करेंट अफेयर्स १९ जनवरी २०१८ हिंदी/ इंग्लिश/मराठी
First International Solar Alliance Forum held at World Future Energy Summit
On receipt of 15 ratifications, the International Solar Alliance (ISA) Framework Agreement entered into force on the 6th December, 2017 thereby making ISA a de jure treaty based international intergovernmental organisation. So far 19 countries have ratified and 48 countries have signed the ISA Framework Agreement.
In one of its first outreach programmes post-ratification, the ISA hosted a two Day Event International Solar Alliance Forum during 17-18th January, 2018 at the Future World Energy Summit (WFES) 2018.
WFES:
WFES is a signature event of a global initiative, Abu Dhabi Sustainability Week, hosted by Masdar scheduled during 15-18th January, 2018 at Abu Dhabi (UAE). During the ISA event an ISA Pavilion was also set up for dissemination of information about ISA and its activities and programmes.
On the first day of the ISA Forum, 17th January, 2018 the Ministerial Plenary of ISA Energy Ministers was held. The ISA Ministerial was attended by seven Energy Ministers of ISA Member countries. They presented their views on benefits of collaboration, synergies, and knowledge sharing at the international level to scale up solar energy for universal energy access and investing in Innovations, Technology and R&D for solar projects followed by breakout sessions.
India has one of the fastest growing Renewable Energy programmes in the World and the country would achieve its target of 175 GW of installed Renewable Energy capacity well before 2020. The Ministerial Plenary was followed by three technical panel discussions: ISA a Trillion Dollar Opportunity; Networking of R&D Institutions in ISA Countries for Solar Innovation, Incubation & Start-Ups; and Best Practices for Solar Capacity Building in ISA Countries. These sessions were attended by Energy Ministers, policymakers, Multilateral Banks & Finance Institutions, R&D Institutions & Innovators, solar project developers and manufacturers, investors and other stakeholders.
At the end of the ISA Ministerial session, the YES Bank committed financing solar projects of over $5 Billion.
ISA:
हिंदी
विश्व ऊर्जा भविष्य शिखर सम्मेलन में पहला इंटरनेशनल सोलर एलायंस फोरम आयोजित हुआ:
अपनी तरह की पहले कार्यक्रम में इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) ने विश्व ऊर्जा भविष्य शिखर सम्मेलन-2018 (डब्लयूएफई एस) के अवसर पर 17 से 18 जनवरी, 2018 के दौरान दो दिवसीय ‘इंटरनेशनल सोलर एलायंस फोरम’ की मेजबानी की।
डब्लयूएफईएस वैश्विक स्तर का अनूठा कार्यक्रम है। आबूधाबी (यूएई) में 18 जनवरी, 2018 को आबूधाबी निरंतरता सप्ताह का आयोजन मसदर द्वारा किया गया था। आईएसए कार्यक्रम के दौरान आईएसए के बारे में सूचना के प्रसार और इसकी गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी के लिए आईएसए मंडप स्थापित किया गया।
कार्यक्रम से जुड़े तथ्य:
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन मंच के पहले दिन 17 जनवरी,2018 को आईएसए मंत्रियों का पूर्ण मंत्रीस्तरीय सत्र का आयोजन किया गया। आईएसए सदस्य देशों के सात ऊर्जा मंत्रियो ने मंत्रीस्तरीय सत्र में भाग लिया। उन्होंने सार्वभौमिक ऊर्जा, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सौर ऊर्जा के सहयोग, ज्ञान के लाभ और शुरूआती सत्रों में सौर परियोजनाओं के लिए नवोन्मेष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान और विकास में निवेश पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर केन्द्रीय ऊर्जा एवं नवीन और नवीनकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री राजकुमार सिंह ने सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए भारत सरकार द्वारा 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सौर विकास निधि की स्थापना की घोषणा की।
आईएसए के अंतरिम महानिदेशक उपेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि विभिन्न कंपनियों और बैंको द्वारा सौर ऊर्जा से संबंधित नौ परियोजनाओं के लिए अनुमति पत्र आदान–प्रदान के संबंध में जानकारी दी गयी है। उन्होंने कहा कि आईएसए को अब कार्य को आदान प्रदान में बदलने के रूप में जाना जायेगा।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 तक आईएसए के अंतर्गत 100 से अधिक परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। उन्होने सदस्य देशों और विभिन्न भागीदारको का बेहद कम समय में आईएसए को स्थापित करने के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने भारत सरकार के अंतर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 19 से 21 अप्रैल 2018 तक आयोजित दूसरे रि-इन्वेस्ट बैठक के संबंध में बताया और इसका निमंत्रण दिया।
आईएसए मंत्री स्तरीय सत्र की समाप्ति पर यस बैंक ने पांच बिलियन अमेरिकी ड़ॉलर से अधिक की राशि सौर परियोजनाओं को वित्तीय मदद के रूप में देने की घोषणा की।
सके साथ ही मैसर्स सीएलपी और मैसर्स एनटीपीसी लिमिटेड ने आईएसए के साथ भागीदारी गठित करने की घोषणा की और दोनों ने आईएसए निधि के लिए एक–एक मिलियन अमेरिकी डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देने का ऐलान भी किया। आईए और जीसीएफ ने भी आईएसए के साथ भागीदारी में प्रवेश करने की घोषणा की।
पृष्ठभूमि:
6 दिसंबर, 2017 को 15 देशो से अनुमोदन होने पर अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) ढांचा अनुबंध की शुरूआत हुई। इसने अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को एक विधि सम्मत संधि आधारित अन्तर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन बना दिया। अभी तक 19 देशों ने इसे स्वीकृति दी है और 48 देशों ने आईएसए ढांचा अनुबंध पर हस्ताक्षऱ किये हैं।
कार्य आधारित संगठन होने के कारण आईएसए सौर परियोजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रारंभ में सहयोग प्रदान करता है। इसलिए दिन के पहले हिस्से में नौ कंपनियों ने सौर ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये।
अपनी तरह की पहले कार्यक्रम में इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) ने विश्व ऊर्जा भविष्य शिखर सम्मेलन-2018 (डब्लयूएफई एस) के अवसर पर 17 से 18 जनवरी, 2018 के दौरान दो दिवसीय ‘इंटरनेशनल सोलर एलायंस फोरम’ की मेजबानी की।
डब्लयूएफईएस वैश्विक स्तर का अनूठा कार्यक्रम है। आबूधाबी (यूएई) में 18 जनवरी, 2018 को आबूधाबी निरंतरता सप्ताह का आयोजन मसदर द्वारा किया गया था। आईएसए कार्यक्रम के दौरान आईएसए के बारे में सूचना के प्रसार और इसकी गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी के लिए आईएसए मंडप स्थापित किया गया।
कार्यक्रम से जुड़े तथ्य:
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन मंच के पहले दिन 17 जनवरी,2018 को आईएसए मंत्रियों का पूर्ण मंत्रीस्तरीय सत्र का आयोजन किया गया। आईएसए सदस्य देशों के सात ऊर्जा मंत्रियो ने मंत्रीस्तरीय सत्र में भाग लिया। उन्होंने सार्वभौमिक ऊर्जा, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सौर ऊर्जा के सहयोग, ज्ञान के लाभ और शुरूआती सत्रों में सौर परियोजनाओं के लिए नवोन्मेष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान और विकास में निवेश पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर केन्द्रीय ऊर्जा एवं नवीन और नवीनकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री राजकुमार सिंह ने सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए भारत सरकार द्वारा 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सौर विकास निधि की स्थापना की घोषणा की।
आईएसए के अंतरिम महानिदेशक उपेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि विभिन्न कंपनियों और बैंको द्वारा सौर ऊर्जा से संबंधित नौ परियोजनाओं के लिए अनुमति पत्र आदान–प्रदान के संबंध में जानकारी दी गयी है। उन्होंने कहा कि आईएसए को अब कार्य को आदान प्रदान में बदलने के रूप में जाना जायेगा।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 तक आईएसए के अंतर्गत 100 से अधिक परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। उन्होने सदस्य देशों और विभिन्न भागीदारको का बेहद कम समय में आईएसए को स्थापित करने के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने भारत सरकार के अंतर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 19 से 21 अप्रैल 2018 तक आयोजित दूसरे रि-इन्वेस्ट बैठक के संबंध में बताया और इसका निमंत्रण दिया।
आईएसए मंत्री स्तरीय सत्र की समाप्ति पर यस बैंक ने पांच बिलियन अमेरिकी ड़ॉलर से अधिक की राशि सौर परियोजनाओं को वित्तीय मदद के रूप में देने की घोषणा की।
सके साथ ही मैसर्स सीएलपी और मैसर्स एनटीपीसी लिमिटेड ने आईएसए के साथ भागीदारी गठित करने की घोषणा की और दोनों ने आईएसए निधि के लिए एक–एक मिलियन अमेरिकी डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देने का ऐलान भी किया। आईए और जीसीएफ ने भी आईएसए के साथ भागीदारी में प्रवेश करने की घोषणा की।
पृष्ठभूमि:
6 दिसंबर, 2017 को 15 देशो से अनुमोदन होने पर अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) ढांचा अनुबंध की शुरूआत हुई। इसने अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को एक विधि सम्मत संधि आधारित अन्तर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन बना दिया। अभी तक 19 देशों ने इसे स्वीकृति दी है और 48 देशों ने आईएसए ढांचा अनुबंध पर हस्ताक्षऱ किये हैं।
कार्य आधारित संगठन होने के कारण आईएसए सौर परियोजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रारंभ में सहयोग प्रदान करता है। इसलिए दिन के पहले हिस्से में नौ कंपनियों ने सौर ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये।
इंग्लिश
First International Solar Alliance Forum held at World Future Energy Summit
On receipt of 15 ratifications, the International Solar Alliance (ISA) Framework Agreement entered into force on the 6th December, 2017 thereby making ISA a de jure treaty based international intergovernmental organisation. So far 19 countries have ratified and 48 countries have signed the ISA Framework Agreement.
In one of its first outreach programmes post-ratification, the ISA hosted a two Day Event International Solar Alliance Forum during 17-18th January, 2018 at the Future World Energy Summit (WFES) 2018.
WFES:
WFES is a signature event of a global initiative, Abu Dhabi Sustainability Week, hosted by Masdar scheduled during 15-18th January, 2018 at Abu Dhabi (UAE). During the ISA event an ISA Pavilion was also set up for dissemination of information about ISA and its activities and programmes.
On the first day of the ISA Forum, 17th January, 2018 the Ministerial Plenary of ISA Energy Ministers was held. The ISA Ministerial was attended by seven Energy Ministers of ISA Member countries. They presented their views on benefits of collaboration, synergies, and knowledge sharing at the international level to scale up solar energy for universal energy access and investing in Innovations, Technology and R&D for solar projects followed by breakout sessions.
India has one of the fastest growing Renewable Energy programmes in the World and the country would achieve its target of 175 GW of installed Renewable Energy capacity well before 2020. The Ministerial Plenary was followed by three technical panel discussions: ISA a Trillion Dollar Opportunity; Networking of R&D Institutions in ISA Countries for Solar Innovation, Incubation & Start-Ups; and Best Practices for Solar Capacity Building in ISA Countries. These sessions were attended by Energy Ministers, policymakers, Multilateral Banks & Finance Institutions, R&D Institutions & Innovators, solar project developers and manufacturers, investors and other stakeholders.
At the end of the ISA Ministerial session, the YES Bank committed financing solar projects of over $5 Billion.
ISA:
- The Paris Declaration establishes ISA as an alliance dedicated to the promotion of solar energy among its member countries. The ISA’s major objectives include global deployment of over 1,000GW of solar generation capacity and mobilisation of investment of over US$ 1000 billion into solar energy by 2030. As an action-oriented organisation, the ISA brings together countries with rich solar potential to aggregate global demand, thereby reducing prices through bulk purchase, facilitating the deployment of existing solar technologies at scale, and promoting collaborative solar R&D and capacity building.
- When the ISA Framework Agreement entered into force on December 6th, 2017, ISA formally became a de-jure treaty based International Intergovernmental Organization, headquartered at Gurugram, India.
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