करेंट अफेयर्स ३ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
India, World Bank sign $375 million loan agreement for Jal Marg Vikas Project
The Union government and the World Bank have signed a $375 million loan agreement for developing country's first modern inland waterway on the river Ganga between Varanasi and the seaport of Haldia.
The agreement for the Project was signed by Sameer Kumar Khare, Joint Secretary, Department of Economic Affairs, Ministry of Finance, on behalf of the Government of India; Pravir Pandey, Vice Chairman and Project Director, on behalf of Inland Waterways Authority of India; and Junaid Ahmad, Country Director, World Bank India, on behalf of the World Bank
Highlights of the project:
The project aims to develop fairway with three metres depth to enable commercial navigation of at least 1500 tonne vessels on river. It also includes development of fairway, multi-modal terminals, strengthening of open river navigation technique, conservancy works, modern River Information System (RIS) etc.
जलमार्ग विकास प्रकल्प (JMVP) साठी आर्थिक व्यवहार विभाग, वित्त मंत्रालय यांच्यासोबत $3.75 कोटींचा (सुमारे 2250 कोटी रुपये) ऋण करार झाला आहे.
बनारस ते हल्दिया पर्यंत NW-1 (गंगा नदी) वर जलवाहतुकीला चालना देण्यासाठी $80 कोटींच्या JMVP प्रकल्पाच्या क्रियान्वयनासाठी आधीच मंत्रिमंडळाकडून मंजूरी प्राप्त झाली आहे. गंगा नदीवर जलमार्ग विकास प्रकल्पावर लवकरच काम सुरू होणार.
प्रकल्पाविषयी
वाराणसी ते हल्दिया पर्यंत NW-1 वर संचालन क्षमता वाढविण्यात येईल. अर्थसंकल्पीय तरतूद आणि बॉण्ड मार्फत जवळपास 2280 कोटी रुपये गोळा केले जातील. या प्रकारे 258 कोटी रुपये सार्वजनिक खाजगी भागीदारी तत्वावर खर्च केले जातील. JMVP प्रकल्प मार्च 2023 पर्यंत पूर्ण होण्याची अपेक्षा आहे. जागतिक बँकेकडून प्रकल्पासाठी वित्तीय आणि तांत्रिक मदत मिळणार. हा प्रकल्प NW-1 वर 1500-2000 टन क्षमता असलेल्या जहाजांच्या व्यावसायिक संचालनाला सक्षम करणार.
वाराणसी, हल्दिया आणि झारखंडच्या साहिबगंजमध्ये सुदूर, बहूपद्धती केंद्रांचा विकास केला जाणार. या मार्गावर नदी संचालन प्रणाली, संरक्षण कार्य, आधुनिक नदी माहिती प्रणाली (RIS), डिजिटल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (DGPS), नाइट नेव्हिगेशन सुविधा उपलब्ध होणार.
प्रकल्पाला पर्यावरण अनुकूल बनविले जात आहे, या मार्गावर दळणवळण इंधनाच्या दृष्टीने कार्यक्षम आणि गुंतवणूक प्रभावी पर्यायी पद्धतीवर संचालित केले जाईल. विशेष रूपाने ठोक वस्तू, धोकादायक सामान आणि अती-आयामी मालाच्या आवागमनासाठी या मार्गांना उपयोगात आणले जाणार.
NW-1 प्रस्तावित पूर्व समर्पित मालवाहू मार्गिका आणि NW-2 सोबत, पूर्व आणि ईशान्येकडील राज्यांसोबत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) ला जोडणारा भारताचा पूर्व परिवहन मार्ग असणार. हा बांग्लादेशसाठी एक कडीच्या रूपात कार्य करणार, कोलकाता बंदर आणि भारत-बांग्लादेश राजशिष्टाचार मार्गाच्या माध्यमातून म्यानमार, थायलंड, नेपाळ आणि अन्य पूर्व व दक्षिण-पूर्व आशियाई देशांनी संपर्क साधला जाणार.
जलमार्ग विकास प्रकल्पांतर्गत केली जाणारी कार्ये
NW-1 प्रकल्पाच्या विकास आणि संचालनाने उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल राज्यांमध्ये 4600 हजार प्रत्यक्ष रोजगार आणि जवळपास 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगारांची संधी निर्माण होणार.
वर्तमानात देशात कार्यरत 5 राष्ट्रीय जलमार्ग आहेत आणि 106 मार्गांचा अभ्यास केला जात आहे –
हिंदी
भारत, विश्व बैंक ने जल मार्ग विकास परियोजना के लिए 375 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए:
बनारस से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (NW-1) पर नौवहन को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने 02 फरवरी 2018 को जलमार्ग विकास परियोजना के लिए विश्व बैंक के साथ समझौता किया है।
जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के लिए आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), वित्त मंत्रालय के साथ 375 मिलियन डॉलर का ऋण समझौता हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग-1 (गंगा नदी) पर नौवहन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 80 करोड़ डॉलर वाली जलमार्ग विकास परियोजना के क्रियान्वयन के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह महत्वपूर्ण समझौता हुआ है।
इस परियोजना के पूरा होने पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लेकर पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक कुल 1360 किलोमीटर लंबे जलमार्ग पर डेढ़ हजार-दो हजार टन की क्षमता वाले पोतों का वाणिज्यिक संचालन किया जा सकेगा। विश्व बैंक के वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग से विकसित की जा रही यह परियोजना मार्च 2023 में पूरी हो जाएगी। जेएमवीपी भारतीय जलमार्ग और पूरे परिवहन क्षेत्र का परिदृश्य बदल कर रख देगी।
केंद्रीय वित्तमंत्री ने अपने 2014-15 के बजट भाषण में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) की घोषणा की थी। इसके तहत गंगा नदी पर वाराणसी से हल्दिया तक वाणिज्यिक नौवहन शुरू करना है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण:
नौवहन और नौचालन के लिये अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास और विनियमन हेतु भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण वर्ष 1986 में अस्तित्व में आया। जहाजरानी मंत्रालय से प्राप्त अनुदान के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय जल परिवहन अवसंरचना के विकास और अनुरक्षण हेतु प्राधिकरण मुख्य रूप से परियोजनाएं हाथ में लेता है। प्राधिकरण का मुख्यालय नोएडा में स्थित है।
बनारस से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (NW-1) पर नौवहन को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने 02 फरवरी 2018 को जलमार्ग विकास परियोजना के लिए विश्व बैंक के साथ समझौता किया है।
जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के लिए आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), वित्त मंत्रालय के साथ 375 मिलियन डॉलर का ऋण समझौता हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग-1 (गंगा नदी) पर नौवहन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 80 करोड़ डॉलर वाली जलमार्ग विकास परियोजना के क्रियान्वयन के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह महत्वपूर्ण समझौता हुआ है।
इस परियोजना के पूरा होने पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लेकर पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक कुल 1360 किलोमीटर लंबे जलमार्ग पर डेढ़ हजार-दो हजार टन की क्षमता वाले पोतों का वाणिज्यिक संचालन किया जा सकेगा। विश्व बैंक के वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग से विकसित की जा रही यह परियोजना मार्च 2023 में पूरी हो जाएगी। जेएमवीपी भारतीय जलमार्ग और पूरे परिवहन क्षेत्र का परिदृश्य बदल कर रख देगी।
केंद्रीय वित्तमंत्री ने अपने 2014-15 के बजट भाषण में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) की घोषणा की थी। इसके तहत गंगा नदी पर वाराणसी से हल्दिया तक वाणिज्यिक नौवहन शुरू करना है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण:
नौवहन और नौचालन के लिये अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास और विनियमन हेतु भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण वर्ष 1986 में अस्तित्व में आया। जहाजरानी मंत्रालय से प्राप्त अनुदान के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय जल परिवहन अवसंरचना के विकास और अनुरक्षण हेतु प्राधिकरण मुख्य रूप से परियोजनाएं हाथ में लेता है। प्राधिकरण का मुख्यालय नोएडा में स्थित है।
इंग्लिश
India, World Bank sign $375 million loan agreement for Jal Marg Vikas Project
The Union government and the World Bank have signed a $375 million loan agreement for developing country's first modern inland waterway on the river Ganga between Varanasi and the seaport of Haldia.
The agreement for the Project was signed by Sameer Kumar Khare, Joint Secretary, Department of Economic Affairs, Ministry of Finance, on behalf of the Government of India; Pravir Pandey, Vice Chairman and Project Director, on behalf of Inland Waterways Authority of India; and Junaid Ahmad, Country Director, World Bank India, on behalf of the World Bank
Highlights of the project:
- The 1,360 km-stretch of the waterway will bring thousands of jobs in cargo logistics and transportation to one of the most populous regions in the country.
- It will enable commercial navigation of vessels with capacity of 1500-2,000 tons on NW-I.
- The project is expected to be completed by March 2023 and will provide an alternative mode of environment-friendly and cost-effective transport.
- It will contribute to bringing down logistics costs in the country and boost infrastructure development like multi-modal and inter-modal terminals, Roll on-Roll off (Ro-Ro) facilities, ferry services and navigation aids.
- The Project will also help IWAI acquire a state-of-the-art River Information System as well as navigation aids to make travel on the river safer and more reliable.
The project aims to develop fairway with three metres depth to enable commercial navigation of at least 1500 tonne vessels on river. It also includes development of fairway, multi-modal terminals, strengthening of open river navigation technique, conservancy works, modern River Information System (RIS) etc.
मराठी
भारताचा जागतिक बँकेसोबत जलमार्ग विकास प्रकल्पासाठी $375 दशलक्षचा कर्ज करार
भारतीय आंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने बनारस ते हल्दिया पर्यंत राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (NW-1) वर जलवाहतूकीला चालना देण्याच्या दिशेने जलमार्ग विकास प्रकल्पासाठी जागतिक बँकेसोबत करार केला आहे.जलमार्ग विकास प्रकल्प (JMVP) साठी आर्थिक व्यवहार विभाग, वित्त मंत्रालय यांच्यासोबत $3.75 कोटींचा (सुमारे 2250 कोटी रुपये) ऋण करार झाला आहे.
बनारस ते हल्दिया पर्यंत NW-1 (गंगा नदी) वर जलवाहतुकीला चालना देण्यासाठी $80 कोटींच्या JMVP प्रकल्पाच्या क्रियान्वयनासाठी आधीच मंत्रिमंडळाकडून मंजूरी प्राप्त झाली आहे. गंगा नदीवर जलमार्ग विकास प्रकल्पावर लवकरच काम सुरू होणार.
प्रकल्पाविषयी
वाराणसी ते हल्दिया पर्यंत NW-1 वर संचालन क्षमता वाढविण्यात येईल. अर्थसंकल्पीय तरतूद आणि बॉण्ड मार्फत जवळपास 2280 कोटी रुपये गोळा केले जातील. या प्रकारे 258 कोटी रुपये सार्वजनिक खाजगी भागीदारी तत्वावर खर्च केले जातील. JMVP प्रकल्प मार्च 2023 पर्यंत पूर्ण होण्याची अपेक्षा आहे. जागतिक बँकेकडून प्रकल्पासाठी वित्तीय आणि तांत्रिक मदत मिळणार. हा प्रकल्प NW-1 वर 1500-2000 टन क्षमता असलेल्या जहाजांच्या व्यावसायिक संचालनाला सक्षम करणार.
वाराणसी, हल्दिया आणि झारखंडच्या साहिबगंजमध्ये सुदूर, बहूपद्धती केंद्रांचा विकास केला जाणार. या मार्गावर नदी संचालन प्रणाली, संरक्षण कार्य, आधुनिक नदी माहिती प्रणाली (RIS), डिजिटल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (DGPS), नाइट नेव्हिगेशन सुविधा उपलब्ध होणार.
प्रकल्पाला पर्यावरण अनुकूल बनविले जात आहे, या मार्गावर दळणवळण इंधनाच्या दृष्टीने कार्यक्षम आणि गुंतवणूक प्रभावी पर्यायी पद्धतीवर संचालित केले जाईल. विशेष रूपाने ठोक वस्तू, धोकादायक सामान आणि अती-आयामी मालाच्या आवागमनासाठी या मार्गांना उपयोगात आणले जाणार.
NW-1 प्रस्तावित पूर्व समर्पित मालवाहू मार्गिका आणि NW-2 सोबत, पूर्व आणि ईशान्येकडील राज्यांसोबत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) ला जोडणारा भारताचा पूर्व परिवहन मार्ग असणार. हा बांग्लादेशसाठी एक कडीच्या रूपात कार्य करणार, कोलकाता बंदर आणि भारत-बांग्लादेश राजशिष्टाचार मार्गाच्या माध्यमातून म्यानमार, थायलंड, नेपाळ आणि अन्य पूर्व व दक्षिण-पूर्व आशियाई देशांनी संपर्क साधला जाणार.
जलमार्ग विकास प्रकल्पांतर्गत केली जाणारी कार्ये
- NW-1 हा गंगा नदीच्या पात्रात आखलेल्या मोठ्या बहुउद्देशीय वाहतूक जाळ्याच्या भाग होईल. हे पूर्वीय समर्पित रेल्वे वाहतुक मार्गाला तसेच महामार्गाच्या जाळ्याला जोडले जाईल.
- प्रकल्पाच्या पायाभूत सुविधांमध्ये नदीच्या बाजूने सहा मल्टी-मॉडेल टर्मिनल उभारले जातील. शिवाय 10 RORO घाट, जहाज दुरुस्ती सुविधा तसेच प्रवाश्यांसाठी घाट विकसित केले जाईल.
- फरक्का लॉक (नदी किंवा कालवा यांवर बांधलेली खोली, ज्यामुळे पाण्याची उंची निश्चित करण्यासाठी या खोलीचे दरवाजे उघडता, बंद करता येतात) चे आधुनिकीकरण करण्यास आणि आणखी एक नवीन लॉक विकसित केले जाईल.
- मंजुरीत निधि नदीच्या पात्रात सुरक्षित आणि अधिक विश्वसनीयतेने प्रवास करण्यासाठी एकमेव अश्या नदी माहिती प्रणाली तसेच सुचालन मदत यंत्रणा खरेदी करण्यास IWAI ला मदत करेल.
- 2000 टन पर्यंत माल वाहून नेण्याकरिता सक्षम असणार्या बार्ज (माल नेण्याचा मोठा पडाव) ची बांधणी करण्यासाठी मंजुरीत निधी वापरला जाईल.
NW-1 प्रकल्पाच्या विकास आणि संचालनाने उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल राज्यांमध्ये 4600 हजार प्रत्यक्ष रोजगार आणि जवळपास 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगारांची संधी निर्माण होणार.
वर्तमानात देशात कार्यरत 5 राष्ट्रीय जलमार्ग आहेत आणि 106 मार्गांचा अभ्यास केला जात आहे –
- राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (1620 किमी) : इलाहाबाद-हल्दिया (गंगा-भागीरथी-हुगली नदीचा भाग) (वर्ष 1986 मध्ये घोषित)
- राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (891 किमी) : सदिया-धुबरी (ब्रह्मपुत्र नदी) (वर्ष 1988 मध्ये घोषित)
- राष्ट्रीय जलमार्ग-3 (205 किमी) : चम्पाकारा आणि उद्योग मंडल कॅनल सहित कोल्लम-कोट्टापुरम (पश्चिम तट कॅनल) (वर्ष 1993 मध्ये घोषित)
- राष्ट्रीय जलमार्ग-4 (1078 किमी) : (i) काकीनाडा-पुडुचेरी आणि कालुवेली टँक (ii) गोदावरी नदीत नाशिक-भद्रचलम-राजामुंद्री (iii) कृष्णा नदीत गंलागली-वजीराबाद-विजयवाडा
- राष्ट्रीय जलमार्ग-5 (588 किमी) : (i) तालचेर-धर्मा (ii) ईस्ट कोस्ट कालव्याचे गेओंखली-चारबाटीया (iii) मताई नदी आणि महानदी संगम नदीत हर्बाटिया-धर्मा
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