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    Saturday, January 13, 2018

    India achieves 9% decline in U-5 child mortality rate. /. भारत में U-5 बाल मृत्यु दर में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज. / भारतात पाच वर्षांखालील बाल मृत्यूदरात 9% ची घट झाली – आरोग्य मंत्रालय Current affairs 13 January 2018 - Hindi / English / Marathi

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    Current affairs 13 January 2018 - Hindi / English / Marathi


    Hindi


    भारत में U-5 बाल मृत्यु दर में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज
    केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने अभी तक जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) बुलेटिन 2016 पर खुशी जाहिर की है क्योंकि भारत में पांच-साल से कम बाल मृत्यु दर (U5MR) में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
    बुलेटिन की मुख्य बिंदु
    • 2015 में भारत में अंडर-5 मृत्यु दर (U5MR) प्रत्येक 1000 बच्चों पर 43 थी, लेकिन यह दर 2016 में घटकर 39 हो गयी हैं, यानि कि U5MR में 1 साल में  9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
    • अंडर-5 मृत्यु दर में गिरावट की दर पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हो गई हैं।
    • इतना ही नहीं, देश में पहली बार अंडर-5 मौतों की संख्या 10 लाख से नीचे दर्ज की गयी है और 2015 की तुलना में 2016 में अंडर-5 मौतों की संख्या लगभग 120,000 से कम हैं।  
    • अधिकांश राज्यों ने 2015 के मुकाबले 2016 में अंडर-5 बाल मृत्यु दर की कमी में अच्छी प्रगति की हैं।
    • केवल छत्तीसगढ़, दिल्ली और उत्तराखंड में पिछले वर्ष के मुकाबले अंडर-5 बाल मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई हैं और तेलंगाना में कोई बदलाव नहीं आया है।
    • भारत में बाल अस्तित्व के लिए लैंगिक अंतर (gender gap) लगातार कम हो रहा है।
    • महिला और पुरुष अंडर-5 मृत्यु दर में लैंगिक अंतर अब घटकर 11% हो गया है, जो 2014 में 17% था।
    • 2016 में अंडर-5 बाल मृत्यु दर (पुरुष) प्रत्येक 1000 बच्चे पर 37 हैं, जब कि यह दर अंडर-5 लड़कियों  में 41 हैं।  
    • बड़े राज्यों में, सात राज्यों (छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु तेलंगाना) ने लड़कियों के अस्तित्व में लैंगिक अंतर को रिवर्स कर दिया है, जबकि इनमें से चार ने अंडर-5 सर्वाइवल में लैंगिक अंतर को रिवर्स कर दिया है। ये राज्य हैं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु।
    • तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब और दिल्ली में लड़कियों की मृत्यु दर में 5% से कम अंतर है और लैंगिक अंतर को कम करने से कुछ ही दूर है।
    • लड़कियों के लिए अंडर-5 सर्वाइवल में अधिकतम लैंगिक अंतर बिहार में है (46%), उसके बाद हरियाणा (23%), केरल (20%), असम, कर्नाटक (1 9%) और राजस्थान ( 17%)।
    • इसके अलावा, एसआरएस बुलेटिन यह भी दर्शाता है कि नवजात मृत्यु दर 1 से 25 अंक प्रति 1000 जीवित जन्मों से घटकर 24  पर आ गई है।
    परिणाम दर्शाते हैं कि केंद्र सरकार के रणनीतिक दृष्टिकोण लाभादायक सिद्ध हो रहा हैं  और कम प्रदर्शन वाले राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयासों से भी फायदा पंहुचा हैं। अंडर-5 बाल मृत्यु दर की गिरावट की वर्तमान दर से भारत 2030 तक अंडर-5 बाल मृत्यु दर के लिए SDG Goals को पूरा करने के लिए ट्रैक पर है। सरकार देश में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके मिशन इंद्रधनुष और इन्टेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

    English



    India achieves 9% decline in U-5 child mortality rate
    India has registered a significant decline in under-five child mortality.  According to the bulletin, under-five child mortality (U5MR) of India showed an impressive decline by 9%, a 4 points decline from 43 per 1000 in 2015 to 39 in 2016. The rate of decline has doubled over the last year. Not only this, number of under-five deaths for the first time in the country have come down to below 1 million with nearly 120,000 fewer under-five deaths in 2016 as compared to 2015.
    Maximum number of states has contributed in this success except Chattisgarh, Delhi and Uttarakhand. Congratulating all those associated with this remarkable feat, Shri J P Nadda, Union Minister of Health and Family Welfare, stated that the results signify that the strategic approach of the Government is yielding dividends and the efforts of focusing on low performing states is paying off. He stated that India with the current rate of decline of U5MR is on track to meet the SDG target for under-five child mortality of 25 by 2030.
    According to the SRS Bulletin, the gender gap in India for child survival is reducing steadily; the gender difference between female and male under-five mortality rates has now reduced to 11% which was as high as 17% in 2014.
    Status of states:
    Telangana, West Bengal, Odisha, Punjab and Delhi have depicted less than 5% gap in mortality of female child and are within striking distance to reverse the gender gap. The maximum gender gap in survival of under-five for female child is in Bihar (46% higher mortality for female child), followed by Haryana (23%), Kerala (20%), Assam, Karnataka (19%) and Rajasthan (17%).



    Marathi

    भारतात पाच वर्षांखालील बाल मृत्यूदरात 9% ची घट झाली – आरोग्य मंत्रालय

    भारत सरकारच्या केंद्रीय आरोग्य व कुटुंब कल्याण मंत्रालयाच्या नुकत्याच प्रदर्शित झालेल्या SRS बुलेटिन (2016) मधील महितीनुसार, देशातले पाच वर्षांखालील बालमृत्यूचे प्रमाण घटले आहे.
    ठळक बाबी
    • भारतात पाच वर्षांखालील बालमृत्यूच्या प्रमाणात (U5MR) 9% ची घट झाली आहे. म्हणजेच, वर्ष 2015 मध्ये हे प्रमाण 1000 जन्मांमध्ये 43 होता तर वर्ष 2016 मध्ये हा आकडा 39 वर होता. गेल्या वर्षात हा दर घटण्याचे प्रमाण दुप्पटीने वाढलेला आहे.
    • बाळाच्या जीवनासंदर्भात लिंगबाबतीतली तफावत कमी होत आहे. नवजाताचा मृत्युदर 1 ने कमी होत जन्मलेल्या दर 1000 मध्ये 24 एवढा आहे.
    • मुलगा-मुलगी पाच वर्षांखालील बाल मृत्यूदरामधील लिंगबाबतीतली तफावत कमी होऊन 11% आहे, जी 2014 साली 17% इतकी होती.
    • मुलामधील पाच वर्षांखालील मृत्यूचे प्रमाण जन्मलेल्या दर 1000 मध्ये 37 एवढे आहे, तर मुलीमध्ये हे प्रमाण 41 एवढे आहे. 
    • तेलंगणा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब आणि दिल्ली या प्रदेशांमध्ये मुलींचे मृत्युदर 5% पेक्षा कमी आहे. बिहारमध्ये (46%) मुलींचे जिवंत राहण्याच्या प्रमाणातली लिंगबाबतची तफावत सर्वात जास्त आहे. त्याखालोखाल हरियाणा (23%), केरळ (20%), आसाम, कर्नाटक (19%) आणि राजस्थान (17%) यांचा क्रम आहे.
    • वर्ष 2015 च्या तुलनेत देशात प्रथमच पाच वर्षांखालील बाल मृत्यू संख्या ही 1 दशलक्षांवरून खाली आली आहे, जी वर्ष 2016 मध्ये आतापर्यंतच्या सर्वाधिक कमी जवळपास 120000 इतकी होती.
    • बहुतांश राज्यांनी कमी पाच वर्षांखालील बाल मृत्यूदर दर्शविण्यात चांगली प्रगती साधली आहे. मात्र मागील वर्षी छत्तीसगड , दिल्ली आणि उत्तराखंड येथे हे प्रमाण थोडक्यात वाढले आणि तेलंगणामध्ये या बाबतीत 2016 साली कोणताही बदल दिसून आला नाही.
    2030 सालापर्यंत पाच वर्षांखालील बालमृत्यूची संख्या 25 पर्यंत आणण्याचे लक्ष्य भारताने ठेवलेले आहे. देशातील सार्वत्रिक आरोग्य व्याप्तीच्या उद्देश प्राप्तीसाठी चालवलेल्या मिशन इंद्रधनुष व तीव्रतेने मिशन इंद्रधनुष यांसारख्या उपक्रमांचे परिणाम दिसून येत आहे. हे यश केवळ एक वर्षांत केलेल्या उल्लेखनीय कामगिरीचे प्रमाण आहे.
    भारत सरकारकडून चालविल्या जाणार्‍या विविध उपक्रमांमध्ये सेवा वितरण सुदृढीकरण, गुणवत्तेची हमी, RMNCH+A हस्तक्षेप, मनुष्यबळ आणि समुदाय प्रक्रिया बळकटीकरण, माहिती आणि ज्ञान, औषधे आणि रोगनिदान, पुरवठा शृंखला व्यवस्थापन आदींचा समावेश आहे.



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