Current affairs 16 January 2018 - Hindi / English / Marathi
दिल्ली सबसे अमीर राज्य, जैन समुदाय सबसे धनी: एनएफएचएस-4 वेल्थ इंडेक्स
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के चौथे दौर (एनएफएचएस-4) की रिपोर्ट में एक संपत्ति सूचकांक (वेल्थ इंडेक्स) तैयार किया गया है। यह सूचकांक उपभोक्ता उत्पादों के स्वामित्व (जैसे टीवी, बाइक) और पीने के पानी जैसी घरेलू चीजों की उपलब्धता पर आधारित है।
घरों में इन वस्तुओं की उपलब्धता पर दिए गए अंकों के आधार पर यह सूचकांक तैयार किया गया है। यह सर्वे साल 2015-16 में छह लाख से ज्यादा घरों के ऊपर किया गया था।
प्रमुख तथ्य:
इस सूचकांक के अनुसार दिल्ली और पंजाब देश के सबसे अमीर राज्य हैं। इन दोनों राज्यों में रहने वाले 60 प्रतिशत लोगों के पास अपना मकान है। इसके बाद गोवा का स्थान आता है जहाँ के 54.5% लोगों के पास अपना मकान है। इस मामले में बिहार सबसे नीचे है। यहां रहने वाले आधे से ज्यादा लोगों के पास अपना घर नहीं है।
जहां तक समुदाय विशेष की बात है, तो जैन समुदाय देश में सबसे धनवान है। इस समुदाय की 70 प्रतिशत जनसंख्या के पास अपना मकान है। इसके बाद सिख समुदाय (59.6%) के लोगों का स्थान है। वहीं, संपत्ति के राष्ट्रीय वितरण की बात करें, तो इस मामले में हिंदू और मुस्लिम समुदाय में ज्यादा अंतर नहीं है।
सर्वेक्षण के दौरान जुटाई गई जानकारी के विश्लेषण में बात सामने आई कि ऊंची जातियों के लोगों के घरों की संख्या किसी भी अन्य जाति समूह की तुलना में लगभग दोगुनी है। इस मामले में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लोगों की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
सर्वे के नतीजे में यह भी कहा गया है कि देश में गरीबी मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों की समस्या है। देश की 29 फीसदी ग्रामीण आबादी सबसे निर्धन है, जबकि शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा महज 3.3 प्रतिशत है। जहां दिल्ली तथा पंजाब देश के सर्वाधिक संपन्न राज्य हैं, वहीं बिहार सबसे गरीब राज्य है।
आय और धन असमानता का उच्च स्तर भारत में चिंता का विषय है।
Delhi is richest state, Jain wealthiest community: NFHS-4 wealth index
Wealth Index:
The full report of NFHS-4, which has been released recently, has prepared a wealth index. The index has been prepared on the basis of scores on ownership of consumer goods such as television and bicycles, and household characteristics such as availability of clean drinking water.
This information has been used to classify all households into wealth quintiles. Those in the lowest quintile would the poorest 20%, while those in the top would be the richest 20% of the lot.
Highlights of the report:
दूरदर्शन आणि दुचाकी यांसारख्या ग्राहकोपयोगी वस्तूंची मालकी आणि स्वच्छ पेयजलासारख्या मूलभूत सुविधांची उपलब्धता यांसारख्या कौटुंबिक घटकावर आधारित गुणांमधून संपत्ती निर्देशिक तयार केला गेला आहे. त्यानंतर प्राप्त आकडे सर्व कुटुंबांची संपत्तीसंदर्भात पाच गटात वर्गीकृत करण्यात आले. खालच्या गटात 20% सर्वात गरीब आहेत, तर अग्रगण्य गटात 20% सर्वात श्रीमंत आहेत.
या उपक्रमात वर्ष 2015-2016 मध्ये सहा लाख भारतीय कुटुंबांचे सर्वेक्षण केले गेले. या अहवालानुसार, ग्रामीण भारतातली 29% कुटुंबे आणि शहरी भागातली केवळ 3.3% कुटुंबे खालच्या गटात आहेत. त्यामुळे दारिद्र्य हा ग्रामीण भागातील प्रमुख घटक म्हणून उघडकीस आला आहे.
ठळक बाबी
Hindi
दिल्ली सबसे अमीर राज्य, जैन समुदाय सबसे धनी: एनएफएचएस-4 वेल्थ इंडेक्स
राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के चौथे दौर (एनएफएचएस-4) की रिपोर्ट में एक संपत्ति सूचकांक (वेल्थ इंडेक्स) तैयार किया गया है। यह सूचकांक उपभोक्ता उत्पादों के स्वामित्व (जैसे टीवी, बाइक) और पीने के पानी जैसी घरेलू चीजों की उपलब्धता पर आधारित है।
घरों में इन वस्तुओं की उपलब्धता पर दिए गए अंकों के आधार पर यह सूचकांक तैयार किया गया है। यह सर्वे साल 2015-16 में छह लाख से ज्यादा घरों के ऊपर किया गया था।
प्रमुख तथ्य:
इस सूचकांक के अनुसार दिल्ली और पंजाब देश के सबसे अमीर राज्य हैं। इन दोनों राज्यों में रहने वाले 60 प्रतिशत लोगों के पास अपना मकान है। इसके बाद गोवा का स्थान आता है जहाँ के 54.5% लोगों के पास अपना मकान है। इस मामले में बिहार सबसे नीचे है। यहां रहने वाले आधे से ज्यादा लोगों के पास अपना घर नहीं है।
जहां तक समुदाय विशेष की बात है, तो जैन समुदाय देश में सबसे धनवान है। इस समुदाय की 70 प्रतिशत जनसंख्या के पास अपना मकान है। इसके बाद सिख समुदाय (59.6%) के लोगों का स्थान है। वहीं, संपत्ति के राष्ट्रीय वितरण की बात करें, तो इस मामले में हिंदू और मुस्लिम समुदाय में ज्यादा अंतर नहीं है।
सर्वेक्षण के दौरान जुटाई गई जानकारी के विश्लेषण में बात सामने आई कि ऊंची जातियों के लोगों के घरों की संख्या किसी भी अन्य जाति समूह की तुलना में लगभग दोगुनी है। इस मामले में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लोगों की हालत सबसे ज्यादा खराब है।
सर्वे के नतीजे में यह भी कहा गया है कि देश में गरीबी मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों की समस्या है। देश की 29 फीसदी ग्रामीण आबादी सबसे निर्धन है, जबकि शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा महज 3.3 प्रतिशत है। जहां दिल्ली तथा पंजाब देश के सर्वाधिक संपन्न राज्य हैं, वहीं बिहार सबसे गरीब राज्य है।
आय और धन असमानता का उच्च स्तर भारत में चिंता का विषय है।
English
Delhi is richest state, Jain wealthiest community: NFHS-4 wealth index
Wealth Index:
The full report of NFHS-4, which has been released recently, has prepared a wealth index. The index has been prepared on the basis of scores on ownership of consumer goods such as television and bicycles, and household characteristics such as availability of clean drinking water.
This information has been used to classify all households into wealth quintiles. Those in the lowest quintile would the poorest 20%, while those in the top would be the richest 20% of the lot.
Highlights of the report:
- As per the wealth index, people in Delhi and Punjab are the richest, while Bihar is the poorest. Rajasthan has most equitable wealth distribution with similar number of households in all quintiles.
- Further the report found Jains are the richest religious community, with more than 70% of their population in the top quintile.
- The report shows that poverty is predominantly a rural phenomenon in India. 29% of rural India belongs to the bottom quintile, while the figure is just 3.3% for urban India.
Marathi
दिल्ली सर्वाधिक श्रीमंत राज्य, तर बिहार सर्वात गरीब राज्य आहे: NFHS-4 संपत्ती निर्देशांक
राष्ट्रीय कौटुंबिक आरोग्य सर्वेक्षण (NFHS-4) च्या निष्कर्षानुसार, संपूर्ण भारतात दिल्ली आणि पंजाबमधील लोक सर्वात श्रीमंत आहेत आणि शीर्ष संपत्तीसंदर्भाच्या पाच गटात या प्रदेशांत 60% हून अधिक श्रीमंत कुटुंब वास्तव्य करतात.दूरदर्शन आणि दुचाकी यांसारख्या ग्राहकोपयोगी वस्तूंची मालकी आणि स्वच्छ पेयजलासारख्या मूलभूत सुविधांची उपलब्धता यांसारख्या कौटुंबिक घटकावर आधारित गुणांमधून संपत्ती निर्देशिक तयार केला गेला आहे. त्यानंतर प्राप्त आकडे सर्व कुटुंबांची संपत्तीसंदर्भात पाच गटात वर्गीकृत करण्यात आले. खालच्या गटात 20% सर्वात गरीब आहेत, तर अग्रगण्य गटात 20% सर्वात श्रीमंत आहेत.
या उपक्रमात वर्ष 2015-2016 मध्ये सहा लाख भारतीय कुटुंबांचे सर्वेक्षण केले गेले. या अहवालानुसार, ग्रामीण भारतातली 29% कुटुंबे आणि शहरी भागातली केवळ 3.3% कुटुंबे खालच्या गटात आहेत. त्यामुळे दारिद्र्य हा ग्रामीण भागातील प्रमुख घटक म्हणून उघडकीस आला आहे.
ठळक बाबी
- राज्यनिहाय
- शेवटच्या गटात, बिहारमध्ये निम्म्यापेक्षा अधिक कुटुंब आहेत.
- दिल्ली आणि पंजाबमध्ये सुमारे 60% कुटुंब अग्रगण्य श्रीमंतांच्या शीर्ष गटात आहेत. त्यानंतर गोव्याचा (54.5%) क्रमांक लागतो.
- सर्व गटांमधील एकाच कुटुंबाच्या समान संख्येसह, राजस्थानमधील संपत्ती सर्व भारतीय राज्यांमध्ये सर्वसमावेशकपणे वाटली गेली आहे.
- समुदाय-आधारित
- अग्रगण्य श्रीमंतांच्या गटातली 70% लोकसंख्या जैन समाजातली (सर्वात श्रीमंत) आहेत. जैन समाजातील केवळ 1.5% भाग खालच्या दोन गटात येतात. जैननंतर शीख समुदायाच्या (59.6%) लोकांचा क्रमांक लागतो.
- हिंदू आणि मुस्लिम समुदायात याबाबतीत फारसा फरक नाही आणि ते संपत्तीच्या राष्ट्रीय वितरणाबाबत जवळ-जवळ आहेत.
- अन्य जातींच्या तुलनेत उच्चभ्रू कुटुंबांची संख्या जवळजवळ दुप्पट आहे. अनुसूचित जमातीमधील 45.9% लोक शेवटच्या गरीब गटात आहेत.
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