Current affairs 1 January 2018 - Hindi / English / Marathi
वर्ष 2018 में अमेरिकी अंतिक्ष एजेंसी नासा का अपने विमान को सूर्य के नजदीक पहुंचाने का लक्ष्य:
वर्ष 2018 में 60 साल की होने जा रही अमेरिकी अंतिक्ष एजेंसी नासा का अपने विमान को सूर्य के नजदीक पहुंचाने का लक्ष्य है। एजेंसी इस एक वर्ष में कई अभियान लॉन्च करने की तैयारी में है।
इनमें बहुप्रतीक्षित सौर अभियान भी शामिल है। इसी क्रम में सूर्य के बाहरी आवरण की जानकारी इकट्ठा करने के लिए नासा पार्कर सोलर प्रोब अभियान शुरू किया जाएगा।
प्रमुख तथ्य:
मिशन के तहत प्रक्षेपित किया जाने वाला यान सात साल में सात बार सूर्य के कक्ष के निकट जाकर उसकी जांच करेगा। सूर्य के निकट पहुंचने के लिए शुक्र ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रयोग किया जाएगा।
इसकी जानकारी देते हुए नासा ने अपने बयान में कहा कि अंतरिक्ष यान सूर्य के वातावरण की सीमा के 62 लाख किलोमीटर नजदीक तक जाएगा। इससे पहले कोई भी मिशन सूर्य के इतना नजदीक नहीं पहुंच सका है।
पार्कर सोलर प्रोब:
'पार्कर सोलर प्रोब' ऐसे क्षेत्र में पहुंचकर सूर्य के वातावरण की जांच करेगा जहां रेडिएशन और गर्मी का सबसे अधिक प्रभाव होता है। खगोलविद इस मिशन की सहायता से यह जानने की कोशिश करेंगे सूर्य के बाहरी आवरण यानी कोरोना से किस तरह ऊर्जा और ताप का प्रवाह होता है। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि सूर्य से निकलने वाली हवा और ऊर्जा के कणों की गति कैसे बढ़ती है।
'पार्कर सोलर प्रोब' का नाम दिग्गज खगोल भौतिकीविद यूजीन पार्कर के सम्मान में रखा गया है। उन्होंने करीब 60 साल पहले सौर पवन की मौजूदगी की भविष्यवाणी की थी।
सौर मिशन के अतिरिक्त नासा अगले साल मंगल ग्रह पर भी अपनी उपस्थिति को बढ़ाएगा। नासा पृथ्वी पर मौजूद बर्फ की चादर, समुद्री सतह और भू-जल के आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नासा आइसीईएट-2 और जीआरएसीई नामक दो नई पीढ़ी के मिशन को लॉन्च करने का तैयारी में भी है।
यूएस स्पेस एजेंसी का पहला एस्टरॉयड सैम्पल रिटर्न मिशन, ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स, अगस्त 2018 में पृथ्वी के समीप स्थित क्षुद्रग्रह बेन्नू पर पहुंचेगा और 2023 में अध्ययन के लिए एक सैम्पल प्रदान करेगा।
जून 2018 से पहले ही लांच किया जाने वाला ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) 200,000 चमकदार, निकटवर्ती तारों की निगरानी के द्वारा हमारे सौर मंडल के बाहर ग्रहों की खोज करेगा।
NASA’s 2018 to do list includes mission to ‘touch’ Sun
NASA is turning 60 in 2018 and the agency is looking forward to launching a slew of important missions in the coming year, including one to "touch" the Sun.
NASA's Parker Solar Probe:
The US space agency's first asteroid sample return mission, OSIRIS-REx, is scheduled to arrive at the near-Earth asteroid Bennu in August 2018, and will return a sample for study in 2023. Launching no later than June 2018, the Transiting Exoplanet Survey Satellite (TESS) will search for planets outside our solar system by monitoring 200,000 bright, nearby stars.
NASA आपली ‘पार्कर सोलर प्रोब’ मोहीम सूर्याच्या बाह्य वातावरणाचा अभ्यास करण्यासाठी तयार करीत आहे आणि या वर्षी त्याचे प्रक्षेपण केले जाणार आहे.
‘पार्कर सोलर प्रोब’ बाबत
‘पार्कर सोलर प्रोब’ 7 वर्षांच्या कालखंडात सात वेळा सूर्याच्या कक्षेच्या जवळ जाऊन त्याची तपासणी करणार. सूर्याच्या जवळ जाण्यासाठी शुक्र ग्रहाच्या गुरुत्वाकर्षण शक्तीचा वापर केला जाणार. यान सूर्याच्या वातावरण सीमेच्या 62 लक्ष किलोमीटर इतक्या जवळ जाणार. अशी मोहीम पहिल्यांदाच चालवली जाणार आहे.
अभ्यासादरम्यान, सूर्याच्या प्रखर उष्णता आणि सौर विकिरणांच्या धोकादायक भागामध्ये वैज्ञानिक शोध चालवले जाणार. सूर्याच्या बाह्य आवरणात कोणत्या प्रकारची ऊर्जा आणि ताप प्रवाहीत होत आहे तसेच सूर्यापासून बाहेर पडणारी हवा आणि ऊर्जा यांच्या कणांची गती कशी वाढते यासंबंधी समजून घेण्याचा प्रयत्न केला जाणार.
खगोलशास्त्रज्ञ यूजीन पार्कर यांनी जवळजवळ 60 वर्षाआधी सौर पवन अस्तित्वात असल्याची भविष्यवाणी केली होती.
इतर नियोजित मोहिमा
नॅशनल एरोनॉटिक्स अँड स्पेस अॅडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ही संयुक्त राज्य अमेरिकेची (UAS) शाखा आहे, जी देशाच्या सार्वजनिक अंतराळ कार्यक्रमांचे आयोजन करण्यास आणि उड्डाणशास्त्र व हवाई-अंतराळ संशोधनासाठी जबाबदार आहे. NASA ची स्थापना 19 जुलै 1948 रोजी नॅशनल अॅडवायजरी कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (NCA) च्या जागी केली गेली होती. या संस्थेने 1 ऑक्टोबर 1948 पासून कार्य करण्यास सुरुवात केली.
Hindi
वर्ष 2018 में अमेरिकी अंतिक्ष एजेंसी नासा का अपने विमान को सूर्य के नजदीक पहुंचाने का लक्ष्य:
वर्ष 2018 में 60 साल की होने जा रही अमेरिकी अंतिक्ष एजेंसी नासा का अपने विमान को सूर्य के नजदीक पहुंचाने का लक्ष्य है। एजेंसी इस एक वर्ष में कई अभियान लॉन्च करने की तैयारी में है।
इनमें बहुप्रतीक्षित सौर अभियान भी शामिल है। इसी क्रम में सूर्य के बाहरी आवरण की जानकारी इकट्ठा करने के लिए नासा पार्कर सोलर प्रोब अभियान शुरू किया जाएगा।
प्रमुख तथ्य:
मिशन के तहत प्रक्षेपित किया जाने वाला यान सात साल में सात बार सूर्य के कक्ष के निकट जाकर उसकी जांच करेगा। सूर्य के निकट पहुंचने के लिए शुक्र ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रयोग किया जाएगा।
इसकी जानकारी देते हुए नासा ने अपने बयान में कहा कि अंतरिक्ष यान सूर्य के वातावरण की सीमा के 62 लाख किलोमीटर नजदीक तक जाएगा। इससे पहले कोई भी मिशन सूर्य के इतना नजदीक नहीं पहुंच सका है।
पार्कर सोलर प्रोब:
'पार्कर सोलर प्रोब' ऐसे क्षेत्र में पहुंचकर सूर्य के वातावरण की जांच करेगा जहां रेडिएशन और गर्मी का सबसे अधिक प्रभाव होता है। खगोलविद इस मिशन की सहायता से यह जानने की कोशिश करेंगे सूर्य के बाहरी आवरण यानी कोरोना से किस तरह ऊर्जा और ताप का प्रवाह होता है। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि सूर्य से निकलने वाली हवा और ऊर्जा के कणों की गति कैसे बढ़ती है।
'पार्कर सोलर प्रोब' का नाम दिग्गज खगोल भौतिकीविद यूजीन पार्कर के सम्मान में रखा गया है। उन्होंने करीब 60 साल पहले सौर पवन की मौजूदगी की भविष्यवाणी की थी।
सौर मिशन के अतिरिक्त नासा अगले साल मंगल ग्रह पर भी अपनी उपस्थिति को बढ़ाएगा। नासा पृथ्वी पर मौजूद बर्फ की चादर, समुद्री सतह और भू-जल के आंकड़े इकट्ठा करने के लिए नासा आइसीईएट-2 और जीआरएसीई नामक दो नई पीढ़ी के मिशन को लॉन्च करने का तैयारी में भी है।
यूएस स्पेस एजेंसी का पहला एस्टरॉयड सैम्पल रिटर्न मिशन, ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स, अगस्त 2018 में पृथ्वी के समीप स्थित क्षुद्रग्रह बेन्नू पर पहुंचेगा और 2023 में अध्ययन के लिए एक सैम्पल प्रदान करेगा।
जून 2018 से पहले ही लांच किया जाने वाला ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) 200,000 चमकदार, निकटवर्ती तारों की निगरानी के द्वारा हमारे सौर मंडल के बाहर ग्रहों की खोज करेगा।
English
NASA’s 2018 to do list includes mission to ‘touch’ Sun
NASA is turning 60 in 2018 and the agency is looking forward to launching a slew of important missions in the coming year, including one to "touch" the Sun.
NASA's Parker Solar Probe:
- NASA's Parker Solar Probe is scheduled for launch in 2018 to explore the Sun's outer atmosphere.
- The probe will use Venus' gravity during seven flybys over nearly seven years to gradually bring its orbit closer to the Sun.
- The Parker Solar Probe will perform its scientific investigations in a hazardous region of intense heat and solar radiation.
The US space agency's first asteroid sample return mission, OSIRIS-REx, is scheduled to arrive at the near-Earth asteroid Bennu in August 2018, and will return a sample for study in 2023. Launching no later than June 2018, the Transiting Exoplanet Survey Satellite (TESS) will search for planets outside our solar system by monitoring 200,000 bright, nearby stars.
Marathi
NASA ने नवीन साली सूर्याला गवसणी घालण्याचे लक्ष्य ठेवले
अमेरिकेची अंतराळ संस्था NASA ने वर्ष 2018 मध्ये सूर्याच्या बाह्य वातावरणाचा अभ्यास करण्यासाठी आपले यान सूर्याच्या अगदी जवळ पाठविण्याचे लक्ष्य ठेवले आहे. त्यासाठी नव्या वर्षात अशी मोहीम राबविण्याची तयारी सुरू आहे.NASA आपली ‘पार्कर सोलर प्रोब’ मोहीम सूर्याच्या बाह्य वातावरणाचा अभ्यास करण्यासाठी तयार करीत आहे आणि या वर्षी त्याचे प्रक्षेपण केले जाणार आहे.
‘पार्कर सोलर प्रोब’ बाबत
‘पार्कर सोलर प्रोब’ 7 वर्षांच्या कालखंडात सात वेळा सूर्याच्या कक्षेच्या जवळ जाऊन त्याची तपासणी करणार. सूर्याच्या जवळ जाण्यासाठी शुक्र ग्रहाच्या गुरुत्वाकर्षण शक्तीचा वापर केला जाणार. यान सूर्याच्या वातावरण सीमेच्या 62 लक्ष किलोमीटर इतक्या जवळ जाणार. अशी मोहीम पहिल्यांदाच चालवली जाणार आहे.
अभ्यासादरम्यान, सूर्याच्या प्रखर उष्णता आणि सौर विकिरणांच्या धोकादायक भागामध्ये वैज्ञानिक शोध चालवले जाणार. सूर्याच्या बाह्य आवरणात कोणत्या प्रकारची ऊर्जा आणि ताप प्रवाहीत होत आहे तसेच सूर्यापासून बाहेर पडणारी हवा आणि ऊर्जा यांच्या कणांची गती कशी वाढते यासंबंधी समजून घेण्याचा प्रयत्न केला जाणार.
खगोलशास्त्रज्ञ यूजीन पार्कर यांनी जवळजवळ 60 वर्षाआधी सौर पवन अस्तित्वात असल्याची भविष्यवाणी केली होती.
इतर नियोजित मोहिमा
- मंगळ ग्रहावर मोहीम चालविण्यासाठी रोबोटिक ‘इनसाइट मार्स’ मोहीम राबवविणार आहे, ज्यामधून ग्रहाच्या पृष्ठभागाचा अभ्यास केला जाणार.
- पृथ्वीवर उपस्थित बर्फाची चादर, सागरी तळ आणि भू-जल पातळी यासंबंधी माहिती जमा करण्यासाठी ICESat-2 आणि GRACE नामक दोन नव्या पिढीचे उपग्रह पाठवविणार आहे.
- NASA चे या वर्षातले पहिले ‘OSIRIS-Rex’ नामक मोहीम ऑगस्ट 2018 मध्ये पृथ्वीच्या जवळ ‘बेन्नू’ नामक लघुग्रहावर पाठवणार आणि 2023 मध्ये अभ्यासासाठी नमूने घेऊन येणार.
- जून 2018 च्या आधीच प्रक्षेपित केले जाणारे ‘ट्रांजीटिंग एक्सोप्लॅनेट सर्व्हे सॅटेलाइट (TESS)’ हे 200,000 चमकदार, जवळच्या तार्यांवर लक्ष ठेवणार आणि आपल्या सूर्यमालेच्या बाहेरील ग्रहांचा शोध घेणार.
नॅशनल एरोनॉटिक्स अँड स्पेस अॅडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ही संयुक्त राज्य अमेरिकेची (UAS) शाखा आहे, जी देशाच्या सार्वजनिक अंतराळ कार्यक्रमांचे आयोजन करण्यास आणि उड्डाणशास्त्र व हवाई-अंतराळ संशोधनासाठी जबाबदार आहे. NASA ची स्थापना 19 जुलै 1948 रोजी नॅशनल अॅडवायजरी कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (NCA) च्या जागी केली गेली होती. या संस्थेने 1 ऑक्टोबर 1948 पासून कार्य करण्यास सुरुवात केली.
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