Current Affairs, Gk, Job Alerts, , School Info, Competitive exams ; History , Geography , Maths, History of the day, Biography, PDF, E-book ,

Youtube Channel

  • Videos click here
  • Breaking

    Sports

    Translate

    Wednesday, February 28, 2018

    नियंत्रित तापमान श्रृंखला में शांता बायोज के हैजे के टीके को डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी दी: करेंट अफेयर्स २८ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी

    Views
    करेंट अफेयर्स २८ फरवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी


    हिंदी

    नियंत्रित तापमान श्रृंखला में शांता बायोज के हैजे के टीके को डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी दी:

    फार्मा कंपनी सनोफी पाश्चर की एक घटक कंपनी शांता बायोटेक्नीक ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी प्राप्त की है। इस प्रकार शांता बायोज को अब ओरल कॉलरा वैक्सीन शैंचोल (Shanchol) के भंडारण लेबल में बदलाव की अनुमति दी गई है।
    प्रमुख तथ्य:
    अब इस वैक्सीन को क्रियान्वन के तुरंत पहले 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 14 दिनों तक की एकल अवधि के लिए रखा जा सकता है।
    इस प्रकार यह अनुमोदन परिवहन के दौरान वैक्सीन कोल्ड चेन (+2 डिग्री सेल्सियस और +8 डिग्री सेल्सियस के बीच टीके के प्रभाव को बनाये रखना) को बनाए रखने की चुनौतियों को समाप्त करता है।
    यह अनुमोदन भारत सहित ऐसे क्षेत्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण है जहां इस टीके का उपयोग किया जाता है।
    नियंत्रित तापमान श्रृंखला (सीटीसी) में शैंचोल (Shanchol) के उपयोग के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी इसके स्थिरता आंकड़ों की समीक्षा के बाद दी गई थी।
    शांता बायोटेक्निक की यह वैक्सीन दूसरी "मास कैंपेन" वैक्सीन है और पारंपरिक कोल्ड चेन के बाहर भंडारण और वितरण के लिए अनुमोदन प्राप्त करने वाली दुनिया की पहली वैक्सीन है।
    वर्ष 2011 में डब्ल्यूएचओ की प्री-क्वॉलिफिकेशन के बाद से, कांगो, हैती, मोज़ाम्बिक और दक्षिण सूडान सहित 25 देशों में शैंचोल वैक्सीन की 12 मिलियन खुराक भेजी जा चुकी हैं।
    सितंबर 2017 में इसकी सबसे बड़ी शिपमेंट तब हुई जब शांता बायोटैक्निक ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा मानवतावादी मदद के लिए लगायी गयी गुहार तुरंत प्रतिक्रिया दी और नाइजीरिया में हैजा महामारी से निपटने के लिए 900,000 खुराक को भेज दिया।


    इंग्लिश

    The WHO cleared the vaccine vaccine of Shanta Baijes in the controlled temperature chain:


    Shanto Biotechnik, a component company of pharma company Sanofi Pasteur, has received the approval of the World Health Organization (WHO). Thus, Shantha Biose has now been allowed to change the storage label of Oral Cholera Vaccine Shinchol (Shanchol).

    Key facts:

    Now this vaccine can be kept for a single period of up to 14 days at the temperature of 40 degree Celsius immediately before the execution.

    Thus, this approval eliminates the challenges of maintaining vaccine cold chain (+2 ° C and +8 ° C maintaining the effect of vaccine) during transportation.

    This approval is very important for areas like India where this vaccine is used.

    The approval of WHO for the use of Shanchol in controlled temperature chain (CTC) was given after review of its stability data.

    This vaccine of Shantha Biotechnic is the second "mass campaign" vaccine and is the world's first vaccine to receive approval for storage and distribution outside the traditional cold chain.

    Since the pre-qualification of the WHO in 2011, 12 million doses of Shinchol Vaccine have been sent in 25 countries including Congo, Haiti, Mozambique and South Sudan.


    Its biggest shipment took place in September 2017 when Shantha Biotechnik responded by international agencies promptly for humanitarian assistance and sent 900,000 doses to deal with cholera epidemics in Nigeria.


    मराठी



    नियंत्रित तापमान शृंखलेत शांता बायोटेकनीक्स निर्मित कॉलराच्या लसीला WHO कडून मान्यता

    भारतीय शांता बायोटेकनिक्स कंपनीने कॉलरा आजारापासून बचावासाठी तयार केलेल्या तोंडावाटे घेता येणार्‍या ‘सॅंकॉल(Shanchol)’ नामक लसीला नियंत्रित तापमान साखळीत जागतिक आरोग्य संघटनेकडून (WHO) मान्यता प्राप्त झालेली आहे.
    WHO ने नियंत्रित तापमान साखळीत सॅंकॉल लसीला समाविष्ट करण्यासाठी साठ्यात बदल करण्याची परवानगी दिली आहे. शांता बायोटेकनीक्स ही औषधनिर्माण व संशोधन कंपनी सॅनोफी पाश्चर या उद्योगसमूहाची एक संलग्न कंपनी आहे.
    या परवानगीमुळे लसी संदर्भात खालील बाबी सुकर झाल्या -
    • लसीला उपयोगात आणण्यापूर्वी आधी 40 डिग्री सेल्सियस एवढ्या तापमानावर 14 दिवसांच्या एकल कालावधीसाठी ठेवले जाऊ शकणार.
    • या परवानगीमुळे वाहतुकीदरम्यान लसीच्या शीत-साखळीला (लसीचा प्रभाव टिकवण्यासाठी +2 डिग्री सेल्सियस व +8 डिग्री सेल्सियस या दरम्यान तापमान ठेवणे) सांभाळण्यामध्ये येणार्‍या आव्हांनांचे निवारण झाले आहे.
    शांता बायोटेकनिक्स कंपनीची ही दुसरी लस आहे, जी मोठ्या प्रमाणावर वापरली जाऊ शकणार आणि पारंपरिक शीत-साखळीत बाहेर साठवून ठेवण्यास आणि वितरित करण्यास परवानगी प्राप्त करणारी जगातली पहिली लस आहे.
    2011 साली WHO च्या पूर्व-पात्रतेनंतर, कोंगो, हैती, मोजांबिक आणि दक्षिण सुदान सहित 25 देशांमध्ये सॅंकॉल लसीची 12 दशलक्ष खुराक पाठविण्यात आलेली आहे. तसेच सप्टेंबर 2017 मध्ये नायजेरियात उद्रेक झाल्यानंतर कंपनीने आंतरराष्ट्रीय मानवतावादी मदत योजनेमधून लसीची 900,000 खुराक पाठवली होती.


    No comments:

    Post a Comment