Hindi
राष्ट्रपति ने इको-निवास नामक ऑनलाइन पोर्टल का अनावरण किया:
- राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 14 दिसंबर 2017 को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह के अवसर पर इको-निवास (Energy COnservation – New Indian Way for Affordable & Sustainable homes) नामक एक इंटरैक्टिव ऑनलाइन पोर्टल का अनावरण किया।
- इसकी शुरूआत इसलिए की गई है, ताकि देश में ऊर्जा क्षमता के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके।
स्रोत-पीआईबी
भारत और मोरक्को ने जल संसाधन, सड़क और समुद्री क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किये:
- मोरक्को सरकार के एक शिष्टमंडल और जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क यातायात, जल संसाधन और समुद्री क्षेत्र में भारत-मोरक्को द्विपक्षीय सहयोग संबंधी विषयों पर चर्चा की। दोनों देशों ने निम्नलिखित सहमति-ज्ञापनों/समझौतों पर हस्ताक्षर किये:
- जल संसाधन के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति-ज्ञापन।
- भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय और मोरक्को के हायर इंस्टीट्यूट ऑफ मैरीटाइम स्टडीज के बीच सहयोग के लिए समझौता।
- मोरक्को के नेशनल पोर्ट्स एजेंसी और भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय के बीच प्रशिक्षण में सहयोग के लिए समझौता।
- मोरक्को के इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग इन इंजन्स एंड रोड मेन्टिनेंस तथा भारतीय राजमार्ग अभियन्ता अकादमी (आईएएचई) के बीच समझौता।
स्रोत-पीआईबी
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का ब्यूनस आयर्स में आयोजन:
- अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में बातचीत असफल होने से भारत जैसे अन्य विकासशील देशों को निराशा हुई है। इसकी अहम वजह अमेरिका का सार्वजनिक खाद्य भंडारण (पब्लिक फूड स्टॉकहोल्डिंग) के मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटना है।
- चार दिवसीय यह बैठक बिना किसी मंत्रिस्तरीय घोषणा या बिना किसी ठोस परिणाम के ही समाप्त हो गई। फिशरीज और ई-कॉमर्स के सेक्टर में ही थोड़ी प्रगति हुई है क्योंकि इसके लिए कामकाजी कार्यक्रमों पर सहमति बनी है।
- भारत द्वारा प्रमुख तौर पर उठाई गई खाद्य सुरक्षा की मांग को लेकर एक साझा स्तर पर पहुंचने से अमेरिका ने मना कर दिया जिससे यह बातचीत असफल रही। इस बैठक में भारतीय दल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने किया था।
- इस संगठन में 164 सदस्य देश शामिल हैं। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन इस संगठन की शीर्ष निर्णय इकाई है।
स्रोत-एनबीटी
जितेश सिंह देव ने मिस्टर इंडिया वर्ल्ड का ख़िताब जीता:
- लखनऊ के रहने वाले जितेश सिंह देव ने पीटर इंग्लैंड मिस्टर इंडिया 2017 का खिताब जीत लिया है। फर्स्ट रनर अप अभि खजूरिया और सेकेंड रनर अप की उपलब्धि पवन राव के हिस्से में आई है।
- मिस्टर इंडिया प्रतियोगिता के फाइनल में 17 प्रतिद्वंद्वी पहुंचे थे। जितेश अब मिस्टर वर्ल्ड प्रतियोगिता में वर्ष 2020 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
स्रोत-दैनिक जागरण
दुनिया का सबसे नया द्वीप मंगल ग्रह की जानकारी प्रदान कर सकता है:
- तीन वर्ष पहले प्रशांत महासागर के सुदूर दक्षिणी क्षेत्र में ज्वालीमुखीय विस्फोट से एक नया द्वीप बना है। समुद्र के अंदर समाया ये ज्वालामुखी टोंगा में स्थित है। हुंगा टोंगा हुंगा हा'आपाई द्वीप 2014 के अंत में या 2015 के शुरूआती दौर में टोंगन कैपिटल नुकुआलोफा के लगभग 65 किमी उत्तर-पश्चिम में सीबेड से उभरा था।
- नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, मंगल ग्रह पर देखी गई संरचनाएं इस द्वीप से मिलती-जुलती हुई हैं। ऐसे में इस बात की संभावना है कि इस द्वीप की मदद से मंगल से जुड़े रहस्यों को खोला जा सके।
स्रोत-द हिन्दू
नई दिल्ली में चौथी भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित:
- विदेश सचिव डॉ. एस. जयशंकर ने 13 दिसंबर 2017 को नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के विदेश एवं व्यवसाय विभाग सचिव फ्रांसिस एडमसन और जापान के उप-विदेश मंत्री शिंसुके जे. सुगियामा के साथ चौथी भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की।
- तीनों पक्षों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने-अपने देशों के हितों के बढ़ते अभिसरण और इस क्षेत्र में शांति, लोकतंत्र, आर्थिक विकास और नियम-आधारित व्यवस्था के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र की राजनीतिक और सुरक्षा स्थितियों में आसियान की केंद्रीयता के प्रति अपने समर्थन का भी उल्लेख किया।
- तीनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा, क्षेत्र की जागरूकता और आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं की दिशा में अधिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की समस्या से लड़ने के अपने संकल्प को दोहराया और आतंकवाद प्रतिरोध में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- जापान के उप-मंत्री ने अगली वार्ता टोकियो में आयोजित करने का प्रस्ताव दिया।
स्रोत-विदेश मंत्रालय
श्रीलंका लैंडमाइन बैन ट्रीटी (बारूदी सुरंग प्रतिबंध संधि) को स्वीकार करने वाला 163वां राष्ट्र बना:
- श्रीलंका ने बारूदी सुरंग प्रतिबंध संधि को स्वीकार कर लिया है। वह इसे मानने वाला दुनिया का 163वां देश बन गया है। वह इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बारूदी सुरंग को हटाने की मुहिम से जुड़ गया है। श्रीलंका ने पिछले साल इस संधि से जुड़ने का वादा किया था।
- इस संधि को नार्वे की राजधानी ओस्लो में 18 सितंबर, 1997 को अपनाया गया था। इसमें बारूदी सुरंग के उत्पादन, भंडारण और हस्तांतरण को प्रतिबंधित किया गया है। इस संधि से जुड़ने वाले देश बारूदी सुरंग का उत्पादन, भंडारण नहीं कर सकेंगे। इसे ओटावा संधि के नाम से जाना जाता है।
- ओटावा संधि से जुड़ने वाले देशों को बारूदी सुरंग और एंटीपर्सनल माइंस के अपने जखीरे को चार साल के भीतर खत्म करना होगा।
स्रोत-नया इंडिया
एफआईएच प्रमुख नरिंदर बत्रा भारतीय ओलंपिक संघ के (आइओए) अध्यक्ष नियुक्त:
- अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ के मुखिया नरिंदर बत्रा भारतीय ओलंपिक संघ के (आइओए) अध्यक्ष बन गए हैं। 14 दिसंबर 2017 को सालाना आम सभा में हुई वोटो की गिनती में बत्रा आगे निकले। 60 वर्षीय बत्रा को 142 वोट मिले और वह चार साल तक इस पद पर बने रहेंगे।
- एकतरफा चुनाव में उनके सामने खड़े अनिल खन्ना को सिर्फ 13 ही वोट मिले। अखिल भारतीय टेनिस संघ के अध्यक्ष खन्ना ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव से हटने का फैसला किया था लेकिन नाम वापसी की आखिरी तारीख तीन दिसंबर निकलने की वजह से वह चुनाव से हट नहीं पाए। वहीं राजीव मेहता एक बार फिर चार साल के लिए महासचिव बन गए हैं।
स्रोत-नया इंडिया
ओडिशा वन विभाग ने ओलिव रिडले टर्टल्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा इकाइयां स्थापित की:
- ओडिशा वन विभाग ने गंजम जिले में रुशिकुल्या नदी के मुहाने के पास ओलिव रिडले टर्टल्स (कछुओं) का सुरक्षित प्रवास सुनिश्चित करने के लिए नौ संरक्षण इकाईयां स्थापित की हैं। रुशिकुल्या नदी का मुहाना बरहामपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- टर्टल्स एक लुप्तप्राय जीव है और यह जगह प्रजनन के लिहाज से उनके लिए सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक है। इस बार कछुओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि गोखरकुड़ा से पुरुनाबांध तक समुद्र के किनारों की चौड़ाई प्राकृतिक तौर पर बढ़ गई है।
- फरवरी के तीसरे हफ्ते में कछुओं द्वारा बड़े स्तर पर आशियाना बनाए जाने की उम्मीद है। इस साल 14 से 22 फरवरी के बीच रिकॉर्ड संख्या में 3.70 लाख समुद्री कछुओं ने रुशिकुल्या नही तट के पास अंडे दिए थे।
स्रोत-डीडी न्यूज़
गूगल की मदद से नासा ने दो नए ग्रह खोजे:
- गूगल और नासा ने सुदूर तारों के आसपास दो नए ग्रहों की पहचान की है, जिसमें से एक पहले स्टार सिस्टम का हिस्सा है और इसमें पृथ्वी के सौर मंडल की भांति ही ग्रह हैं।
- यह आंकड़ा केप्लर दूरबीन से आया है, जिसे नासा ने ग्रह-खोज मिशन के रूप में वर्ष 2009 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था, इस मिशन के अगले वर्ष तक समाप्त हो जाने की उम्मीद है क्यूंकि अंतरिक्षयान का ईंधन खत्म हो रहा है। जो ग्रह खोजे गए हैं उनका नाम केपलर 80g और केपलर 90i है।
- ऑस्टिन स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री एंड्रयू वंडरबर्ग ने कहा कि केप्लर-90 स्टार सिस्टम हमारे सोलर सिस्टम के मिनी वर्जन की तरह है। उन्होंने कहा कि 'हमारे पास छोटे ग्रह अंदर की ओर हैं और बड़े ग्रह बाहर की तरह, लेकिन सब कुछ बहुत करीब है।'
- नए खोज गए सोलर सिस्टम में केप्लर-90i पृथ्वी की तरह एक पथरीला ग्रह है। लेकिन यह अपने आर्बिट में हर 14.4 दिन पर एक बार घूम जाता है। यानी केप्लर-90i पर एक पृथ्वी की तरह एक वर्ष का समय सिर्फ दो हफ्तों का होगा।
स्रोत-रॉयटर्स
English----------
US Federal Communications Commission voted to rollback "net neutrality" rules
US regulators voted to rollback "net neutrality" rules that require internet providers to treat all traffic equally.
The critics say the move is against the interest of the consumers and favours big corporate companies. By doing so, the Republican-majority commission has reversed the 2015 "net-neutrality" ruled of the previous Obama Administration, which mandated upon all internet service providers to treat all traffic equally, without blocking or showing content.
The Federal Communications Commission, in a 3-2 vote, adopted a proposal by Republican appointed chairman Indian- American Ajit Pai. The decision restores the longstanding, bipartisan light-touch regulatory framework that has fostered rapid Internet growth, openness, and freedom for nearly 20 years, the FCC. In place of that heavy-handed framework, the FCC is returning to the traditional light-touch framework that was in place until 2015, it asserted.
Moreover, the FCC also adopted robust transparency requirements that will empower consumers as well as facilitate effective government oversight of broadband providers' conduct
What is Net Neutrality?
- Net Neutrality is the basic principle that prohibits internet service providers like AT&T, Comcast and Verizon from speeding up, slowing down or blocking any content, applications or websites you want to use. Net Neutrality is the way that the internet has always worked.
- Net Neutrality is the internet’s guiding principle: It preserves our right to communicate freely online. Net Neutrality means an internet that enables and protects free speech. It means that ISPs should provide us with open networks — and shouldn’t block or discriminate against any applications or content that ride over those networks. Just as your phone company shouldn’t decide who you call and what you say on that call, your ISP shouldn’t interfere with the content you view or post online.
- Net Neutrality is important for business: Net Neutrality is crucial for small business owners, startups and entrepreneurs, who rely on the open internet to launch their businesses, create markets, advertise their products and services, and reach customers. We need the open internet to foster job growth, competition and innovation. It’s thanks to Net Neutrality that small businesses and entrepreneurs have been able to thrive online.
Net Neutrality in India
Trai has backed the basic principles of an open and free internet in its recommendations on Net Neutrality. Trai has kept content delivery networks (CDN) out of the regulation. Trai has also recommended a watchdog along the lines of BARC India for enforcing Net Neutrality and proposed reasonable measures of traffic management, in line with Trai guidelines.
- Marathi
अमेरिका FCC ने "नेट तटस्थता" नियमांना मागे घेण्यास मतदान केले
अमेरिकेच्या ओबामा प्रशासनात केलेल्या बहुचर्चित ‘नेट तटस्थता (Net Neutrality)’ कायद्याच्या विरोधात अमेरिच्या अमेरिका फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशनमधील नियामकांनी 14 डिसेंबर 2017 रोजी मतदान केले आहे.
2015 सालच्या ‘नेट तटस्थता’ कायद्यांतर्गत इंटरनेट सेवेला सार्वजनिक सेवा अंतर्गत मानण्यात आले होते, ज्यामुळे अमेरिकेत प्रत्येकाला इंटरनेटची समान सुविधा दिली जाणार होती. तसेच हे सुनिश्चित केले जावे, की कोणत्याही ऑनलाइन सामग्रीला प्राप्त करण्यास अडथळा निर्माण केला नाही जाणार. इंटरनेटच्या या आधारावर अशी विभागणी केली नाही जावी, की पैसे देऊन इंटरनेट आणि मीडिया कंपनी गतिमान इंटरनेट लेन प्राप्त करणार आणि बाकी लोकांना खुंटलेली इंटरनेट लेन मिळणार.
USFCC ने याच्या विरोधात केलेल्या मतदानात ‘नेट तटस्थता’ समाप्त करण्याचा प्रस्ताव पुढे मांडण्यात आला आहे.
‘नेट तटस्थता’ म्हणजे नेमके काय आहे?
‘नेट तटस्थता’ एक अशी संकल्पना आहे, ज्यामध्ये अशी अपेक्षा केली जाते की वापरकर्ता, सामग्री, संकेतस्थळे, ऑनलाइन व्यासपीठ, अनुप्रयोग आणि संपर्काची पद्धत यांच्या आधारावर कोणताही भेदभाव केला नाही जाणार तसेच वेगवेगळे शुल्क घेतले नाही जाणार.
या तत्त्वाअंतर्गत, इंटरनेट सेवा पुरवठादार विशिष्ट संकेतस्थळ आणि ऑनलाइन सामग्रीला जाणूनबुजून अवरोधित करणे, धीमे करणे किंवा त्यासाठी पैसे मोजण्याच्या प्रक्रिया चालविण्यास असमर्थ असतात.
हा शब्द कोलंबिया विद्यापीठाच्या मीडिया विधीचे प्राध्यापक टिम वू यांच्याद्वारा 2003 साली पहिल्यांदा उपयोगात आणला गेला होता. भारतात 8 फेब्रुवारी 2016 रोजी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने डेटा सेवांवरच्या वेगवेगळ्या किंमतीवर बंदी घातली.
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