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    Thursday, February 22, 2018

    मंत्रिमंडल ने अनियमित जमा योजना और चिट फंडों (संशोधन) पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 को मंजूरी दी:. Unregulated Deposit Schemes and Chit Funds (Amendment) Bill, 2018 करेंट अफेयर्स २२ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

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    करेंट अफेयर्स २२ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी

    मंत्रिमंडल ने अनियमित जमा योजना और चिट फंडों (संशोधन) पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 को मंजूरी दी:



    केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निवेशकों की बचतों की रक्षा करने के लिए एक प्रमुख नीतिगत पहल करते हुए निम्नलिखित विधेयकों को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी है:
    अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018:
    मंत्रिमंडल ने अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इस विधेयक का उद्देश्य देश में गैर-कानूनी जमा राशि से जुड़ी समस्याओं से निपटना है। ऐसी योजनाएं चला रही कंपनियां/संस्थान वर्तमान नियामक अंतरों का लाभ उठाते है और कड़े प्राशासनिक उपायों के अभाव में गरीबों और भोले-भाले लोगों को ठगते हैं।
    विशेषताएं:
    • विधेयक में प्रतिबंध लगाने संबंधी एक मूलभूत खंड हैं, जो जमा राशि लेने वाले को किसी भी अनियमित जमा योजना के लिए राशि लेने के लिए प्रोत्‍साहित करने, उसे प्रचलित करने, विज्ञापन जारी करने अथवा जमा राशि स्वीकार करने से रोकता है।
    • इसका प्रमुख नियम यह है कि विधेयक अनियमित जमा राशि लेने वाली गतिविधियों पर रोक लगाएगा, इसे वर्तमान कानून और नियामक ढांचे के बजाय प्रत्याशित अपराध माना जाएगा, जो पर्याप्त समय के साथ यथार्थ निवेश पर लागू होगा।
    • विधेयक में तीन अलग-अलग प्रकार के अपराध निर्धारित किए गए हैं, जिनमें अनियमित जमा योजनाओं को चलाना, नियमित जमा योजनाओं में धांधली और अनियमित जमा योजनाओं को गलत तरीके से प्रोत्साहन।
    • विधेयक में बचाव कार्य करने के लिए कड़ी सजा और भारी जुर्माने की व्यवस्था की गई है।
    • विधेयक में सक्षम प्राधिकार द्वारा संपत्तियों/परिसंपत्तियों को कुर्क करने और जमाकर्ताओं को अदायगी के लिए सम्‍पत्ति की अनुवर्ती वसूली का प्रावधान किया गया है।
    • विधेयक में एक ऑनलाइन केन्द्रीय डेटाबेस तैयार करने की व्यवस्था है जिससे देश में जमा करने की धनराशि लेने की गतिविधियों के बारे में सूचनाएं एकत्र करने और उन्हें साझा करने की व्यवस्था होगी।
    • विधेयक में “जमाराशि लेने वाले” और “जमाराशि” को विस्तार से परिभाषित किया गया है। एक विस्तृत केन्द्रीय कानून होने के कारण विधेयक में कानून की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाया गया है साथ ही कानून के प्रावधानों को लागू करने की प्रमुख जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई है।
    वित्त मंत्री ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में गैर-कानूनी जमाराशि लेने वाली योजनाओं से जुड़ी बुराइयों से निपटने के लिए एक विस्तृत केन्द्रीय कानून लाने की घोषणा की थी। साथ ही वित्त मंत्री ने अपने 2017-18 के बजट भाषण में घोषणा की कि गैर-कानूनी जमा योजनाओं की बुराइयों को कम करने के लिए एक विधेयक का मसौदा सार्वजनिक किया जाएगा और उसे अंतिम रूप देने के बाद जल्द ही पेश किया जाएगा।
    चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2018:
    मंत्रिमंडल ने चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2018 को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। चिट फंड क्षेत्र की सुव्यवस्थित वृद्धि और चिट फंड उद्योग के रास्ते में आने वाली अड़चनों को समाप्त करने के लिए, साथ ही अन्य वित्तीय उत्पादों तक लोगों की अधिक वित्तीय पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, चिट फंड कानून, 1982 में निम्नलिखित संशोधनों का प्रस्ताव किया गया हैः
    चिट फंड कानून, 1982 के अनुच्छेद 2(बी) और 11(1) के अंतर्गत चिट व्यवसाय के लिए “बंधुत्व कोष” शब्द का इस्तेमाल उसकी अंतर्निहित प्रकृति को स्पष्ट करने और एक अलग कानून के अंतर्गत प्रतिबंधित “प्राइज चिट” से उसके कामकाज को अलग करना है।
    चिट का ड्रॉ कराने के लिए कम से कम दो ग्राहकों की जरूरत को बरकरार रखते हुए और कार्यवाही की अधिकृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए, चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2018 में यह इजाजत देने का प्रस्ताव है कि वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कम से कम दो ग्राहक शामिल हों, जिसकी रिकॉर्डिंग चिट के अंतिम चरणों की दिशा में ग्राहकों की मौजूदगी के रूप में फोरमैन द्वारा की जाए।
    फोरमैन के कमीशन की अंतिम सीमा अधिकतम पांच प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत करना, क्योंकि कानून के लागू होने तक दर अपरिवर्तनीय है, जबकि ऊपरी खर्चों और अन्य खर्चों में कई गुना वृद्धि हुई है।
    चिट फंड कानून, 1982 के अनुच्छेद 85(ख) में संशोधन ताकि चिट फंड कानून तैयार करते समय 1982 में निर्धारित सौ रूपये की सीमा को समाप्त किया जा सके, जो अपना महत्व खो चुकी है। राज्य सरकारों को सीलिंग निर्धारित करने और उसमें समय-समय पर वृद्धि करने की इजाजत देने का प्रस्ताव किया गया है।


    इंग्लिश

    Unregulated Deposit Schemes and Chit Funds (Amendment) Bill, 2018
    In the backdrop of several ponzi schemes duping gullible investors surfacing in recent years, the Union Cabinet on Tuesday decided to bring a bill in Parliament to ban unregulated deposit schemes. To protect the saving of the investors, two bills have been introduced in the parliament:
    (a) Banning of Unregulated Deposit Schemes Bill, 2018 in parliament
    (b) Chit Funds (Amendment) Bill, 2018
    Unregulated Deposit Schemes Bill, 2018
    The bill is aimed at tackling the menace of illicit deposit taking activities in the country. Companies/ institutions running such schemes exploit existing regulatory gaps and lack of strict administrative measures to dupe poor and gullible people of their hard-earned savings.
    Features:
    • Complete prohibition of unregulated deposit taking activity.
    • Deterrent punishment for promoting or operating an unregulated deposit taking scheme.
    • Stringent punishment for fraudulent default in repayment to depositors.
    • Designation of a Competent Authority by the State Government to ensure repayment of deposits in the event of default by a deposit taking establishment.
    • The Bill creates three different types of offences, namely, running of Unregulated Deposit Schemes, fraudulent default in Regulated Deposit Schemes, and wrongful inducement in relation to Unregulated Deposit Schemes.
    Chit Funds (Amendment) Bill 2018
    In order to facilitate orderly growth of the Chit Funds sector and remove bottlenecks being faced by the Chit Funds industry, the following amendments to the Chit Funds Act, 1982 have been proposed:
    • Use of the words "Fraternity Fund" for chit business under Sections 2(b) and 11(1) of the Chit Funds Act, 1982, to signify its inherent nature, and distinguish its working from "Prize Chits" which are banned under a separate legislation.
    • While retaining the requirement of a minimum of two subscribers for the conduct of the draw of the Chit and for the preparation of the minutes of the proceedings, the Chit Funds (Amendment) Bill, 2018 proposes to allow the two minimum required subscribers to join through video conferencing duly recorded by the foreman, as physical presence of the subscribers towards the final stages of a Chit may not be forthcoming easily.
    • The foreman shall have the minutes of the proceedings signed by such subscribers within a period of two days following the proceedings.





    मराठी

    ‘अनियमित ठेव योजना बंदी’ आणि ‘चिट फंड (दुरूस्ती) विधेयक’ ला मंत्रिमंडळाची मंजूरी

    गुंतवणूकदारांच्या बचतीचे संरक्षण करण्यासाठी भारत सरकारने धोरणात्मक पुढाकार घेत संसदेत त्यासंबंधी विधेयके मांडण्यास केंद्रीय मंत्रिमंडळाने मंजुरी दिली आहे.
    ही विधेयके आहेत -
    • अनियमित ठेव योजना बंदी विधेयक-2018
    • चीट फंड (दुरूस्ती) विधेयक-2018 
    अनियमित ठेव योजना बंदी विधेयकाबाबत
    देशातल्या बेकायदेशीर ठेव योजनांना आळा घालण्याच्या उद्देशाने हे विधेयक तयार करण्यात आले आहे. अशा योजना चालवणाऱ्या कंपन्या आणि  संस्था त्या संदर्भात सध्याच्या नियामक तृटी आणि कडक प्रशासकीय उपाययोजनांचा अभाव याचा लाभ उचलत गरिब जनतेची कमाई लुबाडत आहेत. त्यासाठी हे विधेयक आणण्यात आले आहे.
    • अनियमित ठेव योजनेंतर्गत ठेव स्वीकारणे, त्याची जाहिरात करणे, योजना चालवणे याला प्रतिबंध घालण्यात आला आहे.
    • या विधेयकात तीन प्रकारचे गुन्हे समाविष्ट करण्यात आले आहेत; त्यात अनियमित ठेव योजना चालवणे हा गुन्हा मानण्यात आला आहे.
    • जरब बसण्यासाठी या विधेयकात जबर शिक्षेची आणि आर्थिक दंडाची तरतूद करण्यात आली आहे.
    • देशातल्या ठेव योजनांबाबत माहिती जमा करण्यासाठी आणि आदान प्रदान करण्यासाठी ऑनलाइन केंद्रीय माहिती निर्मितीची तरतूद आहे.
    • ठेव आणि ठेव स्वीकारणारा यांची सर्वंकष व्याख्या यात करण्यात आली आहे.
    • या कायद्याच्या तरतुदी लागू करण्याची प्राथमिक जबाबदारी राज्य शासनांवर सोपवण्यात आली आहे.
    हे विधेयक देशातल्या बेकायदेशीर ठेव योजनांना प्रतिबंध करण्यासाठी पुढील उपाययोजना करणार आहे - अनियमित ठेव योजनांना पूर्णतः प्रतिबंध आणि अश्या योजना चालवणाऱ्यांना कडक शिक्षा; ठेवीदारांना रक्कम परत करण्यात अपयशी ठरल्यास संबंधीताना कडक शिक्षा; ठेवी परत करण्यात अपयशी ठरल्यास ठेवी परत करण्याबाबत खातर जमा करण्यासाठी राज्य शासनाकडून सक्षम प्राधिकरणाची नियुक्ती आणि त्यांना मालमत्ता जप्त करण्यासह इतर अधिकार दिले जाणार; तसेच या कायद्या अंतर्गत येणारे गुन्हे आणि ठेवीदारांना पैसे परत करण्यासंदर्भात न्यायालयाची निर्मिती.
    चीट फंड (दुरूस्ती) विधेयकाबाबत
    चीट फंड क्षेत्राची  वृद्धी आणि त्यातल्या अडचणी दूर करण्यासाठी ‘चीट फंड कायदा-1982’ मध्ये दुरूस्ती करण्याचे प्रस्तावित आहे.
    • चीट ड्रॉ करण्यासाठी कमीतकमी दोन ग्राहकांची आवश्यकता कायम ठेवण्यात आली आहे.
    • कार्यवाहीचा अधिकृत अहवाल तयार करण्यासाठी व्हिडीयो कोन्फ्रेंसद्वारे दोन ग्राहक सहभागी होण्याला मान्यता देण्यात येणार.
    • फोरमन याकडे कार्यवाहीचा अधिकृत अहवाल असेल, ज्यावर दोन दिवसात अशा दोन ग्राहकांच्या स्वाक्षऱ्या होतील.
    • फोरमनच्या मानधनाची मर्यादा 5% वरून 7% करणे.
    • चीट फंड कायदा-1982 च्या कलम 85(ब) मध्ये दुरुस्तीमुळे कायदा तयार करताना 1982 साली निर्धारित 100 रुपयांची  कालबाह्य झालेली मर्यादा दूर करता येईल.
    • राज्य सरकारांना मर्यादा निश्चित करण्याची आणि वेळोवेळी त्यात वाढ करण्याची परवानगी देण्यात येईल.



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