रिपोर्ट विकास दर जैसे आंकड़ों की व्यर्थता साबित करती है और समृद्धि के नीचे तक बंटवारे की चिंता को सामने लाती है। इस सिलसिले में अकेली अच्छी बात यह है कि हैपिनेस इंडेक्स के जरिये सामाजिक प्रसन्नता ने एक विमर्श का रूप लिया है।
दिल्ली सरकार एक हैपिनेस कोर्स शुरू करने जा रही है जिसमें बच्चों को फन ऐक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसकी शुरुआत नए सेशन, 1 अप्रैल 2018-19 से होगी। इसमें परीक्षा नहीं होगी, स्कूली गतिविधियों के आधार पर बीच-बीच में बच्चों की खुशी का स्तर मापा जाएगा।
शीर्ष 10 देश:
फिनलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विट्ज़रलैंड, नीदरलैंड, कनाडा, न्यूज़ीलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया।
ग्लोबल हैप्पीनेस रिपोर्ट-2018 में भारत को 156 देशों की सूची में 133 वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल वह 122 वें स्थान पर था। सूची में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान भारत से ऊपर हैं।
यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘सस्टेनेबल डिवेलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क’ तैयार करती है। प्रसन्नता को मापने के लिए कई ठोस कसौटियां रखी गई हैं, जिनमें प्रमुख हैं - सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), सामाजिक सहयोग, उदारता, भ्रष्टाचार का स्तर, सामाजिक स्वतंत्रता और स्वास्थ्य।
प्रमुख तथ्य:
इस सूची में शीर्ष 10 खुशहाल देशों में से 8 यूरोप के हैं, जबकि शीर्ष 20 देशों में एशिया का एक भी देश शामिल नहीं है। भारत को 133वां स्थान दिया गया है जबकि पिछले वर्ष भारत 122वें स्थान पर था।
ग्लोबल हैप्पीनेस रिपोर्ट-2018 में शीर्ष पर फ़िनलैंड है जबकि पिछले वर्ष नॉर्वे पहले स्थान पर था। पिछले वर्ष की हैप्पीनेस इंडेक्स रिपोर्ट में फ़िनलैंड पांचवें स्थान पर मौजूद था।
सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क ने 2015 से 2017 के बीच 6 अलग-अलग मानकों के आधार पर तैयार सवालों के जवाब के तहत सूची को तैयार किया है। ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स-2018 में अमेरिका 18वें और ब्रिटेन 19वें पायदान पर है। सबसे कम खुशहाल देश बुरुंडी है जिसे 156वां स्थान मिला है।
भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान को 75वां स्थान दिया गया है। इसी प्रकार चीन को ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स में 86वां स्थान प्राप्त हुआ है। भूटान को 97वां, नेपाल को 101वां, बांग्लादेश को 115वां, श्रीलंका को 116वें और म्यांमार को इस सूची में 130वें स्थान पर रखा गया है। इस प्रकार भारत अपने सभी पड़ोसी देशों की तुलना में पीछे है।
टिप्पणी:
यह रिपोर्ट विकास दर जैसे आंकड़ों की व्यर्थता साबित करती है और समृद्धि के नीचे तक बंटवारे की चिंता को सामने लाती है। इस सिलसिले में अकेली अच्छी बात यह है कि हैपिनेस इंडेक्स के जरिये सामाजिक प्रसन्नता ने एक विमर्श का रूप लिया है।
दिल्ली सरकार एक हैपिनेस कोर्स शुरू करने जा रही है जिसमें बच्चों को फन ऐक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसकी शुरुआत नए सेशन, 1 अप्रैल 2018-19 से होगी। इसमें परीक्षा नहीं होगी, स्कूली गतिविधियों के आधार पर बीच-बीच में बच्चों की खुशी का स्तर मापा जाएगा।
शीर्ष 10 देश:
फिनलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विट्ज़रलैंड, नीदरलैंड, कनाडा, न्यूज़ीलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया।
इंग्लिश
Finland tops 2018 Global Happiness Index
According to the World Happiness Report 2018, Finland is the happiest country among 156 countries of the world. The country with little sun and low temperature which is usually associated with depression has outperformed other countries in making happy. Norway, Denmark, Switzerland and Iceland also made in the top 5.
India has been ranked 11 ranks below from last year, at 133. It ranks even below Pakistan and China.
Who releases the report?
It is annually released by United Nations Sustainable Development Network Solutions. The 2018 report is focused on the relationship between migration and happiness. Finland is at the top of both rankings in this report, with the happiest immigrants, and the happiest population in general.
Parameters of ranking
Basically the countries are ranked on the six key variables which are:
According to the World Happiness Report 2018, Finland is the happiest country among 156 countries of the world. The country with little sun and low temperature which is usually associated with depression has outperformed other countries in making happy. Norway, Denmark, Switzerland and Iceland also made in the top 5.
India has been ranked 11 ranks below from last year, at 133. It ranks even below Pakistan and China.
Who releases the report?
It is annually released by United Nations Sustainable Development Network Solutions. The 2018 report is focused on the relationship between migration and happiness. Finland is at the top of both rankings in this report, with the happiest immigrants, and the happiest population in general.
Parameters of ranking
Basically the countries are ranked on the six key variables which are:
- Income
- Healthy Life Expectancy
- Social Support
- Freedom
- Trust
- Generosity
मराठी
फिनलंड - 2018 वैश्विक आनंदीपणा निर्देशांकात प्रथम स्थानी
संयुक्त राष्ट्रसंघाने प्रसिद्ध केलेल्या 156 देशांच्या ‘2018 वैश्विक आनंदीपणा निर्देशांक’ (Global Happiness Index) यामध्ये फिनलंड हा युरोपीय देश अग्रस्थानी आहे.हा अहवाल आनंदीपणाची पातळी तपासणार्या उत्पन्न, आयुर्मान, सामाजिक आधार, स्वातंत्र्य, विश्वास आणि भ्रष्टाचार यांसारख्या घटकांवर आधारित आहे.
अहवालाच्या ठळक बाबी
- क्रमवारीत शीर्ष 10 देशांमध्ये नॉर्वे, फिनलंड, डेन्मार्क, आइसलँड, स्वित्झर्लंड, नेदरलॅंड्स, कॅनडा, न्यूझीलंड, स्वीडन आणि ऑस्ट्रेलिया यांचा समावेश आहे. अमेरिका 18 व्या स्थानी आहे.
- क्रमवारीत भारत मागील वर्षाच्या 122 वरून घसरून 133 व्या क्रमांकावर आला आहे.
- 2008-2010 ते 2015-2015 या काळात आनंदीपणात झालेल्या बदलांच्या विश्लेषणात असे दिसून आले आहे की, टोगो हा याबाबतीत सर्वाधिक प्रगती साधलेला देश आहे. 2015 सालच्या क्रमवारीत शेवटी असलेल्या टोगोने एकूणच क्रमवारीत 17 स्थानांनी वर झेप घेतली आहे. तर व्हेनेझुएला हा सर्वाधिक अपयशी देश आहे.
- फिनलंड या अहवालात सर्वसाधारणपणे सर्वात आनंदी स्थलांतरित आणि सर्वात आनंदी स्थानिक लोकसंख्या अश्या दोन्ही क्रमवारीत अग्रस्थानी आहे,
- अहवालात लठ्ठपणा, औषधी गोळी घेण्याचे वाढते प्रमाण आणि उदासीनता या तीन उदयोन्मुख आरोग्यविषयक समस्यांवर लक्ष केंद्रित करण्यात आले आहे. अमेरिकेत या तीनही समस्या इतर देशांच्या तुलनेनी वेगाने वाढत आहे.
- हा सर्वात स्थिर व सुरक्षित देश आहे. 2015 साली हत्येचा दर एक लाखामागे केवळ 1.28% होता. देशाची एकूण लोकसंख्या 55 लक्ष आहे. संगठित गुन्हे तेथे नाहीत. पोलीस अधिक विश्वसनीय आणि सक्षम आहेत. देशात पोलीस आणि इंटरनेट सुरक्षा यांना जगात दुसर्या क्रमांकाची गणल्या जाते. नागरिकांचा राजकीय नेता, न्यायव्यवस्था आणि पोलीस व्यवस्थेवर विश्वास आहे. तेथे भ्रष्टाचार सर्वाधिक कमी आहे.
- देशाची अर्थव्यवस्था अधिक बळकट आहे. तेथे कोणीही बेघर नाहीत. प्रत्येक नागरिकाला आर्थिक सुरक्षा, भत्त्यांसह अनेक अधिकार आणि सुविधा उपलब्ध आहेत.
- स्थलांतरितांसाठी आणि निर्वासितांसाठी हा देश लोकप्रिय आहे. देशात 3 लाखांपर्यंत स्थलांतरित लोक आहेत. तेथे कमी दरात भाड्याने घरे उपलब्ध होतात. देशात दर चौ. किलोमीटरमध्ये जवळजवळ 18 लोक आहेत.
- देशात निवडणुका सुयोग्य स्थितीत होतात. देशात सर्वाधिक वैयक्तिक व अभिव्यक्ती स्वातंत्र्य आहे. तेथे वृत्तसंस्थांना पूर्ण स्वातंत्र्य आहे.
- संशोधन आणि प्रशिक्षण यावर मोठा खर्च केला जातो. त्यामुळे सर्वाधिक योग्य प्रतिभावंत तयार करणारा देश ठरला आहे. शिक्षण व्यवस्थेच्या बाबतीत, उच्च शिक्षणाची पातळीमध्ये जगात तिसर्या क्रमांकाचा देश आहे. व्यवसायासाठी हा यूरोपमधला तिसर्या क्रमांकाचा देश आहे.
- स्त्री-पुरुष समानतेमध्ये हा जगातला पाचवा देश आहे. सर्वाधिक महिला आमदार/खासदार असलेल्या देशांमध्ये तिसरा देश आहे.
- देशात जन्मदर सर्वाधिक कमी आहे, मात्र देशात आत्महत्येचे प्रमाण अधिक आहे. असे आढळून आले आहे की समृद्धी व संपन्नता असूनही लोकांमध्ये उदासीनता आहे.
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