Current Affairs, Gk, Job Alerts, , School Info, Competitive exams ; History , Geography , Maths, History of the day, Biography, PDF, E-book ,

Youtube Channel

  • Videos click here
  • Breaking

    Sports

    Translate

    Thursday, February 22, 2018

    चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत उत्‍तराखंड में सिल्‍कयारा बेंद बारकोट टनल को मत्रिमंडल की मंजूरी। करेंट अफेयर्स २२ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

    Views
    करेंट अफेयर्स २२ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी

    चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत उत्‍तराखंड में सिल्‍कयारा बेंद बारकोट टनल को मत्रिमंडल की मंजूरी:

    मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उत्तराखंड में 4.531 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली दो तरफा सिल्कयारा बेंद बारकोट टनल के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस टनल से निकलने का एक सुरक्षित मार्ग भी होगा।
    इसमें उत्तराखंड में चैनेज के बीच धारसू-यमनोत्री सेक्शन पर 25.400 किलोमीटर और 51.000 किलोमीटर का दो प्रवेश मार्ग होगा। ये परियोजना उत्तराखंड राज्य में राजमार्ग संख्या 134 (पुराने राजमार्ग संख्या 94) के बीच में पड़ेगी।
    इसका काम इंजीनियरिंग, अधिप्राप्ति और निर्माण मोड के तहत किया जाएगा। इसका वित्त पोषण सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एनएच (ओ) स्कीम के तहत किया गया है। यह महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा है।
    परियोजना निर्माण की अवधि 4 वर्ष है। इसके निर्माण पर 1119.69 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत आएगी। परियोजना का कुल खर्च 1383.78 करोड़ रूपये होगा। इसमें भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास,निर्माण पूर्व की अन्य गतिविधियां तथा 4 वर्षों तक टनल की मरम्मत और परिचालन के खर्च भी शामिल होंगे।
    यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के जरिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित की जाएगी। एनएचआईडीसीएल सरकार की पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली कंपनी है, जिसकी स्थापना 2014 में राज्यों से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर सड़कों के विकास के लिए की गई थी।
    लाभ:
    टनल के निर्माण से चारधाम यात्रा के एक धाम यमुनोत्री तक जाने के लिए हर तरह के मौसम में संपर्क मार्ग उपलब्ध होगा। इससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ ही व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
    इससे धारसू से यमुनोत्री के बीच सड़क मार्ग की दूरी करीब 20 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा समय भी करीब एक घंटा कम हो जाएगा। प्रस्तावित टनल के निर्माण के दौरान बड़ी संख्या में उन पेड़ों को हटाने से बचाया जा सकेगा, जिन्हें 25.600 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग के उन्नयन के दौरान मूल नक्शे के तहत काटा जाना था।
    चारधाम महामार्ग परियोजना:
    चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं को सड़क हादसों एवं प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस चारधाम महामार्ग विकास परियोजना के सफल क्रियान्वयन से न सिर्फ चारधाम की यात्रा आसान होगी, बल्कि पहाड़ी क्षेत्र का विकास भी होगा। ऋषिकेश से शुरू होने वाली यह केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक जाएगी।
    एक टीम को भूस्खलन वाले संवेदनशील क्षेत्र की पहचान करने के लिए लगाया जाएगा। ये टीम इन क्षेत्रों को सुरक्षित बनाने के लिए यहां के डिजाइन को लेकर सुझाव देगी।चारधाम राजमार्ग का न्यूनतम 10 मीटर चौड़ीकरण होगा।
    चारधाम प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में 900 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाना है। इस पर 12,000 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इन रास्तों पर कई पुल, बाईपास और विशेष टनल बनाए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस परियोजना का उद्घाटन दिसम्बर 2016 में किया गया था।
    चारधाम रूट के साथ-साथ विभिन्न सुविधाओं और सार्वजनिक सुविधाओं का भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा यहां पार्किंग के लिए रिक्त स्थान और आपातकालीन निकास के लिए हेलीपैड भी बनाए जाएंगे।
    इन सभी राजमार्गों के दोनों ओर पैदल पट्टी होगी। बारिश के मौसम में भू-स्खलन से बचने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा। सुरंगों और छोटे रास्तों के जरिए चारों धाम के बीच की दूरी निर्माण पूरा होने के बाद 813 से घटकर 389 किलोमीटर रह जाएगी।


    इंग्लिश

    CCEA approves Silkyara Bend-Barkot Tunnel in Uttarkhand
    The Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) under the chairmanship of Prime Minister Narendra Modi on February 20, 2018 approved construction of 4.531 km long 2-Lane Bi-Directional Silkyara Bend-Barkot Tunnel in Uttarakhand as part of Chardham Mahamarg Pariyojana. The project will come along on NH-134 (old NH-94) connecting Dharasu to Yamunotri.
    The project will be built under Engineering, Procurement and Construction (EPC) Mode. It will be implemented by Ministry of Road Transport & Highways (MoRTH), through National Highways & Infrastructure Development Corporation Ltd (NHIDCL).
    NHIDCL is a wholly state owned company, formed in 2014 for development of highways in states on the international borders.
    The construction of this tunnel will provide all weather connectivity to Yamunotri, one of dham on Chardham Yatra It will reduce travel distance from Dharasu to Yamunotri by about 20 km and travel time by about hour. It will save number of trees that would have been required to be removed in road improvement if original alignment had been followed.
    The construction period of the project is 4 years. The civil construction cost of the project is estimated at Rs. 1119.69 crore, while the total project cost is Rs. 1383.78 crore.
    Chardham Mahamarg Vikas Paryojana

    Chardham Mahamarg Vikas Pariyojna project aims at improving the connectivity to Char Dham pilgrimage centres in the Himalayas, making journey to these centers safer, faster and more convenient. It includes developing 900 km of national highways in Uttarakhand at total cost of Rs. 12000 crores.

    The entire length of highways under it will be two-laned with paved shoulder and with minimum width of 10 metres. It will also have tunnels, bypasses, bridges, subways and viaducts to prevent traffic bottlenecks .






    मराठी

    उत्तराखंडमधील 'सिल्कयारा बेंद-बारकोट' बोगद्याला मंत्रिमंडळाची मान्यता

    4.531 किलोमीटर लांबीच्या ‘सिल्कयारा बेंद-बारकोट’ दुतर्फा बोगद्याला मंत्रिमंडळाच्या अर्थविषयक समितीने मान्यता दिली आहे.
    उत्तराखंडमधील राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 134 वर हा प्रकल्प असेल. रस्ते परिवहन आणि राष्ट्रीय महामार्ग मंत्रालयद्वारे NH(O) अंतर्गत प्रकल्पाला निधी पुरवला जाणार असून हा चारधाम योजनेचा एक भाग आहे.
    बोगद्याची वैशिष्ठ्ये
    • बोगद्यामुळे धारसू आणि यमुनोत्री यामधील 20 किलोमीटर अंतर कमी झाल्याने हा प्रवास एका तासाने कमी होणार.
    • उत्तराखंडमध्ये चैनेज 25.4 किलोमीटर आणि चैनेज 51 किलोमीटर या धारसू-यमुनोत्री विभागात दोन प्रवेश मार्ग राहतील.
    • या योजनेला पूर्ण होण्यासाठी चार वर्ष लागणार असून त्यासाठी 1119.69 कोटी रुपये खर्च अपेक्षित आहे.
    बोगद्यामुळे चारधाम मधले एक धाम असलेल्या यमुनोत्रीपर्यंत सर्वकाळ संपर्काचा मार्ग उपलब्ध होणार. यामुळे या भागाचा सामाजिक-आर्थिक विकास साधण्याबरोबरच व्यापार आणि पर्यटनाला प्रोत्साहन मिळेल.
    चारधाम महामार्ग विकास प्रकल्पाबाबत
    सन 2016 मध्ये देहरादूनमध्ये महत्त्वाकांक्षी ‘चारधाम महामार्ग विकास प्रकल्प’च्या विकासाला सुरुवात झाली. हा प्रकल्प जलद आणि अधिक सोयीस्कर, सुरक्षित प्रवास होण्यासाठी हिमालयाच्या चारधामच्या यात्रेमधील केंद्रांमधील संपर्क सुधारण्यासाठीच्या उद्देशाने आहे.
    चारधाम प्रकल्पामध्ये 12000 कोटी रुपयांच्या खर्चासह उत्तराखंडमधील 900 किलोमीटरचा राष्ट्रीय महामार्ग विकसित केला जात आहे. यामध्ये महामार्ग दुपदरी आणि किमान 10 मीटर रुंदीचे केले जात आहे.



    No comments:

    Post a Comment