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    Saturday, December 16, 2017

    राष्ट्रीय आयुष मिशन को वर्ष 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दी गयी:. Currentaffairs 16 December 2017 - Hindi / English / Marathi

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    Currentaffairs 16 December 2017 - Hindi / English / Marathi

    Hindi

    राष्ट्रीय आयुष मिशन को वर्ष 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दी गयी:
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना राष्ट्रीय आयुष मिशन को 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दी गई। इस पर तीन वर्ष के अवधि के दौरान 2400 करोड़ रुपये का लागत-खर्च आएगा। मिशन की शुरूआत सितंबर, 2014 में की गई थी।
    राष्ट्रीय आयुष मिशन का क्रियान्वयन आयुष मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सस्ती आयुष सेवाएं उपलब्ध कराना है, जो सबकी पहुंच में हों।
    विशेषताएं:
    • आयुष अस्पतालों और डिस्पेंसरियों का उन्नयन।
    • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में आयुष सुविधाएं।
    • आयुष शिक्षण संस्थानों, राज्य सरकार, आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होम्योपैथी फार्मेंसियों के उन्नयन के जरिये राज्य स्तरीय संस्थागत क्षमता को मजबूत करना।
    • आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होम्योपैथी प्रवर्तन प्रणाली और औषधि जांच प्रयोगशालाएं।
    • बेहतर कृषि तौर-तरीकों को अपनाकर जड़ी-बूटियों की खेती को समर्थन, ताकि इनके भंडारण और वितरण संरचना के विकास तथा कच्चे माल की लगातार आपूर्ति की जा सके।
    मिशन के संभावित परिणाम निम्नलिखित हैं:
    आयुष सेवाएं प्रदान करने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की संख्या बढ़ाने और दवाओं तथा प्रशिक्षित श्रम शक्ति की बेहतर उपलब्धता के जरिये आयुष स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच।
    हर तरह की सुविधाओं से लैस आयुष शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ाकर आयुष शिक्षा में सुधार।
    सख्त प्रवर्तन प्रणाली से लैस बेहतर फार्मेसियों और औषधि जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर बेहतर आयुष दवाओं की उपलब्धता में सुधार।
    प्रतिरोधक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के रूप में योग और प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने के लिए जागरूकता पैदा करना।
    जड़ी-बूटियों के कच्चे माल की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करना और निर्यात बढ़ाना।
    पृष्ठभूमि:
    राष्ट्रीय आयुष मिशन का उद्देश्य आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी एवं होम्योपैथी जैसी प्राचीन भारतीय चिकित्सा विरासत को मजबूत बनाना है। ये स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में अपार ज्ञान का भंडार हैं।
    भारतीय औषधि प्रणालियों की यह विशेषता है कि वे सबकी पहुंच में हैं, उनमें विविधता मौजूद है, ये दवाएं सस्ती हैं तथा आम जनता के बड़े वर्ग में इनकी स्वीकृति है। तुलनात्मक रूप से ये दवाएं कम खर्चीली हैं और देशवासियों के एक बड़े वर्ग की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं।

    English

    National Ayush Mission (NAM) continuation approved till 2020
    The Cabinet approved the continuation of centrally sponsored scheme of National Ayush Mission (NAM) till March 31, 2020, with an outlay of Rs 2,400 crore over the period.
    The Mission was launched in September 2014.
    Objective of the Mission:
    • Providing cost-effective traditional Indian medicine services like Ayurveda, Yoga and Naturopathy, Unani, Siddha and Homeopathy (AYUSH).
    • It looks to upgrade of AYUSH hospitals and dispensaries, strengthening institutional capacity at the state level through upgrading such educational institutions, pharmacies, drug testing laboratories and supporting the cultivation of medicinal plants by adopting good agricultural practices.
    • It aims at better access to AYUSH healthcare services through an increased number of healthcare facilities, better availability of medicines and trained manpower.
    • It also aims at the improved availability of quality AYUSH drugs by increased number of quality pharmacies and drug testing laboratories coupled with a stringent enforcement mechanism.
    • It is also working for increased awareness and acceptance of the Yoga and Naturopathy as promotive and preventive health-care systems.

    Marathi

    2020 सालापर्यंत ‘राष्ट्रीय आयुष अभियान (NAM)’ चालू ठेवण्यास मंजूरी मिळाली

    देशात प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतीच्या वारसास बळकटी आणण्यासाठी भारत सरकारच्या ‘राष्ट्रीय आयुष अभियान (NAM) या केंद्र पुरस्कृत योजनेला 1 एप्रिल 2017 पासून ते 31 मार्च 2020 पर्यंत पुढे सुरू ठेवण्यास पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या अध्यक्षतेखाली केंद्रीय मंत्रिमंडळाने मंजूरी दिली आहे.
    या मंजुरीत तीन वर्षांच्या कालावधीत 2400 कोटी रुपयांचा खर्च येणार आहे.
    वैशिष्ठ्ये
    NAM ची अंमलबाजवणी आयुर्वेद, योग व निसर्गोपचार, युनानी, सिद्धा आणि होमिओपॅथी (AYUSH) मंत्रालयाद्वारा केली जात आहे. याचा उद्देश्य कमी पैस्यात  आयुष सेवा उपलब्ध करून देणे हा आहे.
    • आयुष रुग्णालये आणि दवाखाने अद्ययावत करणे.
    • प्राथमिक आरोग्य केंद्रे, सामुदायिक आरोग्य केंद्रे आणि जिल्हा रुग्णालयांमध्ये आयुष सुविधा उपलब्ध करून देणे.
    • आयुष शिक्षण संस्था, राज्य शासन, आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी व होमिओपॅथी औषधीवितरण केंद्रांना अद्ययावत करून राज्य-स्तरीय संस्थात्मक क्षमता मजबूत करणे.
    • आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी व होमिओपॅथी अंमलबजावणी यंत्रणा आणि औषधी तपासणी प्रयोगशाळा उभारणे.
    • योग्य कृषी सरावांना वापरत आणून औषधी वनस्पतींची शेती करण्यास मदत देणे, जेणेकरून त्यांच्या साठवण आणि वितरण संरचनेचा विकास तसेच कच्च्या मालाची सतत मागणी पूर्ण केली जाऊ शकणार.
    राष्ट्रीय आयुष अभियानाला सप्टेंबर 2014 मध्ये सुरूवात केली गेली. भारत सरकारने देशामध्ये होमिओपॅथीचा समावेश असलेले राष्ट्रीय आयुष अभियान (NAM) योजनेच्या जाहिरातीसाठी आयुष प्रणाली अंमलात आणली आहे.
    हे अभियान देशामध्ये आणि मुख्यत्वेकरून वंचित व दुर्गम भागांमध्ये आयुष आरोग्य सेवा/शिक्षण उपलब्ध करून देत राज्य/केंद्रशासित प्रदेश शासनांच्या प्रयत्नांना पाठबळ पुरवत आहे, जेणेकरून आरोग्य सेवांमधील तफावत दूर केली जाऊ शकणार. याशिवाय, वार्षिक योजनांसाठी अधिक स्त्रोतांना पूर्ण करण्यासाठी तरतूद देखील केली जात आहे.

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